पत्नी को बर्ख़ास्त करने के बाद ‘भारतपे’ ने सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर को सभी पदों से हटाया

दुकानदारों को क्यूआर कोड के ज़रिये डिजिटल भुगतान करने की सुविधा देने वाली भारतपे कंपनी एक बयान में कहा है कि अशनीर ग्रोवर का परिवार और उनके रिश्तेदार कंपनी के कोष में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितता में लिप्त रहे हैं. उनके द्वारा फ़र्ज़ी वेंडर बनाकर कंपनी के खातों से पैसे की हेराफेरी की गई और धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया. कंपनी ने कुछ दिन पहले उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर को बर्ख़ास्त कर दिया था.

अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर. (फोटो साभार: इंस्टाग्राम)

दुकानदारों को क्यूआर कोड के ज़रिये डिजिटल भुगतान करने की सुविधा देने वाली भारतपे कंपनी एक बयान में कहा है कि अशनीर ग्रोवर का परिवार और उनके रिश्तेदार कंपनी के कोष में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितता में लिप्त रहे हैं. उनके द्वारा फ़र्ज़ी वेंडर बनाकर कंपनी के खातों से पैसे की हेराफेरी की गई और धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया. कंपनी ने कुछ दिन पहले उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर को बर्ख़ास्त कर दिया था.

अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर. (फोटो साभार: इंस्टाग्राम)

नई दिल्ली: भुगतान स्टार्ट-अप भारतपे (BharatPe) ने सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर को उनके कथित गलत आचरण के कारण कंपनी में सभी पदों से हटा दिया है. अब कंपनी ग्रोवर की कुछ शेयर हिस्सेदारी वापस लेने सहित उनके खिलाफ कानूनी कदम भी उठा सकती है.

दुकानदारों को क्यूआर कोड के जरिये डिजिटल भुगतान करने की सुविधा देने वाले भारतपे ने बुधवार को एक बयान में कहा कि निदेशक मंडल की आगामी बैठक का एजेंडा मिलने के साथ ही ग्रोवर ने मंगलवार को पद से इस्तीफा दिया था.

कंपनी के निदेशक मंडल की मंगलवार शाम को बैठक हुई थी, जो देर रात तक चली. इस बैठक में ग्रोवर के कदमों की स्वतंत्र लेखा जांच पर भी चर्चा हुई. बैठक के बाद कंपनी की ओर से जारी बयान में ग्रोवर को सभी पदों से हटाए जाने की जानकारी दी गई.

भारतपे ने कहा कि लेखा जांच रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों के आधार पर उसे कार्रवाई करने का अधिकार है.

बयान के मुताबिक, ‘ग्रोवर परिवार और उनके रिश्तेदार कंपनी के कोष में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितता में लिप्त रहे हैं. वे यहीं नहीं रुके, फर्जी वेंडर बनाकर कंपनी के खातों से पैसे की हेराफेरी की गई और कंपनी के धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया.’

एक मार्च की मध्यरात्रि से कुछ मिनट पहले ग्रोवर को निदेशक मंडल की बैठक का आमंत्रण मिला, जो मंगलवार यानी दो मार्च की शाम को होनी थी. मंगलवार को ग्रोवर ने इस्तीफा दे दिया.

सूत्रों ने कहा कि भारतपे के निदेशक मंडल ने प्रबंध निदेशक और कंपनी के निदेशक मंडल के निदेशक के पद से ग्रोवर के इस्तीफे को संज्ञान में लिया.

हालांकि ग्रोवर ने निदेशक मंडल की मंजूरी के बगैर इस्तीफा दिया, जिससे कंपनी को यह अधिकार है कि वह उनके हिस्से के 1.4 फीसदी तक शेयर वापस ले सकती है. अभी भारतपे में ग्रोवर की 9.5 फीसदी हिस्सेदारी है.

