लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को बीते 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत दी थी. आशीष द्वारा दाख़िल याचिका में कहा गया है कि अदालत ने उनकी ज़मानत के आदेश में धारा 302 (हत्या) और 120बी (साज़िश रचने) की धाराओं का जिक्र नहीं किया था. इसके बिना उनकी जेल से रिहाई संभव नहीं है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसा के दौरान किसानों की एसयूवी से कुचलकर हत्या के मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष ने बीते शुक्रवार को अपनी जमानत के आदेश में संशोधन के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ का दरवाजा खटखटाया.
उनकी अर्जी पर अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है. जस्टिस राजीव सिंह की पीठ ने बीते 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी. आशीष की तरफ से शुक्रवार को दाखिल याचिका में कहा गया है कि अदालत ने उनकी जमानत के आदेश में धारा 302 (हत्या) और 120 बी (साजिश रचने) की धाराओं का जिक्र नहीं किया था. इसके बिना उनकी जेल से रिहाई संभव नहीं है.
उनके जमानत आदेश में धारा 34, 147, 148, 149, 307, 326, 427, शस्त्र अधिनियम की धारा 30 और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 का ही जिक्र किया गया था.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, आवेदन में कहा गया है, ‘यह केवल टाइपोग्राफिक त्रुटि है, जबकि अदालत ने पहले से ही इन धाराओं के तहत जमानत पर विचार किया है और इस तरह आदेश में इन धाराओं को जोड़ने की अनुमति दी जा सकती है.’
गौरतलब है कि पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया गांव में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा को नौ अक्टूबर 2021 को मुख्य अभियुक्त के तौर पर गिरफ्तार किया गया था.
मालूम हो कि लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में तीन अक्टूबर 2021 को वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था.
इस दौरान जिले के तिकुनिया में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा से संबंधित महिंद्रा थार सहित तीन एसयूवी के एक काफिले ने तिकुनिया क्रॉसिंग पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद दिया था, जिसमें चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी और लगभग आधा दर्जन लोग घायल हुए थे.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र आशीष मिश्रा और उसके दर्जन भर साथियों के खिलाफ चार किसानों को थार जीप से कुचलकर मारने और उन पर फायरिंग करने जैसे कई गंभीर आरोप हैं.
गाड़ी से कुचल जाने से मृत किसानों में गुरविंदर सिंह (22 वर्ष), दलजीत सिंह (35 वर्ष), नक्षत्र सिंह और लवप्रीत सिंह के अलावा पत्रकार रमन कश्यप शामिल थे.
प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह को एसयूवी के काफिले से कुचले जाने के बाद भीड़ द्वारा दो भाजपा कार्यकर्ताओं समेत तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.
इनकी पहचान भाजपा कार्यकर्ताओं- शुभम मिश्रा (26 वर्ष) और श्याम सुंदर (40 वर्ष) और केंद्रीय राज्य मंत्री की एसयूवी के चालक हरिओम मिश्रा (35 वर्ष) के रूप में हुई थी.
इस संबंध में पहली प्राथमिकी एक किसान द्वारा दर्ज कराई गई थी, जिसमें गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और 15-20 अन्य पर चार किसानों और एक पत्रकार को कुचलने का आरोप लगाया गया था.
हिंसा की जांच के लिए गठित एसआईटी ने आशीष मिश्रा, सुमित जायसवाल, अंकित दास और 11 अन्य के खिलाफ आईपीसी, शस्त्र कानून की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी संख्या-219 के संबंध में तीन जनवरी को आरोप-पत्र दाखिल किया था.
दूसरी प्राथमिकी दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की हत्या के मामले में सुमित जायसवाल ने दर्ज कराई थी. प्राथमिकी संख्या-220 के संबंध में जांच करते हुए एसआईटी ने सात लोगों की पहचान की थी और उन्हें गिरफ्तार किया था. हालांकि, बीते जनवरी माह में ही आरोप-पत्र दाखिल करते समय केवल चार किसानों को ही आरोपी बनाया गया था.
सच बोलने वाले जेल में है और अपराधी खुला घूम रहे हैं: महबूबा मुफ्ती
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी की युवा शाखा के नेता वहीद पारा सहित कई लोग कथित झूठे आरोपों में जेल में हैं, लेकिन किसानों को वाहन से कुचलने वाला एक केंद्रीय मंत्री का बेटा खुला घूम रहा है.
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत मिलने पर यह कहा.
Umar Khalid, Fahad Shah, Waheed Para & Siddique Kapan are languishing in jail on trumped up charges. But a Minister’s son walks away scot-free after allegedly running over farmers. In Godhse’s India, criminals roam freely & those who speak the truth are jailed.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 11, 2022
महबूबा ने ट्वीट किया, ‘उमर खालिद, फहाद शाह, वहीद पारा और सिद्दीकी कप्पन झूठे आरोपों को लेकर जेल में हैं, लेकिन एक मंत्री का बेटा किसानों को कथित तौर पर कुचलने के बाद खुला घूम रहा है. (नाथूराम) गोडसे के भारत में अपराधी खुला घूम रहे हैं और सच बोलने वाले लोग जेल में हैं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)