रूस-यूक्रेन युद्ध: रूसी विदेश मंत्री बोले- तीसरा विश्व युद्ध विनाशकारी परमाणु युद्ध होगा

रूसी सेनाओं ने यूक्रेन के शहरी इलाकों पर निशाना साधा है, जहां कीव के टीवी टावर और यूक्रेन में यहूदी नरसंहार के मुख्य स्मारक समेत अन्य असैन्य स्थलों को निशाना बनाते हुए हमले किए गए हैं. उधर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि पुतिन जैसे ‘तानाशाह’ दूसरे देश पर आक्रमण की क़ीमत चुकाएंगे. वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने सभी भारतीयों से तत्काल खारकीव छोड़ने को कहा है.

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कीव के टीवी टावर में एक मार्च को हुआ ब्लास्ट. (फोटो: रॉयटर्स)

रूसी सेनाओं ने यूक्रेन के शहरी इलाकों पर निशाना साधा है, जहां कीव के टीवी टावर और यूक्रेन में यहूदी नरसंहार के मुख्य स्मारक समेत अन्य असैन्य स्थलों को निशाना बनाते हुए हमले किए गए हैं. उधर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि पुतिन जैसे ‘तानाशाह’ दूसरे देश पर आक्रमण की क़ीमत चुकाएंगे. वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने सभी भारतीयों से तत्काल खारकीव छोड़ने को कहा है.

कीव के टीवी टावर में एक मार्च को हुआ ब्लास्ट. (फोटो: रॉयटर्स)

कीव/वॉशिंगटन/मास्को/नई दिल्ली/बीजिंग/ब्रसेल्स: रूसी बलों ने बुधवार को यूक्रेन के घनी आबादी वाले शहरी इलाकों पर हमले तेज किए जिसकी यूक्रेन के राष्ट्रपति ने निंदा की, वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने चेतावनी दी कि अगर रूसी नेता को हमलों की कीमत अदा करनी होगी.

यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव के मध्य स्थित एक मुख्य चौराहे और कीव के मुख्य टीवी टावर पर बमबारी को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने ‘आतंक’ करार दिया.

जेलेंस्की ने खारकीव में ‘फ्रीडम स्क्वेयर’ पर रक्तपात के बाद कहा, ‘कोई इसे नहीं भूलेगा. इसे कोई माफ नहीं करेगा.’

खारकीव में हमले बुधवार को भी जारी रहे और इस बीच रूस ने कहा कि वह शाम को यूक्रेन के साथ वार्ता के लिए तैयार है. यूक्रेन की सरकारी आपात सेवा ने कहा कि क्षेत्रीय पुलिस और खुफिया विभाग के मुख्यालय पर रूस के हमले में तीन लोग घायल हो गए.

बुधवार के हमलों में चार लोग मारे गए और नौ लोग घायल हो गए. बचावकर्मियों ने 10 लोगों को मलबे में से निकाला.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने पहले ‘स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन’ में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर यूक्रेन के खिलाफ ‘पूर्व नियोजित और बिना उकसावे वाला’ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि पुतिन जैसे ‘तानाशाह’ दूसरे देश पर ‘आक्रमण’ की ‘कीमत चुकाएंगे.’

यूक्रेन में लगातार घातक होते जा रहे संघर्ष के मद्देनजर बाइडन ने रूसी आक्रामकता के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘एक रूसी तानाशाह के दूसरे देश पर हमला करने के मायने पूरी दुनिया के लिए हैं.’

उन्होंने कहा, ‘अपने पूरे इतिहास से हमने यह सबक सीखा है कि जब किसी तानाशाह को अपनी आक्रामकता की कीमत नहीं चुकानी पड़ती है तो वह और अधिक अराजकता फैलाने लगता है. वह आगे बढ़ता जाता है और अमेरिका तथा विश्व के लिए इसका खतरा व कीमत बढ़ती जाती है.’

इस बीच, 40 मील तक फैला रूसी टैंकों और अन्य वाहनों का काफिला धीरे-धीरे कीव की ओर बढ़ा. देश की राजधानी कीव में करीब 30 लाख लोग रहते है.

पश्चिमी देशों को आशंका है कि यह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यूक्रेनी सरकार को अपदस्थ करके रूसी समर्थक सत्ता की स्थापना करने की कोशिश है.

