पंजाब में आम आदमी पार्टी की आंधी में एक पूर्व मुख्यमंत्री, 5 पूर्व मंत्री, भाजपा के 54, कांग्रेस के 30 और शिरोमणि अकाली दल के 27 उम्मीदवार अपनी सीटों पर ज़मानत ज़ब्त होने से नहीं बचा सके.
चंडीगढ़: पंजाब के हालिया संपन्न विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) की झाड़ू ऐसी चली कि विपक्षी दल एक तरह से साफ हो गए.
द ट्रिब्यून की एक खबर के मुताबिक, एक पूर्व मुख्यमंत्री समेत 5 पूर्व मंत्री, 54 भाजपा उम्मीदवार, 30 कांग्रेस उम्मीदवार और 27 शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार अपनी जमानत तक जब्त होने से बचा नहीं सके. अपनी जमानत जब्त कराने वालों में एक पूर्व केंद्रीय मंत्री का भी नाम शामिल है.
भाजपा के सबसे ज्यादा (54) उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई. उसके बाद कांग्रेस (30) का नंबर आता है. तीसरे नंबर पर शिरोमणि अकाली दल (27) और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस (27) रहे.
इनके अलावा बसपा के 13, शिरोमणि अकाली दल (एस) के 14 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई. आप के सिर्फ एक उम्मीदवार की जमानत जब्त हुई.
सबसे शर्मनाक नतीजे कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए आए. उनकी पार्टी 28 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, इकलौते कैप्टन ही अपनी जमानत बचा पाए.
इसी तरह, शिअद (संयुक्त) के केवल परमिंदर सिंह ढींढसा ही अपनी जमानत बचा सके. आप के एकमात्र उम्मीदवार जिन्होंने अपनी जमानत जब्त करा ली, वे भोलाथ सीट से राणा रंजीत सिंह रहे, उन्हें मात्र 13,612 वोट मिले.
बता दें कि जो भी उम्मीदवार कुल मान्य मतों का छठा भाग (16.7%) पाने में असफल होता है उसकी जमानत जब्त हो जाती है. विधानसभा चुनावों में सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार के लिए जमानत राशि 10,000 रुपये है, वहीं अनुसूचित जाति/जनजाति के उम्मीदवारों के लिए यह 5,000 रुपये है.
अपने जमानत जब्त कराने वालों में पूर्व कांग्रेस मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्टल (लहरा), कृषि मंत्र रणदीप सिंह नाभा (अमलोह), उद्योग मंत्री गुरकीरत सिंह कोटली (खन्ना) और वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत (नाभा) जैसे प्रमुख और प्रतिष्ठित नाम शामिल रहे.
बता दें कि पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में से 92 सीटों पर जीत दर्ज कर आम आदमी पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है. कांग्रेस को इनमें से 18 सीटों पर जीत मिली है.
अकाली दल ने 3 सीटें हासिल की हैं, जबकि भाजपा के खाते में 2 सीटें आई हैं. निवर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को दोनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा.