जम्मू: केंद्रीय मंत्री के घर के बाहर नियमितीकरण, बकाये की मांग कर रहे कामगारों पर लाठीचार्ज

पिछले दो दशकों से विभिन्न विभागों में काम कर रहे 60,000 से अधिक दिहाड़ी कर्मी, आकस्मिक कामगार और अन्य कर्मचारी नौकरी नियमित करने व लंबित बकाया राशि जारी करने समेत कई मांगों को लेकर जम्मू और श्रीनगर में नियमित रूप से प्रदर्शन करते आ रहे हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि वे सरकार के जिद्दी, कर्मचारी विरोधी रवैये से आजिज़ आ गए हैं. भाजपा नेताओं ने उन्हें सिर्फ बेवकूफ़ बनाया है.

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अपनी नौकरियां नियमित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे दिहाड़ी कर्मचारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. (फोटो: पीटीआई)

पिछले दो दशकों से विभिन्न विभागों में काम कर रहे 60,000 से अधिक दिहाड़ी कर्मी, आकस्मिक कामगार और अन्य कर्मचारी नौकरी नियमित करने व लंबित बकाया राशि जारी करने समेत कई मांगों को लेकर जम्मू और श्रीनगर में नियमित रूप से प्रदर्शन करते आ रहे हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि वे सरकार के जिद्दी, कर्मचारी विरोधी रवैये से आजिज़ आ गए हैं. भाजपा नेताओं ने उन्हें सिर्फ बेवकूफ़ बनाया है.

अपनी नौकरियां नियमित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे दिहाड़ी कर्मचारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. (फोटो: पीटीआई)

जम्मू: जम्मू में पुलिस ने अपनी नौकरियां नियमित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन के तहत यहां केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के आवास की ओर बढ़ने की कोशिश में जुटे जलशक्ति विभाग के दिहाड़ी कर्मचारियों पर लाठीचार्ज किया.

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई में कोई घायल नहीं हुआ.

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले इकट्ठा हुए कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाते हुए गांधीनगर में सिंह के आवास की ओर बढ़ने लगे. वे मंत्री, उपराज्यपाल नीत प्रशासन एवं भाजपा पर उनकी सेवाएं नियमित करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उनके विरुद्ध भी नारेबाजी कर रहे थे.

अधिकारियों के अनुसार, मंत्री के घर के बाहर बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका और उन पर हल्का लाठीचार्ज किया लेकिन कोई घायल नहीं हुआ.

पिछले दो दशकों से विभिन्न विभागों में काम कर रहे 60,000 से अधिक दिहाड़ी कर्मी, आकस्मिक कामगार और अन्य कर्मचारी नौकरी नियमित करने एवं लंबित बकाया राशि जारी करने समेत अपनी पुरानी मांगों को लेकर जम्मू एवं श्रीनगर में नियमित रूप से प्रदर्शन करते आ रहे हैं.

बलविंदर बहल नामक एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘हम इस सरकार के जिद्दी एवं कर्मचारी विरोधी रवैये से आजिज आ गये हैं. भाजपा नेताओं ने हमें सिर्फ बेवकूफ बनाया और हमारी पुरानी मांगों के समाधान के लिए कुछ नहीं किया.’

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, बलविंदर ने कहा, ‘हम न्यूनतम मजदूरी के हमारे अधिकारों के लगातार उल्लंघन के खिलाफ मंत्री के सामने आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने हम पर लाठीचार्ज किया.’

पुलिस की अकारण कार्रवाई से नाराज दिहाड़ी मजदूरों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर 28 फरवरी तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे और अगले महीने जम्मू के दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को काले झंडे दिखाएंगे.

इससे पहले 15 फरवरी को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी केंद्र शासित प्रदेश में 20,000 से 25,000 करोड़ रुपये के औद्योगिक निवेश शुरू करने के लिए अगले महीने यहां आयोजित एक समारोह की अध्यक्षता करेंगे. गृहमंत्री अमित शाह के 19 मार्च को जम्मू में सीआरपीएफ के स्थापना दिवस परेड में शामिल होने की संभावना है.

प्रदर्शनकारी दिहाड़ी मजदूरों ने जितेंद्र सिंह पर उनके साथ विश्वासघात करने का भी आरोप लगाया.

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘हमारे मुद्दे को उठाने और इसे हल करने के बजाय जितेंद्र सिंह ने हमें पिछली सरकार का पाप बताया. क्या हम अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे हैं? अगर हम अपने कर्तव्यों को रोक देते हैं, तो राजधानी और केंद्र शासित प्रदेश में पूरी पानी की आपूर्ति बाधित हो सकती है.’

उन्होंने कहा कि पिछले 60 से 70 महीनों से कई दैनिक वेतन भोगियों को उनका मामूली वेतन नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘हमारे परिवार भुखमरी का सामना कर रहे हैं और हम अपने बच्चों की स्कूल फीस नहीं दे पा रहे हैं.’

रिपोर्ट के अनुसार, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का घोर उल्लंघन करते हुए जल शक्ति विभाग के दैनिक वेतन भोगियों को प्रति माह 6,750 की मामूली राशि मिलती है और उनमें से सैकड़ों ने 15 से 25 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है. विभाग की रीढ़ की माने जाने वाले ये दिहाड़ी मजदूर पिछले दो दशकों से सेवाओं को नियमित करने की मांग कर रहे हैं.

उधर, कांग्रेस ने दिहाड़ी मजदूरों के साथ ‘विश्वासघात’ के लिए भाजपा पर निशाना साधा और न्याय की मांग कर रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज की निंदा की.

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने कहा, ‘भाजपा नेताओं ने सत्ता में आने के बाद उन्हें नियमित करने का वादा किया था, लेकिन उन्हें नियमित वेतन देने में विफल रहे.’

उन्होंने मांग की कि सरकार को सभी श्रेणियों के दैनिक वेतन भोगी, आकस्मिक, आवश्यकता आधारित श्रमिकों और अस्थायी, संविदा कर्मचारियों के लिए तुरंत नियमितीकरण नीति तैयार करनी चाहिए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)