यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालना सरकार का कर्तव्य है, कोई एहसान नहीं: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान ऐसे समय आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिकित्सा शिक्षा के लिए बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों के विदेश जाने के लिए पिछली सरकारों को ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि उनकी सरकार देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाने पर काम कर रही है, ताकि छात्र देश में ही मेडिकल शिक्षा पा सकें.

मार्च 2022 में युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीय वायुसेना के विमान द्वारा भारत लौटा भारतीय विद्यार्थियों का एक दल. (फोटो साभार: ट्विटर/@IAF_MCC)

कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान ऐसे समय आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिकित्सा शिक्षा के लिए बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों के विदेश जाने के लिए पिछली सरकारों को ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि उनकी सरकार देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाने पर काम कर रही है, ताकि छात्र देश में ही मेडिकल शिक्षा पा सकें.

युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीय वायुसेना के विमान द्वारा भारत लौटा भारतीयों का एक दल. (फोटो साभार: ट्विटर/@IAF_MCC)

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि युद्ध प्रभावित यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित लाना सरकार का कर्तव्य है तथा यह कोई अहसान नहीं है.

उन्होंने यूक्रेन से वापस लौटी की छात्रा का वीडियो जारी कर ट्वीट किया, ‘निकासी (सरकार का) कर्तव्य है, कोई एहसान नहीं है.’

राहुल गांधी ने जो वीडियो जारी किया उसमें एक छात्रा यह कहते सुनी जा सकती है कि उसे यूक्रेन में रहते हुए कोई मदद नहीं मिली और रोमानिया पहुंचने के बाद स्वदेश लाया गया.

राहुल गांधी के ये बयान ऐसे समय आया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बयान में चिकित्सा शिक्षा के लिए बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों के विदेश जाने के लिए पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है.

बीते दो मार्च को एक ट्वीट में उन्होंने कहा था, ‘और त्रासदी न हो इसके लिए केंद्र सरकार को बताना होगा: 1. कितने छात्रों को बचाकर ला चुके हैं? 2. कितने अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं? 3. हर क्षेत्र के लिए विस्तृत निकास प्लान. इन परिवारों को एक स्पष्ट रणनीति बताना हमारी ज़िम्मेदारी है.’

इससे पहले राहुल गांधी और पार्टी के कुछ अन्य सांसद यूक्रेन संकट को लेकर बुलाई गई विदेश मंत्रालय की परामर्श समिति की बैठक में शामिल हुए थे.

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी के सांसदों ने कहा कि रूस-यूक्रेन मामले में भारत को अपनी तटस्थ भूमिका बनाए रखनी चाहिए, ताकि युद्धक्षेत्र से सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा सके. हालांकि उनका यह भी दावा था कि केंद्र सरकार ने समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सांसदों ने इस बात का भी उल्लेख किया कि यूक्रेन की स्थिति को लेकर ‘भ्रमित करने वाले’ परामर्श जारी किए गए जिस वजह से ज्यादातर छात्र समय पर वहां से नहीं निकल सके.

इस बैठक में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी के अलावा पार्टी नेता आनंद शर्मा और शशि थरूर शामिल हुए.

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस सांसदों ने बैठक में कहा, ‘भारत सरकार को अपनी साख का इस्तेमाल करके दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करनी चाहिए थी ताकि हिंसा रुक पाती.’

बैठक में राहुल गांधी ने कहा, ‘फिलहाल तो हमारी प्राथमिकता यूक्रेन से अपने छात्रों को सुरक्षित निकालना होना चाहिए. युद्ध की स्थिति हमेशा चुनौतीपूर्ण होती है. ऐसे हालात में कोई बिल्कुल सटीक समाधान नहीं होता.’

उन्होंने अधिकारियों और भारतीय दूतावास के कार्यों की सराहना की.

