रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अन्य देशों को चेतावनी दी है कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखे होंगे. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अकारण हमले की निंदा की. भारत ने तनाव कम करने का आह्वान किया. वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने रूस में अपने सैनिकों को वापस लेने की अपील की.
मॉस्को/वॉशिंगटन/संयुक्त राष्ट्र/ब्रसेल्स: रूसी सैनिकों ने बृहस्पतिवार सुबह यूक्रेन पर व्यापक स्तर पर हमला कर दिया. अपने इस सैन्य अभियान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरअंदाज करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अन्य देशों को चेतावनी दी कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखे होंगे.
यूक्रेन के सीमा रक्षकों द्वारा इस संबंध में तस्वीरें एवं वीडियो जारी किए गए और कहा गया कि रूसी सैन्य वाहन क्रीमिया से यूक्रेन में दाखिल हुए. कीव (यूक्रेन की राजधानी), खार्कीव, ओडेसा और यूक्रेन के अन्य शहरों में जोरदार धमाकों की आवाज सुनी गई.
वहीं, रूसी सेना ने दावा किया है कि उसने कुछ ही घंटे में यूक्रेन की पूरी वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट कर दिया. यूक्रेन के लोगों को कुछ शहरों को छोड़ कर जाते देखा गया और यूरोपीय प्राधिकार ने यूक्रेन के वायु क्षेत्र को एक सक्रिय संघर्ष क्षेत्र घोषित कर दिया है.
इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस के हमले के बाद उनके देश ने मास्को के साथ राजनयिक संबंध तोड़ लिए हैं. वहीं, उनके सलाहकार ने कहा कि रूसी हमले में अब तक लगभग 40 लोग मारे गए हैं.
पुतिन ने कहा कि यह हमला पूर्वी यूक्रेन में नागरिकों की सुरक्षा के लिए जरूरी था. हालांकि इस दावे को लेकर अमेरिका ने पहले ही आशंका व्यक्त की थी कि रूस हमले को गलत तरीके से जायज ठहराने का प्रयास करेगा.
टेलीविजन पर एक संबोधन में पुतिन ने अमेरिका और उसके सहयोगियों पर यूक्रेन को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल करने से रोकने तथा मास्को को सुरक्षा गारंटी देने की रूस की मांग को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि यूक्रेन द्वारा पेश किए जा रहे खतरों के जवाब में यह कार्रवाई की जा रही है.
उन्होंने कहा कि रूस का लक्ष्य यूक्रेन पर कब्जा करना नहीं है, बल्कि क्षेत्र को सैन्य प्रभाव से मुक्त बनाना एवं अपराध करने वालों को न्याय के कटघरे में खड़ा करना है.
पुतिन ने अन्य देशों को आगाह किया कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास ‘के ऐसे परिणाम होंगे,जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखे होंगे.’
पुतिन ने कहा, ‘जो यह समझते हैं कि वे इस समय जारी घटनाक्रम में हस्तक्षेप कर सकते हैं, उनके लिए मेरी ओर से कुछ शब्द हैं… जो भी बाधा पहुंचाने का प्रयास करेगा, हमारे देश और लोगों के लिए खतरा उत्पन्न करेगा, उन्हें यह जानना चाहिए कि रूस का जवाब तत्काल होगा और इसके परिणाम ऐसे होंगे जो इतिहास में नहीं देखा गए होंगे.’
पुतिन ने यूक्रेन के सैनिकों से तत्काल हथियार डालने और अपने घर लौटने की अपील की.
रूस के परमाणु सम्पन्न देश होने के संदर्भ मे पुतिन ने चेतावनी दी कि किसी को यह संदेह नहीं होना चाहिए कि ‘हमारे देश पर सीधा हमला विनाश पैदा करेगा’ और संभावित आक्रमणकर्ता के लिए भयावह परिणाम पेश करने वाला होगा.
उन्होंने कहा कि रूस परमाणु शक्ति सम्पन्न है और अत्याधुनिक हथियारों को लेकर कई मायने में वह मजबूत स्थिति में है.
अमेरिका ने मंगलवार को बाल्टिक क्षेत्र में अपने सैन्य बलों की तैनाती के बारे में कुछ घोषणाएं की थीं लेकिन कहा था कि वह अपने सैनिकों को रूस से लड़ने के लिए नहीं भेजेगा.
