यूपी: ओवैसी पर गोली चलाने वाला शख़्स भाजपा सदस्य, बड़े पार्टी नेताओं के साथ फोटो सामने आईं

यूपी में एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के काफ़िले पर गोली चलाने के आरोपी सचिन पंडित का फेसबुक प्रोफाइल न केवल उसके कट्टरपंथी विचारों, बल्कि यूपी के प्रमुख भाजपा नेताओं से उनकी निकटता भी दिखाती है. पूर्व केंद्रीय मंत्रियों से लेकर पूर्व पार्टी प्रदेशाध्यक्ष के साथ उसके फोटो सामने आए हैं.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता महेश शर्मा व सत्यपाल सिंह (दाएं) के साथ सचिन. (फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट)

यूपी में एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के काफ़िले पर गोली चलाने के आरोपी सचिन पंडित का फेसबुक प्रोफाइल न केवल उसके कट्टरपंथी विचारों, बल्कि यूपी के प्रमुख भाजपा नेताओं से उनकी निकटता भी दिखाती है. पूर्व केंद्रीय मंत्रियों से लेकर पूर्व पार्टी प्रदेशाध्यक्ष के साथ उसके फोटो सामने आए हैं.

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता महेश शर्मा व सत्यपाल सिंह (दाएं) के साथ सचिन. (फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट)

नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर गोली चलाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए दो हिंदुत्ववादी चरमपंथियों में से एक का कहना है कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सदस्य है.

उसकी फेसबुक प्रोफाइल में भी कई ऐसे फोटो हैं जो उत्तर प्रदेश के प्रमुख भाजपा नेताओं से उनका मेलमिलाप दिखाते हैं.

ओवैसी के काफिले पर 3 फरवरी 2022 को छजारसी टोल प्लाजा पर उस समय फायरिंग की गई, जब वह मेरठ में चुनाव से संबंधित एक कार्यक्रम के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो रहे थे.

सांसद ने ट्वीट किया था कि उनके हमलावरों में 3-4 लोग शामिल थे जो अपने हथियार छोड़कर मौके से फरार हो गए. उन्हें एक अन्य वाहन में वहां से सुरक्षित निकाला गया और वे दिल्ली के लिए रवाना हुए. लगता है कि हमले में तीन-चार गोलियां चलाई गईं.

इसके बाद उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा देने की बात कही गई थी, जिससे ओवैसी ने इनकार कर दिया था.

गुरुवार शाम को उत्तर प्रदेश पुलिस ने बताया था कि उसने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. जिनके नाम सचिन पंडित और शुभम थे. साथ ही पुलिस ने कहा था कि उनसे देसी कट्टे की बरामदी हुई है.

दोनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और आपराधिक कानून संशोधन की धारा 7 (रोजगार या व्यवसाय संबंधी पूर्वाग्रहों के चलते किसी व्यक्ति को प्रताड़ित करना) के तहत आरोप लगाए गए है.

सचिन पंडित (गोल घेरे में) और शुभम (लाल जैकेट में) को असदुद्दीन ओवैसी पर जानलेवा हमला करने के आरोप मे गिरफ्तार किया गया है. (फोटो साभार: नोएडा पुलिस)

पुलिस द्वारा जारी फोटो में सफेद जैकेट पहने दिख रहा एक आरोपी सचिन पंडित नोएडा के बादलपुर का रहने वाला है. उसका दावा है कि उसने क़ानून की पढ़ाई (लॉ डिग्री) की है.

उसका फोटो ‘देशभक्त सचिन हिंदू’ नामक एक फेसबुक खाते से मिलता है. उक्त पेज की सामग्री का विश्लेषण करने पर मालूम चलता है कि वह न सिर्फ हिंसक विचार रखता है, बल्कि सत्तारूढ़ भाजपा का भी सदस्य है. फेसबुक पर उसके हिंसक विचारों में असदुद्दीन ओवैसी की हत्या करने की चाहत से लेकर यह तक शामिल है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कह रहा है कि वे उसे आत्मघाती हमलावर बनाकर पाकिस्तान भेज दें.

