गोवा में भाजपा की 20 सीटों पर जीत, गठबंधन से तीसरी बार सरकार गठन को तैयार

गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा में 20 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वह क्षेत्रीय दल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से राज्य में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है. कांग्रेस को 11 सीटों पर जीत मिली है, जबकि उसके सहयोगी दल गोवा फारवर्ड पार्टी को एक सीट पर जीत मिली.

Panaji: Goa Chief Minister Pramod Sawant flashes the victory sign as BJP leads, during counting day of Goa elections, in Panaji, Thursday, March 10, 2022. (PTI Photo)(PTI03 10 2022 000157B)

गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा में 20 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वह क्षेत्रीय दल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से राज्य में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है. कांग्रेस को 11 सीटों पर जीत मिली है, जबकि उसके सहयोगी दल गोवा फारवर्ड पार्टी को एक सीट पर जीत मिली.

गोवा में भाजपा को मिली जीत पर राजधानी पणजी में विक्ट्री साइन दिखाते मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत. (फोटो: पीटीआई)

पणजीः भाजपा गोवा में सत्ता विरोधी लहर से पार पाते हुए विधानसभा की 20 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है. इसके साथ ही वह क्षेत्रीय दल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से राज्य में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है.

गोवा विधानसभा की 40 सीटों में भाजपा को 20 सीटों पर जीत मिली है, जो बहुमत से केवल एक सीट कम है. भाजपा ने 2017 की तुलना में अपने प्रदर्शन में सुधार किया है, उस समय पार्टी को 13 सीटों पर जीत मिली थी.

https://twitter.com/ANI/status/1501933215564857345

चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, कांग्रेस को 11 सीटों पर जीत मिली है, जबकि उसके सहयोगी दल गोवा फारवर्ड पार्टी (जीएफपी) को एक सीट पर जीत मिली.

कांग्रेस को पिछली बार के मुकाबले छह सीटों का नुकसान हुआ है. कांग्रेस को 2017 के चुनाव में 17 सीटों पर जीत मिली थी.

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी विधानसभा पहुंचे हैं. आम आदमी पार्टी और एमजीपी ने दो-दो सीटें जीतीं, जबकि रिवोल्यूशनरी गोवा पार्टी ने एक सीट पर जीत दर्ज की.

चुनाव पूर्व एमजीपी के साथ गठबंधन करने वाली तृणमूल कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली है.

सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी भाजपा ने तीन निर्दलीय विधायकों और एमजीपी का समर्थन भी हासिल कर लिया है, जिससे विधानसभा में उसके पास विधायकों की संख्या बढ़ कर 25 हो गई, जो बहुमत के आंकड़े से अधिक है.

बता दें कि गोवा में सरकार बनाने के लिए 21 सीटों की जरूरत होती है.

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि एमजीपी ने सरकार गठन के लिए भाजपा को बिना शर्त समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा शुक्रवार को अपने नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक के दौरान राज्य में नेतृत्व के मुद्दे पर चर्चा करेगी.

भाजपा के गोवा चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार बनाने का दावा करने पर फैसला शुक्रवार को पार्टी विधायक दल की बैठक के बाद लिया जाएगा. फडणवीस ने कहा कि एमजीपी ने औपचारिक रूप से भाजपा को सरकार गठन में समर्थन देने के लिए एक पत्र सौंपा है.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, एमजीपी के दोनों विजयी उम्मीदवार तीन निर्दलीय विधायकों के साथ भाजपा का समर्थन करेंगे.

प्रमोद सावंत ने कहा कि नेतृत्व पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है और इस मुद्दे पर शुक्रवार को पार्टी के विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक की मौजूदगी में चर्चा की जाएगी.

गोवा: तीन दंपति रखेंगे विधानसभा में कदम

गोवा की 40 सदस्यीय नई विधानसभा में इस बार तीन दंपति कदम रखेंगे. भाजपा की निवर्तमान सरकार में स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने वालपई, जबकि उनकी पत्नी दिव्या ने पोरियम सीट से जीत दर्ज की है. विश्वजीत ने 8,085 मतों के अंतर से जीत हासिल की है तो दिव्या ने अपने निकतम प्रतिद्वंद्वी को 13,943 मतों से हराया.

निवर्तमान सरकार में स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे की पत्नी दिव्या रानी ने पोरियम सीट से जीत दर्ज की है. (फोटो: पीटीआई)

कांग्रेस के माइकल लोबो ने अपनी पारंपरिक सीट कलंगुट, जबकि उनकी पत्नी डिलायला ने भी कांग्रेस के टिकट पर शिवोली सीट से जीत हासिल की है.

भाजपा के आतानासियो मोनसेरेट ने पणजी जबकि उनकी पत्नी जेनिफर ने तालेगांव से जीत दर्ज की.

हालांकि तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार कांदोलकर दंपति की किस्मत ने साथ नहीं दिया. कविता कांदोलकर को थिवी जबकि उनके पति किरन को हलदोणे सीट से हार का सामना करना पड़ा है.

