लॉकडाउन से लघु और मझोले उद्यम सर्वाधिक प्रभावित, 2020-2021 में इनका क़र्ज़ 20,000 करोड़ बढ़ा: आरटीआई

सूचना का अधिकार के ज़रिये आरबीआई से मिली जानकारी से पता चला है कि लॉकडाउन के दौरान सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम (एमएसएमई) एमएसएमई की कुल ग़ैर निष्पादित संपत्तियां (एनपीए) या फंसा हुआ क़र्ज़ सितंबर 2020 में 1,45,673 करोड़ की तुलना में 20,000 करोड़ रुपये बढ़कर सितंबर 2021 में 1,65,732 हो गया.

/
A man repairs gear parts used in automobiles inside a workshop at an industrial area in Mumbai, India. Small businesses have been struggling with the new tax. (Photo: Danish Siddiqui/Reuters)
(फोटो: रॉयटर्स)

सूचना का अधिकार के ज़रिये आरबीआई से मिली जानकारी से पता चला है कि लॉकडाउन के दौरान सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम (एमएसएमई) एमएसएमई की कुल ग़ैर निष्पादित संपत्तियां (एनपीए) या फंसा हुआ क़र्ज़ सितंबर 2020 में 1,45,673 करोड़ की तुलना में 20,000 करोड़ रुपये बढ़कर सितंबर 2021 में 1,65,732 हो गया.

भारतीय रिज़र्व बैंक (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्लीः बीते दो सालों में कोविड-19 महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था में आई मंदी के चलते देश के सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम (एमएसएमई) सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और केंद्र सरकार द्वारा ऋण पुनर्गठन योजनाओं और पैकेज के ऐलान के बावजूद एमएसएमई पर इसकी सर्वाधिक मार पड़ी है.

इंडियन एक्सप्रेस समाचार पत्र ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के जरिये आरबीआई से मिली जानकारी के हवाले से बताया है कि एमएसएमई की कुल गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) या फंसा हुआ कर्ज सितंबर 2020 में 1,45,673 करोड़ की तुलना में 20,000 करोड़ रुपये बढ़कर सितंबर 2021 में 1,65,732 हो गया.

आरबीआई के मुताबिक, एमएसएमई का एनपीए सितंबर 2020 में 8.2 फीसदी के मुकाबले 17.33 लाख करोड़ रुपये के सकल अग्रिम (ग्रॉस एडवांस) का 9.6 फीसदी है. असल में एमएसएमई का एनपीए सितंबर 2019 में 1,47,260 करोड़ रुपये (ग्रॉस एडवांस का 8.8 प्रतिशत) से कम हो गया था, जो 2021 में दोबारा बढ़ गया है.

आरबीआई का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एमएसएमई एनपीए में 1,37,087 करोड़ रुपये का बड़ा हिस्सा है. सरकारी बैंकों में पीएनबी का सितंबर 2021 तक एमएसएमई एनपीए 25,893 था. भारतीय स्टेट बैंक का 24,394 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक का 22,297 करोड़ रुपये और केनरा बैंक का 15,299 करोड़ रुपये का एमएसएमई एनपीए था.

बता दें कि कोई कर्ज उस समय एनपीए में बदल जाता है, जब मूलधन या ब्याज 90 दिनों के बाद भी नहीं चुकाया जाता.

सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में आरबीआई द्वारा बताया गया है कि जनवरी 2019, फरवरी 2020, अगस्त 2020 और मई 2021 में एमएसएमई के लिए चार कर्ज पुनर्गठन योजनाओं का ऐलान करने के बाद एमएसएमई के एनपीए में बढ़ोतरी हुई है.

इन योजनाओं के तहत 1,16,332 करोड़ रुपये के 24.51 लाख एमएसएमई खातों के कर्जों का पुनर्गठन किया गया है.

आरबीआई द्वारा मई 2021 में जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक, आरबीआई की ‘ट्रेंड एंड प्रोग्रेस ऑफ बैंकिंग’ रिपोर्ट के अनुसार 51,467 करोड़ रुपये के कर्ज का पुनर्गठन किया गया.

बता दें कि एमएसएमई सेक्टर पर कोरोना की सर्वाधिक मार पड़ी है. केंद्र सरकार द्वारा मार्च 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन लगाने के बाद हजारों की संख्या में एमएसएमई या तो बंद हो गए या उनकी हालत खस्ता हो गई.

आरबीआई और केंद्र सरकार ने आर्थिक गतिविधियों में दोबारा जान फूंकने के लिए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) सहित कई उपाय किए, जिससे एमएमएमई और छोटे कारोबारों को तीन लाख करोड़ रुपये का अनसिक्योर्ड कर्ज मुहैया कराया गया.

बैंकिंग सूत्रों का कहना है कि पुनर्गठन योजनाएं और पैकेज का उन हजारों इकाइयों को कोई लाभ नहीं हुआ, जो पहले से ही कर्ज में डूबी हुई थीं.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq