मध्य प्रदेश: भोपाल के बाद इंदौर की गोशाला में गायों की बड़ी तादाद में मौत, प्रबंधक पर केस दर्ज

मध्य प्रदेश के इंदौर ज़िले के पेड़मी गांव का मामला है. इस संबंध में की गई शिकायत में कहा है कि गोशाला के पास खुले मैदान में क़रीब 150 गायों के अवशेष तथा कंकाल पड़े देखे गए, जिन्हें कुत्तों और गिद्धों द्वारा नोंचकर खाया जा रहा था. बीते जनवरी माह में राजधानी भोपाल के बैरसिया क़स्बे में स्थित एक गोशाला में भी बड़ी संख्या में गायों की मौत का मामला सामने आया था.

Cows are packed into a gaushala, or cattle shelter, in the town of Barsana that takes in cattle seized from Muslims by vigilantes in the Indian state of Uttar Pradesh. REUTERS/Cathal McNaughton
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

मध्य प्रदेश के इंदौर ज़िले के पेड़मी गांव का मामला है. इस संबंध में की गई शिकायत में कहा है कि गोशाला के पास खुले मैदान में क़रीब 150 गायों के अवशेष तथा कंकाल पड़े देखे गए, जिन्हें कुत्तों और गिद्धों द्वारा नोंचकर खाया जा रहा था. बीते जनवरी माह में राजधानी भोपाल के बैरसिया क़स्बे में स्थित एक गोशाला में भी बड़ी संख्या में गायों की मौत का मामला सामने आया था.

Cows are packed into a gaushala, or cattle shelter, in the town of Barsana that takes in cattle seized from Muslims by vigilantes in the Indian state of Uttar Pradesh. REUTERS/Cathal McNaughton
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में खुले स्थान पर बड़ी संख्या में गायों के अवशेष बिखरे पड़े होने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर प्रसारित होने से मचे हड़कंप के बीच एक ट्रस्ट द्वारा संचालित गोशाला के प्रबंधक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

अधिकारियों ने बताया कि इंदौर शहर से करीब 35 किलोमीटर दूर पेड़मी गांव में श्री अहिल्या माता जीवदया मंडल ट्रस्ट की चलाई जा रही गोशाला में बड़ी तादाद में गायों की मौत और इसके बाद उनके शवों की दुर्गति का खुलासा तब हुआ, जब कथित तौर पर गोभक्तों का एक समूह गोशाला पहुंचा.

उन्होंने बताया कि गोभक्तों में शामिल मनोज तिवारी ने पुलिस को शिकायत की कि उनके समूह ने गोशाला के पास खुले मैदान पर करीब 150 गायों के अवशेष तथा कंकाल पड़े देखे, जिन्हें कुत्तों और गिद्धों द्वारा नोंचकर खाया जा रहा था.

पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) भगवत सिंह विरदे ने बताया कि तिवारी की शिकायत पर गोशाला के प्रबंधक अशोक पस्तोर के खिलाफ मध्य प्रदेश गोवंश प्रतिषेध अधिनियम की संबद्ध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

गोशाला में पिछले दिनों गायों की मौत की वास्तविक संख्या और इनके दम तोड़ने की वजह के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सा विभाग द्वारा इनके शवों के पोस्टमॉर्टम व जांच के बाद ही इस सिलसिले में स्थिति स्पष्ट हो सकेगी.

पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘हम मामले की विस्तृत जांच कर रहे हैं. पहली नजर में लग रहा है कि गोशाला में गायों की मौत के बाद उनके शवों का उचित क्रियाकर्म नहीं किया गया और लापरवाही दिखाते हुए उन्हें खुले स्थान पर फेंक दिया गया.’

मामले के तूल पकड़ने के बीच गोशाला में गायों की मौत की प्रशासनिक जांच का आदेश भी दिया गया है.

अधिकारियों ने बताया कि जिलाधिकारी मनीष सिंह ने एक अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को इस जांच का जिम्मा सौंपने के साथ ही आदेश दिया है कि मृत गायों का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया जाए.

खुड़ैल थाने के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस को घटनास्थल पर गोवंश के मवेशियों के 21 टैग मिले हैं. उन्होंने बताया कि ये टैग मवेशियों की पहचान के लिए पशुपालन विभाग द्वारा पहनाए जाते हैं.

अधिकारी ने बताया कि गोशाला और इसके आस-पास पुलिस की जांच जारी है, ताकि पता चल सके कि वहां गोवंश के और अवशेष तो नहीं फेंके गए थे.

उन्होंने बताया कि पेड़मी की गोशाला में फिलहाल गोवंश के करीब 500 मवेशी हैं, जिनमें से अधिकांश बूढ़े, बीमार और चोटिल हैं.

गौरतलब है कि इससे पहले जनवरी में सूबे की राजधानी भोपाल के पास बैरसिया कस्बे की एक गोशाला में भी बड़ी तादाद में गायों की मौत का मामला सामने आया था और पुलिस ने गोशाला प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

इस गोशाला की संचालक भाजपा की स्थानीय नेता निर्मला देवी शांडिल्य थीं.

गोशाला में स्थित कुएं में 20 गायों के शव, मैदान में 80 से ज्यादा गायों के शव और कंकाल पड़े मिले थे. इससे पहले गायों की मौत 29 जनवरी की रात को ही हुई थी. इसके बाद पुलिस ने गोशाला संचालक निर्मला देवी पर केस दर्ज किया था.

इस घटना के सामने आने के बाद मचे विवाद के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया था कि इस गोशाला में 500 से अधिक गायें मृत पाई गई हैं और इस गोशाला का संचालन एक भाजपा नेत्री द्वारा किया जाता है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)