विधानसभा चुनाव राउंड-अप: उत्तराखंड के लिए कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में 40 प्रतिशत सरकारी नौकरियों में महिलाओं को प्राथमिकता देने व चार लाख लोगों को नौकरी देने का वादा किया है. यूपी में अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी सरकार बनने पर ब्राह्मणों के ख़िलाफ़ हुए फ़र्ज़ी केस रद्द होंगे. गोवा में आम आदमी पार्टी ने प्रत्याशियों से दलबदल न करने के हलफ़नामे पर दस्तख़त लिए.
देहरादून/लखनऊ/आगरा/नई दिल्ली/मथुरा/चंडीगढ़/पणजी: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को उत्तराखंड के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र जारी किया.
इसमें पुलिस विभाग में महिलाओं के लिए 40 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित करने, चार लाख लोगों को नौकरी देने और ‘पर्यटन पुलिस’ बल के गठन का वादा किया गया है.
घोषणापत्र को ‘उत्तराखंड स्वाभिमान प्रतिज्ञा पत्र’ नाम दिया गया है. घोषणापत्र में 40 प्रतिशत सरकारी नौकरियों में महिलाओं को प्राथमिकता देने और रसोई गैस की कीमत 500 रुपये करने का वादा किया गया है.
Balance due for sugarcane across the nation is Rs 14,000 cr. PM purchased 2 choppers for himself for Rs 16,000 cr. The due balance could've been cleared at the cost of choppers. But what did he choose? Two choppers: Priyanka GV at virtual rally in Dehradun #UttarakhandElections pic.twitter.com/Jmq3zdci3M
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 2, 2022
प्रियंका ने ऑनलाइन रैली में घोषणापत्र जारी किया, जिसका सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में सीधा प्रसारण किया गया.
उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पर पिछले पांच वर्ष में कोई काम नहीं करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने लोगों से अपने वोट को गंभीरता से लेने को कहा. उन्होंने वोट को परिवर्तन लाने के लिए मतदाताओं का ‘सबसे शक्तिशाली हथियार’ बताया.
प्रियंका ने कहा, ‘पांच साल में मौजूदा सरकार ने कुछ नहीं किया. हम अब भी केवल हमारी सरकार द्वारा किए गए कार्यों को देखते हैं, जो इससे पहले सत्ता में थी. उन्होंने कुछ नहीं किया क्योंकि काम करने की उनकी कोई मंशा ही नहीं थी.’
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) की महासचिव ने कहा, ‘कांग्रेस बदलाव ला सकती है, लेकिन तब, जब आप अपने अधिकारों और अपने बच्चों के भविष्य की खातिर लड़ने के लिए जागेंगे.’
प्रियंका ने कहा, ‘तथाकथित डबल इंजन के इंजन ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि के कारण काम करना बंद कर दिया है.’
उन्होंने कहा कि देशभर में गन्ना किसानों की बकाया राशि 14,000 करोड़ रुपये है, जिसे आसानी से अदा किया जा सकता था यदि प्रधानमंत्री के लिए दो हवाई जहाज खरीदने में खर्च किए गए 16,000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल इसके लिए किया जाता.
प्रियंका ने कहा, ‘कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान देश अपने सबसे बड़े संकट से गुजरा, क्योंकि केंद्र ने दूसरे देशों को ऑक्सीजन और टीके दोनों का निर्यात किया.’
उन्होंने कहा कि बजट में आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं है. प्रियंका ने कहा, ‘मुझे बताया गया था कि हीरा सस्ता हो गया है, लेकिन दवाएं महंगी हो गई हैं.’
उन्होंने लोगों को राजनीतिक दलों द्वारा किए जा रहे वादों में न फंसने की सलाह दी और कहा कि अगर उन्हें अपना जीवन बदलना है और अपनी स्थिति में सुधार चाहिए तो वे उन दलों से उनके ‘रोडमैप’ के बारे में पूछें.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव
पहली जनसभा में मायावती ने कांग्रेस, सपा, भाजपा पर निशाना साधा, कहा- बसपा बनाएगी सरकार
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार का आगाज करते हुए बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी पर पर जमकर निशाना साधा और उन्हें दलित विरोधी, गुंडों की पार्टी और नफरत फैलाने वाली पार्टी बताया.
