रमेश देव ने 1962 में आई फिल्म ‘आरती’ में एक खलनायक की भूमिका निभाकर हिंदी सिनेमा में अपनी यात्रा शुरू की थी. इसके बाद उन्होंने अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा और हेमा मालिनी और धर्मेंद्र जैसे सितारों के साथ यादगार भूमिकाएं कीं. उनके नाम कई लोकप्रिय फिल्में दर्ज हैं, जिनमें कल्ट क्लासिक- ‘आनंद’, ‘आप की कसम’, ‘मेरे अपने’ और ‘ड्रीम गर्ल’ जैसी फिल्में भी शामिल हैं.
मुंबई: हिंदी और मराठी सिनेमा के अभिनेता रमेश देव का दिल का दौरा पड़ने से बुधवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. उनके पुत्र अभिनय देव ने यह जानकारी दी.
रमेश देव 93 साल के थे. उनके परिवार में पत्नी अभिनेत्री सीमा देव, बेटे अजिंक्य देव और अभिनय देव हैं. अभिनय ने ‘डेल्ही बेली’, ‘ब्लैकमेल’ और ‘फोर्स’ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है.
बीते 30 जनवरी को ही उन्होंने अपना 93वां जन्मदिन मनाया था.
फिल्म निर्माता अभिनय देव ने बताया, ‘दिल का दौरान पड़ने से आज (बुधवार) रात करीब साढ़े आठ बजे रात कोकीलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गयी. वह 93 साल के थे.’
देव ने अपने लंबे करिअर में हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया है.
उन्होंने 1962 में आई राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म ‘आरती’ में एक खलनायक की भूमिका निभाकर हिंदी सिनेमा में अपनी यात्रा शुरू की थी. इसके बाद रमेश देव ने अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा और हेमा मालिनी और धर्मेंद्र जैसे सितारों के साथ यादगार भूमिकाएं कीं.
उनके नाम कई लोकप्रिय फिल्में दर्ज हैं, जिनमें कल्ट क्लासिक- आनंद (1971), मेरे अपने (1971), आप की कसम (1974) और ड्रीम गर्ल (1977) जैसी फिल्में भी शामिल हैं.
उन्होंने राजेश खन्ना के साथ कई फिल्मों में सहायक भूमिकाएं निभाई हैं थीं. इनमें जोरू का गुलाम (1972), प्रेम नगर (1974), अशांति (1982), गोरा (1987) आदि शामिल हैं. इसके अलावा वह मेहरबान, दस लाख, रामपुर का लक्ष्मण, फकीरा आदि फिल्मों में सहायक भूमिका में नजर आए थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कई दशकों के अपने करिअर के दौरान उन्होंने कई टेलीविजन शो और विज्ञापनों में काम करने के अलावा 450 से अधिक हिंदी और मराठी फीचर फिल्मों में अभिनय किया था.
मुख्य अभिनेता के रूप में अपनी तीन हिंदी फिल्मों के बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रहने के बाद वह सहायक किरदारों को निभाने लगे और एक अच्छे सहायक अभिनेता के रूप में लोकप्रियता हासिल की.
कई फिल्मों में वह अपनी अभिनेत्री पत्नी सीमा देव के साथ भी दिखाई दिए. उनमें से प्रमुख हृषिकेश मुखर्जी की फिल्म आनंद है, जिसमें उन्होंने डॉ. प्रकाश कुलकर्णी की भूमिका निभाई थी. उनके बड़े बेटे अजिंक्य एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं, जिन्होंने आन: मेन एट वर्क (2004), ‘24’ सीरीज का भारतीय रीमेक और तन्हाजी (2020) जैसी फिल्मों में अभिनय किया है.
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में पले-बढ़े देव ने पहली बार कैमरे का सामना किया, पातालाची पोर (1951) नाम की एक मराठी फिल्म में संक्षिप्त भूमिका निभाकर किया था. उसके बाद उन्होंने एक जूनियर कलाकार के रूप में तमाम काम किया. तब उन्हें एक दिन के काम के लिए 25 रुपये का भुगतान किया जाता था.
बाद के वर्षों में उन्हें मराठी फिल्म अंधाला मगतो एक डोला (1956) में खलनायक के रूप में प्रमुख भूमिका मिली. उसी वर्ष वह पायदली पडलेली फूले नाम की फिल्म में सेकेंड लीड के रूप में दिखाई दिए. आने वाले वर्षों में भले ही उन्हें मुख्य भूमिकाएं मिलीं, लेकिन वे नकारात्मक किरदार निभाते रहे.
आरती फिल्म के साथ हिंदी सिनेमा में कदम रखने के बाद वह जीवन मृत्यु (1970), खिलौना (1970), मिस्टर इंडिया (1987), घराना (1989) और घायल (1990) सहित कई ऐतिहासिक हिंदी फिल्मों का हिस्सा बने. हाल ही में वह जॉली एलएलबी (2013) में दयालु कौल साहब के रूप में दिखाई दिए, जो अन्याय के खिलाफ लड़ाई में नायक की मदद करता है. उन्होंने फिल्म घायल की अगली कड़ी घायल वन्स अगेन (2016) में अपनी भूमिका को भी दोहराया था.
80 के दशक में वह अभिनेता से निर्माता बने. उन्होंने लगभग आठ मराठी फिल्मों का निर्देशन भी किया, जिनमें ‘चोर चोर’, ‘जीवा सखा’, ‘सेनानी साने गुरुजी’ और ‘चल गम्मत कारू’ शामिल हैं. उनकी कंपनी कई सफल विज्ञापन फिल्में बनाने के लिए भी जानी जाती थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)