साल 2008 के अहमदाबाद बम विस्फोट मामले में 38 दोषियों को मृत्युदंड के अदालत के फ़ैसले की सराहना करते हुए गुजरात भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक कार्टून पोस्ट किया गया था, जिसमें टोपी पहने पुरुषों को फांसी के फंदे से लटके हुए दिखाया गया था. ट्विटर ने इसे मंच के नियमों का उल्लंघन माना है.
अहमदाबाद: साल 2008 के अहमदाबाद सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में 38 दोषियों को मौत की सजा सुनाए जाने के विशेष अदालत के फैसले की सराहना करते हुए भाजपा की गुजरात इकाई द्वारा किए गए ट्वीट को ट्विटर ने एक विवाद के बाद हटा दिया है.
गुजरात भाजपा के प्रवक्ता यग्नेश दवे ने रविवार को कहा, ‘2008 के सिलसिलेवार बम विस्फोटों के फैसले पर किए गए पोस्ट को किसी की शिकायत के बाद ट्विटर ने हटा दिया है.’
उन्होंने कहा कि यह ट्वीट अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए किया गया था.
इस ट्वीट में एक कार्टून डाला गया था. कार्टून में कुछ टोपी पहने पुरुषों को फांसी के फंदे से लटके हुए दिखाया गया था. इसकी पृष्ठभूमि में एक तिरंगा और बम विस्फोट के दृश्य को दर्शाने वाला एक चित्र था, जिसके ऊपरी हिस्से में दाएं कोने पर ‘सत्यमेव जयते’ लिखा हुआ था.
इसे अहमदाबाद सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में विशेष अदालत के फैसले के एक दिन बाद शनिवार को गुजरात भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया गया था.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ट्वीट को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया था. बाद में ट्विटर ने यह कहते हुए पोस्ट को हटा दिया कि इसने उनके नियमों का उल्लंघन किया है.
वहीं, गुजरात कांग्रेस ने भाजपा पर ‘विवादास्पद ट्वीट्स’ के माध्यम से फैसले का फायदा उठाने का आरोप लगाया.
गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा, ‘आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है और इसे कांग्रेस पार्टी से बेहतर कोई नहीं जानता, जिसने अपने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों को खो दिया है. आज भाजपा विवादित ट्वीट कर खुशी मना रही है और कोर्ट के फैसले का फायदा उठा रही है. हालांकि, इस तरह के फैसलों को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए और इसका राजनीतिक लाभ लेने के किसी भी अवसर से बचना चाहिए.’
गुजरात भाजपा के मीडिया प्रकोष्ठ के संयोजक याग्नेश दवे ने कहा, ‘समाचार पत्रों और समाचार चैनलों की रिपोर्टों के आधार पर कार्टून बनाया गया था और किसी भी समुदाय को लक्षित करने का कोई इरादा नहीं था.’
दवे ने कहा कि सभी समाचार पत्रों और टीवी चैनलों ने दोषियों की मूल तस्वीरें प्रकाशित/प्रसारित की थीं और उन रिपोर्टों के आधार पर कार्टून तैयार किया गया था.
जब यह बताया गया कि मीडिया रिपोर्टों में सभी दोषियों की तस्वीरें टोपी पहने हुए नहीं हैं, तो दवे ने इसे समझने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि ट्वीट का मकसद अभूतपूर्व फैसले का स्वागत करना था.
मालूम हो कि बीते 18 फरवरी को एक अदालत ने अहमदाबाद सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में 38 दोषियों को मौत की सजा और 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
इन धमाकों में 56 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 200 से अधिक अन्य व्यक्ति घायल हो गए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)