आक्रमणकारी बलों ने ओडेसा और मारियुपोल के अहम बंदरगाहों समेत अन्य शहरों एवं कस्बों पर भी हमले तेज कर दिए हैं.

युद्ध के सातवें दिन बुधवार को रूस और अलग-थलग पड़ गया. रूस की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं और देश के पास चीन, बेलारूस और उत्तर कोरिया जैसे कुछेक मित्र ही बचे हैं.

प्रमुख रूसी बैंक स्बेरबैंक ने बुधवार को घोषणा की कि वह पश्चिमी देशों के कड़े होते प्रतिबंधों के बीच यूरोपीय बाजार में अपने परिचालन रोक रहा है.

बताया जा रहा है कि तनाव बढ़ने से बिगड़े हालात के बीच करीब 6,60,000 लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं और कई लोगों ने भूमिगत बंकरों में शरण ले रखी है.

यूक्रेन में युद्ध में मारे गए लोगों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं है. एक वरिष्ठ पश्चिमी खुफिया अधिकारी ने अनुमान जताया कि 5,000 से अधिक रूसी जवान या तो कैद में हैं या मारे गए हैं. यूक्रेनी बलों को हुए नुकसान की अभी कोई जानकारी नहीं है.

कई सैन्य विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि रूस अपनी रणनीति बदल सकता है. चेचन्या और सीरिया में मॉस्को की रणनीति शहरों पर कब्जा करने तथा सैनिकों के मनोबल को गिराने के लिए हथियारों और हवाई बम हमलों का इस्तेमाल करने की रही थी.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने बताया कि उसने 136 आम नागरिकों की मौत दर्ज की है, लेकिन मृतकों की वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक बताई जा रही है.

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पिछले दो दिन में रूसी हमले तेज हुए हैं. उसने यह भी कहा कि तीन शहरों- खारकीव, खेरसन और मारियुपोल को रूसी बलों ने घेर लिया है.

यूक्रेन के अधिकारियों ने मंगलवार शाम को बताया कि रूसी सेना ने हमले के छठे दिन कीव के टीवी टावर और यूक्रेन में यहूदी नरसंहार के मुख्य स्मारक समेत अन्य असैन्य स्थलों को निशाना बनाते हुए हमले किए.

यूक्रेन की सरकारी आपात स्थिति सेवा ने बताया कि टीवी टावर पर हमलों में पांच लोगों की मौत हो गई तथा पांच अन्य घायल हो गए हैं.

यूक्रेन की संसद ने टीवी टावर के आसपास धुएं के गुबार की एक तस्वीर पोस्ट की और कीव के मेयर विताली क्लिश्चको ने इस पर हमला होने की एक वीडियो साझा की.

उन्होंने कहा कि हमले के कारण टावर में बिजली पहुंचा रहे एक सबस्टेशन तथा एक नियंत्रण कक्ष क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के कार्यालय के प्रमुख आंद्रे यरमाक ने फेसबुक पर कहा, ‘उस स्थान पर शक्तिशाली मिसाइल हमला किया जा रहा है जहां (बाबी) यार स्मारक स्थित है.’

फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक भाषण में जेलेंस्की ने बुधवार को कीव में होलोकॉस्ट स्मारक स्थल बाबी यार पर हुए रूसी हमले की निंदा की.

बाबी यार में नाजियों ने 1941 में 48 घंटे के भीतर करीब 33,000 यहूदियों की हत्या कर दी थी. जेलेंस्की ने कहा, ‘यह मानवता से परे है. इस तरह के मिसाइल हमले का मतलब है कि कई रूसियों के लिए हमारा कीव पूरा विदेशी है. वे हमारी राजधानी के बारे में, हमारे इतिहास के बारे में कुछ नहीं जानते हैं. उनके पास हमारे इतिहास, हमारे देश और हम सभी को मिटाने का आदेश है.’

यूक्रेन के लोगों और रूसी ऑर्थोडॉक्स ईसाइयों समेत कई लोगों के लिए कीव के पवित्र धार्मिक स्थलों का हवाला दते हुए उन्होंने कहा, ‘उस स्थान पर शक्तिशाली मिसाइल हमला किया जा रहा है जहां (बाबी) यार स्मारक स्थित है. क्या यह नाटो का सैन्य स्थल है, जिसपर रूस हमले कर रहा है. सेंट सोफिया कैथेड्रल, लावरा, एंड्रयू चर्च क्या हैं?’

