विधानसभा चुनाव राउंड-अप: उत्तर प्रदेश में चौथे चरण में नौ ज़िलों की 59 सीटों पर 61.52 प्रतिशत मतदान हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम परिवार वाले भले नहीं हैं, मगर परिवार का दर्द समझते हैं. बसपा प्रमुख मायावती ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का दावा किया. मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह ने कहा कि भाजपा की ‘विभाजनकारी राजनीति’ पांच चुनावी राज्यों में से किसी में भी सफल नहीं होगी.
लखनऊ/बहराइच/इंफाल: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे और लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड के मुख्य अभियुक्त आशीष का जिक्र करते हुए बुधवार को कहा कि अभी जनता की अदालत में उन्हें जमानत नहीं मिली है और इस बार चुनाव में किसान भाजपा का ‘सफाया’ कर देंगे.
अखिलेश ने बहराइच में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड का जिक्र करते हुए कहा कि बगल के जिले में भाजपा सरकार के एक मंत्री के पुत्र ने किसानों को जीप से कुचलकर मार डाला, सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही थी.
उन्होंने कहा, ‘जब हम सबने मिलकर दबाव बनाया तब जाकर थोड़ी बहुत कार्यवाही हुई, आज उसे जमानत मिल चुकी है लेकिन अभी जनता की अदालत में उसे जमानत नहीं मिली है. यही जनता भाजपा की जमानत जब्त करवाएगी.’
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार तीन नए काले कानून लेकर आई थी लेकिन जैसे ही उत्तर प्रदेश और पंजाब का चुनाव आया उसने वे तीनों कानून वापस ले लिए.
उन्होंने कहा, ‘लेकिन इसके खिलाफ आंदोलन में 700 से ज्यादा किसान ‘शहीद’ हो गए, भाजपा प्रत्याशी अगर कान पकड़कर 700 बार भी उठक बैठक लगाएंगे तब भी उत्तर प्रदेश का किसानों उन्हें माफ करने वाला नहीं है. वह इस चुनाव में उन्हें साफ कर देगा.’
अखिलेश ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 12वीं पास के बाद लैपटॉप दिए जाने संबंधी बयान पर तंज करते हुए कहा कि भाजपा के एक नेता तो ऐसे हैं जो थूक लगाकर पर्चा बांट रहे थे और अभी उनका एक लैपटॉप वाला जो बयान है, उसको जो भी सुन रहा है वह लोटपोट हो जा रहा है.
अखिलेश ने कहा कि उन्होंने (शाह ने) कहा 12वीं के बाद जो इंटर कर लेगा उसे लैपटॉप देंगे, शुक्र है कि उन्होंने यह नहीं कहा कि ‘इंटर के बाद जो दसवीं पास करेंगे उन्हें लैपटॉप देंगे.’
गौरतलब है कि कि शाह ने हाल ही में अपनी एक चुनावी रैली में कहा था कि ‘उत्तर प्रदेश में 12वीं पास करने के बाद जो लोग इंटर में दाखिला लेंगे उन्हें लैपटॉप दिया जाएगा.’
प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक पराजय होने का दावा करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि बहराइच का जनसैलाब देखकर बहुत से भाजपा नेता अदृश्य हो जाएंगे. मुझे लगता है कि लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा पहला चुनाव हो रहा है जहां भाजपा नेताओं की गाड़ियों और घरों से उनकी पार्टी के झंडे उतर गए हैं.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हमारे नौजवानों को नौकरी न देनी पड़े इसलिए भाजपा, सरकार की तमाम संपत्तियों को बेच रही है ताकि न रहे बांस न बजे बांसुरी.
अखिलेश ने अपने तमाम चुनावी वादों का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश का यह चुनाव उत्तर प्रदेश को बदहाली से बचाने का चुनाव है. यह चुनाव लोकतंत्र, संविधान और हमारी गंगा जमुनी संस्कृति को भी बचाने का चुनाव है.
गौरतलब है कि पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया गांव में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा को नौ अक्टूबर 2021 को मुख्य अभियुक्त के तौर पर गिरफ्तार किया गया था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने गत 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी जो पिछले चार महीने से हिरासत में थे. हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों ने आशीष मिश्रा को जमानत दिए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में बीते दिनों एक याचिका दायर की है.
तीन अक्टूबर 2021 को यानी घटना के दिन लखीमपुर खीरी के सांसद अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था.
आरोप है कि इस दौरान जिले के तिकुनिया में अजय कुमार मिश्रा से संबंधित महिंद्रा थार सहित तीन एसयूवी के एक काफिले ने तिकुनिया क्रॉसिंग पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद दिया था, जिसमें चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी और लगभग आधा दर्जन लोग घायल हुए थे.
मामले में अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा और उसके दर्जन भर साथियों के खिलाफ चार किसानों को थार जीप से कुचलकर मारने और उन पर फायरिंग करने जैसे कई गंभीर आरोप हैं.
गाड़ी से कुचल जाने से मृत किसानों में गुरविंदर सिंह (22 वर्ष), दलजीत सिंह (35 वर्ष), नक्षत्र सिंह और लवप्रीत सिंह के अलावा पत्रकार रमन कश्यप शामिल थे.
प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह को एसयूवी के काफिले से कुचले जाने के बाद भीड़ द्वारा दो भाजपा कार्यकर्ताओं समेत तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.
इनकी पहचान भाजपा कार्यकर्ताओं- शुभम मिश्रा (26 वर्ष) और श्याम सुंदर (40 वर्ष) और केंद्रीय राज्य मंत्री की एसयूवी के चालक हरिओम मिश्रा (35 वर्ष) के रूप में हुई थी.
इस संबंध में पहली प्राथमिकी एक किसान द्वारा दर्ज कराई गई थी, जिसमें आशीष मिश्रा और 15-20 अन्य पर चार किसानों और एक पत्रकार को कुचलने का आरोप लगाया गया था.
हिंसा की जांच के लिए गठित एसआईटी ने आशीष मिश्रा, सुमित जायसवाल, अंकित दास और 11 अन्य के खिलाफ आईपीसी, शस्त्र कानून की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी संख्या-219 के संबंध में तीन जनवरी को आरोप-पत्र दाखिल किया था.
दूसरी प्राथमिकी दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की हत्या के मामले में सुमित जायसवाल ने दर्ज कराई थी. प्राथमिकी संख्या-220 के संबंध में जांच करते हुए एसआईटी ने सात लोगों की पहचान की थी और उन्हें गिरफ्तार किया था. हालांकि, बीते जनवरी माह में ही आरोप-पत्र दाखिल करते समय केवल चार किसानों को ही आरोपी बनाया गया था.
चौथे चरण में नौ ज़िलों की 59 सीटों पर 61.52 प्रतिशत मतदान
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत बुधवार को नौ जिलों की 59 सीटों पर करीब 61 प्रतिशत वोट पड़े.
निर्वाचन आयोग के मतदान ऐप में रात 11:30 बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, मतदान प्रतिशत 61.52 रहा. शाम पांच बजे आधिकारिक घोषणा के बाद ऐप पर मतदान का प्रतिशत अपडेट हुआ है. राज्य निर्वाचन आयोग मतदान के अगले दिन अंतिम प्रतिशत जारी करता है.
इस चरण का चुनाव पूर्ण होने के बाद प्रदेश की 45 जिलों की 231 विधानसभा सीटों पर अब तक चुनाव हो चुका है. यूपी में सात चरणों में चुनाव हो रहा है और अब तक चार चरण का चुनाव हो चुका है. शेष तीन चरणों के लिए 27 फरवरी, तीन और सात मार्च को मतदान होना है तथा मतगणना 10 मार्च को होगी.
चौथे चरण के चुनाव के तहत पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, बांदा और फतेहपुर जिलों की 59 सीटों से 624 उम्मीदवार मैदान में हैं . मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और शाम छह बजे तक चला.
निर्वाचन आयोग के ऐप से प्राप्त जानकरी के मुताबिक, पीलीभीत में 67.59 फीसदी, लखीमपुर खीरी में 66.32 प्रतिशत, सीतापुर में 62.66 फीसदी, हरदोई में 58.99 प्रतिशत, उन्नाव में 57.73 फीसदी, लखनऊ में 60.05 प्रतिशत, रायबरेली में 61.90 फीसदी, बांदा में 60.36 प्रतिशत और फतेहपुर 60.07 फीसदी मतदान हुआ.
2017 के विधानसभा चुनाव में, इन सीटों पर 62.55 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2019 के लोकसभा चुनावों में 60.03 फीसदी वोट पड़े थे.
निर्वाचन आयोग ने मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 266 पर पुनर्मतदान का आदेश दिया था, जहां शाम पांच बजे तक लगभग 73.67 प्रतिशत वोट पड़े. इस सीट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव और केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल आमने-सामने हैं. इस सीट पर तीसरे चरण के तहत 20 फरवरी को मतदान हुआ था.
सपा ने लखनऊ, उन्नाव, हरदोई और सीतापुर के कुछ क्षेत्रों में अनियमितताओं का आरोप लगाया है और आयोग से कार्रवाई की मांग की है. आयोग के अधिकारियों ने दावा किया कि मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बसपा की अध्यक्ष मायावती, उनकी पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, राज्य में मंत्री बृजेश पाठक और कई वरिष्ठ अधिकारी शुरुआत में वोट डालने वाले मतदाताओं में शामिल रहे.
चौथे चरण के 624 उम्मीदवारों में से जिन प्रमुख उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा दांव पर है, उनमें प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक (लखनऊ कैंट), मंत्री आशुतोष टंडन (लखनऊ पूर्वी) पूर्व मंत्री सपा प्रत्याशी अभिषेक मिश्रा (सरोजिनी नगर), उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष नितिन अग्रवाल (हरदोई) शामिल हैं.
इसके अलावा नेहरू-गांधी परिवार का ‘गढ़’ माने जाने वाले रायबरेली में भी चौथे चरण में मतदान हो रहा है. यहां कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं अदिति सिंह एक बार फिर मैदान में हैं.
इसके साथ ही इस चरण में उन्नाव बलात्कार पीड़िता की मां आशा सिंह भी कांग्रेस की तरफ से चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रही हैं. उन्नाव सीट से भाजपा ने पंकज गुप्ता को टिकट दिया है.
पिछले साल लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में किसानों की हत्या मामले के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत मिलने के बाद यहां के समीकरण बदल गए हैं.
यहां बहुकोणीय लड़ाई है. भाजपा की ओर से फिर मैदान में योगेश वर्मा का सपा, बसपा, कांग्रेस, एआईएमआईएम और आप के प्रत्याशियों से मुकाबला कड़ा हो गया है. इस सीट से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री टेनी की प्रतिष्ठा की भी परीक्षा होगी.
आयोग द्वारा निष्पक्ष, सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिये व्यापक इंतजाम एवं सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई थी. कोविड-19 के मद्देनजर मतदेय स्थलों पर थर्मल स्कैनर, सैनिटाइजर, दस्ताने, मास्क, पीपीई किट, साबुन, पानी वगैरह की व्यवस्था की गई थी.
चौथे चरण के चुनाव में कुल 24,643 मतदेय स्थल तथा 13,817 मतदान केंद्र बनाए गए थे. मतदान पर सतर्क दृष्टि रखने के लिए आयोग द्वारा 57 सामान्य प्रेक्षक, नौ पुलिस प्रेक्षक तथा 18 व्यय प्रेक्षक भी तैनात किए गए थे. इसके अतिरिक्त 1,712 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 210 जोनल मजिस्ट्रेट, 105 स्टैटिक मजिस्ट्रेट तथा 3,110 ‘माइक्रो ऑब्जर्वर’ भी तैनात किए गए थे.
निर्वाचन आयोग ने 20 फरवरी को तीसरे चरण के तहत मैनपुरी जिले के करहल विधान सभा क्षेत्र के मतदेय स्थल संख्या -266 (प्राथमिक विद्यालय, जसवंतपुर) में किसी अनाधिकृत व्यक्ति के वोटिंग कम्पार्टमेंट के निकट पाए जाने के मद्देनजर पीठासीन अधिकारी की आख्या के आधार पर पुनर्मतदान कराए जाने के निर्देश दिए थे. यहां भी बुधवार को पुनर्मतदान हुआ.
संबंधित मतदेय स्थल की पोलिंग पार्टी के सदस्यों एवं अन्य संबंधित के विरूद्ध आवश्यक विधिक एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही द्वारा की जा रही है.
करहल सीट पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं.
वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में आज जिन 59 सीटों पर मतदान हुआ, उनमें से 51 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी. इसके अलावा सपा को चार, बसपा को तीन और भाजपा की सहयोगी अपना दल-सोनेलाल को एक सीट मिली थी.
हम परिवार वाले भले नहीं हैं, मगर परिवार का दर्द समझते हैं: मोदी
बाराबंकी/कौशांबी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तंज करते हुए कहा कि ‘घोर परिवारवादियों’ ने वोट बैंक के लिए मुस्लिम बेटियों की पीड़ा को नजरअंदाज किया मगर उनकी सरकार ने तीन तलाक रोधी कानून बनाया है. उन्होंने कहा कि वह परिवार वाले भले न हों, लेकिन हर परिवार के दर्द को समझते हैं.
मोदी ने बाराबंकी और कौशांबी में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभाओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए उनका नाम लिए बगैर कहा कि जो लोग परिवार वाला होने का दावा करते हैं, उन्हें तीन तलाक पीड़िताओं का दर्द क्यों नहीं दिखा.
उन्होंने कहा, ‘मेरी मुस्लिम बहनों, बेटियों को छोटे-छोटे बच्चे लेकर पिता के घर लौटना पड़ता था, तब तुम्हें परिवार का दर्द क्यों समझ नहीं आया, हम परिवार वाले नहीं हैं, मगर परिवार के दर्द को पहचानते हैं.’
गौरतलब है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले दिनों बिजनौर में संवाददाताओं से बातचीत में परिवारवाद के आरोप पर मोदी को जवाब देते हुए कहा था कि जिनके पास परिवार होता है वही एक परिवार का दर्द समझ सकते हैं.
मोदी ने किसानों का जिक्र करते हुए कहा कि इस देश में 80-90 प्रतिशत छोटे किसान हैं और पहली बार वह छोटे किसानों के लिए लड़ रहे हैं.
मोदी ने अपनी मंत्रिमंडलीय सहयोगी अनुप्रिया पटेल के पिता अपना दल के दिवंगत नेता सोनेलाल पटेल को भी याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपना जीवन गरीबों, शोषितों, पिछड़ों और दलित वर्ग के कल्याण में लगा दिया.
प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती सपा सरकार पर घोटाले करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इनके राज में घोटालों का ही राज था- खनन घोटाला, खाद्यान्न घोटाला, एंबुलेंस घोटाला और रिवरफ्रंट घोटाला.
मोदी ने सपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि हाल ही में अहमदाबाद बम धमाकों के मामले में अदालत ने बड़ी संख्या में आतंकवादियों को मौत की सजा सुनाई है, लेकिन इन परिवारवादियों ने फैसले का स्वागत तक नहीं किया.
उन्होंने कहा, ‘मैं कल कौशांबी का ही एक वीडियो देख रहा था. यह घोर परिवारवादी किस तरह दलितों का अपमान करते हैं, यह उसमें साफ दिखाई देता है.’
मोदी ने कहा कि इन परिवारवादियों को भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमा तक स्वीकार करना गवारा नहीं है, चांदी का मुकुट देखा तो मुंह में पानी छूट गया और उसे लपक लिया.
गोमाता को कटने नहीं देंगे और खेतों को छुट्टा पशुओं से भी बचाएंगे: योगी
अमेठी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को गायों को कटने नहीं देने और किसानों की फसलों को बचाने का वादा करते हुए कहा कि बेसहारा गायों को अपनाने और पालने वाले किसानों को प्रति गाय 900 से 1000 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाएगी.
