तुर्की के नागरिक इल्कर आयजी ने एयर इंडिया का सीईओ व प्रबंध निदेशक बनने का प्रस्ताव ठुकराया

तुर्की के नागरिक इल्कर आयजी ने कहा कि भारतीय मीडिया के कुछ तबकों द्वारा उनकी नियुक्ति को अवांछनीय तरीके से ग़लत रंग देने के चलते उन्होंने यह निर्णय लिया है. ‘टाटा संस’ ने 14 फरवरी को तुर्की एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख आयजी को एयर इंडिया का सीईओ और प्रबंध निदेशक बनाने की घोषणा की थी.

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इल्कर आयजी. (फोटो: रॉयटर्स)

तुर्की के नागरिक इल्कर आयजी ने कहा कि भारतीय मीडिया के कुछ तबकों द्वारा उनकी नियुक्ति को अवांछनीय तरीके से ग़लत रंग देने के चलते उन्होंने यह निर्णय लिया है. ‘टाटा संस’ ने 14 फरवरी को तुर्की एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख आयजी को एयर इंडिया का सीईओ और प्रबंध निदेशक बनाने की घोषणा की थी.

इल्कर आयजी. (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: तुर्की के नागरिक इल्कर आयजी ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने टाटा समूह की कंपनी एयर इंडिया का मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक बनने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है.

आयजी ने कहा कि भारतीय मीडिया के कुछ तबकों द्वारा उनकी नियुक्ति को अवांछनीय तरीके से गलत रंग दिया गया, जिसके चलते उन्होंने यह फैसला किया.

‘टाटा संस’ ने 14 फरवरी को ‘तुर्की एयरलाइंस’ के पूर्व प्रमुख इल्कर आयजी को अपनी विमानन कंपनी एयर इंडिया का सीईओ और प्रबंध निदेशक नियुक्त करने की घोषणा की थी.

आयजी ने एक बयान में कहा, ‘मैं घोषणा के बाद से भारतीय मीडिया के कुछ वर्गों में मेरी नियुक्ति को अवांछनीय रंग देने की कोशिश वाली खबरों को ध्यान से देख रहा था.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे लिए परिवार की खुशी और भलाई सबसे ऊपर है. मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि इस तरह की खबरों के बीच इस पद को स्वीकार करना मेरे लिए संभव या सम्मानजनक निर्णय नहीं होगा.’

आयजी ने कहा कि वह एयर इंडिया का नेतृत्व करने का अवसर देने के लिए टाटा समूह और उसके अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन के आभारी हैं.

उनके इस फैसले पर प्रतिक्रिया के लिए अनुरोध पर टाटा संस ने कोई जवाब नहीं दिया.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध ‘स्वदेशी जागरण मंच’ (एसजेएम) ने गत शुक्रवार को कहा था कि सरकार को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए’ एयर इंडिया को इल्कर आयजी को सीईओ और प्रबंध निदेशक (एमडी) नियुक्त करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.

‘स्वदेशी जागरण मंच’ के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा था कि सरकार इस मुद्दे के प्रति ‘पहले से ही संवेदनशील’ है और उसने इस मामले को ‘बहुत गंभीरता से लिया है.’

यह पूछे जाने पर कि एसजेएम नवनियुक्त सीईओ और एमडी का विरोध क्यों कर रहा है, महाजन ने दोहराया कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अश्विनी महाजन ने कहा, ‘विमानन उद्योग को एक चिप्स निर्माता के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है. यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है. हमें बहुत सावधान रहना चाहिए. तुर्की के वर्तमान राष्ट्रपति रेसप तैयप एर्दोगान के साथ उनके संबंध चिंता का विषय हैं और किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले इसकी पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए.’

एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि टाटा समूह ने आयजी की मंजूरी के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय को अपना सबमिशन दिया था और फाइल को सुरक्षा मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय को भेज दिया गया था. आयजी की नियुक्ति को लेकर बढ़ते विरोध के बीच मंत्रलाय ने उनकी पृष्ठभूमि की जांच करने के अपने इरादे का संकेत दिया था.

मालूम हो कि इससे पहले गृह मंत्रालय ने कहा था कि टाटा समूह के नियंत्रण में गई विमानन कंपनी एयर इंडिया के नवनियुक्त प्रबंध निदेशक एवं सीईओ इल्कर आयजी की पृष्ठभूमि का विस्तृत परीक्षण करेगा.

मंत्रालय के सूत्र ने कहा था कि स्थापित परंपरा के अनुरूप भारत में अहम पदों पर नियुक्त होने वाले सभी विदेशी नागरिकों की पृष्ठभूमि का परीक्षण किया जाता है और आयजी के मामले में भी इस परंपरा का पूरी निष्ठा से निर्वहन किया जाएगा.

बता दें कि अक्टूबर में टाटा संस ने 18,000 करोड़ रूपये के कर्ज में डूबी एयर इंडिया के लिए बोली जीती थी.

आयजी तुर्की के मौजूदा राष्ट्रपति रेसप तैयप एर्दोगान के सलाहकार के रूप में भी काम कर चुके हैं. वर्ष 1994-98 की इस अवधि में एर्दोगान इस्तांबुल के मेयर हुआ करते थे.

आयजी वर्ष 2015 से लेकर 2022 की शुरुआत तक टर्किश एयरलाइंस के चेयरमैन थे. उन्हें इस एयरलाइन की कायापलट करने का श्रेय दिया जाता है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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