टीवी टावर में धमाके के बाद क्षतिग्रस्त फिटनेस सेंटर. (फोटो: रॉयटर्स)

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने यह भी दावा किया कि पिछले गुरुवार को आक्रमण शुरू होने के बाद से लगभग 6,000 रूसी सैनिक मारे गए हैं. रूस ने कुल हताहतों की संख्या जारी नहीं की है और इस आंकड़े की पुष्टि नहीं की जा सकी है.

इस दौरान यूरोपीय संघ यूक्रेन के लिए सहायता बढ़ा रहा है और रूस के आक्रमण के कारण देश छोड़ने वालों को अस्थायी सुरक्षा प्रदान करने की ओर बढ़ रहा है.

यूरोपीय संघ आयोग ने बुधवार को घोषणा की कि वह शरणार्थियों को अस्थायी निवास परमिट देगा और उन्हें समूह के 27 देशों में शिक्षा और काम करने का अधिकार देगा. इस कदम को अभी भी सदस्य देशों द्वारा अनुमोदित किया जाना है, लेकिन वे पहले ही व्यापक समर्थन देने की घोषणा कर चुके हैं.

यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, ‘रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बमबारी के आदेश से भागे सभी लोगों का यूरोप में स्वागत है. हम आश्रय चाहने वालों को सुरक्षा प्रदान करेंगे और सुरक्षित घर की तलाश करने वालों की मदद करेंगे.’

यदि तीसरा विश्व युद्ध होता है तो यह ‘परमाणु और विनाशकारी’ होगा: रूस के विदेश मंत्री ने कहा

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव. (फोटो: रॉयटर्स)

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बुधवार को चेतावनी दी कि अगर तीसरा विश्व युद्ध होता है तो यह ‘परमाणु और विनाशकारी’ होगा.

उनकी यह चेतावनी यूक्रेन के खिलाफ मॉस्को के चल रहे बड़े सैन्य अभियान को लेकर पश्चिम के साथ बढ़ते तनाव के बीच आई है.

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास के अनुसार, लावरोव ने अल जज़ीरा टेलीविजन चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘तीसरा विश्व युद्ध विनाशकारी परमाणु युद्ध होगा.’

साथ ही, लावरोव ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की इस टिप्पणी पर जोर दिया कि तीसरा विश्व युद्ध मॉस्को के खिलाफ वाशिंगटन के कड़े प्रतिबंधों का एक विकल्प होगा.

लावरोव ने कहा कि रूस अपने खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों के लिए तैयार था लेकिन वह हैरान है कि कार्रवाई ने खिलाड़ियों और पत्रकारों को प्रभावित किया.

उन्होंने पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का जिक्र करते हुए कहा, ‘हम प्रतिबंधों के लिए तैयार थे, लेकिन उम्मीद नहीं थी कि वे खिलाड़ियों, बुद्धिजीवियों, अभिनेताओं और पत्रकारों को प्रभावित करेंगे.’

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार रात अपने रूसी समकक्ष पर यूक्रेन के खिलाफ ‘पूर्व नियोजित और अकारण’ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया और कहा कि व्लादिमीर पुतिन जैसे ‘तानाशाह’ को एक विदेशी देश पर ‘आक्रमण’ की ‘कीमत चुकानी होगी’.

यूक्रेन पर आक्रमण के चलते यूरोपीय संघ के साथ ही अमेरिका ने भी अपने हवाई क्षेत्र से रूसी विमानों के गुजरने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

कतर स्थित समाचार चैनल ने बताया कि लावरोव ने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ विशेष अभियान कीव को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोकने के उद्देश्य से शुरू किया गया है.

चैनल ने लावरोव के हवाले से कहा, ‘सैन्य अभियान का उद्देश्य यूक्रेन को निरस्त्र करना है. रूस यूक्रेन को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देगा.’

