यूपी चुनाव के अंतिम चरण में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र समेत 54 सीट पर मतदान सोमवार को

उत्तर प्रदेश के सातवें और अंतिम चरण के चुनाव से पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के नाती और इलाहाबाद से भाजपा की सांसद रीता बहुगुणा जोशी के पुत्र मयंक जोशी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश की तक़दीर बदलने के लिए बसपा की ‘आयरन सरकार’ बनाना ज़रूरी है.

/
Varanasi: A polling officer carrying an Electronic Voting Machine (EVM) and other election material leaves for his polling booth, a day before the seventh and last phase of the Uttar Pradesh Assembly elections, at a distribution centre at Pahadiya Mandi, in Varanasi, Sunday, March 6, 2022. (PTI Photo/Arun Sharma)(PTI03 06 2022 000070B)

उत्तर प्रदेश के सातवें और अंतिम चरण के चुनाव से पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के नाती और इलाहाबाद से भाजपा की सांसद रीता बहुगुणा जोशी के पुत्र मयंक जोशी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश की तक़दीर बदलने के लिए बसपा की ‘आयरन सरकार’ बनाना ज़रूरी है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के मतदान से एक दिन पहले रविवार को वाराणसी में पहाड़िया मंडी के एक वितरण केंद्र पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और अन्य चुनाव सामग्री के साथ एक मतदान अधिकारी. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी समेत उत्तर प्रदेश के नौ जिलों की 54 विधानसभा सीट पर चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के तहत सोमवार को मतदान होगा.

प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ल ने रविवार को बताया कि सातवें चरण में वाराणसी, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर, रॉबर्ट्सगंज, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ और जौनपुर जिलों के 54 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान को स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त माहौल में संपन्न कराने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

लखनऊ में शुक्ल ने बताया कि चंदौली जिले की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित चकिया और सोनभद्र जिले के सामान्‍य निर्वाचन क्षेत्र राबर्ट्सगंज और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित दुद्धी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में मतदान सुबह सात बजे से शुरू होकर सायं चार बजे तक चलेगा. शेष 51 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान सुबह सात बजे शाम छह बजे तक चलेगा.

उन्होंने बताया कि सातवें चरण में 2.06 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे और इनमें 1.09 करोड़ पुरुष, 97.08 लाख महिला तथा 1027 तृतीय श्रेणी (ट्रांसजेंडर) के मतदाता हैं. उन्होंने कहा कि इस चरण के निर्वाचन में कुल 54 विधानसभा क्षेत्रों में 613 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें से 75 महिला प्रत्याशी हैं.

सातवें चरण की 54 सीटों में से 11 अनुसूचित जाति के लिए और दो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पूर्ववर्ती छह चरणों में 349 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान संपन्न हो चुका है. पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को हुआ था और 10 मार्च को मतगणना होगी.

शुक्ल ने बताया कि चुनाव में कुल 23,614 मतदेय स्थल तथा 12,210 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.

इस चरण में कई मंत्रियों के चुनावी भाग्य का फैसला होगा. इनमें पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी (वाराणसी दक्षिण), अनिल राजभर (शिवपुर-वाराणसी), रविंद्र जायसवाल (वाराणसी उत्तर), गिरीश यादव (जौनपुर) और रमाशंकर पटेल (मड़िहान-मिर्जापुर) शामिल हैं.

इसके अलावा विधानसभा चुनाव से ऐन पहले भाजपा छोड़कर सपा में गए पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान (घोसी-मऊ) और भाजपा का साथ छोड़कर इस बार सपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे सुभासपा अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर (जहूराबाद-गाजीपुर), गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी (मऊ सदर) तथा बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह (मल्हनी-जौनपुर) की उम्मीदवारी वाली सीट पर भी सातवें चरण में ही वोट डाले जाएंगे.

सातवें चरण के चुनाव के लिए प्रचार का कार्य शनिवार शाम समाप्त हो गया. भाजपा ने प्रचार के दौरान सत्ता विरोधी माहौल को समाप्त करने के लिए पूर्ववर्ती सपा सरकार के दौरान कथित गुंडाराज, माफिया राज, अवैध वसूली, मुजफ्फरनगर दंगों जैसे मुद्दों को उठाया.

भाजपा के विपक्षी दलों ने महंगाई, बेरोजगारी, किसान आंदोलन, लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा में चार किसानों की मौत, आवारा पशुओं की समस्या, गुंडा राज और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों के साथ मतदाताओं को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी.

प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव प्रचार के तहत आखिरी जनसभा को वाराणसी में संबोधित किया. सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव करहल के बाद जौनपुर जिले की मल्हनी में सभा को संबोधित करने आए. मल्हनी सीट से पार्टी के उम्मीदवार लकी यादव हैं, जो मुलायम सिंह के लंबे समय तक सहयोगी रहे दिवंगत पारसनाथ यादव के बेटे हैं.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने भी वाराणसी में सपा गठबंधन के उम्मीदवारों का चुनाव प्रचार किया.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी वाराणसी में कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार किया. इस दौरान बसपा प्रमुख मायावती ने भी वाराणसी समेत आस-पास के जिलों में चुनाव प्रचार किया.