उसने सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान जामिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर गोली चलाने संबंधी घटना का भी खुला समर्थन किया था.

7 जुलाई 2019 को उसने अपने फेसबुक पेज पर भाजपा की सदस्यता पर्ची भी पोस्ट की थी, जिसमें गौतम बुद्ध नगर से भाजपा के जिलाध्यक्ष श्रीपाल वर्मा को टैग किया था.

भाजपा की सदस्यता संबंधी औपचारिक घोषणा करने से पहले भी सचिन ने पार्टी के साथ अपने जुड़ाव को सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित किया था. अपने कई फेसबुक पोस्ट में उसने भाजपा एमएलसी श्रीचंद शर्मा को अपना ‘गुरु’ बताया है. बताया है कि वह गौतम बुद्ध नगर से भाजपा उम्मीदवार महेश शर्मा की प्रचार टीम में भी शामिल था.

मालूम हो कि शर्मा मोदी सरकार में केंद्रीय संस्कृति मंत्री रह चुके हैं और गौतम बुद्ध नगर से वर्तमान सांसद हैं.

सचिन पंडित द्वारा फेसबुक पर पोस्ट की गई भाजपा की सदस्यता पर्ची. (फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट)

24 मार्च 2019 को सचिन ने एमएलसी श्रीचंद शर्मा के साथ कुछ फोटो फेसबुक पर डाले थे, जिसमें वह विभिन्न गांवों में श्रीचंद शर्मा के साथ महेश शर्मा के लिए वोट मांगने गया था. 30 सितंबर 2019 को उसने महेश शर्मा और अपने ‘गुरु’ एमएलसी श्रीचंद शर्मा के साथ अपना फोटो डाला था.

द वायर  ने श्रीचंद शर्मा से उनकी प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया है. उनका जवाब आने के बाद उसे इस रिपोर्ट में जोड़ा जाएगा.

पंडित ने उत्तर प्रदेश और दिल्ली के शीर्ष भाजपा नेताओं के साथ भी अपने फोटो पीएसटी किए हैं, जिसमें 2017 की एक सेल्फी शामिल है जिसमें वह तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के करीब खड़ा देखा जा सकता है.

शाह, प्रधानमंत्री मोदी के बाद भाजपा के दूसरे सबसे बड़े नेता हैं, उनके इतने करीब तक सचिन पंडित का पहुंचना आतंकवाद और अतिवाद के खिलाफ सरकार की गंभीरता पर सवाल उठाता है.

2017 की वह सेल्फी जिसमें सचिन पंडित तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के करीब खड़ा है. (फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट)

पंडित की यूपी के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, भाजपा सांसद महेश शर्मा, यूपी भाजपा के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई, भाजपा के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव शिवप्रकाश, जेवर से भाजपा विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह और पूर्व शिक्षा मंत्री व भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह के साथ भी तस्वीरें हैं.

 सचिन (बीच में) के साथ पूर्व उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई (बाएं) और भाजपा के राज्यसभा सांसद अरुण सिंह. (फोटो: देशभक्त सचिन हिंदू फेसबुक पेज)

गौरतलब है कि पहले भी 26 दिसंबर 2021 को लोनी से यूपी विधानसभा चुनाव लड़ रहे हिंदू रक्षा दल के उम्मीदवार अमित प्रजापति के लिए प्रचार करते हुए, पिंकी चौधरी ने अपने प्रशंसकों के सामने ओवैसी की हत्या करने संबंधी उद्बोधन दिया था.

एक छेड़छाड़ किए गए वीडियो में ओवैसी ने मुसलमानों और दलितों पर पुलिसिया अत्याचार के बारे में बात की थी, इसी वीडियो को आधार बनाकर चौधरी ने उनकी हत्या का आह्वान किया था.

