रूस की सेना का दावा है कि उसने यूक्रेन की राजधानी कीव के बाहर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एक विमानतल को अपने कब्ज़े में ले लिया है, साथ ही रूसी सैनिक कीव में घुस चुके हैं. रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि उनका कोई सैनिक हताहत नहीं है, वहीं यूक्रेन ने कहा कि क़रीब हज़ार रूसी सैनिक मारे गए हैं.
कीव/वारसा/वाशिंगटन/नई दिल्ली/मॉस्को: रूस ने यूक्रेन के शहरों और सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले करने और तीन तरफ से सैनिकों और टैंकों को भेजने के बाद शुक्रवार को राजधानी के बाहरी इलाके में आक्रमण कार्रवाई तेज कर दी.
रूस की यह कार्रवाई वैश्विक शीत युद्ध के बाद के सुरक्षा इतिहास को संभवत: नए सिरे से लिखेगी. कीव में दिन निकलने से पहले ही धमाकों की आवाजें सुनाई देने लगीं और बाद में सरकारी क्वार्टर के पास गोलियों की आवाज सुनी गई.
यूक्रेन के खिलाफ बड़े सैन्य अभियान की घोषणा करते हुए पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरंदाज किया और अन्य देशों को चेतावनी दी कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ‘ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने कभी नहीं देखे होंगे.’
इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने वैश्विक नेताओं से पूर्व में लगाए गए प्रतिबंधों की तुलना में रूस के खिलाफ अधिक कठोर पाबंदी लगाने का आग्रह किया है.
उन्होंने कहा, ‘यदि आप अभी हमारी मदद नहीं करते हैं, यदि आप यूक्रेन को मजबूत सहायता प्रदान करने में नाकाम रहते हैं तो कल युद्ध आपके दरवाजे पर दस्तक देगा.’
उधर, पश्चिमी देशों के नेताओं ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है और यूक्रेन के राष्ट्रपति ने ऐसे हमलों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की गुहार लगाई है क्योंकि उन्हें आशंका है कि रूस लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई उनकी सरकार को बेदखल कर सकता है.
यूक्रेन में बड़े पैमाने पर लोग हताहत हो सकते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है.
यूक्रेन की राजधानी के खतरे में घिरने के संकेतों के बीच सेना ने शुक्रवार को कहा कि रूसी जासूसों और विध्वंसक गतिविधियों में लिप्त लोगों के एक समूह को शहर के केंद्र से लगभग पांच किलोमीटर उत्तर में कीव के एक जिले में देखा गया.
इससे पहले, सेना ने कहा था कि रूसी सुरक्षा बलों ने दो यूक्रेनी सैन्य वाहनों पर कब्जा कर लिया है और स्थानीय होने का दिखावा कर घुसपैठ के लिए शहर की ओर बढ़ रहे हैं.
वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि कीव की ‘संभवत: घेराबंदी कर ली गई है.’ अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में अपनी पसंद की सरकार थोपना चाहते हैं.
शुक्रवार तड़के कीव में हवाई हमले के सायरन बजते ही सिटी सेंटर के एक होटल के मेहमानों को एक अस्थायी सुरक्षित तहखाने की ओर जाने के लिए कहा गया, जिसमें गद्दे और पानी की बोतलों के ढेर लगे थे. कार्यकर्ताओं, सभी स्थानीय विश्वविद्यालय के छात्रों ने मेहमानों को चाय और नमकीन बांटी. कुछ लोग धूम्रपान करने या ताजी हवा लेने के लिए आंगन में चले गए.
कार्यकर्ताओं में से एक लुसी वाशाका (20) ने कहा, ‘हम सभी डरे हुए और चिंतित हैं. हम नहीं जानते कि क्या करना है, कुछ दिनों में क्या होने वाला है?’
बृहस्पतिवार को शहरों और सैन्य ठिकानों पर एक के बाद एक किए गए मिसाइल हमलों के साथ आक्रमण शुरू हुआ और फिर पैदल सेना ने यूक्रेन की तरफ कूच किया.
