पेगासस को लेकर सरकार ने संसद को गुमराह किया: कांग्रेस; विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया

लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पेगासस मुद्दे पर सदन को गुमराह करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की मांग की है. भाकपा सांसद विनय विश्वम ने भी उनके ख़िलाफ़ ऐसा ही नोटिस राज्यसभा में दिया है. पेगासस जासूसी से जुड़ीं ख़बरों पर वैष्णव ने पिछले साल दोनों सदनों में कहा था कि ये रिपोर्ट भारतीय लोकतंत्र और इसकी स्थापित संस्थाओं को बदनाम करने का प्रयास है.

अश्विनी वैष्णव. (फाइल फोटो साभार: पीआईबी)

लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पेगासस मुद्दे पर सदन को गुमराह करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की मांग की है. भाकपा सांसद विनय विश्वम ने भी उनके ख़िलाफ़ ऐसा ही नोटिस राज्यसभा में दिया है. पेगासस जासूसी से जुड़ीं ख़बरों पर वैष्णव ने पिछले साल दोनों सदनों में कहा था कि ये रिपोर्ट भारतीय लोकतंत्र और इसकी स्थापित संस्थाओं को बदनाम करने का प्रयास है.

अश्विनी वैष्णव. (फाइल फोटो साभार: पीआईबी)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने रविवार को लोकसभा में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने के लिए एक नोटिस दिया है. ऐसा ही नोटिस राज्यसभा में भी दिया जाएगा.

लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पेगासस मुद्दे पर संसद के निचले सदन को कथित रूप से गुमराह करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की मांग की है.

मालूम हो कि राजनेताओं, पत्रकारों, न्यायाधीशों और कार्यकर्ताओं की जासूसी करने के लिए इजरायली स्पायवेयर पेगासस का कथित तौर पर सरकार द्वारा इस्तेमाल किए जाने से जुड़ीं रिपोर्ट के संबंध में पिछले साल 19 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के उद्घाटन के दिन अश्विनी वैष्णव ने दोनों सदनों को बताया था कि ये रिपोर्ट सनसनी पैदा करने वाली और भारतीय लोकतंत्र और इसकी अच्छी तरह से स्थापित संस्थाओं को बदनाम करने का प्रयास थीं.

पिछले साल मानसून सत्र के दौरान वैष्णव ने संसद में कहा था कि सत्र आरंभ होने से एक दिन पहले कथित जासूसी से जुड़ी खबर का आना कोई इत्तेफाक नहीं हो सकता. उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि इस दावे के पीछे कोई ठोस आधार नहीं है.

कांग्रेस नेता चौधरी ने अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में प्रकाशित उस रिपोर्ट के बाद रविवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा, जिसमें दावा किया गया है कि भारत सरकार ने हथियारों के लिए दो अरब अमेरिकी डॉलर के पैकेज के हिस्से के रूप में 2017 में इजरायली स्पायवेयर खरीदा था.

‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर में दावा किया गया है कि इजरायली स्पायवेयर पेगासस और एक मिसाइल प्रणाली भारत-इजराइल के बीच 2017 में हुए लगभग दो अरब अमेरिकी डॉलर के हथियार एवं खुफिया उपकरण सौदे के ‘केंद्र बिंदु’ थे. इसके बाद विपक्ष ने सरकार पर अवैध जासूसी करने का आरोप लगाया और इसे देशद्रोह करार दिया था.

चौधरी ने कहा कि सरकार ने सदन में हमेशा यही कहा कि उसका पेगासस मामले से कोई लेना-देना नहीं है और सरकार ने एनएसओ समूह से कभी यह स्पायवेयर नहीं खरीदा.

कांग्रेस नेता ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स के हालिया खुलासे के आलोक में ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने संसद एवं उच्चतम न्यायालय को गुमराह किया और देश की जनता से झूठ बोला.’

उन्होंने आगे लिखा, ‘उपरोक्त के मद्देनजर मैं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव शुरू करने की मांग करता हूं, क्योंकि उन्होंने पेगासस मामले में सदन को जान-बूझकर गुमराह किया.’

चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय से भी झूठ बोला, जब इससे पेगासस की खरीद एवं तैनाती के बारे में सीधे सवाल पूछे गए थे.

कांग्रेस नेता ने लिखा है, ‘एक शपथ पत्र में सरकार ने कहा था, ‘स्पष्ट रूप से हम पेगासस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ किसी भी और सभी आरोपों से इनकार करते हैं.’

