महाराष्ट्र: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने मंत्री नवाब मलिक को गिरफ़्तार किया

महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ़्तार किया गया है. एनसीपी और शिवसेना ने इसे केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा की गई 'प्रतिशोध की कार्रवाई' बताया है.

Mumbai: NCP leader Nawab Malik being taken for medical test after he was arrested by the ED officials in connection with a money laundering case involving Dawood Ibrahim, in Mumbai, Wednesday, Feb. 23, 2022. (PTI Photo/Shashank Parade)

महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ़्तार किया गया है. एनसीपी और शिवसेना ने इसे केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा की गई ‘प्रतिशोध की कार्रवाई’ बताया है.

नवाब मलिक को गिरफ्तार किए जाने के बाद मेडिकल जांच के लिए ले जाते हुए ईडी अधिकारी. (फोटो: पीटीआई)

मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नवाब मलिक को बुधवार को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता मलिक को दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट इलाके में ईडी के दफ्तर में सुबह आठ बजे से करीब पांच घंटे तक पूछताछ किए जाने के बाद हिरासत में ले लिया गया.

अधिकारियों ने बताया कि उनका बयान मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया.

जबकि, एनसीपी ने कहा है कि ईडी मलिक को सुबह करीब छह बजे उनके आवास से ले गई थी.

लगभग आठ घंटे की पूछताछ के बाद दक्षिण मुंबई स्थित ईडी कार्यालय से बाहर निकले मलिक ने मीडिया से कहा, ‘ हम लड़ेंगे और जीतेंगे. हम झुकेंगे नही.’

सूत्रों ने बताया कि इसके बाद ईडी अधिकारी मलिक को एक वाहन में बैठाकर मेडिकल जांच के लिए ले गए.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता मलिक सुबह करीब आठ बजे ईडी कार्यालय पहुंचे थे, जहां अधिकारियों ने पीएमएलए के तहत मलिक का बयान दर्ज किया. इससे पहले जब नवाब मलिक को पूछताछ के लिए ले जाया गया था तो ईडी की इस कार्रवाई के खिलाफ एनसीपी कार्यकर्ताओं ने दक्षिण मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय के पास स्थित पार्टी मुख्यालय के नजदीक प्रदर्शन किया.

कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार और ईडी के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि वे एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं पार्टी की मुंबई इकाई के प्रमुख मलिक के साथ हैं.

कार्यकर्ता ईडी के कार्यालय की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने पार्टी कार्यालय के पास उन्हें रोक दिया. इसके बाद वे वहीं धरने पर बैठ गए.

इस बीच, पार्टी के प्रवक्ता संजय तटकरे ने कहा, ‘विरोध नवाब मलिक से गलत तरीके से हो रही पूछताछ के खिलाफ है, जो नियमित रूप से भाजपा, एनसीबी, सीबीआई, ईडी के गठजोड़ को उजागर करता है. हम घुटने नहीं टेकने वाले. एनसीपी, भाजपा और सभी केंद्रीय एजेंसियों का पर्दाफाश करती रहेगी.’

अधिकारियों के मुताबिक, ईडी ने मलिक से मुंबई अंडरवर्ल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पूछताछ की है.

अंडरवर्ल्ड संबंधी गतिविधियों, संपत्ति की अवैध रूप से कथित खरीद-फरोख्त तथा हवाला लेनदेन के संबंध में ईडी ने 15 फरवरी को मुंबई में छापेमारी की थी और एक नया मामला दर्ज किया था, जिसके बाद मलिक से पूछताछ की गई.

एजेंसी ने 10 स्थानों पर छापेमारी की थी जिसमें 1993 के बम धमाके के मुख्य साजिशकर्ता दाऊद इब्राहीम की दिवंगत बहन हसीना पार्कर, भाई इकबाल कासकर और छोटा शकील के रिश्तेदार सलीम कुरैशी उर्फ सलीम फ्रूट के परिसर शमिल हैं. कासकर पहले से जेल में है जिन्हें एजेंसी ने पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था. ईडी ने पार्कर के बेटे से भी पूछताछ की थी.

ईडी की इस कार्रवाई पर एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि महाराष्ट्र ने न कभी केंद्र के आगे घुटने टेके हैं और न कभी टेकेगा.

महाराष्ट्र से लोकसभा सांसद ने कहा कि ईडी की कार्रवाई से एनसीपी को कोई अचंभा नहीं हुआ है. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र अपनी ‘मशीनरी’ का इस्तेमाल भाजपा के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ ‘दमनकारी’ तरीके से कर रही है.

सुले ने एक टीवी चैनल से कहा, ‘यह अपेक्षित था, नवाब भाई को भी इसका अंदेशा था. उन्होंने पहले एक बार ट्वीट भी किया था कि अगई ईडी उनके घर आई तो वह उनके लिए चाय और बिस्कुट तैयार रखेंगे. क्या उन्होंने (मलिक को) कोई नोटिस जारी किया था? उन्हें करना चाहिए था. वहां (मलिक के घर से) से निकलने से पहले उनको नाशता भी मिल जाता, लेकिन उन्होंने नोटिस जारी ही नहीं किया.’

एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बेटी सुले ने दावा किया कि ईडी का नोटिस केवल विपक्षी दलों के नेताओं को जारी किया जाता है.

उन्होंने बिना कोई नाम लिए तंज कसते हुए कहा, ‘जब एक बार आप अपनी पार्टी छोड़कर उनके दल में शामिल हो जाते हैं, तो सभी नोटिस गायब हो जाते हैं या ‘श्रेडर’ (कागज काटने की मशीन) में चले जाते हैं. हमें पता होना चाहिए कि यह ‘श्रेडर’ कौन-सा है.’

सुले ने यह भी दावा किया कि ‘एक निश्चित पार्टी के लोगों’ को पहले से पता होता है कि कब किस नेता के खिलाफ छापेमारी की जा रही है या कब किसे गिरफ्तार किया जा रहा है.

लोकसभा सदस्य ने कहा कि भाजपा नेता केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई के बारे में टिप्पणी करने के लिए ट्विटर का बहुत अच्छे से इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा, ‘वह अब भी ऐसा कर रहे हैं, लेकिन जीवन एक पूर्ण चक्र है.’

सुले ने कहा, ‘हम छत्रपति शिवाजी महाराज की संस्कृति में पले-बढ़े हैं. महाराष्ट्र ने न कभी केंद्र और दिल्ली के आगे घुटने टेके हैं और न कभी टेकेगा.’

मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए एनसीपी कार्यकर्ता. (फोटो: पीटीआई)

केंद्रीय एजेंसियां ‘माफिया’ की तरह भाजपा के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बना रही हैं: राउत

उधर, शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियां ‘माफिया’ की तरह भाजपा के उन राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बना रही हैं जिन्होंने उनके झूठ को उजागर किया है, लेकिन सच की जीत होगी और लड़ाई जारी रहेगी.

राउत कहा कि ईडी के अधिकारी पूछताछ के लिए मलिक को उनके घर से ले गए. यह महाराष्ट्र सरकार के लिए एक चुनौती है.

शिवसेना प्रवक्ता ने कहा, ‘यह (पुराने मामले निकालकर व्यक्तियों को निशाना बनाना) 2024 तक जारी रहेगा और उसके बाद उन्हें नतीजा भुगतना होगा.’

राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि कुछ साल पहले भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने कुछ नेताओं के विरुद्ध एक शिकायत दर्ज कराई थी जो अब भाजपा में शामिल हो गए हैं. उन्होंने सवाल किया, ‘समन क्यों नहीं जारी किए गए?’

गौरतलब है कि सोमैया ने नारायण राणे समेत कई नेताओं के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई थी. राणे बाद में भाजपा में शामिल हो गए और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं.

राउत ने कहा, ‘मैंने महाविकास अघाड़ी सरकार के सभी वरिष्ठ नेताओं से बात की है. मैं जल्द ही केंद्रीय जांच एजेंसियों के बारे में खुलासा करूंगा.’

वहीं, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक को इसलिए परेशान किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने केंद्र सरकार और केंद्रीय जांच एजेंसियों के ‘दुरुपयोग’ के खिलाफ आवाज बुलंद की है.

यह पूछे जाने पर कि क्या मलिक के विरुद्ध कार्रवाई इसलिए की जा रही है कि उन्होंने केंद्र और भाजपा के विरोध में बोला, पवार ने कहा, ‘उन्होंने कौन सा मामला शुरू किया है? सीधी-सी बात है. अगर कोई मुस्लिम कार्यकर्ता होता है (जिसके विरुद्ध कोई मामला शुरू किया जाता है) तो वह दाऊद का नाम लेते हैं……(संबंधित कार्यकर्ता और अंडरवर्ल्ड के बीच) कोई संबंध नहीं होता लेकिन ऐसा किया जाता है.’

पवार ने कहा कि उन्हें भी 1990 के दशक की शुरुआत में इसी प्रकार निशाना बनाया गया था जब वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे और उनके विरोध में माहौल बनाया गया था.

एनसीपी अध्यक्ष ने कहा, ‘तब से 25 साल बीत गए. इसी तरह से लोगों को बदनाम करने, सत्ता का दुरुपयोग करने और उन्हें परेशान करने के लिए (अंडरवर्ल्ड का) नाम लिया जाता है. जो लोग केंद्र के विरुद्ध और जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के बारे में बोलते हैं, उन्हें परेशान किया जाता है और ऐसा ही यहां हो रहा है.’

बता दें कि मलिक पिछले कुछ महीनों से चर्चा में हैं, जब से उन्होंने एनसीबी के मुंबई क्षेत्र के पूर्व निदेशक समीर वानखेड़े के विरुद्ध निजी और सेवा से जुड़े आरोप लगाए थे. मलिक के दामाद समीर खान को गत वर्ष मादक पदार्थ के एक मामले में एनसीबी ने गिरफ्तार किया था.

भाजपा बोली- पूरी होने दें जांच

उधर, भाजपा ने कहा कि इसे ‘प्रतिशोध की राजनीति’ बताने की बजाय ईडी को जांच पूरी करने दी जाए.

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने पत्रकारों से कहा कि ईडी की जांच को ‘प्रतिशोध की राजनीति’ कहना जल्दबाजी होगी, जब तक कि कार्रवाई से जुड़ी जानकारियां सामने नहीं आ जाएं.

मुनगंटीवार ने कहा, ‘जिस तरह से केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को कुछ महीने पहले गिरफ्तार किया गया था, उसे हम क्या कहें? भाजपा विधायक नितेश राणे को भी राज्य सरकार द्वारा परेशान किया जा रहा है. मलिक एनसीपी के राज्य स्तरीय नेता नहीं हैं. अगर उन्होंने कुछ संदिग्ध किया है तो इसकी जांच होनी चाहिए. इसे प्रतिशोध की राजनीति बताने की जल्दबाजी न करें.’

भाजपा की महाराष्ट्र इकाई की उपाध्यक्ष चित्रा वाघ ने कहा कि कुछ महीने पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मलिक के खिलाफ एक संदिग्ध भूमि सौदे के संबंध में गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा, ‘इसकी पूर्ण जांच की जानी चाहिए और ईडी के अधिकारियों को जांच पूरी करने दें.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)