पूर्व में कई क्षेत्रों से सैनिक दाखिल होने लगे. क्रीमिया के दक्षिणी क्षेत्र से भी सैनिक आए, जिस पर रूस ने 2014 में कब्जा कर लिया था. पड़ोसी देश बेलारूस से भी रूसी सैनिकों ने धावा बोल दिया.
यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया है कि बंद पड़े चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र से उनका संपर्क खत्म हो गया है. इसी जगह पर दुनिया की सबसे भीषण परमाणु त्रासदी हुई थी. देश के कई हिस्सों में लोग हड़बड़ी में सुरक्षित स्थानों तक जाने के लिए ट्रेनों और कारों में सवार होते देखे गए.
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि रूस के हमले में अभी तक 10 सैन्यकर्मियों समेत 137 नागरिक मारे गए हैं.
Ukraine's Defence Ministry says more than 1,000 Russian soldiers were killed so far in Ukraine conflict: Reuters
— ANI (@ANI) February 25, 2022
बताया जा रहा है कि लगभग 1000 रूसी सैनिक मारे गए हैं. हालांकि मास्को ने हताहतों की संख्या नहीं बताई है. किसी भी दावे को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका है.
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यह कहते हुए भावनात्मक संबोधन का समापन किया कि ‘देश का भविष्य पूरी तरह से हमारी सेना, सुरक्षा बलों, हमारे सभी रक्षकों पर निर्भर करता है.’
उन्होंने यह भी कहा कि देश ने मास्को से सुना है कि ‘वे यूक्रेन की तटस्थ स्थिति के बारे में बात करना चाहते हैं.’ जेलेंस्की ने रूस की मांग का संदर्भ दिया कि यूक्रेन नाटो गठबंधन में शामिल होने का इरादा त्याग दे.
कीव पर रूसी हमले के डर से रात होते ही हजारों लोग भूमिगत बंकरों, मेट्रो स्टेशनों के भीतर चले गए. एक मेट्रो स्टेशन के भीतर शरण लिए हुए एंटन मिरोनोव ने कहा, ‘किसी को विश्वास नहीं था कि यह युद्ध शुरू हो जाएगा और वे कीव को भी निशाने पर लेंगे.’
कुछ लोग अस्थायी बंकरों में रात बिताकर सुबह बाहर निकले. राजमार्ग पर सैन्य टुकड़ियों के साथ आम लोगों की कारें भी आ जा रही थीं. ईंधन केंद्रों पर बृहस्पतिवार को लंबी-लंबी कतारें नजर आई थी.
हालांकि रूस ने कहा है कि वह शहरों को निशाना नहीं बना रहा लेकिन पत्रकारों ने कई रिहायशी क्षेत्रों में तबाही का मंजर देखा.
कीव के मेयर विटाली क्लिट्स्को ने कहा कि शुक्रवार को शहर में एक बहुमंजिला अपार्टमेंट में एक रॉकेट हमले से आग लगने के बाद कम से कम तीन लोग घायल हो गए.
रूसी सैन्य बलों के उत्तर से कीव की तरफ कूच करने की खबरों के बीच यूक्रेन की सेना कीव के उत्तर-पश्चिम में 60 किलोमीटर दूर दुश्मन फौज से भीषण लड़ाई लड़ रही है. रूसी सैनिक सीमा के पास स्थित सूमी शहर में भी दाखिल हो चुके हैं. यहां से एक राजमार्ग राजधानी कीव की ओर जाता है.
यूक्रेन में गृह मंत्रालय के सलाहकार एंतोन गेराशेंको ने टेलीग्राम पर कहा, ‘आज का दिन बहुत भारी बीतेगा. दुश्मन की योजना टैंक के जरिये इवांकीव और चेर्निहाइव के रास्ते कीव में दाखिल होने की है.’