वहीं, रूस ने कहा है कि पूर्वी यूक्रेन में विद्रोही नेताओं ने यूक्रेन की ‘आक्रामकता’ से बचाव के लिए रूस से सैन्य सहायता मांगी है.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि विद्रोही नेताओं ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को पत्र लिखकर बताया है कि यूक्रेन की सेना द्वारा की गई गोलाबारी में कई नागरिकों की मौत हुई है और कई लोग पलायन करने को मजबूर हुए हैं.
यह कार्रवाई पुतिन द्वारा पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित विद्रोही क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने और उनके साथ मित्रता संधियों पर हस्ताक्षर करने के बाद की गई है.
पुतिन की ओर से कार्रवाई की घोषणा तब की गई जब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने मास्को के उस दावे को खारिज कर दिया कि उनका देश, रूस के समक्ष खतरा उत्पन्न कर रहा है.
वहीं, ज़ेलेंस्की ने रात में रूसी भाषा में भावनात्मक संदेश ने कहा कि यूक्रेन के लोग और यूक्रेन की सरकार शांति चाहती है, लेकिन अगर हमारे ऊपर हमला हुआ और हमारे देश, स्वतंत्रता, लोगों की जीवन छीनने का प्रयास किया गया, तब हम अपनी रक्षा करेंगे.
जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने बुधवार को पुतिन के साथ बातचीत (कॉल) की व्यवस्था करने को कहा था, लेकिन क्रेमलिन की ओर से कोई जवाब नहीं आया. उन्होंने कहा कि किसी तरह के उकसावे से सब कुछ नष्ट हो जाएगा.
पुतिन के संबोधन के बीच यूक्रेन की राजधानी कीव, खार्कीव, ओडेसा एवं यूक्रेन के अन्य शहरों में बड़े धमाके की आवाज सुनी गई. बाद में कीव में हवाई सायरन बज गए, जो दर्शाता है कि शहर पर हमला हो रहा है.
BREAKING: Sirens just went off for first time in Kyiv indicating the city is under attack. #Ukraine #UkraineRussie pic.twitter.com/apI9Tjxioi
— Ron Waxman 🏳️🌈🇺🇦 (@RonWaxman) February 24, 2022
रूस की ओर से सबसे पहले हमला वायु क्षेत्र से किया गया, हालांकि यूक्रेन के सीमा रक्षकों द्वारा बाद में सुरक्षा कैमरों से बनाई गई वीडियो क्लिप जारी की गई, जिसमें रूस द्वारा अधिग्रहित क्रीमिया से रूसी सैन्य वाहनों को यूक्रेन में प्रवेश करते देखा गया.
यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविच ने कहा कि रूसी सेना यूक्रेन के इलाके में खार्कीव और चेर्निहिव क्षेत्र एवं संभवत: कुछ अन्य क्षेत्रों में पांच किलोमीटर अंदर तक घुस गई है.
समाचार एजेंसी आईएफएक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन के हवाई अड्डों और सैन्य बुनियादी ढांचे को निष्क्रिय कर दिया गया है. इस बीच यूक्रेन की सेना का कहना है कि लुहान्स्क क्षेत्र में पांच रूसी विमानों और एक रूसी हेलीकॉप्टर को मार गिराया गया है.
इस घटनाक्रम के बीच रूसी सेना ने कहा है कि उसने यूक्रेन के वायु सेना अड्डे एवं अन्य सैन्य अड्डे को निशाना बनाया है. रूस द्वारा यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट करने और यूक्रेन द्वारा रूस के कई विमानों को मार गिराने के दावे की तत्काल पुष्टि नहीं की जा सकी है.
यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली पुरानी है और यह सोवियत संघ के समय की है तथा वह रूस के व्यापक वायु शक्ति के सामने नहीं टिकती है.
रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि सेना ने घातक हथियारों का इस्तेमाल यूक्रेन के वायुसेना अड्डे, वायु रक्षा परिसंपत्तियों एवं अन्य सैन्य आधारभूत ढांचे को निशाना बनाने के लिये किया है.
उसने दावा किया कि नागरिक आबादी को कोई खतरा नहीं है.
इस बीच एसोसिएट प्रेस के फोटोग्राफर ने मुरीपोल से खबर दी कि वहां धमाके सुने गए और लोगों को अपने कुछ सामान के साथ कारों में शहर छोड़ते देखा गया है.
यूरोपीय संघ उड्डयन सुरक्षा एजेंसी (ईएएसए) ने सभी ‘एयर ऑपरेटर’ को यूक्रेन के हवाई क्षेत्र में नागरिक विमानों के लिए खतरे को लेकर आगाह किया है.
