ईडी ने महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच के सिलसिले में बुधवार को गिरफ़्तार किया है. राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने दावा किया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को खामोश करने के लिए किया जा रहा है.
मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और राज्य के कई अन्य मंत्रियों ने बृहस्पतिवार को धरना दिया.
राज्य सचिवालय मंत्रालय के नजदीक लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना स्थल पर सबसे पहले अजीत पवार ही पहुंचे.
राज्य के गृह मंत्री दिलीप वाल्से पाटिल, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट, जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल, आवास मंत्री जितेंद्र अव्हाड, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार, गृह राज्य मंत्री सतेज पाटिल और पर्यटन राज्य मंत्री अदिति तटकरे भी प्रदर्शन में शामिल हुए.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सांसद सुप्रिया सुले और राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर भी इस दौरान मौजूद रहीं.
थोराट ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को खामोश करने के लिए किया जा रहा है.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है और देश के इतिहास का एक काला अध्याय है.’
राकांपा की राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल ने कहा कि मलिक के खिलाफ लगे आरोप बेबुनियाद हैं. उन्होंने कहा कि मलिक आतंकवाद से संबंध के उन पर लगे सभी आरोपों का जवाब अदालत में देंगे.
उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को सत्ता से बाहर करने का प्रयास अभी तक सफल नहीं हुआ है. मंत्रिमंडल सदस्य के खिलाफ कार्रवाई इसी का हिस्सा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, धरने में शामिल हुईं शिवसेना की पार्षद मनीषा कायंदे ने दावा किया कि पिछले 27 महीनों से भाजपा, एमवीए सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है, जिसने काफी अच्छा कामकाज किया है.
ईडी ने महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक (62) को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच के सिलसिले में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया था.
इसके बाद मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उन्हें तीन मार्च तक के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया.
इससे पहले मलिक से दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट इलाके में ईडी के दफ्तर में करीब छह घंटे तक पूछताछ की गई. एजेंसी का कहना है कि यह जांच, भगौड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम, उसके सहयोगियों और मुंबई अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों से संबंधित है.
इस बीच सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी के शीर्ष नेताओं की बुधवार शाम हुई एक बैठक के बाद राकांपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा था कि मलिक का इस्तीफा लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है.
एमवीए, में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं.
वहीं, नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुणे नगर निगम कार्यालय के बाहर धरना दिया.
Maharashtra | BJP workers hold a protest outside the Pune Municipal Corporation office, demanding the resignation of state minister and NCP leader Nawab Malik.
Malik has been remanded to ED custody till March 3, in a money laundering case. pic.twitter.com/gi3taBPns4
— ANI (@ANI) February 24, 2022
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा नवाब मलिक की गिरफ्तारी के विरोध में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेता मोहित कंभोज का कथित तौर पर तलवार दिखाते हुए एक वीडियो सामने आया.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे घटना की पुष्टि कर रहे हैं.
मलिक की गिरफ्तारी के बाद कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने पश्चिमी उपनगर सांताक्रूज में कंभोज के आवास के बाहर पटाखे फोड़े. कार्यकर्ताओं में से एक ने कंभोज को तलवार दी, जिसे उन्होंने कथित तौर पर हवा में लहराया.
वीडियो सामने आते ही पुलिस की टीम मामले की जांच के लिए मौके पर पहुंच गई. अधिकारी ने कहा, ‘हमारी टीम मौके पर गई और सत्यापन प्रक्रिया जारी है.’
गुरुवार को एक अधिकारी ने कहा कि मुंबई भाजपा युवा विंग के पूर्व अध्यक्ष मोहित कंभोज के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर तलवार लहराने और कोविड-19 मानदंडों के उल्लंघन के लिए प्राथमिकी दर्ज की है.
अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने बुधवार रात कंभोज के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत 188 (लोक सेवक के आदेश की अवहेलना) और शस्त्र अधिनियम और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)