इज़रायल के एक समाचार पत्र ‘कैलकलिस्ट’ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि स्पायवेयर का इस्तेमाल पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बेटे एवनर, दो संचार सलाहकारों और मामले में एक अन्य प्रतिवादी की पत्नी के ख़िलाफ़ किया गया. वे लोग उन कई प्रमुख हस्तियों में शामिल हैं, जिन्हें स्पायवेयर के ज़रिये निशाना बनाया गया. उनमें प्रमुख कारोबारी, कैबिनेट मंत्रालयों के पूर्व निदेशक, मेयर और प्रदर्शन के आयोजक शामिल थे.
यरूशलम: इजरायल पुलिस ने पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बेटे और उनके करीबी सहयोगियों के फोन पर स्पायवेयर का कथित तौर पर इस्तेमाल किया. इजरायल के एक समाचार पत्र ने सोमवार को एक खबर में यह दावा किया है.
‘कैलकलिस्ट’ (Calcalist) ने हाल में कई रिपोर्ट सिलसिलेवार रूप से प्रकाशित कर आरोप लगाया है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों और अन्य इजरायली नागरिकों को निशाना बनाने के लिए अत्याधुनिक स्पायवेयर का इस्तेमाल किया, जिसके चलते इस कदम की निंदा की गई और विभिन्न राजनीतिक दलों ने जांच की मांग की.
खबर में कहा गया था कि जासूसी के शिकार हुए लोगों में शीर्ष सरकारी अधिकारी, व्यापारिक दिग्गज, पत्रकार और पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सहयोगी शमिल हैं.
हाल के दिनों में इजरायली मीडिया ने यह खबर प्रकाशित की थी कि स्पायवेयर का इस्तेमाल नेतन्याहू के विरुद्ध भ्रष्टाचार के मुकदमे में एक अहम गवाह के खिलाफ किया गया है.
कैलकलिस्ट ने कहा कि इसका इस्तेमाल नेतन्याहू के बेटे एवनर, दो संचार सलाहकारों और मामले में एक अन्य प्रतिवादी की पत्नी के खिलाफ किया गया.
खबर में कहा गया है कि वे लोग उन कई प्रमुख हस्तियों में शामिल हैं, जिन्हें स्पायवेयर के जरिये निशाना बनाया गया. उनमें प्रमुख कारोबारी, कैबिनेट मंत्रालयों के पूर्व निदेशक, मेयर और प्रदर्शन के आयोजक शामिल थे.
नेतन्याहू पर फर्जीवाड़ा, विश्वास भंग करने और तीन अलग-अलग मामलों में रिश्वत स्वीकार करने के आरोपों को लेकर मुकदमा चल रहा है. उनका 12 साल का ऐतिहासिक शासन पिछले साल जून में खत्म हो गया, जब दो साल से भी कम समय में चार चुनावों के बाद एक गठबंधन सरकार सत्ता में काबिज हुई.
नेतन्याहू के खिलाफ मुकदमे के जिस गवाह, श्लोमो फीबर का फोन कथित तौर पर हैक किया गया, उसके आने वाले दिनों में अदालत में गवाही देने की उम्मीद है और नेतन्याहू के वकील गवाही में देरी कराने का अनुरोध कर सकते हैं.
पुलिस ने हालिया रिपोर्ट पर टिप्पणी करने का अनुरोध किए जाने पर कोई जवाब नहीं दिया.
अधिकारियों ने यह नहीं बताया है कि किस स्पायवेयर का इस्तेमाल किया गया होगा. हालांकि, कैलकलिस्ट ने कहा है कि कुछ मामलों में इजराइली कंपनी एनएसओ समूह संलिप्त है. इसका प्रमुख उत्पाद पेगासस लक्षित व्यक्ति के मोबाइल फोन को हैक कर सकता है और उपकरण में मौजूद जानकारियों में सेंध लगा सकता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, नेतन्याहू के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही अदालत ने कहा कि वह मंगलवार को निर्धारित अगले सत्र को रद्द कर रही है और बुधवार को कार्यवाही फिर से शुरू होगी या नहीं, यह तय करने से पहले हैकिंग के आरोपों के बारे में अभियोजन पक्ष के जवाब का इंतजार करेगी.
इस खुलासे के बाद इजराइल सरकार ने घोषणा की कि एक समाचार पत्र द्वारा किए गए इस विस्फोटक दावे की जांच के लिए वह एक आयोग का गठन करेगी कि पुलिस बल ने शीर्ष सरकारी अधिकारियों, व्यापारिक दिग्गजों, पत्रकारों और पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सहयोगियों के कथित तौर पर फोन हैक करने के लिए अत्याधुनिक स्पायवेयर का इस्तेमाल किया.
सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री ओमर बारलेव ने कहा कि वह इस दावे की जांच के लिए वह एक कैबिनेट स्तर की जांच आयोग का गठन कर रहे हैं और सरकार में कुछ सहयोगियों द्वारा उनसे अधिक स्वतंत्र जांच की मांग की जा रही है.
प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट ने पुलिस के खिलाफ आरोपों को लेकर कहा कि अगर यह सच है तो बहुत गंभीर है.
प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा, ‘इजरायली जनता या अधिकारियों को लक्षित करने वाले फ़िशिंग अभियानों में इस्तेमाल करने का इरादा नहीं था, इसलिए हमें यह समझने की ज़रूरत है कि वास्तव में क्या हुआ था.’
कुछ पुलिसवालों को आपराधिक जांच का सामना करने का आह्वान करते हुए स्वास्थ्य मंत्री नित्ज़न होरोविट्ज़ ने कहा, ‘जिन लोगों ने विदेशों में इस गतिविधि से आंखें मूंद लीं, उन्हें अब यहां से निपटना होगा.’
मालूम हो कि एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम, जिसमें द वायर भी शामिल था, ने पेगासस प्रोजेक्ट के तहत यह खुलासा किया था कि इजरायल की एनएसओ ग्रुप कंपनी के पेगासस स्पायवेयर के जरिये दुनियाभर में नेता, पत्रकार, कार्यकर्ता, सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों के फोन कथित तौर पर हैक कर उनकी निगरानी की गई या फिर वे संभावित निशाने पर थे.
इस कड़ी में 18 जुलाई से द वायर सहित विश्व के 17 मीडिया संगठनों ने 50,000 से ज्यादा लीक हुए मोबाइल नंबरों के डेटाबेस की जानकारियां प्रकाशित करनी शुरू की थी, जिनकी पेगासस स्पायवेयर के जरिये निगरानी की जा रही थी या वे संभावित सर्विलांस के दायरे में थे.
इस एक पड़ताल के मुताबिक, इजरायल की एक सर्विलांस तकनीक कंपनी एनएसओ ग्रुप के कई सरकारों के क्लाइंट्स की दिलचस्पी वाले ऐसे लोगों के हजारों टेलीफोन नंबरों की लीक हुई एक सूची में 300 सत्यापित भारतीय नंबर हैं, जिन्हें मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, न्यायपालिका से जुड़े लोगों, कारोबारियों, सरकारी अधिकारियों, अधिकार कार्यकर्ताओं आदि द्वारा इस्तेमाल किया जाता रहा है.
यह खुलासा सामने आने के बाद देश और दुनियाभर में इसे लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था.
बता दें कि एनएसओ ग्रुप मिलिट्री ग्रेड के इस स्पायवेयर को सिर्फ सरकारों को ही बेचती हैं. भारत सरकार ने पेगासस की खरीद को लेकर न तो इनकार किया है और न ही इसकी पुष्टि की है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)