भाजपा सांसद रीता बहुगुणा के पुत्र मयंक जोशी सपा में शामिल

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के नाती और इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की सांसद रीता बहुगुणा जोशी के पुत्र मयंक जोशी बीते शनिवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा जी के नाती और भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी बीते ​शनिवार को आजमगढ़ में अखिलेश यादव जी की उपस्थिति में सपा में शामिल हो गए. (फोटो साभार: ट्विटर)

सात चरणों में प्रस्तावित उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के अंतिम सातवें चरण के मतदान से दो दिन पहले शनिवार को मयंक जोशी ने आजमगढ़ में अखिलेश यादव की एक सभा में सपा की सदस्यता ग्रहण कर सत्तारूढ़ भाजपा को झटका दिया है.

लखनऊ में चौथे चरण के मतदान से एक दिन पहले 22 फरवरी को मयंक जोशी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से शिष्टाचार भेंट किया था, इसके बाद से यह कयास लग रहे थे कि वह सपा में शामिल होंगे.

सपा ने शनिवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से मयंक के सपा में शामिल होने की जानकारी दी.

सपा के ट्वीट में कहा गया है, ‘यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा जी के नाती, युवा नेता मयंक जोशी आजमगढ़ में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की उपस्थिति में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. आपका स्‍वागत एवं धन्‍यवाद.’

मयंक ने बाद में कहा कि यूपी का भविष्य अखिलेश यादव के हाथों में सुरक्षित है.

उन्होंने लखनऊ में समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ‘मैं आज समाजवादी पार्टी में शामिल हो गया हूं. अखिलेश यादव विकास, महिला सुरक्षा और युवाओं की बात करते हैं. एक युवा के तौर मैंने सोचा कि ऐसे व्यक्ति के साथ खड़ा होना चाहिए जो प्रगतिशील बात करता हो. मुझे लगता है कि यूपी का भविष्य उनके हाथों में सुरक्षित है.’

उधर मयंक जोशी के इस फैसले पर रीता बहुगुणा की ओर से सफाई दी गई है. उनके प्रवक्ता अभिषेक शुक्ल ने एक बयान में कहा कि प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी संसदीय समिति की बैठक में वर्तमान में त्रिपुरा में है और समाचारों के माध्यम से उन्हें संज्ञान में आया कि मयंक जोशी ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है.

उन्होंने कहा कि रीता जोशी ने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और बताया कि वह भाजपा में ही रहेंगी, उन्हें राष्ट्रीय नेतृत्व पर आस्था एवं पूर्ण विश्वास है.

राजनीतिक जानकारों के अनुसार मयंक जोशी को लखनऊ के कैंट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से टिकट दिलाने के लिए रीता बहुगुणा प्रयासरत थीं, लेकिन पार्टी ने यहां से कानून मंत्री ब्रजेश पाठक को उम्मीदवार घोषित कर दिया.

उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकीं रीता बहुगुणा जोशी 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुईं और लखनऊ के कैंट विधानसभा क्षेत्र में सपा उम्मीदवार अपर्णा यादव (सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू) को हराकर चुनाव में विजयी हुई थीं.

इसके बाद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की भाजपा सरकार में मंत्री बनाई गई थीं. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में रीता को इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया और वह चुनाव जीत गईं. रीता 2012 में भी कैंट क्षेत्र से कांग्रेस की विधायक थीं, इसलिए वह अपने बेटे को यहां से चुनाव लड़ाने के लिए भाजपा में प्रयासरत थीं.

उन्होंने यह भी प्रस्ताव दिया था कि बेटे को टिकट दिया जाए और पार्टी का निर्देश होगा तो वह सांसद का पद छोड़ देंगी, लेकिन भाजपा ने टिकट नहीं दिया.

गौरतलब है कि मुलायम के छोटे पुत्र प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव ने चुनाव के दौरान ही दिल्ली में सपा छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली और यह दावा किया कि महिलाओं का सम्मान भाजपा में ही सुरक्षित है.

उत्तर प्रदेश की तकदीर बदलने के लिए बसपा की ‘आयरन सरकार’ बनाना जरूरी: मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को कहा कि राज्य की तकदीर बदलने के लिए बसपा की ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ की ‘आयरन सरकार’ बनाना जरूरी है.

मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘यूपी के नौ जिलों की 54 विधानसभा सीटों पर कल (सोमवार को) सातवें एवं अन्तिम चरण के मतदान में यहां गरीबी और बेरोजगारी के सताए हुए उपेक्षित लोग अपने वोट की ताकत से अपनी तकदीर तथा प्रदेश की तस्वीर बदलने का काम कर सकते हैं, जिसके लिए बसपा की सर्वजन हिताय एवं सर्वजन सुखाय की आयरन सरकार बनानी जरूरी है.’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘यह जग-जाहिर है कि विरोधी पार्टियों के किस्म-किस्म के लुभावने वादे और आश्वासन सभी घोर वादाखिलाफी साबित हुई है. इनकी सरकारों में उत्तर प्रदेश के लोगों के हालात संभलने एवं वादे के मुताबिक अच्छे दिन लाने के बजाय लगातार बिगड़ती गई है. इसीलिए अब इनके बहकावे में नहीं आना ही होशियारी है.’

मायावती ने इसी श्रृंखला के अगले ट्वीट में कहा, ‘विरोधी पार्टियों ने धनबल तथा साम, दाम, दंड, भेद आदि सभी प्रकार के हथकंडों को अपनाकर उत्तर प्रदेश चुनाव को अपने पक्ष में करने का खूब जतन किया, लेकिन जानलेवा महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, सरकार की निरंकुशता एवं आवारा पशु आदि से पीड़ित जनता अपने बुनियादी मुद्दों पर डटी रही है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)