राष्ट्रपति जेलेंस्की के सलाहकार मायहेलो पोडोलीक ने बताया कि आक्रमण शुरू होने के कुछ घंटों बाद, रूसी सेना ने चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र और उसके आस-पास के क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित कर लिया.
वियना स्थित अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने कहा है कि उसे यूक्रेन द्वारा कब्जे के बारे में बताया गया था. साथ ही कि ‘औद्योगिक स्थल पर कोई हताहत या तबाही नहीं हुई है.’
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने नए प्रतिबंधों की घोषणा की है जो रूसी बैंकों, अमीर लोगों, सरकारी नियंत्रण वाली कंपनियों और उच्च-तकनीकी क्षेत्रों को लक्षित करेंगे.
उन्होंने कहा, पुतिन ने ‘इस युद्ध को चुना’ है. बाइडन ने यह भी कहा कि ऐसे उपाय किए गए हैं कि वैश्विक ऊर्जा बाजार प्रभावित नहीं हो. रूसी तेल और प्राकृतिक गैस निर्यात यूरोप के लिए महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत हैं.
बाइडन शुक्रवार को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सहयोगी नेताओं के साथ मुलाकात भी करने वाले हैं, जिसे ह्वाइट हाउस ने यूक्रेन पर चर्चा करने के लिए डिजिटल तरीके से आयोजित ‘असाधारण शिखर सम्मेलन’ के रूप में वर्णित किया है.
बाइडन ने कहा कि अगर पुतिन नाटो देशों में घुसेंगे, तो अमेरिका हस्तक्षेप करेगा. बाइडन ने कहा कि अगर उनके रूसी समकक्ष को अभी नहीं रोका गया, तो उनका हौसला बढ़ेगा.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए कहा है कि उन्होंने ब्रिटेन के वित्तीय बाजारों से रूस को दूर करने का लक्ष्य रखा है. सभी बड़े रूसी बैंकों की संपत्ति पर रोक लगाने और रूसी कंपनियों तथा क्रेमलिन को ब्रिटिश बाजारों से धन जुटाने से रोकने की योजना प्रस्तुत की गई है.
यूरोप में कुछ लोगों ने नए विश्व युद्ध के बारे में आशंका जताई है तो वहीं अमेरिका और उसके नाटो सहयोगियों ने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है कि वे यूक्रेन में सेना भेजेंगे.
नाटो ने एहतियात के तौर पर पूर्वी यूरोप में अपने सदस्यों को मजबूत करना शुरू कर दिया है. बाइडन ने कहा कि नाटो के तहत अमेरिका जर्मनी में अतिरिक्त बल तैनात कर रहा है. यूक्रेन के लोगों से नहीं घबराने और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को कहा गया है.
पुतिन ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दी
विश्व के किसी नेता द्वारा खुलेआम परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की धमकी दिए जाने को काफी अरसा बीत चुका है, लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आखिरकार ऐसा कर ही दिया.
उन्होंने अपने हालिया संबोधन में चेतावनी दी कि अगर कोई रूस को यूक्रेन पर कब्जा करने से रोकने की हिमाकत करता है तो उनके (मास्को के) पास जवाब देने के लिए परमाणु हथियार उपलब्ध हैं.
उनकी इस धमकी ने सबका ध्यान आकर्षित किया है. लोगों के मन में यह सवाल आ रहे हैं कि क्या यूक्रेन पर कब्जे की पुतिन की महत्वाकांक्षा किसी हादसे या गलत अनुमान की वजह से परमाणु युद्ध को हवा दे सकती है.
President Vladimir Putin threatened “consequences you have never faced in your history” for “anyone who tries to interfere with us.” His speech, intended to justify the invasion of Ukraine, seemed to come close to threatening nuclear war. https://t.co/98DJWNFYOo pic.twitter.com/AEUXpmJ2Uy
— The New York Times (@nytimes) February 24, 2022
यूक्रेन पर हमले से पहले बृहस्पतिवार के अपने संबोधन में पुतिन ने कहा था, ‘तत्कालीन सोवियत संघ के विघटन के बाद सैन्य लिहाज से अपनी क्षमताओं का एक बड़ा हिस्सा खोने के बाद भी रूस आज दुनिया के सबसे ताकतवर परमाणु देशों में एक है.’