उसने वीडियो में कहा था कि हिंदू रक्षा दल के स्वयंसेवक और योद्धा ओवैसी का गला काटकर उनका (चौधरी का) नाम रोशन करेंगे.

हिंदुत्ववादी चरमपंथी यति नरसिंहानंद के सहयोगी चौधरी उस वीडियो में मुसलमानों (तीव्र जहर) और ईसाईयों (धीमा जहर) के नरसंहार की बात करते भी देखा जा सकता था. वीडियो चौधरी के सोशल मीडिया पर अभी भी उपलब्ध है.

हालांकि, यह पहली बार नहीं था कि नरसिंहानंद के प्रशंसकों ने ओवैसी के खिलाफ नफरत और हिंसा भड़काई हो. भाजपा नेता कपिल शर्मा द्वारा समर्थित दक्षिणपंथी प्रोपेगेंडा की वेबसाइट क्रिएटली (kreately) में प्रकाशित एक लेख में भी ओवैसी को गोली मारने की बात लिखी गई थी.

उक्त लेख में नरसिंहानंद के हिंसक संदेशों की सराहना की गई है और लिखा गया है कि जब नरसिंहानंद को पता लगा कि 2014 में ओवैसी गाजियाबाद में रैली करना चाहता था तो नरिसंहानंद ने कथित तौर पर उन्हें गोली मारने का ऐलान किया था.

लेख में लिखा है कि पुलिस ने नरसिंहानंद को मनाने की कोशिश की और कहा कि रैली के दिन उन्हें निगरानी में रखा जाएगा, लेकिन उन्होंने कहा कि गोली तब भी चलेगी.

इस वेबसाइट पर नरसिंहानंद को बढ़ावा देने वाले और भी लेख हैं.

9 नवंबर 2021 को भी नरसिंहानंद के एक शिष्य सुरेश राजपूत ने फेसबुक पर ओवैसी के बारे में एक वीडियो अपलोड किया था. उसमें मुसलमानों को सुअर बताकर त्रिपुरा में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा को दीवाली के तौर पर पारिभाषित किया था.

वीडियो में उसने मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की भी बात कही थी.

सचिन पंडित ने भी नरसिंहानंद के ऐसे वीडियो शेयर किए थे जिसमें वह हिंदुओं से आह्वान कर रहा था कि वे अपने जातिगत मतभेदों को एक तरफ रखकर मुसलमानों के खिलाफ एकजुट हो जाएं. साथ ही वह ओवैसी के खिलाफ भी भड़काऊ वीडियो शेयर करता रहा है.

अपने फेसबुक पेज पर साझा की गई एक रिकॉर्डिंग में ओवैसी को एक देशद्रोही के तौर पर दिखाया गया है और उनके गले के पास एक चाकू रखकर उनसे पाकिस्तान जाने को कहा जा रहा है.

सचिन पंडित की प्रोफाइल पर वह फोटो जिसमें ओवैसी के गले पर चाकू रखा दिखाया गया है. (फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट)

असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ हिंसक वीडियो नई बात नहीं हैं. मुख्यधारा के समाचार चैनल और सुदर्शन टीवी के सुरेश चव्हाणके जैसे एंकर उन्हें दानव, देशद्रोही और ‘कुत्ते से भी बदतर’ बता चुके हैं.

नरसिंहानंद के एक अन्य शिष्य संदीप आचार्य के नेतृत्व में हिंदुत्व पॉप संगीत उद्योग ने भी ओवैसी के खिलाफ वीडियो और नफरत भरे गाने बनाए हैं.

सुदर्शन न्यूज के यूट्यूब वीडियो और ओवैसी पर निशाना साधते नफरती गाने. (फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट)

सचिन और शुभम को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद हिंदू सेना के नेता विष्णु गुप्ता ने उनकी सराहना की है और उन्हें कानूनी सहायता प्रदान करने की बात कही है.

 

बता दें कि सितंबर 2021 में ओवैसी के आधिकारिक आवास पर तोड़फोड़ हिंदू सेना ने ही की थी.

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.