अधीर रंजन चौधरी के अनुसार, ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स के ताजा खुलासों के आलोक में मैं मांग करता हूं कि इस मुद्दे पर सदन को जान-बूझकर गुमराह करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के खिलाफ एक विशेषाधिकार प्रस्ताव शुरू किया जा सकता है.’

कांग्रेस के अलावा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद विनय विश्वम ने पेगासस स्पायवेयर मुद्दे पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से पिछले साल संसद में दिए गए बयान की पृष्ठभूमि में सोमवार को उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया.

राज्यसभा सदस्य विश्वम ने कहा कि उन्होंने ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की हालिया खबर के मद्देनजर यह नोटिस दिया है. विश्वम ने आरोप लगाया कि सरकार ने सच को छिपाने का बार-बार प्रयास किया है.

अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया था कि 2017 में भारत और इजरायल के बीच हुए लगभग दो अरब डॉलर के अत्याधुनिक हथियारों एवं खुफिया उपकरणों के सौदे में पेगासस स्पायवेयर तथा एक मिसाइल प्रणाली की खरीद मुख्य रूप से शामिल थी.

बता दें कि जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल की यात्रा की थी, जो भारत के किसी भी प्रधानमंत्री की इजरायल की पहली यात्रा थी.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया था, ‘यह यात्रा ऐसे समय में की गई, जब भारत ने फिलिस्तीन और इजरायल संबंधों को लेकर नीति बनाई थी, जिसमें भारत ने फिलिस्तीन के साथ प्रतिबद्धता की अपनी नीति को कायम रखा है, जबकि इजरायल के साथ अपने संबंधों को अमैत्रीपूर्ण रखा.’

रिपोर्ट में कहा गया, ‘मोदी का दौरा हालांकि सौहार्दपूर्ण था. उन्हें और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को नंगे पैर स्थानीय समुद्र तट पर चहलकदमी करते देखा गया. दोनों के बीच गर्मजोशी की वजह दोनों देशों के बीच दो अरब डॉलर के हथियारों का सौदा था, जिसमें पेगासस और मिसाइल सिस्टम भी शामिल थे.’

रिपोर्ट में कहा गया कि कई महीनों बाद नेतन्याहू ने भारत का दौरा किया. जून 2019 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद में इजरायल के समर्थन में वोट किया, ताकि फिलिस्तीन मानवाधिकार संगठन को पर्यवेक्षक का दर्जा नहीं मिल सके.

उल्लेखनीय है कि अभी तक न तो भारत सरकार और न ही इजरायल सरकार ने यह स्वीकार किया है कि भारत ने पेगासस खरीदा था.

मालूम हो कि एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम, जिसमें द वायर  भी शामिल था, ने पेगासस प्रोजेक्ट के तहत यह खुलासा किया था कि इजरायल की एनएसओ ग्रुप कंपनी के पेगासस स्पायवेयर के जरिये दुनियाभर में नेता, पत्रकार, कार्यकर्ता, सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों के फोन कथित तौर पर हैक कर उनकी निगरानी की गई या फिर वे संभावित निशाने पर थे.

इस कड़ी में 18 जुलाई से द वायर  सहित विश्व के 17 मीडिया संगठनों ने 50,000 से ज्यादा लीक हुए मोबाइल नंबरों के डेटाबेस की जानकारियां प्रकाशित करनी शुरू की थी, जिनकी पेगासस स्पायवेयर के जरिये निगरानी की जा रही थी या वे संभावित सर्विलांस के दायरे में थे.

इस एक पड़ताल के मुताबिक, इजरायल की एक सर्विलांस तकनीक कंपनी एनएसओ ग्रुप के कई सरकारों के क्लाइंट्स की दिलचस्पी वाले ऐसे लोगों के हजारों टेलीफोन नंबरों की लीक हुई एक सूची में 300 सत्यापित भारतीय नंबर हैं, जिन्हें मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, न्यायपालिका से जुड़े लोगों, कारोबारियों, सरकारी अधिकारियों, अधिकार कार्यकर्ताओं आदि द्वारा इस्तेमाल किया जाता रहा है.

यह खुलासा सामने आने के बाद देश और दुनियाभर में इसे लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था.

बता दें कि एनएसओ ग्रुप मिलिट्री ग्रेड के इस स्पायवेयर को सिर्फ सरकारों को ही बेचती हैं. भारत सरकार ने पेगासस की खरीद को लेकर न तो इनकार किया है और न ही इसकी पुष्टि की है.

