आलिया विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र अनीस ख़ान शुक्रवार रात हावड़ा के अमता इलाके में अपने घर के बाहर मृत पाए गए थे. उनके माता-पिता का आरोप है कि उनके बेटे की तलाश में आए चार पुलिसवालों ने उन्हें इमारत की छत से फेंक दिया. अनीस की मौत के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री ने एसआईटी को पंद्रह दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
कोलकाता: आलिया विश्वविद्यालय के 27 वर्षीय पूर्व छात्र अनीस खान शुक्रवार रात हावड़ा के अमता इलाके में अपने घर के बाहर मृत पाए गए थे. उनके माता-पिता ने आरोप लगाया है कि उन्हें चार पुलिस वालों ने इमारत की छत से फेंक दिया था, जो उनके बेटे की तलाश में आए थे.
हालांकि, पुलिस ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि शुक्रवार को खान के घर कोई भी पुलिसकर्मी नहीं भेजा गया था.
अनीस की मौत की खबर के बाद कोलकाता के पार्क सर्कस में शनिवार की शाम बड़ा प्रदर्शन देखने मिला, जिसमें कुछ प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए.
सूत्रों के मुताबिक, अनीस जब अमता कॉलेज में थे तो वह स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के समर्थक थे और अब्बास सिद्दिकी द्वारा संचालित इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) से जुड़े हए थे.
अनीस के पिता सलाम खान द्वारा दर्ज कराई शिकायत के मुताबिक, पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है.
सलाम ने दावा किया कि शुक्रवार रात को चार लोग उनके अमता स्थित घर मे घुस आए, जिनमें तीन आम नागरिक भी बतौर वॉलंटियर शामिल थे. चार में से एक पुलिस की पूरी वर्दी पहने हुए था. टीम जानना चाहती थी कि उनका बेटा कहां है.
सलाम के मुताबिक, अमता पुलिस के पास उनके बेटे के खिलाफ मामले लंबित थे. सलाम ने पत्रकारों को बताया, ‘मैंने उन्हें बताया कि वह पड़ोस में एक जलसे में गया है, लेकिन उन्होंने मेरी बात पर विश्वास करने से इनकार कर दिया और उनमें से तीन सीढ़ियों से ऊपर चले गए.’
सलाम ने बताया कि उन्होंने उनके बेटे को छत से नीचे फेंक दिया. उन्होने कहा, ‘मैंने एक आवाज सुनी और फिर देखा कि मेरा बेटा खून से लथपथ नीचे पड़ा हुआ है.’
हावड़ा ग्रामीण इलाके के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जो मामले में जांच संभाल रहे हैं, के मुताबिक अनीस के घर कोई भी टीम नहीं भेजी गई थी.
प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि अनीस के सिर के पीछे और शरीर पर गंभीर चोटें थीं और उनके सीधे हाथ पर हल्के घाव थे. अधिकारियों ने बताया कि अंतिम रिपोर्ट अभी आनी बाकी है.
कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के चलते एक महीने पहले छात्रों से विश्वविद्यालय खाली करने के लिए कहा गया था, तब अनीस ने आलिया विश्वविद्यालय के खिलाफ एक आंदोलन में भाग लिया था जिसमें विश्वविद्यालय के कुप्रबंधन के खिलाफ छात्रों ने प्रदर्शन किया था.
मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के नेता फिरहाद हकीम ने कहा कि घटना की व्यापक जांच की जानी चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि पुलिस का वेश धरने वाले चार लोग एक घर में कैसे घुस गए. हकीम ने कहा, ‘इस तरह के मामले उत्तर प्रदेश में सामने आए हैं, लेकिन बंगाल में नहीं.’
अनीस की मौत ने राजनीति में भी हलचल मचा दी है. एसएफआई ने इसे हत्या बताया है और रविवार को अनीस को न्याय दिलाने के लिए देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत की.
माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने कहा, ‘स्वतंत्र भारत में हुई ऐसी कोई भयानक हत्या मुझे याद नहीं है. मुझे नहीं पता कि क्या स्वतंत्रता के पहले कभी ऐसा हुआ था. अनीस खान पिछले 137 दिन से आलिया विश्वविद्यालय में एक छात्र प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे. यह प्रदर्शन ममता बनर्जी के उस प्रयास के खिलाफ था जिसके तहत वो विश्वविद्यालय की उस जमीन को छीनना चाहती थीं जो इसे वाम मोर्चे की सरकार में मिली थी.’
आईएसएफ नेता और भांगर विधायक नौशाद सिद्दीकी ने कहा, ‘इस घटना के पीछे के असली अपराधियों को खोजा जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो लोग पुलिस में विश्वास खो देंगे.’
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले में एसआईटी से जांच कराने की घोषणा कर दी है. विशेष जांच दल (एसआईटी) 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, ममता बनर्जी ने बताया है कि मुख्य सचिव और आपराधिक जांच विभाग के महानिदेशक (डीजी) एसआईटी का हिस्सा होंगे. किसी को बख्शा नहीं जाएगा.
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