लावरोव ने कहा कि रूस दूसरे दौर की वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन यूक्रेन अमेरिका के निर्देश पर प्रक्रिया में देरी कर रहा है.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने सभी भारतीयों से फौरन खारकीव छोड़ने को कहा

विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि पहला परामर्श जारी होने के बाद से युद्धग्रस्त यूक्रेन की सीमा से करीब 17,000 भारतीय निकल गए हैं. मंत्रालय ने कहा कि रूसी पक्ष से मिली सूचना के आधार पर यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने तत्काल अपने सभी नागरिकों से खारकीव छोड़ने को कहा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा, ‘स्थिति कठिन है लेकिन हम हर भारतीय को देश वापस लाएंगे.’

उन्होंने कहा कि हम सभी भारतीयों से तत्काल खारकीव छोड़कर सुरक्षित स्थानों या पश्चिम की ओर तत्काल बढ़ने का आग्रह करते हैं .

उन्होंने कहा कि रूसी पक्ष से मिली सूचना के आधार पर यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने तत्काल अपने सभी नगरिकों से खारकीव छोड़ने को कहा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि यूक्रेन में एक भारतीय नागरिक चंदन जिंदल की प्राकृतिक कारणों से मौत हो गई, वे पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में थे. उन्होंने जिंदल के निधन पर शोक जताया.

गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले यूक्रेन में गोलाबारी के कारण एक भारतीय छात्र नवीन की मौत हो गई थी .

इससे पहले, रूस के सैन्य अभियान से बुरी तरह प्रभावित पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन में स्थित भारतीय दूतावास ने छात्रों सहित अपने सभी नागरिकों से बुधवार को कहा कि अपनी रक्षा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वे तुरंत खारकीव छोड़ दें और जल्द से जल्द पेसोचिन, बाबाये और बेजलीयुदोव्का पहुंचें.

भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, ‘ हर परिस्थिति में वे इन स्थानों पर आज यूक्रेन के समय अनुसार शाम छह बजे (1800) तक पहुंच जाएं.’

दूतावास ने आगे परामर्श में कहा कि जिन्हें वहां से निकलने के लिए कोई वाहन या बस नहीं मिल रही है और जो रेलवे स्टेशन पर हैं, वे पैदल पेसोचिन (11 किलोमीटर) , बाबाये (12 किलोमीटर) और बेजलीयुदोव्का (16 किलोमीटर) पहुंचे .

भारत ने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को देश वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ अभियान शुरू किया है. इसके तहत भारतीयों को जमीनी सीमा चौकियों के जरिये यूक्रेन से निकालने के बाद हंगरी, रोमानिया, पोलैंड और स्लोवाकिया से हवाई मार्ग से स्वदेश लाया जा रहा है.

वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा कि पहला परामर्श जारी होने के बाद से युद्धग्रस्त यूक्रेन की सीमा से करीब 17,000 भारतीय निकल गए हैं .

उन्होंने बताया कि यूक्रेन से भारतीयों को देश वापस लाने को लेकर चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा अभियान के तहत पिछले 24 घंटे में छह उड़ाने भारत पहुंच चुकी हैं और अब तक कुल 15 उड़ानें आ चुकी हैं.

प्रवक्ता ने कहा कि अगले 24 घंटे मे 15 उड़ाने निर्धारित की गई हैं जिनमें से कुछ रास्ते में हैं. उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना का एक विमान बुधवार रात भारत पहुंचेगा.

बागची ने कहा कि भारत की ओर से यूक्रेन के लिए मानवीय सहायता भी भेजी जा रही है जिनमें दवाएं, चिकित्सा उपकरण, टेंट, कंबल, सौर उपकरण आदि शामिल हैं .

उन्होंने बताया कि इसमें 2 टन चिकित्सा सहायता के साथ पहली खेप कल रवाना कर दी गई और तीन और खेप भेजी जाएंगी.

खारकीव में भारतीय छात्र की मौत के मामले की जांच करेगा रूस: दूत

रूस, यूक्रेन के खारकीव शहर में मेडिकल के 21 वर्षीय भारतीय छात्र की मौत के मामले की जांच करेगा. भारत में रूस के राजदूत पद के लिए नामित डेनिस अलीपोव ने यह जानकारी दी.

खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में चौथे वर्ष के मेडिकल के छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर की मंगलवार को खारकीव में भारी गोलाबारी में मौत हो गई थी.

