विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने मासिक राहत बढ़ाने की मांग को लेकर जम्मू में प्रदर्शन किया

विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने मासिक राहत राशि बढ़ाने और समुदाय के बेरोज़गार युवाओं को सरकारी नौकरियां देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर अपनी बस्ती के बाहर प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि सरकार को मासिक राहत राशि 13,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करना चाहिए.

Srinagar: Security personnel stands guard at a blocked road on the 33rd day of strike and restrictions imposed after the abrogration of Article of 370 and bifurcation of state, in Srinagar, Friday, Sept. 6, 2019. (PTI Photo) (PTI9_6_2019_000063A)
(प्रतीकात्मक फाइल फोटो: पीटीआई)

विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने मासिक राहत राशि बढ़ाने और समुदाय के बेरोज़गार युवाओं को सरकारी नौकरियां देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर अपनी बस्ती के बाहर प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि सरकार को मासिक राहत राशि 13,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करना चाहिए.

Srinagar: Security personnel stands guard at a blocked road on the 33rd day of strike and restrictions imposed after the abrogration of Article of 370 and bifurcation of state, in Srinagar, Friday, Sept. 6, 2019. (PTI Photo) (PTI9_6_2019_000063A)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

जम्मू: विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने मासिक राहत राशि बढ़ाने और समुदाय के बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरियां देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर अपनी बस्ती ‘जगती’ के बाहर रविवार को प्रदर्शन किया.

जगती टेनेमेंट कमेटी ने इस प्रदर्शन का आयोजन किया. कमेटी के अध्यक्ष शादी लाल पंडित ने कहा, ‘हम 32 वर्षों से निर्वासन में रह रहे हैं और बढ़ती कीमतों के चलते रोजमर्रा के खर्च पूरे करने के लिए विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहे हैं. सरकार को मासिक राहत 13,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करना चाहिए.’

उन्होंने कहा कि सरकार को समुदाय के बेरोजगार युवाओं के लिए एक रोजगार पैकेज की भी घोषणा करनी चाहिए. साथ ही, सरकारी नौकरी के लिए उम्र सीमा पार कर चुके लोगों को ब्याज मुक्त बैंक ऋण उपलब्ध कराना चाहिए.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, समिति की युवा शाखा के अध्यक्ष नवीन ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2008 में बेरोजगार प्रवासी पंडितों को 6,000 सरकारी नौकरियों और इतने ही आवासीय क्वार्टरों का पैकेज प्रदान करने का वादा किया था.

उन्होंने कहा, ‘सरकार आज तक पैकेज को लागू करने में विफल रही है. पैकेज के तहत नौकरी पाने वाले कई युवा निजी किराये के आवास में रह रहे हैं.’

उन्होंने सरकार से इस प्रक्रिया को तेज करने और उनके लिए और नौकरियों की घोषणा करने का आग्रह किया.

गौरतलब है कि केंद्र ने साल 2015 में कश्मीरी पंडित प्रवासियों की घाटी में वापसी के लिए 6,000 ट्रांजिट आवास के निर्माण की घोषणा की थी. हालांकि इनके निर्माण की गति काफी धीमी रही है.

पिछले साल दिसंबर में संसद की स्थायी समिति ने घाटी में कश्मीरी पंडितों के लिए ट्रांजिट आवास के निर्माण की गति पर असंतोष व्यक्त किया था. उन्होंने कहा था कि इस दिशा में अब तक केवल 15 फीसदी काम पूरा हुआ है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq