रविवार को रूसी सेना यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में दाखिल होने की कोशिश की, लेकिन शहर के गवर्नर के अनुसार, इसे नाकाम कर दिया गया. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की बिना किसी ‘पूर्व शर्त’ के बेलारूस के साथ अपनी सीमा पर- चेर्नोबिल एक्सक्लूशन ज़ोन के पास रूस से बात करने को तैयार हो गए हैं.
कीव/विएना/ब्रसेल्स/मेदिका/जिनेवा: कई हवाई अड्डों, ईंधन केंद्रों तथा अन्य प्रतिष्ठानों पर हमले के बाद रूसी सेना रविवार को यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में दाखिल हो गई और वह दक्षिण क्षेत्र में स्थित रणनीतिक बंदरगाहों पर भी नियंत्रण बनाने का प्रयास कर रही है.
खारकीव रूस की सीमा से 20 किलोमीटर की दूरी पर है और रूसी सैनिक खारकीव में घुस गए हैं. इससे पहले तक वे शहर के बाहरी इलाके में ही थे और उन्होंने शहर में घुसने की कोशिश नहीं की थी.
यूक्रेन की मीडिया और सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में रूसी वाहन खारकीव में चक्कर लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं और एक वाहन सड़क पर जलता दिखाई देता है.
एक वीडियो में यूक्रेनी सैनिकों को रूसी सैन्य वाहनों का निरीक्षण करते हुए देखा गया, जिन्हें रूसी सैनिक गोलाबारी में क्षतिग्रस्त होने के बाद छोड़ गए हैं.
अंतरराष्ट्रीय एजेंसी एएफपी द्वारा रविवार शाम सात बजे के करीब दी गई खबर के अनुसार, यूक्रेन की सेना ने खारकीव में रूसी सैनिकों के साथ सड़क पर हुई लड़ाई के बाद शहर पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया है.
क्षेत्रीय प्रशासन के प्रमुख ओलेग सिनेगुबोव ने मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर यह कहते हुए कि सेना ‘क्लीन-अप’ ऑपरेशन के दौरान रूसी सेना को खदेड़ रही थी, बताया, ‘शहर पूरी तरह से हमारे नियंत्रण में है’
इससे पहले रविवार को उन्होंने कहा था कि रूसी सेना के हल्के वाहन शहर में घुस गए और सड़कों पर लड़ाई शुरू हो गई.
शहर में एएफपी के एक संवाददाता ने मशीन गन में आग और विस्फोटों की आवाज सुनी थी. सिनेगुबोव ने कहा कि रूसी सैनिकों का ‘मनोबल बिल्कुल गिर चुका’ था.
उन्होंने यह भी कहा कि रूसी सेना अपने वाहनों को ‘सड़क के बीच में’ छोड़ रही थी और पांच सैनिकों के समूह यूक्रेनी सेना के सामने आत्मसमर्पण किया.
सिनेगुबोव ने कहा, ‘जैसे ही वे सशस्त्र बलों के कम से कम एक प्रतिनिधि को देखते हैं, वे आत्मसमर्पण कर देते हैं.’ उन्होंने कहा कि इससे पहले भी ‘दर्जनों’ रूसी सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया है.
खारकीव के गवर्नर ने कहा, ‘पकड़े गए रूसी लड़ाके पूरी तरह से थके हुए हैं और उनका मनोबल गिर चुका है. उनका केंद्रीय कमांड से कोई संपर्क नहीं है, उन्हें नहीं मालूम कि आगे क्या करना है.’
उन्होंने यह भी बताया कि इन रूसी सैनिकों को यूक्रेन में आक्रमण की शुरुआत के समय से ही खाना-पानी नहीं मिला है. वे अपनी तैनाती की जगह छोड़कर आम नागरिकों के बीच छिप रहे हैं और लोगों से कपड़े और खाना मांग रहे हैं.
अमेरिका और यूरोपीय संघ ने जवाबी कदम के साथ यूक्रेन को हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति करने तथा मास्को को और अलग-थलग करने के इरादे से कड़े प्रतिबंध लगाए हैं.
कीव के मेयर के अनुसार, वासिलकिव में हवाई अड्डे के पास एक तेल डिपो से आग की लपटें आसमान में फैल गईं. इस क्षेत्र में रूस की सेना से यूक्रेनी सैनिकों की भीषण लड़ाई हुई. राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के कार्यालय ने कहा कि असैन्य जुलियानी हवाई अड्डे पर एक और विस्फोट हुआ.
जेलेंस्की के कार्यालय ने यह भी कहा कि रूसी सेना ने खारकीव में एक गैस पाइपलाइन को उड़ा दिया, जिसके बाद सरकार ने लोगों को अपने आवासों की खिड़कियों को नम कपड़े से ढककर खुद को धुएं से बचाने की सलाह दी.
जेलेंस्की ने कहा, ‘हम अपने देश के लिए लड़ रहे हैं, अपनी आजादी को बनाए रखने के लिए लड़ रहे हैं क्योंकि हमें ऐसा करने का अधिकार है.’
उन्होंने कहा, ‘पिछली रात कठिन थी. भीषण गोलाबारी हुई, आवासीय क्षेत्रों में भी बमबारी की गई और नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया. हमलावर सैन्य-असैन्य सभी स्थानों को निशाने पर ले रहे हैं.’
बमबारी के डर से बच्चों समेत लोगों ने बंकरों और भूमिगत मेट्रो स्टेशनों, अन्य जगहों पर पनाह ली. सरकार ने लोगों को सड़कों से दूर रखने के लिए 39 घंटे का कर्फ्यू लगा रखा है.
यूक्रेन के आम लोग भी स्वेच्छा से कीव और अन्य शहरों की रक्षा में मदद करने के लिए आगे आए हैं. उन्होंने अधिकारियों द्वारा वितरित बंदूकें लीं और रूसी सेना से लड़ने के लिए मोर्चा संभाल लिया.
जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन पर रूस का आक्रमण नरसंहार की दिशा में उठा गया कदम है. उन्होंने कहा, ‘रूस ने बुराई का रास्ता चुना है और दुनिया को उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बाहर कर देना चाहिए.’
रूस सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है, जिसके चलते उसके पास प्रस्तावों को वीटो करने की शक्ति है.
जेलेंस्की ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध न्यायाधिकरण को यूक्रेन के शहरों पर रूस के हमलों की जांच करनी चाहिए. उन्होंने रूसी आक्रमण को ‘राज्य प्रायोजित आतंकवाद’ करार दिया.
उधर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी अंतिम योजनाओं का खुलासा नहीं किया है, लेकिन पश्चिमी देशों के अधिकारियों का मानना है कि वह यूक्रेन की सरकार को उखाड़ फेंकने और वहां अपनी पसंद की सरकार स्थापित करना चाहते हैं.
अधिकारियों का कहना है कि पुतिन यूरोप के मानचित्र को फिर से तैयार करने और रूस के प्रभाव को फिर से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
यूक्रेन की सहायता के लिए अमेरिका ने टैंक-रोधी हथियारों, बख्तरबंद और छोटे हथियारों सहित यूक्रेन को अतिरिक्त 35 करोड़ डॉलर देने का वचन दिया. वहीं, जर्मनी ने कहा कि वह यूक्रेन को मिसाइल और टैंक रोधी हथियार भेजेगा तथा रूसी विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर देगा.
कीव में लागू कर्फ्यू सोमवार सुबह तक जारी रहेगा. गोलाबारी से राजधानी में कर्फ्यू के कारण पसरा सन्नाटा लगातार टूट रहा था. शहर के बाहरी इलाके में लड़ाई से संकेत मिलता है कि रूस की छोटी टुकड़ियां मुख्य सैन्य बलों के लिए रास्ता साफ करने की कोशिश कर रही थीं. कीव के अंदर कुछ रूसी सैनिकों की मौजूदगी की सूचना मिली है.
रूसी सेना यूक्रेन के दक्षिण में रणनीतिक बंदरगाहों पर नियंत्रण बनाने का भी प्रयास कर रही है. इसका उद्देश्य पश्चिम में रोमानिया के साथ लगती सीमा से पूर्व में रूस के साथ लगती सीमा तक फैले यूक्रेन के तटीय इलाकों पर बढ़त बनाना है.
रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेनकोव ने कहा कि रूसी सेना ने काला सागर पर खेरसॉन के शहरों और जोव सागर पर बर्दियांस्क के बंदरगाह को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे यूक्रेन की समुद्री बंदरगाहों तक पहुंच सीमित हो गई है. इससे यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है.
मंत्रालय क्रीमिया के लिए एक गलियारा बनाने की अनुमति भी दे सकता है, जिसे रूस ने 2014 में कब्जा लिया था. अब तक यह हिस्सा रूस से 19 किलोमीटर के एक पुल से जुड़ा है. यह यूरोप में सबसे लंबा पुल है, जिसे 2018 में खोला गया था.
यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि इस युद्ध में तीन बच्चों समेत 198 लोगों की मौत हुई है और 1,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि कितने आम नागरिक और कितने सैनिक हताहत हुए हैं.
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने कहा कि रूस के आक्रमण के बाद पड़ोसी देशों में पहुंच रहे यूक्रेन के नागरिकों की संख्या अब दो लाख के पार चली गई है.
संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया है कि संघर्ष की वजह से 40 लाख लोगों को दूसरी जगह पनाह लेनी पड़ सकती है, यह निर्भर करता है कि यह कितने समय तक जारी रहेगा.
रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ के मुताबिक सैन्य बढ़त बनाने के बाद रूस ने यूक्रेन के साथ शांति वार्ता के लिए एक प्रतिनिधिमंडल को बेलारूस भेजा है.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि सैन्य अधिकारियों और राजनयिकों का एक रूसी प्रतिनिधिमंडल रविवार को यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए बेलारूस के गोमेल शहर में पहुंचा.
जेलेंस्की ने शुक्रवार को रूस की एक प्रमुख मांग पर बातचीत करने की पेशकश की थी. रूस की प्रमुख मांग है कि यूक्रेन उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने की महत्वाकांक्षा को त्याग दे.
अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने ‘चिह्नित’ किए गए रूसी बैंकों को स्विफ्ट वैश्विक वित्तीय प्रणाली से प्रतिबंधित करने पर सहमति व्यक्त की है. इस प्रणाली के जरिये दुनिया भर में 11,000 से अधिक बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से धन स्थानांतरित होता है.
पुतिन ने रूस के परमाणु रोधी बलों को ‘अलर्ट’ पर रहने का आदेश दिया
यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों के साथ तनाव बढ़ने के कारण रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश के परमाणु रोधी बलों को ‘अलर्ट’ पर रहने का आदेश दिया है.
शीर्ष अधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में पुतिन ने रविवार इस पर जोर दिया कि नाटो के प्रमुख सदस्य देशों ने ‘आक्रामक बयान’ दिए हैं और पश्चिमी देशों ने उन पर (पुतिन) तथा रूस के विरुद्ध कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं.
पुतिन ने रूस के रक्षा मंत्री और ‘मिलिट्री जनरल स्टाफ’ के प्रमुख को आदेश दिया कि परमाणु रोधी बलों को ‘युद्ध संबंधी दायित्व के लिए तैयार रखा जाए.’
Breaking News: Ukraine agreed to talks with Russia “without preconditions,” even as Vladimir Putin further raised tensions by putting nuclear forces on alert. https://t.co/ClyApKLarw
— The New York Times (@nytimes) February 27, 2022
द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक, इसके बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की बिना किसी पूर्व शर्त के रूस से बात करने को तैयार हो गए हैं.
बेलारूसी नेता अलेक्जेंडर लुकाशेंको और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद यूक्रेन ने घोषणा की कि वह बेलारूस के साथ अपनी सीमा पर- चेर्नोबिल एक्सक्लूशन जोन के पास- रूस के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है.
इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा था कि उनका देश रूस के साथ शांति वार्ता करने के लिए तैयार है लेकिन बेलारूस में नहीं, जो मास्को की तीन दिन से चल रहे हमले के लिए जमीनी मदद कर रहा है.
जेलेंस्की ने वार्ता के वैकल्पिक स्थानों के तौर पर वारसॉ, ब्रातिस्लावा, इस्तांबुल, बुडापेस्ट या बाकू का नाम लिया. उन्होंने कहा कि अन्य स्थानों पर भी वार्ता हो सकती है लेकिन स्पष्ट किया कि यूक्रेन बेलारूस में वार्ता नहीं करेगा.
रूस को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बाहर कर दिया जाना चाहिए: यूक्रेन
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि उनके देश पर आक्रमण के चलते रूस को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बाहर कर दिया जाना चाहिए.
जेलेंस्की ने रविवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि यूक्रेन पर रूस का आक्रमण नरसंहार की दिशा में उठा गया कदम है. उन्होंने कहा, ‘रूस ने बुराई का रास्ता चुना है और दुनिया को उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बाहर कर देना चाहिए.’
रूस सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है, जिसके चलते उसके पास प्रस्तावों को वीटो करने की शक्ति है.
जेलेंस्की ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध अधिकरण को यूक्रेन के शहरों पर रूस के हमलों की जांच करनी चाहिए. उन्होंने रूसी आक्रमण को ‘राज्य प्रायोजित आतंकवाद’ करार दिया.
उन्होंने रूस के इन दावों को झूठा बताया कि वह आम आबादी वाले इलाकों को निशाना नहीं बना रहा.
जर्मनी यूक्रेन में हथियार भेजेगा, रूसी विमानों के लिए बंद करेगा हवाई क्षेत्र
जर्मनी सरकार ने एक असाधारण कदम उठाते हुए कहा कि वह यूक्रेन को सीधे हथियार तथा अन्य सामान भेजेगा.
अधिकारियों ने बताया कि जर्मनी, रूस के लिए ‘स्विफ्ट’ वैश्विक बैंकिंग प्रणाली के कुछ प्रतिबंधों का समर्थन भी करने के लिए तैयार है.
इस बीच, जर्मनी के अधिकारियों ने कहा कि उनका देश रूसी विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने की तैयारी कर रहा है.
परिवहन मंत्री वोल्कर विसिंग ने ऐसे कदम का समर्थन किया और इसके लिए सभी तैयारियां करने का आदेश दिया है.
जर्मनी के चांसलर कार्यालय ने शनिवार शाम को ऐलान किया कि वह यूक्रेन में ‘जल्द से जल्द’ 1,000 टैंक रोधी हथियार और 500 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें भेजेगा.
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने एक बयान में कहा, ‘यूक्रेन पर रूस द्वारा हमला करना एक अहम मोड़ है. यह हमारे पूरे युद्ध के बाद की व्यवस्था को खतरा है. ऐसी स्थिति में हमारा कर्तव्य है कि पूरी क्षमता के साथ व्लादिमीर पुतिन की आक्रमणकारी सेना के खिलाफ रक्षा करने में यूक्रेन की मदद की जाए.’
यह खबर तब आई है जब कुछ समय पहले जर्मनी के आर्थिक और जलवायु मंत्रालय ने शनिवार शाम को एक बयान में कहा कि जर्मनी, नीदरलैंड को 400 जर्मनी निर्मित टैंक रोधी हथियार यूक्रेन को भेजने की अनुमति दे रहा है. सरकार ने एस्तोनिया से नौ डी-30 होवित्जर तथा गोला बारूद की खेप भेजने को भी मंजूरी दे दी है.
गौरतलब है कि जर्मनी का यह कदम इसलिए असाधारण है क्योंकि उसी संघर्षरत क्षेत्रों में जानलेवा हथियारों का निर्यात न करने की नीति रही है. शुक्रवार को सरकारी अधिकारियों ने कहा था वह इस नीति का पालन करेंगे. लेकिन यूरोपीय संघ के 27 सदस्यों का हिस्सा जर्मनी की यूक्रेन के अधिकारियों तथा अन्य सहयोगियों ने मदद न करने के लिए आलोचना की थी.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने हथियारों की खेप भेजने की खबरों का स्वागत किया और ट्विटर पर शोल्ज की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘इसे जारी रखो, चांसलर ओलाफ शोल्ज. युद्ध रोधी गठबंधन सक्रिय है.’
बेल्जियम ने रूसी विमान कंपनियों के लिए हवाई क्षेत्र बंद किया
बेल्जियम भी उन देशों में शामिल हो गया है जिसने रूसी विमान कंपनियों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने की घोषणा की है.
बेल्जियम के प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू ने रविवार को ट्वीट किया कि देश ने ‘सभी रूसी विमान कंपनियों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने का फैसला किया है.’
Belgium has decided to close its airspace to all Russian airlines.
Our European skies are open skies. They're open for those who connect people, not for those who seek to brutally aggress.
— Alexander De Croo 🇧🇪🇪🇺 (@alexanderdecroo) February 27, 2022
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यूरोप का आसमान खुला है. आसमान उन लोगों के लिए खुला है जो लोगों को जोड़ते हैं, न कि उनके लिए जो क्रूरतापूर्वक आक्रमण करना चाहते हैं.’
इससे पहले रूस ने शनिवार को कहा कि वह अपने हवाई क्षेत्र को लिथुआनिया, लातविया, एस्टोनिया और स्लोवेनिया के विमानों के लिए बंद कर रहा है क्योंकि उन्होंने रूसी विमानों को अपने-अपने हवाई क्षेत्र में प्रतिबंधित कर दिया है.
बुल्गारिया, चेक गणराज्य, पोलैंड और रोमानिया सहित कई अन्य देशों ने भी रूसी विमान कंपनियों के लिए प्रतिबंध लगाए हैं.
उधर, ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रूस ने कहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन को हराने के लिए प्रतिबंधित रासायनिक या जैविक हथियारों सहित ‘सबसे खतरनाक हथियारों’ का इस्तेमाल कर सकते हैं.
ट्रूस ने ‘स्काई न्यूज’ से कहा, ‘मैं रूस के लोगों से इस संघर्ष को आगे नहीं बढ़ाने का आग्रह करती हूं, लेकिन हमें रूस द्वारा और भी खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल करने को लेकर तैयार रहने की जरूरत है.’
उन्होंने कहा कि अंतराष्ट्रीय अपराध न्यायालय यूक्रेन में घटनाओं पर गौर कर रहा है तथा अगर पुतिन और रूस सरकार युद्ध अपराध करती है तो उसे ‘गंभीर परिणाम’ का सामना करना पड़ेगा.
वहीं, इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने कहा है कि यूक्रेन में लड़ाई में फंसे नागरिकों की सहायता के लिए देश 100 टन मानवीय सहायता सामग्री भेज रहा है.
बेनेट ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल की बैठक में बताया कि सहायता में चिकित्सा उपकरण और दवा, टेंट, स्लीपिंग बैग और कंबल शामिल हैं.
यूक्रेन से अब तक 3,68,000 लोग भागे: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने कहा कि युद्ध की वजह से पड़ोसी देशों में पहुंच रहे यूक्रेन के नागरिकों की संख्या 3,68,000 हो गई है.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी मामलों के उच्चायुक्त द्वारा रविवार को बताई गई शरणार्थियों की संख्या शनिवार के अनुमान की तुलना में दोगुने से भी अधिक है.
शनिवार को एजेंसी ने अनुमान जताया था कि यूक्रेन के कम से कम 1,50,000 नागरिक भागकर पोलैंड और हंगरी तथा रोमानिया समेत अन्य देश चले गए हैं.
प्रवक्ता क्रिस मीज़र ने ट्विटर पर कहा कि पोलैंड-यूक्रेन क्रॉसिंग पर वाहनों की 14 किलोमीटर लंबी लाइन लगी नजर आई. यूक्रेन छोड़कर भागने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं, जिन्हें रात भर ठंडे तापमान में लंबा इंतजार करना पड़ा.
पोलैंड की सरकार ने शनिवार को कहा कि यूक्रेन के एक लाख से अधिक लोगों ने पिछले 48 घंटे में पोलैंड-यूक्रेन सीमा पार की है.
रूस के आक्रमण के खिलाफ लड़ने को विदेश से यूक्रेन आ रहे हैं पुरुष
यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच जहां हजारों लोग यूक्रेन छोड़ रहे हैं, वहीं कुछ यूक्रेनी पुरुष और महिलाएं अपनी मातृभूमि की रक्षा में मदद करने के लिए पूरे यूरोप से स्वदेश लौट रही हैं.
दक्षिणपूर्वी पोलैंड के मेदिका सीमा चौकी पर ऐसे कई नागरिक रविवार तड़के यूक्रेन में प्रवेश करने के लिए कतार में खड़े दिखे.
यूक्रेन में प्रवेश करने के लिए चौकी पर खड़े यूक्रेन के करीब 20 ट्रक चालक के एक समूह के आगे खड़े एक व्यक्ति ने कहा, ‘हमें अपनी मातृभूमि की रक्षा करनी है. अगर हम नहीं करेंगे तो और कौन करेगा.’ ये सभी यूरोप से यूक्रेन लौटे थे.
समूह में शामिल एक अन्य व्यक्ति ने कहा, ‘रूसियों को डरना चाहिए. हमें डर नहीं है.’ समूह के सदस्यों ने अपनी एवं परिवार की सुरक्षा के चलते अपना नाम बताने से इनकार कर दिया.
30 साल की एक महिला ने अपने उपनाम के बिना अपना नाम लीजा बताया. उसने जांच चौकी में प्रवेश करने से पहले ‘एपी’ से बात की. महिला ले कहा, ‘मुझे डर है, लेकिन मैं एक मां हूं और अपने बच्चों के साथ रहना चाहती हूं. आप क्या कर सकते हैं? यह खतरे से भरा है लेकिन मुझे करना होगा.’
एक अन्य युवती ने कहा कि वह भी अपने बच्चों की देखभाल करने के लिए लौट रही है, ताकि यूक्रेन के पुरुष देश की रक्षा के लिए जा सकें. उसने कहा, ‘हमें करना होगा, हम यूक्रेन के लोगों को अपने बच्चों को दूर ले जाना होगा … ताकि पुरुष लड़ सकें.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)