घटना के बाद भारत ने रूस और यूक्रेन दोनों देशों के दूतों से उन भारतीय नागरिकों के लिए ‘तत्काल सुरक्षित मार्ग’ सुनिश्चित करने के लिए कहा जो अभी भी खारकीव और अन्य संघर्ष क्षेत्रों में फंसे हैं.

अलीपोव ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘मैं नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर के परिवार और पूरे भारतीय राष्ट्र के प्रति संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं. रूस गहन संघर्ष वाले क्षेत्रों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा… और इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की उचित जांच करेगा.’

यूक्रेनी शहरों पर हमले जारी, यूक्रेनी मंत्री बोले- बेलारूस अपने सैनिकों को यूक्रेन भेजने की तैयारी में

रूस-यूक्रेन संघर्ष के सातवें दिन रूस ने भीड़-भाड़ वाले यूक्रेनी शहरों पर अपने हमले जारी रखे और रूसी टैंक तथा अन्य वाहनों का एक लंबा काफिला धीरे-धीरे राजधानी कीव की ओर कूच कर रहा है.

यूक्रेन में 40 मील दूरी तक फैला रूसी टैंक और अन्य वाहनों का काफिला धीरे-धीरे कीव की ओर बढ़ रहा है. देश की राजधानी कीव में करीब 30 लाख लोग रहते है.

अमेरिका के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने कहा कि रसद और आपूर्ति की समस्याओं के कारण रूस की सैन्य बढ़त धीमी हो गई है. कुछ रूसी सैन्य टुकड़ियों के पास गैस और भोजन समाप्त हो गया है. अधिकारी ने दावा किया कि इससे रूसी सैनिकों का मनोबल घटा है. रूसी सेना को जमीन पर जबरदस्त प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है और यूक्रेन के हवाई क्षेत्र पर पूरी तरह से हावी होने में वह नाकाम रही है.

यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसके पास सबूत है कि रूस का साझेदार बेलारूस अपने सैनिकों को यूक्रेन में भेजने की तैयारी कर रहा है.

मंत्रालय ने फेसबुक पर जारी बयान में कहा कि बेलारूस के सैनिकों को लड़ाई के लिए तैयार की स्थिति में रखा गया है और उनका जमावड़ा यूक्रेन की उत्तरी सीमा है.

कीव क्षेत्र के बुचा में एक क्षतिग्रस्त पुल. (फोटो: रॉयटर्स)

हालांकि बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने कहा है कि उनके देश की लड़ाई में शामिल होने की कोई योजना नहीं है.

रूसी बलों ने मंगलवार को यूक्रेन के घनी आबादी वाले शहरी इलाकों पर हमले तेज करते हुए यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर के मध्य स्थित एक मुख्य चौराहे और कीव के मुख्य टीवी टावर पर बमबारी की, जिसे यूक्रेन के राष्ट्रपति ने ‘आतंक’ करार दिया.

यूक्रेन की सरकारी आपात स्थिति सेवा ने बताया कि टीवी टावर पर हमलों में पांच लोगों की मौत हो गई तथा पांच अन्य घायल हो गए हैं.

यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में क्षेत्रीय पुलिस और खुफिया मुख्यालय पर हमले के वीडियो सामने आए हैं. इसमें एक इमारत को दिखाया गया है जिसकी छत उड़ गई और इसकी ऊपरी मंजिल में आग लग गई. पांच मंजिला इमारत का मलबा बगल की गलियों में बिखरा दिखा है.

यूक्रेन सरकार के रणनीतिक संचार केंद्र ने बुधवार को खारकीव में हमले की तस्वीरें जारी कीं, जिसमें शहर के आबादी वाले इलाकों में आग की लपटों से शहर में तेज रोशनी फैल गई.

खारकीव की निवासी मरिना बोरिको ने कहा कि मंगलवार को पड़ोस की एक इमारत पर हमला हुआ और वह मलबे में पड़े शवों को देखकर स्तब्ध रह गईं. उन्होंने कहा, ‘बमबारी में मैं बाल-बाल बच गई.’

बोरिको ने कहा, ‘एक रूसी विमान ने मेरे पड़ोस की एक इमारत पर बम गिराया. मैं और मेरा दोस्त घर पर थे. हमने जोरदार आवाज सुनी और मैंने महसूस किया कि यह आवाज बगल से आ रही है.’

बोरिको ने कहा कि बमबारी वाली जगह पर धूल बैठने के बाद ‘मैंने वहां बच्चों को रोते हुए देखा. हमारे पड़ोसियों के तीन बच्चे हैं और उस पल मैं केवल एक चीज के बारे में सोच रही थी…भगवान यह क्या हुआ…उन्हें कुछ ना हो.’

पूर्व में रूस ने यूक्रेन की खुफिया एजेंसी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ट्रांसमिशन केंद्र के पास रहने वाले लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए कहा था.

रूस के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को दावा किया कि रूसी विमानों ने हवाई हमले में मुख्य टीवी टावर को निष्क्रिय कर दिया, लेकिन कहा कि किसी आवासीय भवन पर हमला नहीं हुआ.

मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने मंगलवार को हमलों में हुई मौतों या बाबी यार स्मारक को नुकसान के बारे में कुछ नहीं कहा. उन्होंने कहा कि हमले का उद्देश्य ‘सूचना अर्जित’ करने की यूक्रेन की क्षमता को नष्ट करना था.

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पिछले दो दिन में रूसी हमले तेज हुए हैं. मंत्रालय ने यह भी कहा कि तीन शहरों-खारकीव, खेरसन और मारियुपोल को रूसी सैन्य बलों ने घेर लिया है.

कई सैन्य विशेषज्ञों को चिंता है कि रूस रणनीति में बदलाव कर सकता है. चेचन्या और सीरिया में रूस ने शहरों को खंडहर में बदलने और लड़ाकों के संकल्प को कुचलने के लिए तोपखाने और हवाई बमबारी का इस्तेमाल करने की रणनीति बनाई थी.

यूक्रेन के 660,000 से अधिक लोग पड़ोसी देशों में शरण ले चुके हैं: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र की शारणार्थी मामलों संबंधी एजेंसी के अनुसार, रूसी आक्रमण के बाद से यूक्रेन से लोगों का पलायन यूरोपीय संघ के पूर्वी देशों में तेजी से बढ़ रहा है. अभी तक 660,000 से अधिक लोग पड़ोसी देशों में शरण ले चुके हैं और यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है.

मृतकों की संख्या स्पष्ट नहीं है क्योंकि न तो रूस ने न ही यूक्रेन ने हताहतों की जानकारी दी है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि उसे 136 नागरिकों की मौत की सूचना मिली है. हालांकि मृतकों की असल संख्या इससे बहुत अधिक होने की आशंका है.

‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने कहा कि उसने हाल के दिनों में यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र में एक अस्पताल के बाहर क्लस्टर बम हमले का प्रमाण एकत्र किया है. निवासियों ने खारकीव और कियांका गांव में हथियारों के इस्तेमाल की भी सूचना दी. क्रेमलिन ने क्लस्टर बमों के इस्तेमाल से इनकार किया.

यूरोपीय संघ यूक्रेन के लिए सहायता बढ़ा रहा है और रूस के आक्रमण के कारण देश छोड़ने वालों को अस्थायी सुरक्षा प्रदान करने की ओर बढ़ रहा है.

गोलीबारी के बाद कीव में नेशनल यूनिवर्सिटी के आसपास का इलाका. (फोटो: रॉयटर्स)

यूरोपीय संघ आयोग ने बुधवार को घोषणा की कि वह शरणार्थियों को अस्थायी निवास परमिट देगा और उन्हें समूह के 27 देशों में शिक्षा और काम करने का अधिकार देगा. इस कदम को अभी भी सदस्य देशों द्वारा अनुमोदित किया जाना है, लेकिन वे पहले ही व्यापक समर्थन देने की घोषणा कर चुके हैं.

इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में बुधवार को एक प्रस्ताव पर मतदान होगा जिसमें मांग की जाएगी कि रूस तुरंत यूक्रेन के खिलाफ बल का प्रयोग बंद करे और देश से अपनी सेना वापस बुलाए.

मंगलवार को 193 देशों की महासभा की बैठक हुई. संघर्ष पर 110 से अधिक सदस्य देश अपनी राय रखेंगे.

रूस पर वित्तीय प्रतिबंधों में शामिल नहीं होंगे: चीन

चीन के बैंक नियामक ने बुधवार को कहा कि बीजिंग रूस पर वित्तीय प्रतिबंध लगाने के अमेरिका और यूरोपीय सरकारों के कदम में शामिल नहीं होगा.