अमेठी के तिलोई विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी सरकार ने अवैध बूचड़खानों को पूरी तरह से बंद करा दिया है. उन्होंने कहा, ‘मैं वादा करता हूं कि हम गोमाता को कटने नहीं देंगे और किसानों के खेतों को छुट्टा पशुओं से भी बचाएंगे.’
उन्होंने कहा कि गायों और किसानों की रक्षा के लिए बड़े पैमाने पर ‘गोशालाएं’ बनाई जाएंगी.
योगी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर उनकी पार्टी और अहमदाबाद विस्फोट के दोषियों में से एक के परिजन के बीच कथित ‘संबंध’ पर ‘चुप्पी बनाए रखने’ का आरोप लगाया. उन्होंने फिर दोहराया कि ‘आतंकवादी का परिवार समाजवादी पार्टी का प्रचार कर रहा है.’
सपा पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि 2017 में हमारी सरकार ने जो पहला फैसला लिया वह फसल उत्पादकों का कर्ज माफ करने का था.
उन्होंने कहा कि इसके विपरीत सपा सरकार ने राम जन्मभूमि पर हमला करने वाले ‘आतंकवादियों’ के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने के लिए कदम उठाया था. उन्होंने कहा कि सपा का समर्थन करने का अर्थ है, आतंकवाद को बढ़ावा देना, सपा को दिया जाने वाला वोट आने वाले भविष्य को बर्बाद करने जैसा है.
पूर्व की सपा सरकार पर एक समुदाय विशेष का पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ईद और मुहर्रम पर बिजली की आपूर्ति की जाती थी, लेकिन होली और दिवाली पर बिजली काट दी जाती थी.
योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने युवाओं को पांच लाख सरकारी नौकरी प्रदान की. उन्होंने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि विकास उनके एजेंडे में कभी नहीं रहा. यह भी कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस की राजनीति का आधार जाति, वोट और धर्म है.
अपनी सरकार के विकास कार्यों को बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘तिलोई को एक मेडिकल कॉलेज भी मिला है. हमने उस मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी है. समाजवादी पार्टी यह मेडिकल कॉलेज नहीं दे सकती, क्योंकि उसके पास विकास की दृष्टि ही नहीं है.’
प्रधानमंत्री और योगी के खिलाफ टिप्पणी के लिए कांग्रेस नेता को नोटिस दिया
निर्वाचन आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए कांग्रेस नेता अजय राय को नोटिस दिया है.
राय वाराणसी जिले की पिंडरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. आयोग ने राय से कहा है कि वह 24 घंटे में जवाब दें.
नोटिस में 31 जनवरी के राय के उस फेसबुक लाइव का हवाला दिया गया है कि जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और योगी के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.
आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए नोटिस में कहा गया है कि आयोग का मानना है कि राय ने प्रथम दृष्टया आचार संहिता का उल्लंघन किया है.
दोबारा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी बसपा: मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को उम्मीद जताई कि उनकी पार्टी वर्ष 2007 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की उपलब्धि दोबारा हासिल करेगी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सरकार बनाने के तमाम ‘ख्वाब’ धरे के धरे रह जाएंगे.
बसपा अध्यक्ष ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उनके उस बयान के लिए धन्यवाद किया, जिसमें उन्होंने बसपा की प्रासंगिकता बरकरार रहने का जिक्र किया था.
मायावती ने वोट डालने के बाद संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि आगामी 10 मार्च को जब विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होंगे, तब बसपा वर्ष 2007 की ही तरह पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी.
मुस्लिम मतदाताओं का सपा को समर्थन मिलने के अखिलेश यादव के दावे के बारे में पूछे जाने पर मायावती ने कहा कि ‘गांव जाकर आप वास्तविकता का आकलन कर सकते हैं. धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम वर्ग के लोग समाजवादी पार्टी की कार्यप्रणाली से बहुत नाराज हैं. उनमें से ज्यादातर का मानना है कि वे पिछले पांच वर्षों के दौरान सपा के साथ रहे लेकिन जब टिकट बंटवारे का वक्त आया तो उसने उन सीटों पर दूसरों को टिकट दे दिया, जहां पर वे वर्षों से काम कर रहे थे. आखिर मुस्लिम मतदाता ऐसी पार्टी को वोट क्यों देंगे जिससे वे खुश ही नहीं हैं.’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा एक साक्षात्कार में बसपा की प्रासंगिकता बरकरार रहने संबंधी बयान के बारे में पूछे गए एक सवाल पर मायावती ने कहा, ‘यह उनकी महानता है कि वह सच को स्वीकार कर रहे हैं. मैं उन्हें यह भी कहना चाहती हूं कि उत्तर प्रदेश में बसपा को न सिर्फ दलितों और मुसलमानों बल्कि अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अगड़ी जातियों के भी वोट मिल रहे हैं.’
शाह ने पिछले दिनों एक साक्षात्कार में कहा था, ‘’बसपा ने अपनी प्रासंगिकता बनाए रखी है. हमारा मानना है कि उसे वोट मिलेंगे, मुझे नहीं पता कि वह कितनी सीटें पाएगी, लेकिन उसे वोट जरूर मिलेंगे.’
इस सवाल पर कि क्या वह सोचते हैं कि जाटव वोट बैंक बसपा के साथ है, शाह ने यह भी कहा था कि बहुत सारी सीटों पर मुसलमान भी बसपा का सहयोग करेंगे.
इस बार जाटव वोट में सेंध लगाने के सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के दावों के बारे में मायावती ने कहा, ‘जाटव का वोट हासिल करना एक सपना ही रहेगा. अखिलेश को पहले तो यह सोचना चाहिए कि उन्हें अपनी यादव बिरादरी का ही पूरा वोट मिल रहा है या नहीं.’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘अखिलेश, ‘नकली अंबेडकरवादी’ हैं. हमें याद है कि उन्होंने किस तरह से दलित गुरुओं और महापुरुषों के नाम पर बनाए गए जिलों और योजनाओं के नाम बदल दिए थे.’
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सपा अगली सरकार बनाने का सपना देख रही है, लेकिन उसका यह ख्वाब धरा का धरा रह जाएगा. सभी जानते हैं कि सपा जब सत्ता में होती है तो दलितों, पिछड़ों, गरीबों और ब्राह्मणों को सबसे ज्यादा प्रताड़ित किया जाता है. सपा के शासन में दंगे होते हैं और मुजफ्फरनगर का दंगा इसका उदाहरण है. चुनाव के नतीजे आने से पहले ही लोगों ने सपा को खारिज कर दिया है.’
अखिलेश ने आतंकवाद के आरोपियों के खिलाफ मामले वापस लेकर धोखा दिया: नड्डा
प्रतापगढ़: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने आतंकवाद के मामलों में आरोपित लोगों के खिलाफ मामले वापस लेकर जनता को धोखा दिया.
नड्डा ने प्रतापगढ़ में एक चुनावी सभा में कहा कि अखिलेश जी इन दिनों वोट मांग रहे हैं और विकास की बात कर रहे हैं, लेकिन अब तक उन्होंने केवल अपने परिवार का विकास किया था.
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अब उन्हें एहसास हो गया है कि यूपी का विकास होना चाहिए, वह विकास नहीं लाएंगे बल्कि इसके स्थान पर विनाश लाएंगे.
उन्होंने पूछा क्या अखिलेश की सरकार के पांच साल के दौरान 200 दंगे नहीं हुए? उन्होंने वर्ष 2007 में गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ, वाराणसी में अदालत परिसर में हुए बम विस्फोटों के सिलसिले में आजमगढ़ और जौनपुर के दो लोगों पर से आतंकी मामलों को वापस लिए जाने का जिक्र किया.
इसके बाद नड्डा ने पूछा कि क्या आप ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना सकते हैं, जो आतंकवादियों को रिहा करता है.
उन्होंने कहा कि रामपुर सीआरपीएफ कैंप हमले का मामला भी 2012 में वापस ले लिया गया था, एक मुख्यमंत्री द्वारा देश के खिलाफ ऐसी घिनौनी कार्रवाई की गई.
नड्डा ने कहा, ‘मैं आरोप लगाता हूं कि एक मुख्यमंत्री ने आतंकवादियों को शरण दी. अखिलेश ने मामला वापस लेने के आदेश में कहा था कि यह सांप्रदायिक सद्भाव के लिए किया जा रहा था, मैंने ऐसा देशभक्त व्यक्ति कभी नहीं देखा.’
नड्डा ने पूछा कि क्या आप इस तरह के व्यक्ति को यूपी की सेवा करने देंगे?
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए नड्डा ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) अब भारतीय या राष्ट्रीय नहीं है, बल्कि केवल ‘भाई-बहन’ की पार्टी बनकर रह गई है और इस पर बोलने की कोई जरूरत नहीं है.
वोट के महत्व पर जोर देते हुए, नड्डा ने कहा, ‘आपकी उंगली में बहुत ताकत है, आपने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से दो उम्मीदवारों को जीत दिलाई थी- विनोद सोनकर और संगम लाल गुप्ता.’
उन्होंने भाजपा सरकार को विकास का चैंपियन बताते हुए कहा कि एक साल में युवाओं को 60 लाख नौकरियां मिलेंगी. प्रतापगढ़ में पांचवें चरण में 27 फरवरी को मतदान होना है.
मणिपुर विधानसभा चुनाव
मणिपुर के लोग वर्तमान सरकार से ‘ऊब चुके हैं’ उन्हें बदलाव चाहिए: इबोबी सिंह
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह का मानना है कि मणिपुर के लोग वर्तमान सरकार से ‘ऊब चुके हैं’ और अब वे बदलाव चाहते हैं.
सिंह ने कहा कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सत्तारूढ़ भाजपा की ‘विभाजनकारी राजनीति’ पांच में से किसी भी राज्य में सफल नहीं होगी, जहां चुनाव हो रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि मणिपुर के लोग भाजपा से ऊब चुके हैं. वह खुलकर कह नहीं पा रहे. भाजपा झूठ बोल रही है और खोखले दावे कर रही है. उन्होंने अपने किसी भी वादे को पूरा नहीं किया.’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘हमें पांच राज्यों में होने वाले चुनाव और 2024 के आम चुनाव का नतीजा पता चल जाएगा. लोग उनसे ऊब चुके हैं.’
केंद्र सरकार और नगा विद्रोही गुट एनएससीएन (आईएम) के बीच 2015 में हुए समझौते का उदाहरण देते हुए सिंह ने कहा कि इससे कोई नतीजा नहीं निकला. उन्होंने कहा कि लोगों को अंधेरे में रखा जा रहा है, जिससे भरोसा कम हुआ है.
उन्होंने कहा, ‘समझौता हुए इतना समय बीत गया, लेकिन किसी को यह नहीं पता कि उसमें क्या है. उन्होंने न तो इसे जनता से साझा किया और न ही बातचीत पूरी की. मेरा मानना है कि नगा लोगों का विश्वास भी भाजपा से उठ चुका है और उन्हें लगने लगा है कि भाजपा में इस मुद्दे को सुलझाने की क्षमता नहीं है.’
यह पूछे जाने पर कि विधानसभा चुनाव में जीत कर सत्ता में वापस आने के प्रति कांग्रेस कितनी आश्वस्त है, तो सिंह ने कहा, ‘हमने जितने भी उम्मीदवार उतारे हैं (53), हम उनमें से प्रत्येक की क्षमता से परिचित हैं और उनमें से 40-45 के जीतने के प्रति आश्वस्त हैं.’
हालांकि उन्होंने कहा, ‘अगर बहुमत नहीं मिलता है तो चुनाव नतीजे आने के बाद समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन करेंगे.’
कांग्रेस ने पहले ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, फॉरवर्ड ब्लॉक, आरएसपी और जनता दल (एस) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन किया है.
मणिपुर की 60 विधानसभा सीटों के लिए 28 फरवरी और आठ मार्च के बीच दो चरणों में मतदान होगा और मतगणना 10 मार्च को होगी.
भाजपा के करीब 40 सीटों पर जीत दर्ज करने के दापे को खारिज करते हुए सिंह ने कहा, ‘जब नतीजे आएंगे तो पता चला चलेगा कि अकेले 40 सीटें जीतती है या नहीं लेकिन जहां तक हमारा मानना है, 40 सीटें इंफाल घाटी में हैं, जिनमें से वे 15 सीटें भी नहीं जीत पाएंगे.’
शाह ने पांच साल में मणिपुर में कुकी उग्रवाद की समस्या खत्म करने का संकल्प जताया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि सरकार सभी कुकी उग्रवादी समूहों के साथ शांति वार्ता करेगी और अगले पांच साल में उनके मुद्दों का समाधान कर लिया जाएगा.
शाह ने मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में एक चुनावी रैली में कहा कि चूंकि पड़ोसी राज्य असम में बोडो उग्रवाद की समस्या हल हो गई है, इसलिए अब किसी भी कुकी युवक को हथियार नहीं उठाने होंगे.
कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट जैसे उग्रवादी संगठन मणिपुर में कुकी जनजाति के लिए एक अलग राज्य की मांग कर रहे हैं. सरकार ने उनके साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) पर दस्तखत किए हैं.
शाह ने कहा, ‘हम पर भरोसा रखें, हम सभी कुकी संगठनों से बात करेंगे और सभी कुकी युवाओं को एक नया जीवन मिलेगा ताकि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश, अपने क्षेत्र और मणिपुर के विकास में शामिल हो सकें.’
शाह ने दावा किया कि असम में बोडोलैंड मुद्दा सुलझ गया है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हम उन्हें (बोडो विद्रोहियों को) विकास के पथ पर ले आए हैं और आज बोडो युवाओं के हाथ में हथियार नहीं हैं. इसके बजाय उनके पास मोटरसाइकिल की चाबियां, उद्योगों की चाबियां और लैपटॉप हैं.’
भाजपा नेता ने चुनावी रैली में कहा कि कार्बी क्षेत्रों में भी ऐसा ही किया गया है और पूर्वोत्तर में उग्रवाद से जुड़े 9,500 से अधिक लोगों ने आत्मसमर्पण किया है और मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं.
मणिपुर में लगातार दूसरी बार भाजपा को सत्ता में वापस लाने के लिए लोगों से आग्रह करते हुए शाह ने दावा किया कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने पिछले पांच वर्षों में राज्य को बंद और नाकेबंदी से मुक्त कराया है तथा राज्य को शांति और विकास के पथ पर ले जा रहे हैं.
शाह ने कांग्रेस पर हमला करते हुए दावा किया कि पार्टी के शासन के दौरान राज्य को उग्रवाद, मादक पदार्थ और हथियारों की तस्करी, नाकेबंदी और भ्रष्टाचार के लिए जाना जाता था.
‘आई’ से शुरू होने वाले शब्दों का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस के समय इनस्टेबिलिटी (अस्थिरता), इंसरजेंसी (उग्रवाद) और इनइक्वैलिटी (असमानता) की स्थिति थी. भाजपा शासन के दौरान इनोवेशन (नवोन्मेष), इंफ्रास्ट्रक्चर (आधारभूत ढांचा) और इंटीग्रेशन (एकजुटता) हैं.’
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस चाहती है कि पर्वतीय क्षेत्रों और घाटी के लोग एक-दूसरे के खिलाफ लड़ें जो कि उसकी राजनीतिक के अनुकूल है, जबकि भाजपा ने दोनों को विकास के पथ पर अग्रसर किया है.
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर को देश में खेल का सबसे बेहतरीन केंद्र बनाना चाहते हैं, युवाओं को मादक पदार्थ की लत और हथियारों से मुक्त करना चाहते हैं और उन्हें ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बनाना चाहते हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है, जबकि स्थानीय प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करने के लिए राज्य के 16 जिलों में से प्रत्येक में ‘खेलो इंडिया’ केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया है.
उन्होंने कहा कि राज्य स्तर के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करने के लिए 10 एकड़ में फैले ‘ओलंपिक पार्क’ का निर्माण किया जाएगा ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर के एथलीट बन सकें.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)