एनजीटी ने कोका कोला, पेप्सिको पर अवैध भूजल दोहन के लिए 25 करोड़ रुपये का ज़ुर्माना लगाया

इन दोनों कंपनियों पर लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप है. बताया गया है कि वे भूजल को रिचार्ज करने संबंधी शर्त पूरा करने में विफल रहीं, साथ ही एनओसी की अवधि समाप्त होने के बाद भी लगातार भूजल निकालती रहीं.

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(फोटो: रॉयटर्स)

इन दोनों कंपनियों पर लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप है. बताया गया है कि वे भूजल को रिचार्ज करने संबंधी शर्त पूरा करने में विफल रहीं, साथ ही एनओसी की अवधि समाप्त होने के बाद भी लगातार भूजल निकालती रहीं.

(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने पेप्सिको और कोका-कोला कंपनी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. दोनों ही कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश स्थित अपनी निर्माण इकाइयों में जमीन से अवैध तौर पर भूजल निकाला है.

इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, मून बेवरेजेस (कोका-कोला) और वरुण बेवरेजेस (पेप्सिको) पर लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप है. वे लाइसेंस की भूजल को रिचार्ज करने संबंधी शर्त पूरा करने में विफल रहीं, साथ ही एनओसी की अवधि समाप्त होने के बाद भी लगातार भूजल निकालती रहीं.

जुर्माना लगाने वाली एनजीटी की समिति में एनजीटी अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल, बतौर न्यायिक सदस्य सुधीर अग्रवाल व बृजेश सेठी और अतिरिक्त विशेषज्ञों के तौर पर प्रोफेसर ए. सेंथिल वेल व डॉ. अफरोज अहमद शामिल थे.

समिति ने कोका-कोला के ग्रेटर नोएडा संयंत्र पर 1.85 करोड़ रुपये और साहिबाबाद संयंत्र पर 13.24 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं, पेप्सी के ग्रेटर नोएडा प्लांट पर 9.71 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है.

साथ ही, एनजीटी ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड. केंद्रीय भूजल प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश भूजल विभाग और जिला अधिकारियों को कहा है कि वे विशेषज्ञों की टीम के साथ दौरा करके भूजल को रिचार्ज करने के लिए सख्ती बरतें.