चीन रूसी तेल और गैस का एक प्रमुख खरीदार है तथा उसने यूक्रेन पर मॉस्को के हमले की आलोचना करने से परहेज किया है.

चीनी बैंकिंग और बीमा नियामक आयोग के अध्यक्ष गुओ शुकिंग ने कहा कि बीजिंग प्रतिबंधों का विरोध करता है.

गुओ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम इस तरह के प्रतिबंधों में शामिल नहीं होंगे और हम सभी संबंधित पक्षों के साथ सामान्य आर्थिक, व्यापार तथा वित्तीय आदान-प्रदान करेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘हम वित्तीय प्रतिबंधों को अस्वीकार करते हैं, विशेष रूप से एकतरफा शुरू किए गए प्रतिबंधों का, क्योंकि इनका कोई बहुत अधिक कानूनी आधार नहीं है तथा इसका अच्छा प्रभाव नहीं होगा.’

इस बीच चीन ने यह भी कहा है कि यूक्रेन से बाहर निकलते समय उसका एक नागरिक गोली लगने से घायल हो गया.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि यह घटना मंगलवार को उस समय हुई जब वह व्यक्ति यूक्रेन से निकलने का प्रयास कर रहा था. कीव में चीनी दूतावास ने सहायता प्रदान करने के लिए तुरंत उस व्यक्ति से संपर्क किया.

वांग ने संवाददाताओं से कहा कि घायल व्यक्ति खतरे से बाहर है. उन्होंने कहा कि दूतावास व्यक्ति की हालत की निगरानी कर रहा है और सहायता प्रदान करना जारी रखेगा.

नरेंद्र मोदी, मैकों ने जल्द से जल्द संघर्षविराम की जरूरत पर सहमति जताई

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों के बीच मंगलवार को टेलीफोन पर बातचीत हुई जो यूक्रेन के खिलाफ ‘रूसी आक्रमण’ पर केंद्रित रही और दोनों नेताओं ने जल्द से जल्द संघर्षविराम के महत्व पर सहमति व्यक्त की.

मोदी और मैकों के बीच चर्चा के एक दिन बाद भारत में फ्रांस के दूतावास ने अपने बयान में यह बात कही.

बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने निर्बाध मानवीय सहायता तक पहुंच सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित किया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित सभी मंचों पर संकट को लेकर करीबी समन्वय बनाये रखने पर सहमति व्यक्त की.

मैकों यूरोपीय संघ के उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं जो यूक्रेन संकट के समाधान के लिए कूटनीतिक प्रयासों में जुटे हैं.

फ्रांस के दूतावास ने कहा, ‘फ्रांस के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री ने जल्द से जल्द संघर्षविराम करने के महत्व तथा निर्वाध मानवीय सहायता तक पहुंच को लेकर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित सभी मंचों पर करीबी समन्वय सुनिश्चित करने पर सहमति व्यक्त की.’

वहीं, मंगलवार को भारत सरकार के बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन में जारी युद्ध व इससे बिगड़ती मानवीय स्थिति पर चिंता प्रकट की तथा युद्ध के अंत और वार्ता व कूटनीति की ओर लौटने की भारत की अपील दोहराई.

विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने मंगलवार को कहा था कि भारत सभी प्रस्तावों पर उनकी ‘संपूर्णता’ और राष्ट्रीय हितों के आधार पर विचार करेगा.

यूक्रेन संकट पर कम से कम दो प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सामने लाए जाने हैं जबकि अन्य प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में लाया जाना है.

श्रृंगला ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा, ‘ हम संयुक्त राष्ट्र में ऐसा रुख अपनाते हैं जो बेहद सावधानीपूर्वक विचारों पर आधारित होता है. हम उन पर (प्रस्ताव) पूरी तरह से विचार करेंगे और अपने सर्वोत्तम हित में निर्णय लेंगे.’

विदेश सचिव से पूछा गया था क्या यूक्रेन के पूर्वी शहर खारकीव में मंगलवार को गोलीबारी में एक भारतीय छात्र की मौत के बाद यूक्रेन संकट पर भारत की स्थिति में कुछ बदलाव आएगा?

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)