उन्होंने कहा था, ‘रूस कई अत्याधुनिक हथियारों के लिहाज से भी बेहद मजबूत स्थिति में है. इसके मद्देनजर किसी को भी कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि किसी भी संभावित हमलावर को हार का सामना करना पड़ेगा और हमारे देश पर हमला करने के बेहद घातक अंजाम भुगतने होंगे.’
परमाणु प्रतिक्रिया के संकेत देकर पुतिन ने उन आशंकाओं को बल दे दिया है कि यूक्रेन में जारी लड़ाई आगे चलकर रूस और अमेरिका के बीच परमाणु युद्ध में तब्दील हो सकती है.
महाविनाश के इस मंजर से वे लोग वाकिफ हैं, जो शीतयुद्ध काल में बड़े हुए, जब अमेरिकी छात्रों से परमाणु सायरन बजने पर स्कूल में अपनी डेस्क के नीचे छिपने के लिए कहा जाता था.
हालांकि, बर्लिन की दीवार ढहने और तत्कालीन सोवियत संघ के विघटन के बाद यह खतरा धीरे-धीरे खत्म हो गया था, जब दोनों शक्तियां निरस्त्रीकरण, लोकतंत्र और समृद्धि की राह पर बढ़ने लगी थीं.
यही नहीं, 1945 के बाद से किसी भी देश ने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया है. उस साल अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने जापान पर इस यकीन के साथ परमाणु बम गिराने के आदेश दिए थे कि यह द्वितीय विश्व युद्ध को जल्द समाप्त करने का सबसे कारगर तरीका होगा.
इस कदम ने द्वितीय विश्व युद्ध को खत्म भी किया, लेकिन हिरोशिमा और नागासाकी में लगभग 2,00,000 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर आम आदमी थे. आज भी, दुनियाभर में कई लोग इसे मानवता के खिलाफ अपराध मानते हैं और सवाल करते हैं कि क्या परमाणु हमला करना जरूरी था.
रूस सैनिकों ने कीव के निकट रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एक विमानतल पर नियंत्रण किया
रूस की सेना ने दावा किया है कि उसने यूक्रेन की राजधानी कीव के बाहर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एक विमानतल को अपने कब्जे में ले लिया है. इसके साथ ही रूसी सैनिकों ने कीव में प्रवेश करना शुरू कर दिया है. इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है.
होस्तोमेल के हवाई अड्डे पर एक लंबा रनवे है जो भारी मालवाहक विमानों की उड़ानों को संभाल सकता है. इसके कब्जे में आने से रूस कीव के बाहरी इलाकों में सीधे अपने सैनिक उतार सकता है.
होस्तोमेल, कीव से मात्र सात किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है.
रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेन्कोव ने शुक्रवार को कहा कि रूसी सैनिकों ने होस्तोमेल पर उतरने के लिए 200 हेलीकॉप्टरों का सहारा लिया और यूक्रेन के 200 से सैनिकों को मार गिराया.
कोनाशेन्कोव ने दावा किया कि रूसी सैनिकों को कोई नुकसान नहीं हुआ, हालांकि यूक्रेन का दावा है कि लड़ाई के दौरान बड़ी संख्या में रूसी सैनिक मारे गए हैं.
युद्ध के ख़िलाफ़ रूस में प्रदर्शन, हज़ार से अधिक प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए गए
यूक्रेन पर हमले के बीच रूस को अपने ही नागरिकों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा, जो बृहस्पतिवार को उनके देश की युद्ध कार्रवाई के बाद हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए और ‘से नो टू वॉर’ (युद्ध को न) कहते हुए प्रदर्शन किया.
We are in downtown Moscow where hundreds are protesting against the Ukraine invasion. Arrests. A large police presence. It takes a special kind of bravery to protest in Putin’s Russia – especially on the day he sends his country to war. pic.twitter.com/zDJEEKU03m
— James Longman (@JamesAALongman) February 24, 2022
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सैन्य अभियान की शुरुआत करते हुए अन्य देशों को चेतावनी दी है कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखे होंगे.
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, सेंट पीटर्सबर्ग में हुई रैली में आई एक महिला ने इस बारे में कहा, ‘मेरे पास शब्द नहीं हैं. यह घृणित है. अब कहने को बचा ही क्या है? हम बेबस महसूस कर रहे हैं, पीड़ा भी है.’
वे कई शहरों में प्रदर्शन के लिए निकले हजारों रूसी नागरिकों में से थीं, जो अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए सड़कों पर उतर आए, बताया जा रहा है कि हजारों लोगों को हिरासत में लिया गया है.
This video shows how quickly a peaceful Russian protester holding up a sign just saying "нет войне" (no war!) is taken down.
This people are risking a lot, their govt. is using force to stop protests. The world is watching their courage!#нетвойне ☮️https://t.co/7EzIan4c95
— Dalai, das Lama ☮️ (@DalaiDasLama) February 24, 2022
इससे पहले गुरुवार को दर्जनों पत्रकारों, रिपोर्टर और मीडिया हस्तियों, मुख्य रूप से स्वतंत्र संस्थानों के साथ-साथ बीबीसी ने यूक्रेन में रूस के अभियान की निंदा करने वाले एक पिटीशन पर दस्तखत किए हैं.
वहीं मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग, समारा, रियाज़ान और अन्य शहरों के सौ से अधिक म्युनिसिपल डेप्युटी ने रूस के नागरिकों को एक खुला खत लिखते हुए इस अभियान का का हिस्सा न बनने और चुप न रहने का आग्रह किया है.
उन्होंने लिखा, ‘हम, लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि यूक्रेन पर रूसी सेना के हमले की निंदा करते हैं. यह एक अभूतपूर्व अत्याचार है जिसे सही ठहराया ही नहीं जा सकता.’
Elena Kovalskaya, the director of Moscow’s Vsevolod Meyerhold State Theater and Cultural Center, has announced her resignation in protest against the invasion of Ukraine. “It’s impossible to work for a murderer and collect a salary from him,” she writes. pic.twitter.com/RhG4wjRww7
— Kevin Rothrock (@KevinRothrock) February 24, 2022
रूस के टीवी चैनल डोज़हद (Dozhd) द्वारा जारी एक वीडियो में विपक्षी नेता एलेक्सी नवालनी भी इस कार्रवाई का विरोध करते नजर आ रहे हैं. वे कहते दिखते हैं, ‘मैं इस युद्ध के खिलाफ हूं. पुतिन अंदरूनी समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए ये सब कर रहे हैं.’
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, इससे पहले गुरुवार को रूसी अधिकारियों ने युद्ध-विरोधी लोगों को प्रदर्शन के लिए इकट्ठा न होने को लेकर चेतावनी दी थी.
जांच समिति, एक सरकारी निकाय जो प्रमुख अपराधों की जांच करता है, ने नागरिकों को ‘तनावपूर्ण विदेशी राजनीतिक स्थिति’ से संबंधित बिना अनुमति प्राप्त विरोध-प्रदर्शनों में शामिल होने पर कानूनी नतीजे भुगतने की चेतावनी दी थी.
पुतिन आक्रमणकारी हैं, उन्होंने यूक्रेन में युद्ध को चुना: बाइडन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन पर ‘आक्रमणकारी’ होने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि रूस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को चुना.