एजेंसी ने ‘एयर ऑपरेटर’ से कहा, ‘वह अब एक संघर्षरत क्षेत्र’ है.
यूक्रेन के गृह मंत्री के सलाहकार एंटोन गेराशेचेंको ने फेसबुक पर कहा कि रूसी सेना ने कीव, खार्कीव और निप्रो में यूक्रेन की कमान सुविधा, वायु सेना अड्डे एवं सैन्य भंडार पर मिसाइल से हमला किया है.
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि देश पुतिन के ‘अतिक्रमणकारी युद्ध’ से अपना बचाव करेगा और जीतेगा. उन्होंने रूसी हमले के मद्देनजर नागरिकों को आश्वस्त करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया.
To Ukrainians around the globe:
Putin attacked, but no one is running away. Army, diplomats, everyone is working. Ukraine fights. Ukraine will defend itself. Ukraine will win.
Share the truth about Putin’s invasion in your countries and call on governments to act immediately.
— Dmytro Kuleba (@DmytroKuleba) February 24, 2022
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘पुतिन ने हमला किया, लेकिन कोई भाग नहीं रहा है. सेना, राजनयिक, हर कोई काम कर रहा है. यूक्रेन लड़ेगा, अपनी रक्षा करेगा और यूक्रेन जीतेगा.’
उन्होंने कहा, ‘दुनिया को पुतिन को रोकना चाहिए और वह रोक सकती है. यह समय काम करने का है.’
इस बीच यूक्रेन की राजधानी कीव के मेयर विटाली क्लिट्स्को ने निवासियों को महत्वपूर्ण कार्य होने पर ही घर से बाहर निकलने की सलाह दी है. साथ ही उन्होंने कहा कि यदि उन्हें घर खाली करने की आवश्यकता हो तो आवश्यक दस्तावेज के साथ अपना सामान तैयार रखें.
यूक्रेन भर के शहरों में विस्फोटों और हवाई हमले के सायरन बजने की खबरें आ रही हैं. समाचार एजेंसी एएफपी का कहना है कि उसके संवाददाताओं ने राजधानी कीव में नागरिकों को शरण लेने के लिए भूमिगत मेट्रो स्टेशनों की ओर जाते देखा है.
Explosions have been heard and air raid sirens sounded in cities across Ukraine after Russia announced a military operation into the country.@AFP correspondents have seen citizens in Kyiv heading to underground metro stations to take shelter, as authorities declare martial law pic.twitter.com/aPkbZWi7TE
— AFP News Agency (@AFP) February 24, 2022
दुनिया के कई देशों के नेताओं ने रूसी आक्रमण की निंदा की, जिससे बड़ी संख्या में जानमाल का नुकसान हो सकता है और यह (हमला) यूक्रेन की निर्वाचित सरकार को अपदस्थ कर सकता है. रूसी सैन्य कार्रवाई शुरू होने के बीच एशियाई शेयर बाजार में गिरावट देखी गई और तेल की कीमतों में वृद्धि हुई.
यूक्रेन संकट के समधान के लिए कई सप्ताह तक चले कूटनीतिक प्रयासों के विफल होने के बाद अमेरिका से लेकर एशिया और यूरोप के देश मास्को पर नए प्रतिबंधों की तैयारी में हैं. हालांकि, वैश्विक ताकतों का कहना है कि वे यूक्रेन के बचाव में सैन्य हस्तक्षेप नहीं करेंगे.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने गुरुवार को कहा कि रूस ने यूक्रेन के सैन्य आधारभूत बुनियादी ढांचे और देश के सीमा रक्षकों पर मिसाइल हमले किए हैं और कई शहरों में विस्फोटों की आवाज सुनी गई है.
वहीं, रूस के सैन्य हमले शुरू करने पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने देश में ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा की और नागरिकों से नहीं घबराने को कहा.
ज़ेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से बात की है और अमेरिका, यूक्रेन के लिए अंतररष्ट्रीय समर्थन जुटा रहा है. यूक्रेन के प्रशासन ने उनके देश को वायु हमले एवं गोला बारूद से निशाना बनाए जाने की बात कही है.
एक अलग बयान में यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस के सैन्य अभियान का उद्देश्य यूक्रेन को नष्ट करना है.
अमेरिका के राष्ट्रपति ने अकारण हमले की निंदा की
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि नए प्रतिबंध रूस को उसके आक्रमण के लिए दंडित करने के लिए हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस हमले की कई सप्ताह से आशंका थी, लेकिन कूटनीति के माध्यम से इसे रोका नहीं जा सका.
बाइडन ने यूक्रेन पर रूस के ‘बिना उकसावे वाले और अकारण’ हमले के इरादे की निंदा की है. राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी इसके लिए ‘रूस की जवाबदेही तय करेंगे.’
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक लिखित बयान में कहा, ‘रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक पूर्व नियोजित युद्ध को चुना है, जिसका लोगों के जीवन पर विनाशकारी प्रभाव होगा. इस हमले में लोगों की मौत और तबाही के लिए केवल रूस जिम्मेदार होगा.’
उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी एवं साझेदार एकजुट होकर एवं निर्णायक तरीके से इसका जवाब देंगे. दुनिया रूस की जवाबदेही तय करेगी.’
बाइडन ने कहा कि सात नेताओं के समूह की बैठक के बाद बृहस्पतिवार को अमेरिकी लोगों से बात करने की उनकी योजना है. बृहस्पतिवार को रूस के खिलाफ और प्रतिबंधों की घोषणा की जा सकती है.
रूस द्वारा पूरी ताकत से हमला करने की स्थिति में काफी संख्या में जानमाल का नुकसान हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप यूक्रेन की निर्वाचित सरकार अपदस्थ हो सकती है.
इस संघर्ष का परिणाम रूस पर दुनियाभर में प्रतिबंध के रूप में सामने आ सकता है, जिसका असर यूरोप को ऊर्जा सामग्री की आपूर्ति पर पड़ सकता है और वैश्विक वित्तीय बाजार पर भी गंभीर असर पड़ने की आशंका है.
दुनिया पर असर
रूस द्वारा पूरी ताकत से यूक्रेन पर हमला करने की स्थिति में काफी संख्या में जानमाल का नुकसान हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप यूक्रेन की निर्वाचित सरकार अपदस्थ हो सकती है.
इस संघर्ष का परिणाम रूस पर दुनियाभर से प्रतिबंध के रूप में सामने आ सकता है, जिसका असर यूरोप को ऊर्जा की आपूर्ति पर पड़ सकता है और वैश्विक वित्तीय बाजार पर भी गंभीर असर पड़ने की आशंका है.
वहीं, सैन्य कार्रवाई शुरू होने के बीच एशियाई शेयर बाजार में गिरावट देखी गई और तेल की कीमतों में वृद्धि देखी गई. वाल स्ट्रीट के सूचकांक में 1.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.
हमले के कारण तेल की कीमतों में करीब 6 डालर प्रति बैरल की वृद्धि दर्ज की गई है. बस्पतिवार को कच्चे तेल की कीमत 100 डालर प्रति बैरल को पार कर गई.
भारत ने रूस-यूक्रेन के बीच तनाव को तत्काल कम करने का आह्वान किया
भारत ने रूस और यूक्रेन के बीच तनाव को तत्काल कम करने का आह्वान किया और आगाह किया कि स्थिति एक बड़े संकट में तब्दील हो सकती है.
यूक्रेन की स्थिति पर 15 सदस्यीय देशों की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बुधवार देर रात एक आपात बैठक बुलाई थी. इस सप्ताह बुलाई गई यह दूसरी बैठक है और 31 जनवरी के बाद से रूस और यूक्रेन के बीच तनाव पर बुलाई चौथी बैठक थी.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन में सेना नहीं भेजने और ‘शांति से मसले हल करने’ की अपील की है. गुतारेस ने पुतिन से रूस में अपने सैनिकों को वापस लेने की अपील की.
उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन में एक विशेष सैन्य अभियान की घोषणा किए जाने को ‘अपने कार्यकाल का सबसे दुखद क्षण’ करार दिया है.
गुतारेस ने कहा, ‘वर्तमान परिस्थितियों में मुझे अपनी अपील बदलनी होगी. राष्ट्रपति पुतिन मानवता के नाम पर अपने सैनिकों को रूस वापस लाओ. यह संघर्ष अब रुकना चाहिए.’
Under the present circumstances, I must change my appeal:
President Putin, in the name of humanity, bring your troops back to Russia.
This conflict must stop now.
— António Guterres (@antonioguterres) February 24, 2022
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने परिषद को बताया कि भारत ने महज दो दिन पहले ही यूक्रेन पर परिषद की बैठक में तनाव को तत्काल कम करने का आह्वान किया था और स्थिति से संबंधित सभी मुद्दों को हल करने के लिए कूटनीति केंद्रित प्रयासों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया था.
