एयर इंडिया की दूसरी निकासी उड़ान यूक्रेन में फंसे 250 भारतीय नागरिकों को लेकर रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से रविवार तड़के दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंची. इससे पहले बुखारेस्ट से शनिवार रात पहली निकासी उड़ान से 219 लोगों को मुंबई लाया गया था.
नई दिल्ली: एयर इंडिया की दूसरी निकासी उड़ान यूक्रेन में फंसे 250 भारतीय नागरिकों को लेकर रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से रविवार तड़के दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंची. सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यूक्रेन से लाए गए भारतीयों का स्वागत किया.
अधिकारियों ने बताया कि दूसरी निकासी उड़ान एआई1942 रविवार तड़के करीब दो बजकर 45 मिनट पर 250 भारतीय नागरिकों को लेकर दिल्ली हवाईअड्डे पहुंची.
मंत्री ने कहा, ‘इसलिए कृपया यह संदेश अपने सभी मित्रों तथा सहकर्मियों तक पहुंचाएं कि हम उनके साथ हैं और हम उन्हें सुरक्षित वापस लाने की गारंटी देंगे.’
सिंधिया ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आपका स्वागत करता हूं. मैं एयर इंडिया की टीम को भी बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने आप सभी को वापस लाने के लिए इतना प्रयास किया.’
यूक्रेन के अधिकारियों ने 24 फरवरी की सुबह यात्री विमानों के परिचालन के लिए अपने देश का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था, इसलिए भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए ये उड़ानें बुखारेस्ट और बुडापेस्ट से परिचालित की जा रही हैं.
अधिकारियों ने बताया कि जो भी भारतीय नागरिक सड़क मार्ग से यूक्रेन-रोमानिया और यूक्रेन-हंगरी सीमा पर पहुंचे थे, उन्हें भारत सरकार के अधिकारियों की मदद से सड़क मार्ग से क्रमश: बुखारेस्ट और बुडापेस्ट ले जाया गया ताकि उन्हें एयर इंडिया की उड़ान के जरिये स्वदेश लाया जा सके.
उन्होंने बताया कि सरकार यूक्रेन में फंसे नागरिकों को लाने के लिए कोई शुल्क नहीं वसूल रही है.
सिंधिया ने हवाईअड्डे पर पत्रकारों को बताया कि यूक्रेन में अभी तकरीबन 13,000 भारतीय फंसे हुए हैं.
उन्होंने कहा, ‘आप जानते हैं कि वहां (यूक्रेन) बहुत संवेदनशील स्थिति है. इस स्थिति में हम दूरसंचार के माध्यम से छात्रों समेत प्रत्येक भारतीय नागरिक से बात कर रहे हैं. हम जल्द से जल्द उन्हें वापस लाएंगे.’
एयर इंडिया ने ट्वीटर पर हवाईअड्डे पर लौटे भारतीयों का स्वागत करते हुए सिंधिया की तस्वीरें साझा की हैं.
एयरलाइन ने कहा, ‘विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 27 फरवरी की तड़के एआई1942 से बुखारेस्ट से दिल्ली वापस लाए गए भारतीय नागरिकों का स्वागत कर रहे हैं, यह उड़ान युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए संचालित की गई.’
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने 24 फरवरी को कहा था कि यूक्रेन में करीब 16,000 भारतीय फंसे हैं जिनमें से अधिकतर छात्र हैं.
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने शनिवार को ट्वीट किया था कि यूक्रेन में भारतीय दूतावास हेल्पलाइन नंबरों का इस्तेमाल कर भारत सरकार के अधिकारियों के साथ समन्वय के बिना किसी भी सीमा चौकी की ओर न बढ़ें.
उसने कहा था, ‘विभिन्न सीमा जांच चौकियों पर स्थिति संवेदनशील है और दूतावास हमारे नागरिकों को समन्वित तरीके से निकालने के लिए पड़ोसी देशों में हमारे दूतावासों के साथ मिलकर निरंतर काम कर रहा है.’
दूतावास ने कहा कि उन भारतीयों को निकालना मुश्किल हो रहा है जो बिना सूचना दिए सीमा जांच चौकियों पर पहुंच गए हैं.
उसने कहा कि पश्चिमी यूक्रेन के शहरों में रह रहे लोग अपेक्षाकृत ‘सुरक्षित’ माहौल में है और उनके पास बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं. उसने कहा, ‘कृपया ध्यान दें कि पानी, भोजन, आवास और बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच के साथ यूक्रेन के पश्चिमी शहरों में रहना स्थिति से पूरी तरह अवगत हुए बिना सीमा जांच चौकियों पर पहुंचने के मुकाबले अधिक सुरक्षित है.’
दूतावास ने कहा, ‘अभी पूर्वी सेक्टर में रह रहे सभी लोगों से अगले आदेश तक अपने निवास स्थान पर ही शांतिपूर्वक रहने तथा जो भी भोजन, पानी और सुविधाएं उपलब्ध हो उनके साथ ही घरों या आश्रय स्थलों के भीतर रहने व धैर्य रखने का अनुरोध किया जाता है.’
यूक्रेन में हालात बेहद खराब हैं: लौटे हुए छात्र
रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से 250 लोगों को लेकर भारत पहुंचे विमान से महाराष्ट्र के सोलापुर की सूर्या सुभाष भी लौटी हैं. वह कहती हैं कि लंबी यात्रा के बाद वह अपने देश पहुंच कर राहत महसूस कर रही हैं.
उन्होंने कहा, ‘वहां (यूक्रेन) हालात बेहद खराब हैं. लोग फंसे हुए हैं.’ यूक्रेन से वापस लौटे छात्र राहत की सांस तो ले रहे हैं लेकिन कुछ छात्र अपनी आगे की पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं.
‘बोकोवीनियन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी’ में एमबीबीएस के चौथे वर्ष के छात्र विपिन एड ने बताया कि उन्हें और उनके दोस्तों को शुक्रवार को यूक्रेन-रोमानिया सीमा पर करीब 12घंटे तक इंतजार करना पड़ा क्योंकि एक लंबी प्रकिया पूरी की जानी थी.
विपिन केरल के तिरुवनंतपुरम से हैं और कहते हैं कि उन्हें सीमाई इलाके की करीब पांच किलोमीटर की यात्रा पैदल करनी पड़ी क्योंकि वाहनों की लंबी कतारों से जाम लग गया था.
यूक्रेन से स्वदेश लौटने वालों में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक और केरल जैसे विभिन्न राज्यों के लोग हैं.
इन लोगों ने उन्हें सुरक्षित निकालने और उनकी जान बचाने के लिए भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया.
चेरनिवसी के बोकोवीनियन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रथम वर्ष की छात्रा सुष्मिता राठौर ने कहा, ‘यूक्रेन में हालात अच्छे नहीं है. हम अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं. लेकिन वापस आकर अच्छा लगा. मुझे वापस लाने के लिए मैं सरकार को धन्यवाद देती हूं.’
एक अन्य छात्रा श्रद्धा शेट्टे ने सरकार से यूक्रेन में फंसे शेष भारतीय छात्रों को वापस लाने का आग्रह किया.
गौरतलब है कि भारत ने यूक्रेन में रूसी सेना के आक्रमण के बीच वहां फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए शनिवार को अभियान शुरू किया. पहली निकासी उड़ान एआई1944 से बुखारेस्ट से 219 लोगों को मुंबई लाया गया.
अधिकारियों ने बताया कि दूसरी निकासी उड़ान एआई1942 रविवार तड़के करीब दो बजकर 45 मिनट पर 250 भारतीय नागरिकों को लेकर दिल्ली हवाईअड्डे पहुंची.
एअर इंडिया की तीसरी निकासी उड़ान एआई1940 हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से रवाना हो गयी है और उसके रविवार को 240 लोगों के साथ दिल्ली लौटने की उम्मीद है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)