मायावती ने आरोप लगाया, ‘कांग्रेस, दलितों गरीबों को लुभाने के लिए नाटक कर रही है. सपा की सरकार में गुंडा, बदमाश, माफिया और लूट-खसोट करने वालों का राज रहता है. वहीं भाजपा नीत सरकार में धर्म के नाम पर हमेशा तनाव और नफरत का वातावरण रहा है.’
मीडिया को जातिवादी बताते हुए मायावती ने दावा किया, ‘हमारी पार्टी अपने बूते पर विधानसभा चुनाव लड़ रही है और पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी. मीडिया के सभी दावे 2007 की तरह एक बार फिर गलत साबित होंगे.’
बसपा सुप्रीमो ने बुधवार को आगरा में अपनी पहली चुनावी जनसभा से पार्टी के प्रचार की शुरुआत की. जनसभा में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा, ‘आजादी के बाद सिर्फ कांग्रेस की सरकार रही है लेकिन गलत नीतियों और गलत कार्यप्रणाली के कारण वह केंद्र और उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर हो गई.’
कांग्रेस पर दलित, आदिवासी और अन्य पिछड़ा वर्ग का विरोध होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘केंद्र की सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव आंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया. न ही इसने पिछड़े वर्ग के आरक्षण से जुड़ी मंडल आयोग की सिफारिशें लागू कीं.’
उन्होंने कहा कि बसपा ने अपने कड़े संघर्ष और प्रयासों से इन सिफारिशों को लागू कराया.
पूर्ववर्ती सपा सरकार पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा, ‘सपा सरकार के कारण हर स्तर पर दलितों और ओबीसी के साथ सौतेला व्यवहार होता है. उसने सत्ता में आने पर हमारी सरकार में दलित एवं अन्य संतों/महापुरुषों के नाम पर जिन जिलों के नाम पर रखे गए थे उन्हें बदल दिया.’
वेतनभोगी सरकारी कर्मचारियों और दलितों को लुभाने का प्रयास करते हुए मायावती ने कहा, ‘आपको बता दूं कि संसद में पदोन्नति में आरक्षण के लिए पेश विधेयक का सपा ने विरोध किया था और उसकी प्रति फाड़ दी थी.’
राज्य की मौजूदा भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधते हुए बसपा नेता ने कहा, ‘इनका एजेंडा जातिवादी, पूंजीवादी और राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के संकीर्ण विचारों का लागू करना है. भाजपा नीत सरकार धर्म के नाम पर हमेशा तनाव और नफरत का वातावरण पैदा करती है. दलित समाज और महिलाएं इस सरकार में कतई सुरक्षित नहीं हैं.’
बसपा सुप्रीमो ने कहा, ‘भाजपा की गलत आर्थिक नीतियों के कारण गरीबी, बेरोजगारी और मंहगाई बढ़ रही है. चुनाव से ठीक पहले जिस तरह से पेट्रोल/डीजल के दाम कम किए गए हैं, ऐसा लगता है कि चुनाव खत्म होते ही फिर तेजी से बढ़ेंगे.’
पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा, ‘कांग्रेस, भाजपा सपा सबकी सरकारों में गरीबों, बेरोजगारों को पलायन करना पड़ा. इन सरकारों से निजात पाने के लिए बसपा की सत्ता में वापसी बहुत जरूरी है.’
उन्होंने कहा कि बसपा की सरकार बनने परे कानून-व्यवस्था मजबूत की जाएगी, हर स्तर पर कानून का राज कायम किया जाएगा, धर्म के नाम पर किसी का शोषण/उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा.
सपा की सरकार बनने पर ब्राह्मणों पर लगे फ़र्ज़ी मुक़दमे वापस होंगे: अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधि मंडल को भरोसा दिलाया कि सपा की सरकार बनने पर काशी विश्वनाथ समेत अन्य मंदिरों के पुजारियों व पुरोहितों को मानदेय दिया जाएगा, संस्कृत शिक्षकों का सम्मान होगा और ब्राह्मणों सहित सभी पर लगे फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएंगे.
सपा मुख्यालय से मंगलवार को जारी बयान के अनुसार, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से आज कई ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधियों ने भेंट किया और उन्हें अपने समर्थन का भरोसा दिलाया.
यादव ने उन्हें आश्वासन दिया कि प्रदेश में सपा की सरकार बनने पर ‘संस्कृत शिक्षकों का सम्मान होगा, मंदिरों का संरक्षण होगा, काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों सहित अन्य मंदिरों के पुजारियों को भी मानदेय दिया जाएगा.’
उन्होंने कहा कि रामायण के कलाकारों को भी मानदेय देंगे और फिर श्रवण यात्रा शुरू होगी. उन्होंने सपा सरकार बनने पर ब्राह्मणों सहित सभी पर लगे फर्जी मुकदमे वापस लेने की भी घोषणा की.
गोरखपुर जिले के बाहुबली पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी के पुत्र चिल्लूपार के विधायक और सपा उम्मीदवार विनय शंकर तिवारी के साथ ब्राह्मणों का प्रतिनिधिमंडल यहां सपा मुख्यालय में यादव से मिला.
बयान के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल में विप्र एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा (ब्रह्म समर्पित) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नानक चंद्र शर्मा, महामंत्री ब्राह्मण संघ हरीश शर्मा, ओम ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनंजय द्विवेदी, ब्राह्मण परिषद के अध्यक्ष केपी शर्मा सहित कई प्रमुख लोग शामिल थे.
ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधिमंडल ने सपा प्रमुख को दिए गए अपने मांग पत्र में कहा है, ‘भगवान परशुराम जयंती पर पूर्व में दिए गए सार्वजनिक अवकाश को पुनः बहाल किया जाए, ब्राह्मण आयोग का गठन हो तथा ब्राह्मण एवं ब्राह्मण हितों पर हो रहे कुठाराघात को रोका जाए.’
उसमें कहा गया है, ‘केंद्र सरकार द्वारा सवर्णों को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण का उचित अनुपालन सुनिश्चित किया जाए. ब्राह्मण समाज का उत्पीड़न बंद किया जाए और खुशी दुबे को रिहा कर उस पर लगे झूठे मुकदमों को वापस लिया जाए.’
उल्लेखनीय है कि जुलाई 2020 में कानपुर जिले के बिकरू गांव में एक गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस पर दुबे और उसके साथियों ने हमला कर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी.
बाद में पुलिस ने विकास दुबे और उसके सहयोगी अमर दुबे समेत अन्य आरोपियों को अलग-अलग मुठभेड़ में मार गिराया. इस सिलसिले में पुलिस ने घटना से हफ्ते भर पहले ब्याह कर लाई गई अमर दुबे की नाबालिग पत्नी खुशी दुबे को भी गिरफ्तार किया है.
अखिलेश की सरकार बनेगी तो राम मंदिर और जल्दी तथा बेहतर बनेगा: रामगोपाल यादव
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने बुधवार को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बारे में अपनी पार्टी के रुख के संबंध में गृह मंत्री अमित शाह के कथित बयानों को सिरे से खारिज करते हुए दावा किया कि अगर अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते हैं तो अयोध्या में ज्यादा बेहतर मंदिर का निर्माण होगा और जल्दी होगा.
उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही चर्चा में हिस्सा लेते हुए यादव ने कहा कि उनकी पार्टी भगवान राम के जन्मस्थान पर भव्य मंदिर के निर्माण के खिलाफ नहीं है.
वह शाह के हाल ही में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान दिए गए एक कथित बयान का संदर्भ दे रहे थे. बयान में शाह ने कहा था कि अखिलेश यादव अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण रोक नहीं पाएंगे.
रामगोपाल यादव ने कहा ‘मंदिर का निर्माण कौन रोक रहा है? अगर अखिलेश सरकार सत्ता में आती है तो तेज गति से, ज्यादा बेहतर मंदिर का निर्माण किया जाएगा.’
सपा नेता ने राम मंदिर के निर्माण के लिए एकत्र किए जा रहे कोष में हेराफेरी का आरोप भी लगाया. उन्होंने दावा किया कि नीतियों के बारे में बात नहीं की जा रही है बल्कि अखिलेश यादव के खिलाफ असंसदीय भाषा का उपयोग किया जा रहा है.
उन्होंने सवाल किया ‘अगर आप अखिलेश के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करेंगे, उन्हें गुंडा कहेंगे तो क्या आपको वोट मिलेंगे ?’
यादव ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विभाजनकारी नीतियां अपनाई जा रही हैं और चुनाव जीतने के लिए वहां दंगे का माहौल बनाया जा रहा है.
भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 17 और उम्मीदवार घोषित किए, मंत्री स्वाति सिंह का टिकट कटा
भाजपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को 17 उम्मीदवारों की घोषणा की. पार्टी ने उत्तर प्रदेश सरकार के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक के निर्वाचन क्षेत्र में परिवर्तन किया है जबकि विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह को इस बार मौका नहीं दिया है.
मंगलवार को भाजपा के घोषित उम्मीदवारों में लखनऊ के सरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह की जगह पार्टी ने राजराजेश्वर सिंह को उम्मीदवार बनाया है जो उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा (यूपीपीपीएस) से वर्ष 2007 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में प्रतिनियुक्ति पर गए थे और उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली.
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सरोजनी नगर में स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह दोनों टिकट की दावेदारी कर रहे थे और इस टकराव को समाप्त करने के लिए पार्टी ने एक नया चेहरा मैदान में उतारा है.
भाजपा ने उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन को उनकी पुरानी सीट लखनऊ पूर्व से मौका दिया है जबकि 2017 में लखनऊ मध्य से चुनाव जीते कानून मंत्री ब्रजेश पाठक को इस बार लखनऊ कैंट से उम्मीदवार बनाया गया है.
लखनऊ मध्य में पार्टी के पुराने कार्यकर्ता रजनीश गुप्ता और लखनऊ पश्चिम में अंजनी श्रीवास्तव भाजपा के उम्मीदवार बनाए गए हैं. लखनऊ के बख्शी का तालाब क्षेत्र से योगेश शुक्ला को पार्टी ने मौका दिया है जबकि पिछली बार इस सीट पर भाजपा के ही अविनाश त्रिवेदी चुनाव जीते थे.
केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर की विधायक पत्नी जय देवी को फिर से मलिहाबाद (अनुसूचित जाति) सीट से पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है.
उन्नाव जिले की भगवंतनगर सीट पर भाजपा ने आशुतोष शुक्ल को उम्मीदवार बनाया है जहां से 2017 में विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित चुनाव जीते थे. राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय को उनकी पुरानी सीट चित्रकूट से पार्टी ने टिकट दिया है.
इस सूची में रायबरेली की ऊंचाहार सीट से भाजपा संगठन के पदाधिकारी अमरपाल मौर्य, अमेठी के गौरीगंज से चंद्रप्रकाश मिश्रा मटियारी और फतेहपुर के जहानाबाद से राजेंद्र पटेल और सीतापुर से राकेश राठौर गुरू को मौका मिला है.
जहानाबाद क्षेत्र से पिछली बार राज्य मंत्री जयकुमार सिंह जैकी सहयोगी अपना दल (एस) से चुनाव जीते थे जिन्हें उनकी पार्टी ने इस बार फतेहपुर की बिन्दकी सीट से उम्मीदवार घोषित किया है.
उन्नाव, लखनऊ, फतेहपुर, रायबरेली और सीतापुर जिले में चौथे चरण में 23 फरवरी को मतदान होना है.भाजपा उत्तर प्रदेश में अब तक 314 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है.
सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य को कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से टिकट दिया
समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को तीन उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी की. पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी सरकार में मंत्री रहे और हाल ही में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य को कुशीनगर जिले की फाजिलनगर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है.
पार्टी ने कौशांबी की सिराथू सीट से पल्लवी पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है, यहां पटेल का मुकाबला भाजपा नेता एवं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से होगा.
पार्टी ने सपा सरकार में मंत्री रहे अभिषेक मिश्रा को लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से चुनाव मैदान में उतारा है. मिश्रा का मुकाबला भाजपा के राजेश्वर सिंह से होगा.
राजेश्वर सिंह को मंगलवार शाम भाजपा ने उम्मीदवार घोषित किया जो उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा (यूपीपीपीएस) से वर्ष 2007 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में प्रतिनियुक्ति पर गए थे और उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली.
कांग्रेस ने अखिलेश और शिवपाल के खिलाफ नहीं उतारे उम्मीदवार
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारे हैं.
इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में मंगलवार को नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी हो गई. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं जबकि शिवपाल यादव इटावा जिले की जसवंतनगर सीट से चुनाव मैदान में हैं.
करहल और जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्रों में तीसरे चरण में 20 फरवरी को मतदान होना है. दोनों क्षेत्रों में मंगलवार एक फरवरी को नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख थी.
कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह पारस्परिक सौहार्द है क्योंकि सपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली और अमेठी से सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था.
मैनपुरी से मिली सूचना के अनुसार, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के महासचिव प्रकाश प्रधान ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने निर्देश दिया था कि चूंकि सपा ने चुनाव में हमारे नेताओं के खिलाफ उम्मीदवार नहीं खड़े किए थे, इसलिए पार्टी करहल से अखिलेश यादव के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेगी.
प्रधान ने कहा कि पार्टी ने पहले ज्ञानवती यादव को इस सीट से उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन जब अखिलेश यादव ने यहां से चुनाव लड़ने का फैसला किया तो ज्ञानवती को नहीं उतारने का फैसला लिया गया.
अखिलेश यादव जहां पहली बार अपने पिता मुलायम सिंह यादव की मैनपुरी लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले करहल क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं शिवपाल सिंह यादव छठी बार जसवंतनगर सीट से चुनाव मैदान में हैं.
इटावा से मिली सूचना के अनुसार, जसवंत नगर विधानसभा क्षेत्र से सपा-प्रसपा प्रत्याशी शिवपाल सिंह यादव छठवीं बार चुनाव मैदान मे हैं और उनके सामने कांग्रेस पार्टी ने अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है.
इटावा में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मलखान सिंह ने बताया कि कांग्रेस की इटावा जिला इकाई ने जसवंत नगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए छह लोगों का नाम पैनल को भेजा था किंतु पार्टी नेतृत्व ने वहां से किसी को प्रत्याशी नहीं बनाया है.
पंजाब
अमरिंदर के हटने के बाद 42 विधायक मुझे पंजाब का मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे: सुनील जाखड़
कांग्रेस की पंजाब इकाई के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने दावा किया है कि पिछले साल अमरिंदर सिंह को हटाए जाने के बाद 42 विधायक उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे.
जाखड़ ने अबोहर में मंगलवार को एक सभा को संबोधित किया था और इस सभा की ऑनलाइन सामने आई एक वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है. जाखड़ के भतीजे संदीप जाखड़ पंजाब विधानसभा चुनाव में अबोहर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं.
सुनील जाखड़ भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल थे. पार्टी ने चरणजीत सिंह चन्नी को तरजीह दी, जो अनुसूचित जाति समुदाय से पंजाब के पहले मुख्यमंत्री बने.
जाखड़ ने कहा, ‘सुनील (जाखड़) को 42 वोट, सुखजिंदर रंधावा को 16, महारानी परनीत कौर (अमरिंदर सिंह की पत्नी और पटियाला की सांसद) को 12 वोट, नवजोत सिंह सिद्धू को छह वोट और (चरणजीत सिंह) चन्नी को दो वोट मिले थे.’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था. जाखड़ ने कहा कि पार्टी ने उन विधायकों से जानना चाहा था कि वे अमरिंदर सिंह के जाने के बाद किसे मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, ‘79 विधायकों को यह जानने के लिए बुलाया गया था कि वे किसे मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. सुनील विधायक भी नहीं थे.’
कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के साथ सत्ता संघर्ष के बीच कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए कहा था.
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी के उस बयान के बाद जाखड़ के मुख्यमंत्री बनने की संभावना कम हो गई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी को सिख चेहरे के साथ जाना चाहिए.
पिछले साल अमरिंदर सिंह की जगह लेने वाले चरणजीत सिंह चन्नी अनुसूचित जाति समुदाय से पंजाब के पहले मुख्यमंत्री हैं.
कांग्रेस ने मेरे साथ धोखेबाजी की: पार्टी नेता मोहिंदर सिंह कायपी
कांग्रेस की पंजाब इकाई के नेता मोहिंदर सिंह कायपी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि जालंधर के आदमपुर निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बदलने का आश्वासन देने के बाद भी उन्हें टिकट नहीं देकर उनकी पार्टी ने उनके साथ धोखेबाजी की है.
कांग्रेस ने 15 जनवरी को सुखविंदर कोटली को आदमपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया था. कायपी टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं.
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कायपी ने दावा किया कि पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि आदमपुर सीट पर उन्हें चुनाव मैदान में उतारा जाएगा.
उन्होंने दावा किया कि उन्हें यह भी आश्वासन दिया गया कि मंगलवार को उन्हें कांग्रेस का अधिकृत पत्र सौंपा जाएगा ताकि वह अपना नामांकन पत्र दाखिल कर पाएं. आश्वासन मिलने पर वह अपना नामांकन पत्र दाखिल करने जालंधर में निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय पहुंच गए.
कायपी ने दावा किया कि पार्टी ने आखिरी घड़ी में सुखविंदर कोटली को अधिकृत पत्र दे दिया. पूर्व सांसद ने कहा, ‘पार्टी ने मेरे साथ धोखेबाजी की. वह मुझे नकार रही है.’ उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही भावी कदम के बारे में फैसला करेंगे.
गोवा
आप उम्मीदवारों ने दल बदल न करने का वादा करते हुए हलफनामे पर हस्ताक्षर किए
गोवा विधानसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के सभी 40 उम्मीदवारों ने बुधवार को हलफनामे पर हस्ताक्षर किए और वादा किया कि वे भ्रष्टाचार या दल बदल में शामिल नहीं होंगे.
आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘गोवा की राजनीति के साथ सबसे बड़ी समस्या लगातार दल बदल की है. लोगों द्वारा हमारे उम्मीदवारों को वोट देने से पहले ही हम इस समस्या को खत्म कर देना चाहते हैं.’ केजरीवाल के इस संबोधन के दौरान पार्टी के सभी 40 उम्मीदवार भी अपने हलफनामों के साथ मौजूद थे.
केजरीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी के उम्मीदवारों ने हलफनामे के माध्यम से वचन दिया है कि वे किसी भी भ्रष्ट आचरण में शामिल नहीं होंगे और (निर्वाचित होने पर विधायक के रूप में) कार्यकाल के दौरान किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे.
उन्होंने कहा कि हलफनामा महत्वपूर्ण है क्योंकि आप के किसी भी उम्मीदवार द्वारा इसका उल्लंघन करना कानूनी तौर पर विश्वास का उल्लंघन होगा. केजरीवाल ने कहा कि उम्मीदवार अपने हलफनामों की फोटोकॉपी राज्य के मतदाताओं के बीच बांटेंगे.
आप संयोजक ने कहा कि उनकी पार्टी गोवा में एक ईमानदार सरकार देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए दल बदल से इंकार करना सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है.
केजरीवाल चुनावी राज्य गोवा के चार दिवसीय दौरे पर हैं, जहां उनकी पार्टी सभी 40 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. आम आदमी पार्टी 2017 के गोवा विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी.
गोवा की सभी 40 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को चुनाव होना है और मतगणना 10 मार्च को होगी.
भाजपा गोवा में अगली सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के दलबदल पर निर्भर: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दावा किया कि गोवा विधानसभा चुनाव के बाद सत्तारूढ़ भाजपा की ‘रणनीति’ कांग्रेस विधायकों को अपने पाले में लाकर सरकार बनाने की होगी.
पत्रकारों से बात करते हुए, उन्होंने कहा, ‘यह विधानसभा चुनाव गोवा के लिए महत्वपूर्ण है. गोवावासियों को यह तय करना है कि उनके लिए सबसे अच्छा क्या है. एक विकल्प आम आदमी पार्टी का समर्थन करना है, जिसने भ्रष्टाचार मुक्त सरकार बनाने का वादा किया है. दूसरा विकल्प प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भाजपा का समर्थन करना है.’
केजरीवाल ने कहा, ‘पिछले चुनाव में गोवा के लोगों ने बीजेपी सरकार से तंग आकर कांग्रेस को चुना था. लेकिन कांग्रेस विधायकों ने उन्हें निराश किया.’
केजरीवाल ने कहा कि राज्य के हर हिस्से में कांग्रेस के दलबदल की चर्चा के साथ इस बार भी यही स्थिति थी. उन्होंने दावा किया, ‘भाजपा ने एक नयी रणनीति बनाई है. कांग्रेस उम्मीदवार अपनी सीट जीत गए, तो वे भाजपा में शामिल हो जाएंगे.’
साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन वह सरकार नहीं बना सकी. इसके अधिकांश विधायकों ने अगले पांच वर्षों में पार्टी छोड़ दी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)