उत्तर प्रदेश: भड़काऊ टिप्पणी को लेकर भाजपा प्रत्याशी को चुनाव आयोग का नोटिस

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: उत्तर प्रदेश में 23 फरवरी को 9 ज़िलों के 59 विधानसभा क्षेत्रों में चौथे चरण के मतदान के लिए प्रचार अभियान सोमवार शाम समाप्त हो गया. अरविंद केजरीवाल ने त्रिशंकु नतीजे होने की स्थिति में भाजपा-विरोधी धड़े के साथ जाने का संकेत दिया. मणिपुर में राहुल गांधी बोले कि राज्य के इतिहास, संस्कृति व भाषा की रक्षा करेगी कांग्रेस.

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(फोटो साभार: फेसबुक/@MYogiAdityanath)

विधानसभा चुनाव राउंड-अप: उत्तर प्रदेश में 23 फरवरी को 9 ज़िलों के 59 विधानसभा क्षेत्रों में चौथे चरण के मतदान के लिए प्रचार अभियान सोमवार शाम समाप्त हो गया. अरविंद केजरीवाल ने त्रिशंकु नतीजे होने की स्थिति में भाजपा-विरोधी धड़े के साथ जाने का संकेत दिया. मणिपुर में राहुल गांधी बोले कि राज्य के इतिहास, संस्कृति व भाषा की रक्षा करेगी कांग्रेस.

(फोटो साभार: फेसबुक/@MYogiAdityanath)

नई दिल्ली/लखनऊ/रायबरेली/इलाहाबाद/इटावा/हरदोई/इम्फाल: चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में भाजपा के एक उम्मीदवार को कथित रूप से भड़काऊ बयान देने के लिए रविवार को नोटिस जारी किया और कहा कि उन्होंने प्रथम दृष्टया आदर्श आचार संहिता और चुनावी कानून का उल्लंघन किया है.

चुनाव आयोग ने अमेठी के तिलोई विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार मयंकेश्वर शरण सिंह को जवाब देने के लिए 24 घंटे का समय दिया है.

नोटिस का हिस्सा बने एक कथित वीडियो क्लिप के प्रतिलेख के अनुसार, सिंह ने मोटे तौर पर हिंदी में कहा था, ‘…यदि आपको भारत में रहना है तो (आपको) ‘राधे-राधे’ (कहना होगा), नहीं तो जैसे बंटवारे के दौरान लोग पाकिस्तान गए थे, आप भी जा सकते हैं…आपकी यहां जरूरत नहीं है.’

चुनाव आयोग ने कहा कि वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ है. आयोग ने कहा कि सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और जनप्रतिनिधित्व कानून की संबंधित धाराओं के तहत 18 फरवरी को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

आयोग ने कहा, ‘ध्यान दें कि निर्धारित समय के भीतर आपकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आने की स्थिति में, यह माना जाएगा कि आपको इस मामले में कुछ नहीं कहना है और चुनाव आयोग इस मामले में आपको कोई और संदर्भ दिए बिना उचित कार्रवाई या निर्णय लेगा.’

अरविंद केजरीवाल ने त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में भाजपा विरोधी धड़े का साथ देने का संकेत दिया

आम आदमी पार्टी मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साइकिल को आतंकवाद से जोड़े जाने को ‘गरीबों पर चोट’ करार देते हुए उत्तर प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में भाजपा विरोधी धड़े का साथ देने का संकेत दिया.

केजरीवाल ने लखनऊ और बाराबंकी में आम आदमी पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित चुनावी सभाओं को संबोधित किया.

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रविवार को समाजवादी पार्टी को घेरने के लिए अहमदाबाद बम धमाकों समेत ऐसी विभिन्न घटनाओं में साइकिल का इस्तेमाल किए जाने संबंधी तंज को साइकिल चलाने वाले गरीबों पर चोट करार दिया.

केजरीवाल ने कहा, ‘कल मैंने सुना, प्रधानमंत्री आकर बोले कि देश में जो भी साइकिल चलाते हैं, वे सारे आतंकवादी हैं. यह साइकिल चलाने वाले सारे गरीबों पर चोट है. सारे गरीबों को प्रधानमंत्री आतंकवादी बोल रहे हैं, जितने लोग साइकिल चलाते हैं, जब वोट का बटन दबाओ तो बता देना कि साइकिल चलाने वाले लोग आतंकवादी हैं या भाजपा वाले.’

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने रविवार को एक चुनावी रैली में सपा के चुनाव निशान साइकिल की आड़ में उसे घेरते हुए कहा था कि अहमदाबाद बम धमाकों समेत देश में हुई ऐसी कई बड़ी घटनाओं में साइकिल का इस्तेमाल किया गया. मैं हैरान हूं कि आतंकवादियों ने साइकिल को ही क्यों चुना.

केजरीवाल ने चुनाव के बाद त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में भाजपा विरोधी खेमे का साथ देने का स्पष्ट इशारा दिया.

उन्होंने कहा, ‘मेरे पास एक आदमी आया. उसने कहा केजरीवाल जी चुनाव में गारंटी तो बड़ी-बड़ी दे रहे हो लेकिन क्या जीतोगे भी. मैंने कहा कि सारे सर्वे यह दिखा रहे हैं कि हो सकता है किसी को भी बहुमत न मिले तो भाजपा को बाहर रखने के लिए अगर हमारी जरूरत पड़ी और अगर हम सरकार में शामिल हुए तो जिसकी भी सरकार होगी उससे मैं अपनी सारी गारंटी पूरी करा लूंगा.’

केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और मौजूदा महासचिव प्रियंका गांधी पर उन्हें आतंकवादी कहने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश पर 70 साल तक राज करने के बावजूद इन दोनों पार्टियों के पास गिनाने को एक भी काम नहीं है इसीलिए वे केजरीवाल को आतंकवादी कह रहे हैं.

केजरीवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा ‘उत्तर प्रदेश सरकार ने पांच लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. मगर योगी की सरकार ने पिछले पांच वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश में न एक भी विश्वविद्यालय खोला नहीं कोई अस्पताल फिर यह पांच लाख करोड़ रुपये गए कहां. पैसे की कमी नहीं है नियत की कमी है.’

सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज

उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण के मतदान के दौरान मतदान केंद्र पर मीडिया से बातचीत करने के मामले में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है.

जिलाधिकारी श्रुति सिंह ने बताया कि विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के दौरान अभिनव स्कूल सैफई स्थित मतदान केंद्र पर रविवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव का मीडिया के लोगों से बात करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने की सूचना प्राप्त हुई.

उन्होंने बताया कि मामले को संज्ञान में लेते हुए उपजिलाधिकारी एवं क्षेत्राधिकारी को जांच के लिए कहा गया. उन्होंने बताया कि जांच के उपरांत मामले में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए सैफई थाने में सपा अध्यक्ष के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है.

भाजपा ने रायबरेली क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार किया: सोनिया गांधी 

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सत्तारूढ़ भाजपा पर अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली के साथ ‘सौतेला व्यवहार’ करने का आरोप लगाते हुए लोगों से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में लोगों से उनकी पार्टी को वोट देने की अपील की.

सोनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कोविड-19 महामारी के दौरान खराब प्रबंधन करने का आरोप भी लगाया.

सोनिया ने विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन अपने वर्चुअल संबोधन में कहा, ‘यह बहुत महत्वपूर्ण चुनाव होने जा रहा है क्योंकि पिछले पांच वर्षों के दौरान हमने एक ऐसी सरकार देखी है जिसने लोगों को बांटने के सिवा और कोई काम नहीं किया.’

सोनिया रायबरेली से सांसद हैं, जहां राज्य विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में आगामी 23 फरवरी को मतदान होगा.

सोनिया ने कहा ‘हम आपके लिए अनेक विकास परियोजनाएं लेकर आए लेकिन मोदी और योगी की सरकार ने उन सब पर रोक लगा दी. रायबरेली के साथ सौतेला व्यवहार किया गया.’

सोनिया ने आरोप लगाया कि किस तरह लोगों को कोविड-19 महामारी के दौरान भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि उन्हें ऑक्सीजन, दवाओं और अस्पतालों में बेड के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी और बहुत से लोगों को अपने अपनों को खोना पड़ा.

उन्होंने कहा, ‘मोदी और योगी की सरकार ने इस बात का सबूत दिया कि वह कितनी गैर जिम्मेदार हैं. उन्होंने आपकी समस्याओं से मुंह मोड़ लिया और आपकी तकलीफों पर आंखें मूंद लीं. इतना ही नहीं लॉकडाउन के दौरान आपके प्रति उनका व्यवहार भी अच्छा नहीं था. सरकार ने आपको कोई भी मदद नहीं पहुंचाई.’

सोनिया ने आरोप लगाया, ‘उत्तर प्रदेश के किसान कर्ज के बोझ तले दबे हैं और छुट्टा पशु उनकी फसलें बर्बाद कर रहे हैं. ऐसा ही हाल युवाओं का भी है जो रोजगार के लिए मेहनत करके पढ़ाई करते हैं लेकिन भाजपा सरकार ने उन्हें घर पर ही बैठने को मजबूर कर दिया है. प्रदेश में इस वक्त 12 लाख सरकारी पद खाली हैं लेकिन भाजपा उन पर भर्ती नहीं कर रही है.’

उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल के साथ-साथ रसोई गैस और सरसों का तेल आम आदमी की पहुंच से दूर होता जा रहा है और महिलाओं के लिए घर चलाना मुश्किल हो गया है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि लोगों का बोझ कम करने के बजाय सरकार ने अनेक कंपनियां अपने दोस्तों को कम कीमत पर बेच दी जिसकी वजह से बेरोजगारी बढ़ी.

भाजपा सरकार में पिछड़ों-दलितों को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिला: मायावती

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने सोमवार को इलाहाबाद में एक जनसभा में आरोप लगाया कि प्रदेश की मौजूदा भाजपा की सरकार में पिछड़ों और दलितों को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिला है.

मायावती ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के गरीबों, मजदूरों के साथ ही दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों एवं अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को बसपा की योजनाओं का सही से पूरा लाभ नहीं दिया गया.

इस जनसभा में इलाहाबाद, कौशांबी, प्रतापगढ़ और फतेहपुर जिले की विधानसभा सीटों के बसपा के प्रत्याशी मौजूद थे.

बसपा प्रमुख ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा की सरकार में गुंडों. बदमाशों, माफियाओं, अराजक तत्वों और सरेआम लूट खसोट करने और दंगे फसाद करने वालों का ही राज रहा है.

मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत के आजाद होने के बाद केंद्र और ज्यादातर प्रदेशों में कांग्रेस की सरकार रही है. उन्होंने कहा कि अपनी गलत नीतियों के कारण ही यह पार्टी अन्य प्रदेशों के साथ ही उत्तर प्रदेश में सत्ता से बाहर है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जब सत्ता पर काबिज होती है और उसके अच्छे दिन होते हैं तो उसे दलितों के विकास का काम याद नहीं आता है और यदि कांग्रेस पार्टी ने यह किया होता तो हमें बसपा के गठन की जरूरत नहीं पड़ती.

योगी ने ‘पैकर्स ऐंड मूवर्स’ को बुलाया है, 11 मार्च का टिकट भी खरीद लिया है: अखिलेश यादव

एक चुनावी सभा में सपा प्रमुख अखिलेश यादव. (फोटो साभार: फेसबुक/सपा )

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक पराजय का दावा करते हुए सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना सामान गोरखपुर ले जाने के लिए ‘पैकर्स ऐंड मूवर्स’ को बुलाया है और 11 मार्च का हवाई टिकट भी खरीद लिया है.

अखिलेश ने हरदोई के संडीला में सपा गठबंधन के प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक पराजय होने का दावा किया.

उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा, ‘अभी सुनने को मिला है कि हमारे सीएम (मुख्यमंत्री) ने पीएम को बुलाया है. पीएम का मतलब पैकर्स ऐंड मूवर्स से है, जो लोगों के घर के सामान को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते हैं.’

उन्होंने योगी पर हमले जारी रखते हुए कहा, ‘हारने वाला पहलवान ही खिसियाता है. आपने बाबाजी की शक्ल देखी है. बताइए उस पर 12 बज गए कि नहीं. अब तो गोरखपुर वाले भी उनके लिए एक गाना गाने लगे हैं. आपने देखा होगा कि प्रधानमंत्री ने जब से उन्हें पैदल किया तब से वह लगे थे कि हम कहां से चुनाव लड़ेंगे लेकिन जनता ने उन्हें अपने घर गोरखपुर भेज दिया और सुनने में आया है कि उन्होंने 11 तारीख की हवाई जहाज का टिकट भी खरीद लिया है.’

सपा अध्यक्ष ने भाजपा पर किसानों से छल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस पार्टी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया था लेकिन वह झूठा साबित हुआ. उन्होंने कहा कि उल्टे सरकार ने किसानों की खाद की बोरी से पांच किलो खाद चोरी कर ली.

उन्होंने शिक्षामित्रों का जिक्र करते हुए कहा कि सपा सरकार ने ही उनकी सबसे ज्यादा मदद की थी लेकिन पिछले चुनाव में वे भी भाजपा के बहकावे में आ गए थे. उन्होंने वादा किया कि सपा की दोबारा सरकार बनी तो शिक्षामित्रों को स्थाई नौकरी दी जाएगी.

इससे पहले, सपा गठबंधन के सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बसपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस पार्टी के उम्मीदवार गृह मंत्री अमित शाह के यहां तय होते हैं और बसपा दफ्तर में उन्हें चुनाव चिह्न दिया जाता है.

उन्होंने जनता से कहा कि बसपा को वोट देकर वे अपना मत बर्बाद न करें.

चौथे चरण का प्रचार अभियान समाप्त, 23 फरवरी को 59 विधानसभा सीटों पर होगा मतदान

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण का प्रचार अभियान सोमवार शाम को समाप्त हो गया. चौथे चरण में राज्य के 9 जिलों के 59 विधानसभा क्षेत्रों में 23 फरवरी को मतदान होगा. चौथे चरण में कुल 624 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.

इस चरण में बुधवार 23 फरवरी को जिन नौ जिलों में मतदान होना है, उनमें – पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, बांदा और फतेहपुर शामिल हैं.

प्रदेश में हुए 2017 के विधानसभा चुनावों में इस 59 सीटों में से 51 पर भाजपा जीती थीं, उसके बाद समाजवादी पार्टी को चार जबकि बहुजन समाज पार्टी को तीन सीटों पर जीत मिली थी. भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने एक सीट जीती थी.

चौथे चरण में कुछ प्रमुख उम्मीदवार, जिनकी प्रतिष्ठा दांव पर है, उनमें उप्र के कानून मंत्री बृजेश पाठक हैं, जो लखनऊ छावनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, और दो बार के सभासद सुरेंद्र सिंह गांधी उर्फ राजू गांधी का सामना करेंगे.

2017 के विधानसभा चुनाव में पाठक ने लखनऊ मध्य विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी. लखनऊ पूर्व विधानसभा क्षेत्र से प्रदेश के एक और मंत्री आशुतोष टंडन मैदान में हैं.

सरोजिनीनगर विधानसभा सीट पर भाजपा द्वारा मैदान में उतारे गए ईडी के पूर्व अधिकारी राजेश्वर सिंह और सपा सरकार में पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा के बीच मुकाबला होगा.

लखनऊ उत्तर सीट पर भाजपा के टिकट पर डॉ. नीरज बोरा दूसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहें हैं. यहां उनका मुकाबला सपा के टिकट पर उतरीं छात्र नेता पूजा शुक्ला से हैं.

यूपी विधानसभा के उपाध्यक्ष नितिन अग्रवाल को भी इस चरण में चुनावी परीक्षा का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने हाल ही में कुछ समय पहले सपा छोड़कर भाजपा का दामन थामा है.

कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले रायबरेली में भी इस चरण में मतदान होगा, जिसमें रायबरेली से भाजपा की अदिति सिंह मैदान में हैं. इससे पहले अदिति सिंह कांग्रेस के साथ थीं.

हरचंदपुर विधानसभा क्षेत्र (रायबरेली में) से कांग्रेस के पूर्व विधायक राकेश सिंह, जो भाजपा में शामिल हो गए हैं, इस बार भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं.

तीन अक्टूबर को किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों के मारे जाने के बाद सुर्खियों में आए लखीमपुर में भी इस चरण में मतदान होगा.


मणिपुर विधानसभा चुनाव


कांग्रेस मणिपुर के इतिहास, संस्कृति व भाषा की रक्षा करेगी: राहुल गांधी

इम्फाल के कांग्रेस भवन में हुए कार्यक्रम में राहुल गांधी. (फोटो साभार: ट्विटर/कांग्रेस)

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी मणिपुर के इतिहास, संस्कृति तथा भाषा की रक्षा करेगी, जिन्हें ‘भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कमजोर कर दिया है.’

राहुल गांधी ने मणिपुर में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने, एमएसएमई क्षेत्र का पुनरुद्धार, राज्य को चावल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार लाने, फूड पार्क स्थापित करने तथा महिला-नियंत्रित ‘इमा बाजार’ की संख्या बढ़ाने का भी वादा किया.

उन्होंने इंफाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘भाजपा एवं आरएसएस मणिपुर में सम्मान की भावना के साथ नहीं बल्कि श्रेष्ठता की भावना के साथ आते हैं. दूसरी ओर, मैं विभिन्न जनजातियों, पहाड़ियों और घाटी से , और आप अपनी महिलाओं के साथ किस प्रकार आचरण करते हैं… विनम्रता के साथ सीखने आता हूं.’

उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना ​​​​है कि हर राज्य को अपनी भाषा, संस्कृति, इतिहास और खुद को देखने का तरीका रखने का समान अधिकार है. दूसरी ओर, भाजपा एक विचारधारा, एक भाषा और एक संस्कृति में विश्वास रखती है. भारत इन दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई का सामना कर रहा है.’

राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा दावा करती है कि उसने शासन को दरवाजे तक ला दिया है, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में ‘एडीसी’ चुनाव नहीं करा कर उन्होंने लोकतांत्रिक परंपराओं पर हमला किया है.

उन्होंने कहा, ‘आपके भविष्य को बर्बाद करने के लिए ताड़ (के तेल) बागानों की योजना बनाई जा रही है. इनसे चंद बड़े कारोबारियों को ही फायदा होगा.’

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कोविड-19 महामारी के दौरान मणिपुर में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी के कारण हजारों लोगों की मौत हुई थी और यह राज्य उन प्रदेशों में है, जहां टीकाकरण सबसे कम हुआ है.

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने मणिपुर में छोटे और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को काफी प्रभावित किया है. उन्होंने कहा, ‘हम बागवानी में एमएसपी की गारंटी देंगे. हम मणिपुर को चावल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं, और सिंचाई सुविधाओं में सुधार करना चाहते हैं. कांग्रेस एमएसएमई क्षेत्र का पुनरुद्धार करेगी, और छोटे कारोबारियों का समर्थन और रक्षा करेगी, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों पर ध्यान केंद्रित करेगी और फूड पार्क स्थापित करेगी.’

उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश, मणिपुर से बड़ा है लेकिन हमारे लिए दोनों राज्य समान रूप से महत्वपूर्ण हैं.’

मणिपुर में कुल 265 प्रत्याशियों में केवल 17 महिला उम्मीदवार

मणिपुर में राजनीतिक भागीदारी में महिलाएं पिछड़ती नजर आ रही हैं. राज्य विधानसभा चुनाव में इस बार कुल 265 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिसमें से केवल 17 महिलाएं चुनाव लड़ रही हैं.

मणिपुर में महिला नेताओं का कहना है कि जब तक महिलाओं के लिए सीट आरक्षित नहीं की जाएंगी, तब तक उनकी उपुयक्त राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित नहीं हो पाएगी.

राज्य में एक रोचक तथ्य यह भी है कि मणिपुर में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं की तुलना में अधिक है. महिला मतदाताओं की संख्या 10.57 लाख से अधिक है जबकि करीब 9.90 लाख पुरुष मतदाता हैं.

नागरिक समाज आंदोलन में अगुवा की भूमिका निभाने वाली महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी में उचित अवसर नहीं मिल पा रहे हैं.

बड़े दलों की बात करें तो कांग्रेस और भाजपा ने तीन-तीन महिला उम्मीदवार उतारे हैं जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी तथा नेशनल पीपुल्स पार्टी ने दो-दो महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है.

भाजपा की मणिपुर इकाई की अध्यक्ष शारदा देवी ने कहा, ‘पूर्वोत्तर में महिलाएं अन्य सभी चीजों में प्रमुख भूमिकाएं निभाती हैं, लेकिन जब बात राजनीति की आती है तो महिलाओं को आगे नहीं बढ़ाया जाता क्योंकि समाज महिलाओं के राजनीति में आने को अच्छी नजर से नहीं देखता.’

हालांकि, शारदा देवी जोर देकर कहती हैं कि चीजें धीरे-धीरे बदल रहीं है. वह अपनी पार्टी का उदाहरण देती हैं, जिसने पिछले विधानसभा चुनाव में दो महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था जबकि वर्तमान चुनाव में भाजपा की तरफ से तीन महिला उम्मीदवार हैं.

उन्होंने कहा, ‘राजनीतिक रूप से मजबूत किए बिना महिला सशक्तिकरण पूर्ण नहीं हो सकता.’

इसी तरह के विचार साझा करते हुए कांग्रेस की नेता एवं पूर्व मंत्री एके मीराबाई देवी ने कहा, ‘यह एक पुरुष प्रधान समाज है, ऐसे में इच्छुक महिला उम्मीदवारों के लिए उनसे सीट छीनना मुश्किल है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)