ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने बताया कि पंजाब नेशनल बैंक की ग्रेटर नोएडा शाखा के एक मुख्य प्रबंधक उत्कर्ष कुमार को 400 करोड़ रुपये के ऋण घोटाला मामले के मुख्य आरोपी लक्ष्य तंवर के साथ कथित मिलीभगत के आरोप में गिरफ़्तार किया है. तंवर पर धोखाधड़ी और जालसाजी के 39 और कुमार पर 12 मामले दर्ज हैं.
गाजियाबाद: गाजियाबाद पुलिस ने मंगलवार को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की ग्रेटर नोएडा शाखा के एक मुख्य प्रबंधक को 400 करोड़ रुपये के ऋण घोटाला मामले के मुख्य आरोपी लक्ष्य तंवर के साथ कथित मिलीभगत के आरोप में गिरफ्तार किया.
गाजियाबाद के पुलिस अधीक्षक (एसपी) निपुण अग्रवाल ने कहा कि ऋण घोटाले की जांच कर रहे एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मुख्य प्रबंधक उत्कर्ष कुमार को ग्रेटर नोएडा में बैंक की शाखा से गिरफ्तार किया.
घोटाले के वक्त कुमार पीएनबी की चंद्रनगर शाखा में नियुक्त थे. तंवर विभिन्न बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से जाली दस्तावेजों के आधार पर 400 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण जुटाने में कामयाब रहा था.
पुलिस ने पूर्व में बैंक के सहायक महाप्रबंधक रामनाथ मिश्रा और प्रबंधक प्रियदर्शनी को घोटाले में उनकी भूमिका के आरोप में गिरफ्तार किया था.
एसपी अग्रवाल ने कहा कि तंवर पर धोखाधड़ी और जालसाजी के 39 मामले दर्ज हैं और कुमार पर 12 मामले दर्ज हैं.
एसपी अग्रवाल ने कहा कि एसआईटी मामले में तंवर की पत्नी प्रियंका तंवर और एक दर्जन से अधिक अन्य आरोपियों के संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.
एसपी ने कहा कि घोटाले में मिलीभगत करने वाले बैंक के कुछ पूर्व कर्मचारियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. तंवर को गिरफ्तार किया गया था और उसकी अचल संपत्ति को गाजियाबाद प्रशासन ने पहले ही कुर्क किया था.
अग्रवाल ने कहा कि तंवर के खिलाफ उत्तर प्रदेश गैंगस्टर कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.
ऋण घोटाला अगस्त 2020 में सामने आया था जब शिवम नामक व्यक्ति ने तंवर, उसकी पत्नी प्रियंका तंवर, पीएनबी प्रबंधक कुमार, उप प्रबंधक प्रियदर्शनी और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ जीटी रोड कोतवाली थाना में शिकायत दर्ज कराई थी.
शिकायत में शिवम ने आरोप लगाया था कि तंवर ने उनके नाम पर 1.33 करोड़ रुपये की दो संपत्तियां खरीदी थीं और बैंक से चार करोड़ रुपये का कर्ज लिया.
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि शिवम और उसके पिता सुनील कुमार के तंवर के साथ घनिष्ठ संबंध थे.
पुलिस ने कहा कि शिवम ने खुद को और अपने पिता को बचाने के लिए शिकायत दर्ज कराई थी क्योंकि बैंक ने उन्हें ऋण राशि की वसूली के लिए नोटिस भेजने शुरू किए थे.