उत्तर प्रदेश में अयोध्या के ज़िलाधिकारी के आधिकारिक आवास की मरम्मत चल रही है, जिससे वह इन दिनों पीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस में रह रहे हैं. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि एक जूनियर इंजीनियर के निर्देश पर इस अस्थायी आवास पर लगे साइनबोर्ड का रंग भगवा से हरा कर दिया गया था. इससे संबंधित तस्वीरें को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कुछ लोग इसे सत्ता परिवर्तन से पहले का बदलाव बताने लगे थे.
अयोध्या: उत्तर प्रदेश में अयोध्या के जिलाधिकारी (डीएम) के अस्थायी आवास पर लगे साइनबोर्ड का रंग बदलने को लेकर हुए विवाद के तीन दिन बाद राज्य सरकार ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के एक जूनियर इंजीनियर (जेई) को निलंबित कर दिया है.
जिलाधिकारी नीतीश कुमार शहर के सिविल लाइंस इलाके में पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में ठहरे हुए हैं, क्योंकि उनके सरकारी आवास का जीर्णोद्धार (मरम्मत) चल रहा है.
पिछले कुछ दिनों में पीडब्ल्यूडी के जूनियर इंजीनियर अजय कुमार शुक्ला के निर्देश पर ‘जिला मजिस्ट्रेट के निवास’ लिखे हुए साइनबोर्ड का रंग भगवा (केसरिया) से हरे रंग में बदलते हुए कार्यकर्ताओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा की गई थीं.
इन तस्वीरों को साझा करते हुए सोशल मीडिया पर कुछ लोग इसे उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के पहले का बदलाव बताते हुए पोस्ट भी लिखना शुरू कर दिया था.
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल हुए संदेश में कहा गया था कि अधिकारी भी भावी राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखकर अब इस तरह के निर्णय ले रहे हैं. हालांकि, उस वक्त पीडब्ल्यूडी के स्थानीय अधिकारियों का कहना था कि रंग बदलने को राजनीति से जोड़ना उचित नहीं है. पीडब्ल्यूडी के बोर्ड हरे रंग के ही होते हैं.
संबंधित तस्वीरों के सोशल मीडिया पर वायरल होने से पीडब्ल्यूडी की छवि धूमिल हुई. उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-1999 के तहत उनके खिलाफ जांच के आदेश दे दिए गए हैं. निलंबन अवधि के दौरान अजय कुमार शुक्ला अयोध्या के मुख्य अभियंता कार्यालय से संबद्ध रहेंगे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बाद में पीडब्ल्यूडी ने फिर से साइनबोर्ड का रंग बदलकर भगवा कर दिया, जो कि सत्तारूढ़ भाजपा का भी रंग है.
पीडब्ल्यूडी के प्रिंसिपल इंजीनियर (शिकायत) अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि अजय कुमार शुक्ला के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है.
प्रारंभिक जांच के दौरान विभाग ने पाया कि जेई ने डीएम के आधिकारिक आवास से लगभग 1 किलोमीटर दूर गेस्ट हाउस में साइनबोर्ड का रंग बदलने से पहले वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित नहीं किया था. पिछले साल सितंबर से गेस्ट हाउस में रह रहे डीएम नीतीश कुमार ने इस मामले में पीडब्ल्यूडी से स्पष्टीकरण मांगा था.