बैठक में शामिल कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया, ‘यूक्रेन के मुद्दे पर विदेश मंत्रालय से संबंधित परामर्श समिति की बैठक हुई. समग्र जानकारी और हमारे सवालों एवं चिंताओं का सटीक जवाब देने के लिए एस. जयशंकर और उनके साथियों को आभार व्यक्त करता हूं. यही भावना है जिस पर विदेश नीति चलनी चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘छह राजनीतिक दलों के नौ सांसदों ने बैठक में हिस्सा लिया. कांग्रेस से राहुल गांधी, आंनद शर्मा और मैं इसमें शामिल हुए. सौहार्दपूर्ण माहौल में खुलकर चर्चा हुई.’

थरूर ने कहा, ‘यह इस बात का स्मरण कराता है कि जब राष्ट्रीय हित की बात आती है तो हम सभी पहले भारतीय हैं.’

मोदी ने विदेश जाने की छात्रों की मजबूरी के लिए पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराया

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिकित्सा शिक्षा के लिए बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों के विदेश जाने के लिए बृहस्पतिवार को पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उनकी सरकार देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाने पर काम कर रही है ताकि छात्र देश में ही मेडिकल शिक्षा पा सकें.

प्रधानमंत्री मोदी ने युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के छात्रों के एक समूह से बृहस्पतिवार को मुलाकात की. उन्होंने उन छात्रों तथा उनके परिवारों के साथ भी सहानुभूति जताई, जिन्होंने यूक्रेन में परेशानियों का सामना करने के बाद प्रधानमंत्री के खिलाफ भी अपना गुस्सा जाहिर किया है.

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि इस संकट में उनका नाराज होना स्वाभाविक है.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वे कठिनाइयों और ठंड का सामना कर रहे हैं.

सरकार ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों, विशेष रूप से छात्रों को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ शुरू किया है.

प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान कई छात्रों ने आभार जताया और उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए सरकार की तारीफ की. इस दौरान मोदी ने कहा कि जब नाराज छात्र वस्तुस्थिति को समझेंगे तो अपना प्यार भी दिखाएंगे.

उन्होंने कहा कि इन परेशानियों का जवाब एक मजबूत भारत ही है.

मोदी ने कहा, ‘अगर पहले की चिकित्सा शिक्षा नीतियां सही होतीं तो आपको विदेश नहीं जाना पड़ता.’ उन्होंने कहा कि कोई माता-पिता नहीं चाहते कि इतनी कम उम्र में उनके बच्चे विदेश जाएं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पिछली गलतियों को सही करने के लिए काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि पहले देश में 300 से 400 मेडिकल कॉलेज थे और अब उनकी संख्या करीब 700 है. इनमें सीटों की संख्या 80-90 हजार से बढ़कर डेढ़ लाख हो गई है.

मोदी ने कहा, ‘मेरा प्रयास है कि हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज हो. अगले 10 साल में संभवत: पिछले 70 साल से अधिक डॉक्टर बनकर निकलेंगे.’

उन्होंने कहा कि कम उम्र में छात्रों को विदेश नहीं जाना पड़े, यह बड़ी बात होगी और उनके अभिभावकों को इतना तनाव नहीं झेलना होगा.

मोदी ने छात्रों से बातचीत में कहा कि सभी को देश के लिए कुछ करते रहना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘आपको दूसरे देश में इस आयु में अकेले ऐसे अनुभव से जूझना पड़ा. मैं आपकी मानसिक स्थिति की कल्पना कर सकता हूं. अब हम लोगों को सही से निकालने में सक्षम हैं.’

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के तहत वाराणसी के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री से छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए.

कुछ छात्रों ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले की शुरुआत के बाद उन्होंने सारी उम्मीदें छोड़ दी थीं और वे सरकार के सहयोग के बिना लौट नहीं सकते थे. कुछ अन्य छात्रों ने कहा कि उन्हें कोई परेशानी नहीं आई और वहां भारतीय दूतावास ने पर्याप्त सुविधाएं प्रदान कीं.

एक छात्र ने अपने परिवार की ओर से प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यूक्रेन में फंस जाने के बाद उन्हें लगा था कि केवल प्रधानमंत्री ही कुछ कर सकते हैं. उसने मोदी से कहा, ‘भगवान के बाद आपको ही याद किया जाएगा.’

एक छात्र ने कहा कि रूस की सेना की मदद से निकलने के लिए कुछ दूसरे देशों के छात्रों ने भी भारतीय झंडे का इस्तेमाल किया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)