गुजरात में अहमदाबाद शहर के धंधुका कस्बे में कथित तौर पर एक फेसबुक पोस्ट को लेकर बीते 25 जनवरी को एक युवक की हत्या कर दी गई थी. इससे पहले मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने उनके ख़िलाफ़ धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. गुजरात एटीएस ने हत्या के संबंध में दो मौलवियों समेत अब तक चार लोगों को गिरफ़्तार किया है.
अहमदाबाद/छोटा उदयपुर/नडियाड: कई हिंदू संगठनों ने अहमदाबाद के धंधुका कस्बे में 25 जनवरी को एक युवक की हत्या के विरोध में सोमवार को पूरे गुजरात में प्रदर्शन किया. युवक की हत्या छह जनवरी को एक फेसबुक पोस्ट कथित तौर पर साझा करने को लेकर की गई थी, जिसके बारे में कुछ लोगों का आरोप है कि उससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुईं.
पोस्ट को लेकर किशन बोलिया की दो मोटरसाइकिल सवार व्यक्तियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में दो मुस्लिम मौलवियों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले की जांच गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने बीते 29 जनवरी को स्थानीय पुलिस से अपने हाथ में ले ली.
प्रदर्शन के दौरान विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने कई शहरों में वाहन रैलियों और पैदल मार्च का आयोजन किया, पुलिस को राजकोट में हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा.
राजकोट के पुलिस उपायुक्त मनोहरसिंह जडेजा ने कहा कि रेसकोर्स रोड पर स्थानीय निवासियों का विरोध प्रदर्शन नियंत्रण से बाहर हो गया, जिनमें ज्यादातर मालधारी (मवेशी पालन करने वाले) समुदाय के लोग थे.
डीसीपी ने संवाददाताओं से कहा, ‘मार्च का समापन कलेक्टर कार्यालय पर होना था, लेकिन रास्ते में कुछ प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और एक पुलिस पीसीआर वैन को क्षतिग्रस्त कर दिया. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हल्के लाठीचार्ज का आदेश दिया गया. एक व्यक्ति ने दावा किया कि वह लाठीचार्ज में घायल हो गया, लेकिन हम इस दावे को स्वीकार नहीं करते क्योंकि बल प्रयोग न्यूनतम था.’
इन संगठनों द्वारा सूरत, गांधीनगर, टंकारा जेतपुर मोडासा, मोरबी, पोरबंदर, राजुला, महुवा, दीसा, सिद्धपुर, कर्जन, दभोई और पादरा आदि में मार्च, बंद और प्रार्थना सभा सहित विरोध कार्यक्रम आयोजित किए गए.
इन संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि सूरत में रांदेर और मोरा भागल में विरोध मार्च आयोजित किए गए, जहां लोगों ने आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग की, जबकि विसावदर, महुवा, पालिताणा और थानगढ़ में बंद का आयोजन किया गया.
गुजरात विहिप प्रवक्ता हितेंद्र सिंह राजपूत ने दावा किया, ‘आम हिंदू नागरिकों ने किशन बोलिया के लिए न्याय की मांग करते हुए पूरे राज्य में रैलियां कीं. लोग चाहते हैं कि पुलिस इस पूरी साजिश की गहराई में जाए, जिसके कारण किशन की हत्या हुई. हमें पता चला है कि एक और व्यक्ति उनके निशाने पर था और इस तरह के अपराधों के लिए जिम्मेदार विचारधारा की जांच करने की जरूरत है.’’
इससे पहले इस मामले में बीते 28 जनवरी को धंधुका निवासी शब्बीर चोपड़ा (25 वर्ष), इम्तियाज पठान (27 वर्ष) और जमालपुर निवासी मौलवी मोहम्मद अयूब जावरावाला (51 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया था.
बीते 30 जनवरी को एटीएस के अधिकारियों ने कहा कि मौलवी कमरगनी उस्मानी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है और वह इस मामले में गिरफ्तार होने वाले दूसरे मौलाना हैं.
एटीएस के पुलिस अधीक्षक इम्तियाज शेख ने संवाददाताओं से कहा कि किशन बोलिया की कथित रूप से गोली मारकर हत्या करने वाला शब्बीर चोपड़ा सोशल मीडिया मंच ‘इंस्टाग्राम’ के जरिये उस्मानी के संपर्क में था.