कविता को भाजपा के मौजूदा विधायक नीलकंठ रामनाथ हलर्णकर से जबकि किरन को कार्लोस अल्वारेस फरेरासे हार का सामना करना पड़ा.

तृणमूल कांग्रेस के दो अन्य उम्मीदवारों चर्चिल आलेमाव और उनकी बेटी वलांका को भी हार का सामना करना पड़ा है. चर्चिल बाणावली से जबकि वलांका नावेली से उम्मीदवार थीं.

गोवा के 10 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत का अंतर 76 से 716 मतों का रहा

गोवा विधानसभा चुनावों के नतीजों के अनुसार 10 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत का अंतर काफी कम, 76 से 716 मतों का रहा है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, गोवा के इन निर्वाचन क्षेत्रों में से दो में जीत का अंतर 100 मतों से भी नीचे रहा.

राज्य की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 14 फरवरी को चुनाव हुए थे और गुरुवार को परिणाम घोषित किए गए.

उत्तरी गोवा के सेंट आंद्रे निर्वाचन क्षेत्र में सबसे कम 76 मतों का जीत का अंतर दर्ज किया गया, जहां राज्य में एक नए राजनीतिक संगठन रिवोल्यूशनरी गोअन्स पार्टी (आरजीपी) के उम्मीदवार वीरेश बोरकर ने भाजपा उम्मीदवार और मौजूदा विधायक फ्रांसिस सिलवीरा को हराया.

पोंडा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के रवि नाइक और महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के उम्मीदवार डॉ. केतन भाटीकर के बीच कड़ी टक्कर देखी गई, जहां शुरुआती नतीजों में डॉ. भाटीकर के विजेता होने की घोषणा की गई थी, वहीं वोटों की फिर से गिनती कराये जाने पर नाइक ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 77 वोट अधिक प्राप्त करके चुनावी मुकाबले में जीत हासिल की.

दक्षिण गोवा में वेलिम निर्वाचन क्षेत्र में भी एक करीबी मुकाबला देखा गया, जहां आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार क्रूज सिल्वा ने कांग्रेस के सावियो डी सिल्वा को 169 वोट से हराया.

दक्षिण गोवा के प्रियोल निर्वाचन क्षेत्र में, भाजपा उम्मीदवार गोविंद गौडे ने एमजीपी अध्यक्ष और पार्टी उम्मीदवार दीपक धवलीकर को 213 मतों के अंतर से हराया.

भाजपा के नेता एवं मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत शुरुआती दौर की मतगणना में पीछे चल रहे थे, लेकिन दूसरे और तीसरे दौर में उनके प्रदर्शन में सुधार हुआ. उन्होंने कांग्रेस के अपने प्रतिद्वंद्वी धर्मेश सगलानी को 666 मतों के अंतर से हराया.

सावंत ने जीत के कम अंतर के बारे में कहा था कि यह उनके लिए चिंता का विषय है और वह इस पर आत्मनिरीक्षण करेंगे.

पणजी निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार अतानासियो मोनसेरेट और गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मनोहर पर्रिकर के बेटे निर्दलीय उम्मीदवार उत्पल पर्रिकर के बीच करीबी मुकाबला देखा गया. इसमें मोनसेरेट ने 716 मतों से जीत दर्ज की.

मोनसेरेट ने कहा कि वह अपनी जीत के अंतर से खुश नहीं हैं और उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं पर उन्हें पार्टी में स्वीकार नहीं करने का आरोप लगाया. पणजी से भाजपा द्वारा टिकट देने से इनकार करने के बाद पर्रिकर ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया था.

विधानसभा अध्यक्ष राजेश पाटनेकर बिचोलिम विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार थे.

वह, निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. चंद्रकांत शेट्टी से 318 मतों से पराजित हुए. विधायक चुने जाने के बाद शेट्टी ने तुरंत भाजपा को अपना समर्थन दिया.

दक्षिण गोवा के कुरचोरम निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार अमित पाटकर के खिलाफ बिजली मंत्री और भाजपा उम्मीदवार नीलेश कैबराल ने 672 मतों से जीत हासिल की.

जीत अरोलकर (एमजीपी) और उल्हास तुऐनकर (भाजपा) ने भी अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ बहुत कम अंतर से जीत हासिल की.

मांद्रेम सीट पर अरोलकर ने भाजपा उम्मीदवार दयानंद सोपटे को 715 मतों से हराया, जबकि तुऐनकर ने नावेलिम निर्वाचन क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उम्मीदवार वलंका अलेमाओ को 430 मतों से हराया.

भाजपा राज्य में 20 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और उसने राज्य में लगातार तीसरी बार अपनी सरकार बनाने के लिए क्षेत्रीय दल एमजीपी और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल किया.

भाजपा ने 2017 में 13 सीटों पर जीत हासिल की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq