सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने उनके देश की संसद में लोकतंत्र से संबंधित विषय पर बोलते हुए भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को महान नेता बताया और भारतीय सांसदों पर दर्ज आपराधिक मुक़दमों का ज़िक्र किया था. इसके बाद भारत ने इसे लेकर सिंगापुर के उच्चायुक्त को समन जारी किया है.
नई दिल्ली: भारत ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग के भारतीय सांसदों पर आपराधिक आरोप संबंधी बयान पर गुरुवार को आपत्ति व्यक्त की. घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी.
बताया गया है कि विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे को सिंगापुर के उच्चायोग के समक्ष उठाया था. एक सूत्र ने बताया, ‘सिंगापुर के प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी गैर जरूरी थी. हम इस विषय को सिंगापुर पक्ष के समक्ष उठा रहे हैं.’
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने भारत में सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वॉन्ग को बुधवार को समन जारी किया था.
गौरतलब है कि सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने ‘देश में लोकतंत्र को कैसे काम करना चाहिए’ विषय पर मंगलवार को संसद में एक जोरदार बहस के दौरान भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जिक्र किया था.
उन्होंने कहा था कि ज्यादातर देश उच्च आदर्शों और महान मूल्यों के आधार पर स्थापित होते हैं और अपनी यात्रा शुरू करते हैं. हालांकि, अक्सर संस्थापक नेताओं और अग्रणी पीढ़ी से इतर, दशकों और पीढ़ियों में धीरे-धीरे चीजें बदल जाती हैं.
उन्होंने यह बयान वर्कर्स पार्टी के एक पूर्व सांसद के खिलाफ शिकायत पर गठित समिति द्वारा पेश की गई रिपोर्ट पर बहस के दौरान दिया था.
Parliament debated findings of the Committee of Privileges on the Raeesah Khan case tdy. The broader issue is how democracy should work in Singapore. What institutions, norms & values are essential for our democratic system to function properly? https://t.co/MHazehf9sS – LHL
— leehsienloong (@leehsienloong) February 15, 2022
ली ने कहा था कि नेहरू का भारत ऐसा बन गया है जहां मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, लोकसभा में लगभग आधे सांसदों के खिलाफ बलात्कार और हत्या के आरोप लंबित हैं. साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा, ‘हालांकि, यह भी कहा जाता है कि इनमें से कई आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.’
उन्होंने कहा था, ‘स्वतंत्रता के लिए लड़ने और जीतने वाले नेता अक्सर जबरदस्त साहस, महान संस्कृति और उत्कृष्ट क्षमता वाले असाधारण व्यक्ति होते हैं. उन्होंने मुश्किलों से पार पाया और जनता तथा राष्ट्रों के नेताओं के रूप में उभरे भी. डेविड बेन-गुरियन, जवाहरलाल नेहरू ऐसे ही नेता हैं.’
बता दें कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के अनुसार, 2019 में चुनी गई 17वीं लोकसभा में 2004 के बाद से गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले सांसदो की संख्या सबसे अधिक है. करीब 43 प्रतिशत नव-निर्वाचित सांसदों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से 29 प्रतिशत हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं.
वहीं, कांग्रेस ने मामले पर टिप्पणी करते हुए गुरुवार को कहा कि दुनिया भर के नेता नेहरू से निरंतर प्रेरणा लेते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के भीतर और बाहर उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं.
पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से कहा, ‘पंडित नेहरू वैश्विक नेताओं को आज भी प्रेरणा देते हैं. दुख की बात है कि हमारे देश में कुछ लोगों के पास यह समझने का नजरिया नहीं है कि वह किस तरह के अद्भुत नेता थे.’
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने यह बताने के लिए नेहरू के नाम का उल्लेख किया है कि संसदीय चर्चा के दौरान लोकतंत्र को कैसे काम करना चाहिए, जबकि हमारे प्रधानमंत्री संसद के भीतर और बाहर हमेशा नेहरू को नीचा दिखाते हैं.’
सिंगापुर की संसद में दिए बयान के लिए राजनयिक को तलब करना शोभा नहीं देता: थरूर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने शुक्रवार को कहा कि सिंगापुर के प्रधानमंत्री द्वारा वहां की संसद में दिए गए बयान को लेकर विदेश मंत्रालय द्वारा उस देश के राजनयिक को तलब करना शोभा नहीं देता तथा यह सीखने की जरूरत है कि हर बात का बुरा नहीं मानना है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘यह विदेश मंत्रालय को शोभा नहीं देता कि वह सिंगापुर जैसे मित्र देश के प्रधानमंत्री की ओर से वहां की संसद में की गई टिप्पणी के लिए उच्चायुक्त को सम्मन करे. वह (ली) एक सामान्य टिप्पणी कर रहे थे.’
थरूर ने कहा कि यह सीखने की जरूरत है कि हर बात का बुरा नहीं मानना है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)