उन्होंने कहा कि गिरफ्तार मौलाना एक सामाजिक संगठन चलाते हैं और समुदाय के लोगों को पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कथित रूप से उकसाते हैं.
बीते 28 जनवरी को सुरेंद्रनगर जिले में बोलिया के पैतृक गांव चचाना का दौरा करने वाली संघवी ने संवाददाताओं से कहा था, ‘धंधुका में हुई हत्या की जांच गुजरात एटीएस को सौंप दी गई है.’
इसके बाद गुजरात एटीएस ने मामले की तफ्तीश बीते 29 जनवरी से शुरू की है.
मालूम हो कि फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट के सिलसिले में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाते हुए किशन बोलिया के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी. इस महीने की शुरुआत में बोलिया के खिलाफ हुई शिकायत के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था और वह जमानत पर बाहर थे, जब गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई.
बोलिया धंधुका में फोटोकॉपी की दुकान चलाते थे. पुलिस का कहना था कि इस महीने की शुरुआत में ही उनकी पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया था.
गुजरात में धर्म से जुड़े फेसबुक पोस्ट पर युवक की पिटाई के मामले में सात गिरफ्तार
इसी घटना से जुड़े एक अन्य मामले में गुजरात के छोटा उदयपुर जिले में फेसबुक पोस्ट को लेकर दो समुदाय के लोगों के बीच हुई झड़प के सबंध में पुलिस ने बीते सोमवार को सात लोगों को गिरफ्तार किया. यह पोस्ट उस युवक के पोस्ट की तरह है, जिसकी गत 25 जनवरी को अहमदबाद में केवल पोस्ट को लेकर हत्या कर दी गई थी.
ताजा घटना रामजी मंदिर के पास बीते 30 जनवरी की शाम को घटी. एक वीडियो दिन में वायरल हुआ, जिसमें कुछ लोग एक युवक को पीटते दिख रहे हैं.
छोटा उदयपुर के पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र शर्मा ने कहा, ‘युवक ने एक फेसबुक पोस्ट अपलोड किया था, जिसे दूसरे पक्ष के लोगों ने आपत्तिजनक पाया और कुछ दिन पहले इसे लेकर शिकायत दर्ज कराई थी.’
शर्मा ने कहा, ‘हमने युवक पर दबाव डालकर आपत्तिजनक पोस्ट डिलीट करवा दिया, जो एक वीडियो के रूप में था.’
शर्मा ने कहा कि वीडियो को डिलीट कर दिया गया था, इसके बावजूद अल्पसंख्यक समुदाय के 30 लोगों ने युवक पर उसके घर के पास ही बीते 30 जनवरी को हमला कर दिया. इनमें से 20 के खिलाफ मामला दर्ज करके सात को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कथित रूप से आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने वाले के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है. यह वीडियो उसी तरह का है, जिसे किशन बोलिया ने धंधुका में साझा किया था.
इसी तरह गुजरात के खेड़ा जिले के कठलाल कस्बे में सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दो समुदायों के सदस्यों में बीते 30 जनवरी को हो गई थी. दोनों पक्षों ने सोशल मीडिया पोस्ट से अपनी धार्मिक भावनाएं आहत होने का दावा किया था. इसके बाद इस संबंध में बीते 30 जनवरी को दो प्राथमिकी दर्ज की गई.
पुलिस ने बताया, ‘एक प्राथमिकी ज्योतिंद्र भावसार की शिकायत पर दर्ज की गई है, जिसमें कहा गया है कि वह 29 जनवरी की रात अपने पड़ोस में दोस्तों के साथ टहलने निकला था. इसी दौरान 20 लोगों ने उन पर तलवारों और लाठियों से हमला किया, उन पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले पोस्ट अपलोड करने का आरोप लगाया, इस घटना में दो लोग घायल हो गए.’
अधिकारी ने बताया कि दूसरी प्राथमिकी तब दर्ज की गई जब आसिफ वोरा ने शिकायत की कि उस पर और अन्य पर 29 जनवरी की रात करीब 20 लोगों ने हमला किया, जिससे वह घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)