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, हमें खेद है कि तनाव दूर करने के लिए विभिन्न पक्षों द्वारा की गई पहलों पर ध्यान देने के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के आह्वान पर ध्यान नहीं दिया गया. स्थिति के एक बड़े संकट में तब्दील होने का खतरा बना है.’
भारत ने मौजूदा घटनाक्रम पर अपनी ‘गहरी चिंता’ व्यक्त की और कहा कि इसे अगर सावधानी से नहीं संभाला गया, तो यह क्षेत्र की शांति तथा सुरक्षा को कमजोर कर सकता है.
भारत ने तत्काल तनाव कम करने और ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचने का आह्वान किया, जो स्थिति को और बदतर कर सकती हो.
संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्गिय किस्लित्सिया ने सुरक्षा परिषद को बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ‘यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा’ कर दी है. उन्होंने अपने रूसी समकक्ष पर यह कहने के लिए भी दबाव डाला कि रूस यूक्रेन के शहरों पर गोलाबारी और बमबारी नहीं करेगा.
नाटो के महासचिव जेन स्टोलटेनबर्ग ने बयान जारी करके रूस के लापरवाह और बिना उकसावे के यूक्रेन पर किए गए हमले की निंदा की, जिसने नागरिकों के जीवन को खतरें में डाल दिया है.
वहीं, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सूला वोन डेर लियेन ने क्रेमलिन की जवाबदेही तय करने की बात कही.
यूक्रेन पर रूसी सेना के हमले के मद्देनजर यूरोपीय संघ (ईयू) अब तक के ‘कठोरतम और बेहद नुकसानदायक’ प्रतिबंधों को लगाने की योजना बना रहा है.
यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि उनका लक्ष्य यूरोप समेत पूरी दुनिया की शांति व्यवस्था को स्थिरता प्रदान करना है. उन्होंने कहा, ‘हम मिलकर इसके लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को जिम्मेदार ठहरायेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘हम यूरोपीय नेताओं के समक्ष मंजूरी के लिए बड़े और लक्षित प्रतिबंधों का पैकेज पेश करेंगे.’
वहीं, रूस के विदेश मंत्रालय ने प्रतिबंधों को लेकर कहा कि रूस ने साबित किया है कि वह इसके प्रभावों को कम करने में सक्षम है.
नाटो ने सुरक्षा बलों की तैनाती को और मजबूत करने पर सहमति जताई
रूस द्वारा यूक्रेन में सैन्य हमले का आदेश दिए जाने के बाद नाटो ने यूक्रेन और रूस के पास स्थित अपने पूर्वी किनारे में अपनी जमीनी, समुद्री बलों और वायुसेना की तैनाती को मजबूत करने पर सहमति जताई.
नाटो के दूतों ने आपातकालीन वार्ता के बाद एक बयान में कहा, ‘हम गठबंधन के पूर्वी हिस्से में अतिरिक्त रक्षात्मक जमीनी और वायुसेना, साथ ही अतिरिक्त समुद्री परिसंपत्ति तैनात कर रहे हैं.’
बयान में कहा गया, ‘हमने सभी आकस्मिक स्थिति का जवाब देने के लिए अपने बलों की तैयारी बढ़ा दी है.’
नाटो के 30 सदस्य देशों में से कुछ यूक्रेन को हथियार, गोला-बारूद और अन्य उपकरणों की आपूर्ति कर रहे हैं. नाटो यूक्रेन के समर्थन में कोई सैन्य कार्रवाई शुरू नहीं करेगा, जो उसका एक करीबी भागीदार है.
संघर्ष के निकटतम देश- एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया और पोलैंड- नाटो की स्थापना संधि के अनुच्छेद 4 के तहत दुर्लभ परामर्श शुरू करने वालों में शामिल हैं, जो तब किया जा सकता है जब ‘क्षेत्रीय अखंडता, राजनीतिक स्वतंत्रता या किसी की (नाटो सदस्यों में से किसी की) सुरक्षा खतरे में होती है.’
दूतों ने कहा, ‘हमने सभी सहयोगियों की रक्षा के लिए अपनी रक्षात्मक योजना के अनुरूप, गठबंधन में प्रतिरोधक क्षमता और रक्षा को और मजबूत करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने का फैसला किया है.’
उन्होंने कहा, ‘हमारे कदम एहतियाती, आनुपातिक और गैर-उकसावे वाले हैं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)