अमेरिकी ह्विसिलब्लोअर का आरोप है कि अगस्त 2017 में एनएसओ ग्रुप के अधिकारियों और उस समय उनकी नियोक्ता कंपनी मोबिलियम के प्रतिनिधियों के बीच कॉन्फ्रेंस कॉल के ज़रिये हुई बैठक के दौरान बड़ी नकद राशि की पेशकश की गई थी. मोबिलियम दुनियाभर की सेल्युलर कंपनियों को सुरक्षा सेवाएं मुहैया कराती है.
नई दिल्लीः एक ह्विसिलब्लोअर द्वारा अमेरिकी न्याय विभाग को सौंपे गए दस्तावेजों से यह खुलासा हुआ है कि इजरायल की कंपनी एनएसओ ग्रुप ने वैश्विक मोबाइल नेटवर्क तक पहुंच बनाने (एक्सेस) के लिए एक अमेरिकी मोबाइल सुरक्षा कंपनी को नकदी की पेशकश की थी.
पेगासस प्रोजेक्ट के तहत कंसोर्टियम के सदस्य रह चुके द वॉशिंगटन पोस्ट और द गार्डियन ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा किया.
नवंबर 2021 में अमेरिकी सरकार ने साइबर गतिविधियों के लिए एनएसओ ग्रुप को ब्लैकलिस्ट कर दिया था.
बता दें कि जुलाई 2021 में द वायर सहित मीडिया समूहों के अंतरराष्ट्रीय कंसोर्टियम ने ‘पेगासस प्रोजेक्ट’ नाम की पड़ताल के तहत यह खुलासा किया था कि दुनियाभर में अपने विरोधियों, पत्रकारों और कारोबारियों को निशाना बनाने के लिए कई देशों ने पेगासस का इस्तेमाल किया था.
ह्विसिलब्लोअर का आरोप है कि साल 2017 में एक मोबाइल फोन सिक्योरिटी के पूर्व कार्यकारी अधिकारी गैरी मिलर ने अमेरिकी संघीय अधिकारियों और डेमोक्रेट कांग्रेसमैन टेड लियू से संपर्क किया था.
द वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, मोबाइल फोन सुरक्षा विशेषज्ञ गैरी मिलर का आरोप है कि अगस्त 2017 में एनएसओ ग्रुप के अधिकारियों और उस समय उनकी नियोक्ता कंपनी मोबिलियम के प्रतिनिधियों के बीच कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिये हुई बैठक के दौरान नकदी की पेशकश की गई थी.
दरअसल कैलिफोर्निया स्थित मोबिलियम कंपनी दुनियाभर की सेल्युलर कंपनियों को सुरक्षा सेवाएं मुहैया कराती है.
आरोप है कि इस बैठक के दौरान एनएसओ ग्रुप के अधिकारियों ने एसएस7 नेटवर्क तक एक्सेस की मांग की थी. एसएस7 नेटवर्क दुनियाभर में यात्रा करने के दौरान सेल्युलर कंपनियों को रूट कॉल और सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद करता है.
मिलर से गार्डियन, वॉशिंगटन पोस्ट और फॉरबिडन स्टोरीज ने बातचीत की और इस दौरान मिलर ने कहा कि एनएसओ ग्रुप के दो सह-संस्थापक शालेव हुलियो और ओमरी लेवी ने मोबिलियम के अधिकारियों के साथ इस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया था.
मिलर ने बताया कि एनएसओ अपने सर्विलांस सॉफ्टवेयर की क्षमताओं को बढ़ाना चाहता था.
द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, मिलर ने कहा, ‘उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनका उत्पाद सर्विलांस के लिए बना है और इसे अच्छे लोगों नहीं बल्कि बुरे लोगों की निगरानी के लिए तैयार किया गया है.’
एनएसओ ने यह भी बताया कि उनके काम को सरकारी एजेंसियों ने मंजूरी दी है लेकिन उन्होंने इनके बारे में कुछ नहीं बताया.
बैठक के दौरान मोबिलियम के कार्यकारी ने अमेरिकी कंपनी के साथ काम करने के लिए एनएसओ के बिजनेस मॉडल के बारे में पूछा था.
द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, मिलर और बाद में संघीय अधिकारियों के समक्ष उनके लिखित खुलासे में बताया गया कि इस पर लेवी ने कथित तौर पर कहा था कि ‘हमने आपके ऑफिस में नकदी से भरे बैग’ रख दिए है.
2017 में कुछ दिनों बाद मिलर ने एफबीआई को गुपचुप तरीके से एनएसओ के साथ बातचीत का विवरण साझा किया था लेकिन उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.
एनएसओ ने बयान में कहा, ‘उसने कभी इस (मोबिलियम) कंपनी के साथ कारोबार नहीं किया. हम न्याय विभाग की किसी जांच से वाकिफ नहीं है. इसके अलावा एनएसओ कारोबार के लिए भुगतान के रूप में नकद का इस्तेमाल नहीं करता. कोई भी सुझाव हमारी कंपनी के बारे में समझ की कमी को दर्शाता है.’
लेवी ने यह टिप्पणी करने से इनकार किया,जबकि एक प्रवक्ता ने कहा, ‘मोबिलियम के साथ कोई कारोबार नहीं हुआ. लेवी को याद नहीं है कि क्या उन्होंने नकदी से भरे बैग जैसे शब्द का इस्तेमाल किया था. उन्हें विश्वास है कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा. उनका कहना है कि अगर ये शब्द इस्तेमाल किए गए हैं तो वे पूरी तरह से मजाक में कहे गए होंगे.’
हुलियो ने भी उन्हें भेजे गए सवालों को जवाब नहीं दिया.
2017 में हुई इस कॉन्फ्रेंस कॉल में शामिल एक अन्य शख्स एरन गोरेव को भी इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया जाना याद नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘अगर ऐसी कोई बैठक हुई थी तो मैं इस तरह की कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. अगर किसी ने यह टिप्पणी की होगी तो यह मजाक में कही गई होगी जिसे गलत समझ लिया गया.’
बता दें कि एरन उस समय फ्रांसिस्को पार्टनर्स के ऑपरेटिंग पार्टनर थे, जो एनएसओ ग्रुप से जुड़ी कंपनी है.
अमेरिकी कंपनी मोबिलियम ने भी कहा है कि उसका एनएसओ ग्रुप के साथ कभी कोई कारोबारी संबंध नहीं रहा.
कंपनी ने बयान में कहा, ‘मोबिलियम अपने ग्राहकों की डेटा निजता को बहुत गंभीरता से लेता है और इसमें किसी तरह की सेंधमारी से बचने के लिए एक मजबूत साइबर सुरक्षा प्रोग्राम लागू किया है. मोबिलियम की ग्राहकों के नेटवर्क से किसी तरह का प्रत्यक्ष पहुंच नहीं है और यह एसएस7 सहित किसी तरह के एक्सेस में असमर्थ है.’
पेगासस प्रोजेक्ट मीडिया पार्टनर्स को पता चला है कि अमेरिकी न्याय विभाग नेटर्वक्स और मोबाइल डिवाइसों में अनाधिकृत घुसपैठ के आरोपों को लेकर सक्रिय रूप से एनएसओ ग्रुप की जांच कर रहा है.
द गार्डियन ने एक अनाम अमेरिकी नागरिक के हवाले से रिपोर्ट में बताया कि जब सुरक्षा शोधकर्ताओं को यह पता कि उनके फोन से छेड़छाड़ की गई है तो अमेरिकी प्रशासन ने उनसे 2021 की हैकिंग घटना के बारे में पूछताछ की थी.
न्याय विभाग ने मेक्सिको के पत्रकार कार्मेन अरिस्टेगुई से भी पूछताछ की, जिनका फोन पेगासस से हैक किया गया था.
द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस आपराधिक जांच से परिचित एक अन्य शख्स ने कहा कि न्याय विभाग भी एक कंपनी के संपर्क में है, जिसके यूजर्स को पेगासस के जरिये निशाना बनाया गया.
न्याय विभाग का टिप्पणी से इनकार
मोबिलियम से निकलने के बाद मिलर यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो की सिटिजन लैब के साथ मोबाइल सुरक्षा शोधकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं. जून 2021 में उन्होंने न्याय विभाग, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमिशन और फेडरल कम्युनिकेशन कमिशन के समक्ष शिकायत दर्ज की थी.
उन्होंने दिसंबर 2021 में लियू के साथ अपना पत्र साझा किया था. लियू ने फॉरबिडन स्टोरीज के साथ मिलर के इस खुलासे की कॉपी साझा की थी. बाद में इसे पेगासस प्रोजेक्ट के सदस्यों के साथ शेयर किया गया.
लियू ने पेगासस प्रोजेक्ट को बताया था, ‘यह गड़बड़ है. इसमें कोई गड़बड़ी है और इसीलिए मैं चाहता हूं कि न्याय विभाग इसकी जांच करें.’
(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)