भाजपा सरकार की प्राथमिकता है नागरिकों की जासूसी: प्रियंका गांधी

इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने बेरोजगारी को लेकर रविवार को केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता युवाओं के लिए रोजगार होनी चाहिए, लेकिन भाजपा सरकार की प्राथमिकता नागरिकों की ‘जासूसी’ कराने की है.

उन्होंने एक समाचार पत्र की खबर में देश में 3.03 करोड़ युवाओं के बेरोजगार रहने का दावा किएजाने पर यह कहा.

प्रियंका ने एक ट्वीट में कहा, ‘सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए युवाओं के लिए रोजगार, लेकिन भाजपा सरकार की प्राथमिकता है नागरिकों की जासूसी.’

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘देश को युवा एजेंडा चाहिए, देश को युवाओं के लिए रोजगार का रोडमैप चाहिए.’

हमें यदि उन्नत स्पायवेयर मिले तो हम उन्हें चार अरब डॉलर दे सकते हैं: चिदंबरम 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के लिए उनकी इस टिप्पणी का उल्लेख किया कि भारत-इजराइल संबंधों में नए लक्ष्य निर्धारित करने के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता है.

चिदंबरम ने कहा कि इजराइल से यह सवाल करने का सबसे अच्छा समय है कि क्या उनके पास पेगासस स्पायवेयर का कोई उन्नत संस्करण है.

सरकार पर चिदंबरम का यह हमला न्यूयॉर्क टाइम्स की उस खबर के एक दिन बाद आया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट आने के बाद विपक्ष ने सरकार पर अवैध जासूसी करने में संलिप्त रहने का आरोप लगाया था और इसे देशद्रोह करार दिया था.

चिदंबरम ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत-इजराइल संबंधों में नए लक्ष्य निर्धारित करने का सबसे अच्छा समय है. बेशक, यह इजराइल से पूछने का सबसे अच्छा समय है कि क्या उनके पास पेगासस स्पायवेयर का कोई उन्नत संस्करण है.’

पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने कहा, ‘पिछला सौदा 2 अरब अमेरिकी डॉलर का था. भारत इस बार बेहतर कर सकता है. अगर हमें 2024 के चुनावों से पहले और अधिक परिष्कृत स्पायवेयर मिलता है, तो हम उन्हें 4 अरब डॉलर भी दे सकते हैं.’

भारत और इजराइल के बीच कूटनीतिक संबंधों के 30 साल पूरे होने पर शनिवार को एक विशेष वीडियो संदेश में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत और इजराइल के आपसी संबंधों को और आगे ले जाने और नए लक्ष्य निर्धारित करने का इससे बेहतर समय कुछ नहीं हो सकता. साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दुनिया में हो रहे महत्वपूर्ण बदलावों के मद्देनजर दोनों देशों के आपसी संबंधों का महत्व और बढ़ गया है.

चिदंबरम ने ‘न्यूयॉर्क टाइम्स को ‘सुपारी मीडिया’ कहने के लिए केंद्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह पर भी निशाना साधा.

चिदंबरम ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘मंत्री वीके सिंह ने न्यूयॉर्क टाइम्स को ‘सुपारी मीडिया’ कहा है. क्या वह व्यक्ति नहीं हैं, जिसने भारतीय मीडिया को ‘प्रेस्टीट्यूट्स’ कहा था?’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘मैं सोचता हूं कि क्या उन्होंने कभी न्यूयॉर्क टाइम्स या वॉशिंगटन पोस्ट जैसे समाचार-पत्र पढ़े हैं. मुझे संदेह है कि क्या वह वाटरगेट घोटाले और पेंटागन पेपर्स को उजागर करने में दोनों समाचार-पत्रों द्वारा निभाई गई भूमिका को जानते हैं. यदि वह इतिहास पढ़ना नहीं चाहते हैं, तो वह कम से कम फिल्में तो देख सकते हैं!’

सिंह ने जहां एक ओर ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ को ‘सुपारी मीडिया’ कहा था, वहीं एक सरकारी सूत्र ने कहा था कि पेगासस सॉफ्टवेयर से संबंधित मामले की निगरानी उच्चतम न्यायालय के तहत एक समिति द्वारा की जा रही है, जिसका नेतृत्व शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आरवी रवींद्रन कर रहे हैं और इसकी रिपोर्ट प्रतीक्षित है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)