बाइडन ने रूस के खिलाफ नए आर्थिक प्रतिबंधों की घोषणा की. बाइडन ने कहा, ‘पुतिन एक आक्रमणकारी हैं. पुतिन ने युद्ध चुना.’
उन्होंने रूस के खिलाफ कड़े आर्थिक प्रतिबंधों की घोषणा की, लेकिन रूसी बलों के खिलाफ युद्ध के लिए यूक्रेन में अमेरिकी बलों को भेजने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि दुनिया रूस के खिलाफ एकजुट है.
बाइडन ने कहा कि यदि रूस अमेरिका पर साइबर हमला करता है, तो अमेरिका उसका जवाब देने के लिए तैयार है. उन्होंने नाटो बलों की सहायता के लिए और बलों को भेजने की घोषणा भी की.
बाइडन ने कहा कि रूसी बैंकों, कुलीन वर्गों और उच्च प्रौद्योगिकी वाले क्षेत्रों को निशाना बनाकर प्रतिबंध लगाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी चार बड़े रूसी बैंकों की संपत्तियों को ब्लॉक करेंगे, निर्यात पर नियंत्रण लागू करेंगे और कुलीन वर्गों पर प्रतिबंध लगाएंगे.
इससे पहले, बाइडन ने यूक्रेन पर रूस के ‘बिना किसी उकसावे और अनुचित’ हमले के लिए एकजुट प्रतिक्रिया पर चर्चा करने के लिए बृहस्पतिवार को जी-7 देशों के नेताओं के साथ डिजिटल बैठक की.
उन्होंने कहा, ‘मैंने यूक्रेन पर राष्ट्रपति पुतिन के अनुचित हमले पर चर्चा करने के लिए अपने जी7 समकक्षों के साथ आज सुबह बैठक की. हमने रूस को जवाबदेह ठहराने के लिए विनाशकारी प्रतिबंध लगाने और अन्य आर्थिक कदम उठाने पर सहमति जताई. हम यूक्रेन के बहादुर लोगों के साथ खड़े हैं.’
जी-7 दुनिया की सात उन्नत अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है. इसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं.
यूक्रेन संकट पर भारत के साथ विचार-विमर्श करेगा अमेरिका: बाइडन
जो बाइडन ने कहा कि रूस के सैन्य अभियान के बाद यूक्रेन संकट पर अमेरिका भारत के साथ विचार-विमर्श करेगा.
बाइडन ने यूक्रेन संकट पर ह्वाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान सवाल किया गया था कि क्या भारत रूसी हमले पर अमेरिका के साथ पूरी तरह खड़ा है.
इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘हम (यूक्रेन संकट पर) भारत के साथ विचार-विमर्श करेंगे.’ ऐसा समझा जा रहा है कि यूक्रेन संकट को लेकर भारत और अमेरिका का रुख समान नहीं है.
रूस के साथ भारत की पुरानी और समय की कसौटी पर खरी उतरी मित्रता रही है. अमेरिका के साथ उसकी रणनीतिक साझेदारी पिछले डेढ़ दशक में अभूतपूर्व गति से बढ़ी है.
नरेंद्र मोदी ने की पुतिन से बात की, तत्काल हिंसा रोकने की अपील
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन पर रूस के हमले से पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर बृहस्पतिवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और तत्काल हिंसा रोकने की अपील करते हुए सभी पक्षों से कूटनीतिक बातचीत और संवाद की राह पर लौटने के ठोस प्रयास करने का आह्वान किया.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के दौरान ‘अपने दीर्घकालिक दृढ़ विश्वास’ को दोहराया कि रूस और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) समूह के बीच मतभेदों को सिर्फ ‘ईमानदार और गंभीर वार्ता’ से ही सुलझाया जा सकता है.
पीएमओ के अनुसार, इस दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन से संबंधित हालिया घटनाक्रम से अवगत कराया.
इसने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने तत्काल हिंसा रोकने की अपील की तथा सभी पक्षों से कूटनीतिक बातचीत और संवाद की राह पर लौटने के ठोस प्रयास करने का आह्वान किया.’
टेलीफोन पर हुई बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों, खासकर छात्रों की सुरक्षा से जुड़ी भारत की चिंताओं से भी अवगत कराया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षित वापसी भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
रूसी पक्ष द्वारा मोदी-पुतिन वार्ता के बारे में जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि मोदी ने वर्तमान में यूक्रेन में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायता मांगी, जिस पर राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि ‘आवश्यक निर्देश’ दिए जाएंगे.
पीएमओ ने कहा कि नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि उनके अधिकारी और राजनयिक दल सामयिक हितों के मुद्दों पर नियमित संपर्क बनाए रखेंगे.
मोदी-पुतिन वार्ता के बारे में रूसी बयान में कहा गया कि बातचीत के दौरान पुतिन ने डोनबास की नागरिक आबादी के खिलाफ ‘कीव की आक्रामक कार्रवाई’ के बुनियादी आकलन के साथ-साथ मिन्स्क समझौतों को तोड़ने के उद्देश्य से यूक्रेन की ‘विनाशकारी नीति’ को रेखांकित किया.
रूस के बयान में कहा गया, ‘इन परिस्थितियों में, और रूस के लिए अस्वीकार्य यूक्रेन के क्षेत्र में अमेरिका तथा उसके नाटो सहयोगियों के सैन्य घटनाक्रम के चलते एक विशेष सैन्य अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया.’
बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्टीकरण के लिए धन्यवाद दिया और वर्तमान में यूक्रेन में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायता मांगी. इसमें कहा गया कि राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे.
बयान में कहा गया कि दिसंबर 2021 में आयोजित रूस-भारत शिखर सम्मेलन के संदर्भ में द्विपक्षीय सहयोग के कुछ मुद्दों पर बात हुई. भारत सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव कम करने के लिए दबाव बना रहा है.
मोदी-पुतिन के बीच टेलीफोन पर बातचीत रूसी हमले के बाद यूक्रेन द्वारा भारत का समर्थन मांगे जाने के कुछ घंटों बाद हुई.
पुतिन से प्रधानमंत्री मोदी की इस वार्ता से पहले यूक्रेन ने कहा था कि रूस के साथ भारत के विशेष संबंध हैं और स्थिति को सामान्य बनाने के लिए वह अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकता है.
यूक्रेन पर रूसी हमलों में आई तेजी के बाद भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने कहा कि रूस के सैन्य आक्रमण के कारण उत्पन्न संकट पर भारत के रुख को लेकर उनका देश (यूक्रेन) ‘काफी असंतुष्ट’ है. साथ ही उन्होंने स्थिति को सामान्य बनाने के लिए भारत से समर्थन मांगा.
पोलिखा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन कुछ गिने-चुने नेताओं में शामिल शामिल हैं, जिनकी बात रूसी राष्ट्रपति पुतिन सुनते हैं तथा नई दिल्ली, मास्को के साथ इस निकटता का उपयोग स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कर सकती है.
पुतिन से बातचीत से पहले प्रधानमंत्री ने सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता की और इसमें भारतीयों की सुरक्षित वापसी पर जोर दिया.
इस अहम बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए.
आधिकारिक सूत्रों की ओर से जारी एक वीडियो के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और हरदीप सिंह पुरी भी इस बैठक में शामिल हुए. हालांकि गोयल और पुरी सीसीएस के सदस्य नहीं हैं.
बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा सहित कई शीर्ष स्तरीय अधिकारी भी उपस्थित थे.
यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में सभी भारतीय नागरिकों को शांति बनाए रखने और सुरक्षित रहने की सलाह दी है.
यूक्रेन में 20,000 से अधिक भारतीय फंसे हुए हैं. इनमें अधिकतर छात्र हैं. महाराष्ट्र, केरल, हरियाणा, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक और उत्तराखंड सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने सरकार से यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)