संपर्क किए जाने पर ग्रोवर ने कहा कि कंपनी के निजी प्रकृति वाले बयान से उन्हें कोई हैरानी नहीं हुई. उन्होंने कहा, ‘इस बयान के पीछे निजी तौर पर नफरत और घटिया सोच है.’

ग्रोवर ने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि निदेशक मंडल जल्द काम शुरू करे. एक हितधारक होने के नाते मुझे मूल्यांकन घटने की चिंता है. मैं कंपनी और निदेशक मंडल के जल्द बेहतर होने की कामना करता हूं.’

भारतपे ने कंपनी के कोष में बड़े पैमाने पर अनियमितता में ग्रोवर के परिवार और संबंधियों की लिप्तता भी पाई है.

कंपनी ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘निदेशक मंडल ग्रोवर परिवार के निंदनीय आचरण से भारतपे, इसके मेहनती कर्मचारियों और विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी की प्रतिष्ठा को धूमिल नहीं होने देगा. ग्रोवर अपने गलत कामों की वजह से अब कंपनी के संस्थापक या निदेशक या कर्मचारी तक नहीं हैं.’

सूत्रों के मुताबिक ग्रोवर ने अपने त्याग-पत्र में कहा है कि उन्हें एक कंपनी को अलविदा कहने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिसके वे संस्थापक हैं.

ग्रोवर ने पत्र में आरोप लगाया कि उन्हें और उनके परिवार को कुछ लोगों द्वारा निराधार मामलों में फंसाया गया है तथा ये लोग न केवल उनकी प्रतिष्ठा को, बल्कि कंपनी की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार हैं.

इस संबंध में ग्रोवर को भेजे गए सवाल का कोई जवाब नहीं मिला.

पिछले सप्ताह ग्रोवर को अपने खिलाफ जारी कंपनी की जांच रोकने के लिए दायर मध्यस्थता अर्जी में हार का सामना करना पड़ा था और उन्हें सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) से कोई राहत नहीं मिली.

ग्रोवर ने एसआईएसी में दायर अपनी अर्जी में कंपनी के कामकाज के लिए जारी समीक्षा रोकने की मांग करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ की जा रही यह जांच गैरकानूनी है. इस याचिका पर पहली सुनवाई 20 फरवरी को हुई थी.

ग्रोवर को पिछले महीने कोटक महिंद्रा बैंक के एक स्टाफ से फोन पर अभद्र भाषा में बातचीत का ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद तीन महीने के लिए छुट्टी पर भेज दिया गया था. उसके बाद कंपनी प्रबंधन ने ऑडिट फर्म से कामकाज की समीक्षा कराने का फैसला किया था.

इससे पहले ग्रोवर की पत्नी और भारतपे की नियंत्रण प्रमुख माधुरी जैन ग्रोवर को भी हाल ही में वित्तीय अनियमितता के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है.

अशनीर ने कहा, ‘मैं बहुत स्पष्ट हूं, मैं एक निजी व्यक्ति रहूंगा. यहां मीडिया के अनुसार अपना जिंदगी जीने के लिए नहीं हूं, अपनी जिंदगी में फिर से इन निवेशकों का गुलाम नहीं बनने जा रहा हूं. अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जीऊंगा.’

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि उनके और उनके परिवार के साथ अन्याय हुआ है, उन्होंने कहा, सिर्फ अन्याय ही नहीं, ‘यह सबसे अच्छा पुरुषवाद है. टर्मिनेशन लेठर में उन्होंने एक लेजर उपचार के बारे में उल्लेख किया है. मैं आपको बता सकता हूं कि वे किस स्तर के झूठ पर गए हैं. मेरी पत्नी को त्वचा संबंधी कुछ दिक्कत थी. उनका डॉक्टर से इलाज चल रहा था और वह बिल एक निजी बिल है. उन्होंने इसके लिए भुगतान किया था. यह सिर्फ दराज में पड़ा था. उन्होंने उसे उठाया और कहा कि आपने कंपनी से इस बिल का रिम्बर्स किया है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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