विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने मासिक राहत राशि बढ़ाने और समुदाय के बेरोज़गार युवाओं को सरकारी नौकरियां देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर अपनी बस्ती के बाहर प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि सरकार को मासिक राहत राशि 13,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करना चाहिए.
जम्मू: विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने मासिक राहत राशि बढ़ाने और समुदाय के बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरियां देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर अपनी बस्ती ‘जगती’ के बाहर रविवार को प्रदर्शन किया.
जगती टेनेमेंट कमेटी ने इस प्रदर्शन का आयोजन किया. कमेटी के अध्यक्ष शादी लाल पंडित ने कहा, ‘हम 32 वर्षों से निर्वासन में रह रहे हैं और बढ़ती कीमतों के चलते रोजमर्रा के खर्च पूरे करने के लिए विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहे हैं. सरकार को मासिक राहत 13,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करना चाहिए.’
उन्होंने कहा कि सरकार को समुदाय के बेरोजगार युवाओं के लिए एक रोजगार पैकेज की भी घोषणा करनी चाहिए. साथ ही, सरकारी नौकरी के लिए उम्र सीमा पार कर चुके लोगों को ब्याज मुक्त बैंक ऋण उपलब्ध कराना चाहिए.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, समिति की युवा शाखा के अध्यक्ष नवीन ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2008 में बेरोजगार प्रवासी पंडितों को 6,000 सरकारी नौकरियों और इतने ही आवासीय क्वार्टरों का पैकेज प्रदान करने का वादा किया था.
उन्होंने कहा, ‘सरकार आज तक पैकेज को लागू करने में विफल रही है. पैकेज के तहत नौकरी पाने वाले कई युवा निजी किराये के आवास में रह रहे हैं.’
उन्होंने सरकार से इस प्रक्रिया को तेज करने और उनके लिए और नौकरियों की घोषणा करने का आग्रह किया.
गौरतलब है कि केंद्र ने साल 2015 में कश्मीरी पंडित प्रवासियों की घाटी में वापसी के लिए 6,000 ट्रांजिट आवास के निर्माण की घोषणा की थी. हालांकि इनके निर्माण की गति काफी धीमी रही है.
पिछले साल दिसंबर में संसद की स्थायी समिति ने घाटी में कश्मीरी पंडितों के लिए ट्रांजिट आवास के निर्माण की गति पर असंतोष व्यक्त किया था. उन्होंने कहा था कि इस दिशा में अब तक केवल 15 फीसदी काम पूरा हुआ है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)