गौरी लंकेश हत्या मामले के संदिग्धों में से पांच का संबंध सनातन संस्था से

इंटरपोल ने इन संदिग्धों में से चार के नाम मडगांव बम धमाके में शामिल होने के आरोप में रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था.

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Gauri Lankesh Facebook
वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश. (फोटो साभार: फेसबुक)

इंटरपोल ने इन संदिग्धों में से चार के नाम मडगांव बम धमाके में शामिल होने के आरोप में रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था.

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गौरी लंकेश. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: बेंगलुरु में 5 सितंबर को घर के बाहर वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या मामले में प्रमुख संदिग्धों में से 5 लोगों का नाम कथित रूप से दक्षिणपंथी संगठन सनातन संस्था से जुड़ा पाया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, इंटरपोल ने संदिग्धों में से 4 लोगों के नाम पर 2009 में गोवा में हुए मडगांव ब्लास्ट मामले में कथित रूप से शामिल होने के चलते रेड कार्नर नोटिस भी जारी किया था.

गौरी लंकेश हत्या में मामले में कर्नाटक पुलिस की एक विशेष टीम जांच कर रही है. प्रमुख संदिग्धों में कोल्हापुर से 34 वर्षीय प्रवीण लिमकर, मंगलुरु से 45 वर्षीय जयप्रकाश ऊर्फ अन्ना, पुणे से 38 वर्षीय सारंग अकोलकर, सांगली से 37 वर्षीय रुद्र पाटिल, सतारा से 32 वर्षीय विनय पवार शामिल हैं.

अकोलकर और पाटिल दोनों लिमकर और जयप्रकाश के साथ अक्टूबर 2009 मडारोगो बम विस्फोट में प्रमुख भूमिका निभाने की वजह से संदेह के घेरे में हैं, जब इलाके में दीवाली कार्यक्रम में लगाए जाने वाले आईईडी (विस्फोटक पदार्थ) को ले जाने के दौरान सनातन संस्थान के दो सदस्यों की मौत हो गई थी.

द वायर ने पहले भी ख़बर प्रकाशित की थी कि 20 अगस्त, 2015 को कर्नाटक में कलबुर्गी की हत्या और गौरी लंकेश की हत्या के मामलों में बहुत कुछ समानताएं पाई गई हैं.

कलबुर्गी को सुबह 8:40 बजे मार दिया गया था, दो लोग मोटरसाइकिल पर उनके घर पहुंचे और दरवाज़े पर दस्तक दी और जब उन्होंने दरवाज़ा खोला तो उन्हें गोली मार दी. इसी तरह लंकेश के साथ हुआ था, हालांकि उनकी हत्या रात में हुई थी.

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दोनों हत्याओं में 7.65 एमएम देसी पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था. महाराष्ट्र में दाभोलकर की हत्या और पानसारे हत्या में भी इसी तरह की देसी पिस्तौल इस्तेमाल की गई थी.