माकपा का अमित शाह पर पलटवार, कहा हिंसा की राजनीति का दौर आरएसएस ने शुरू किया, शाह की पदयात्रा मुद्दों से ध्यान भटकाने का हथकंडा है.
नई दिल्ली: केरल में राजनीतिक हत्याओं को लेकर भाजपा और माकपा में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. भाजपा का आरोप है कि केरल में सत्तारूढ़ माकपा गठबंधन राजनीतिक हिंसा के लिए जिम्मेदार है तो दूसरी तरफ माकपा का कहना है कि राजनीतिक हिंसा का दौर आरएसएस ने शुरू किया है.
केरल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जनरक्षा यात्रा के दौरान उन्होंने वामपंथियों पर आरोपों की झड़ी लगा दी. केरल सरकार के खिलाफ दिल्ली में भी भाजपा ने प्रदर्शन किया. हालांकि, माकपा का कहना है यह मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है, जो कि फ्लॉप हो चुकी है.
रविवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली स्थित माकपा कार्यालय तक एक मार्च का नेतृत्व किया और आरोप लगाया कि हिंसा की राजनीति वामपंथियों के स्वभाव में है. उधर, वाम दल ने इसकी आलोचना की.
केरल में वामपंथी हिंसा को रेखांकित करने के लिए भाजपा के अभियान जन रक्षा यात्रा का नेतृत्व करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि दक्षिणी राज्य में जहां माकपा नीत सरकार का शासन है, वाम कार्यकर्ता भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या कर रहे हैं तथा उन्हें आतंकित कर रहे हैं.
शाह ने मध्य दिल्ली के कनाट प्लेस से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर गोल मार्केट इलाके में स्थित माकपा मुख्यालय तक एक मार्च का नेतृत्व किया. दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी, केंद्रीय मंत्री अल्फोंस कन्नथानम और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से पार्टी के विभिन्न सांसद भी इस जुलूस में शामिल थे.
शाह ने अपने संबोधन में कहा कि डराने-धमकाने की कोई भी सीमा, वाम-शासित राज्य में कमल खिलने से रोक नहीं सकती. उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं की ज्यादातर हत्याएं उनके गृह जिले में हुई हैं.
शाह ने कहा, केरल में जब से वाम दल सत्ता में आया है, तब से भाजपा और संघ आरएसएस के कई कार्यकर्ताओं की हत्याएं हुई हैं. यह हत्याएं बेहद नृशंस तरीके से की गई हैं. यह भाजपा का समर्थन करने वाले लोगों को धमकाने के लिए किया गया है कि उनके साथ भी ऐसा ही किया जाएगा. लेकिन वह हत्या का जितना गंदा खेल खेलेंगे, कमल उतना ही बेहतर खिलेगा.
शाह ने विजयन पर निशाना साधते हुए कहा कि हत्याओं में वृद्धि के लिए पूरी तरह से वह जिम्मेदार हैं और ऐसी अधिकतर हत्याएं मुख्यमंत्री के गृह जिले में हुई हैं.
उन्होंने कहा, हिंसा की राजनीति वामपंथियों के स्वभाव में है. यह संयोग नहीं है कि राजनीतिक हत्याओं की अधिकतर खबरें पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और केरल से आई हैं जहां वामपंथी लंबे समय तक सत्ता में रहे हैं. वे जहां कहीं भी सत्ता में रहे हैं, उन्होंने राजनीतिक संस्कृति को हिंसा में बदल दिया है.
शाह ने जन रक्षा यात्रा की शुरुआत केरल के कन्नूर जिले में तीन अक्टूबर को की थी. इसका समापन 17 अक्तूबर को तिरुवनंतपुरम में होगा.
भाजपा के मार्च के बाद माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा का अभियान फ्लॉप शो रहा है.
माकपा ने केरल में कथित राजनीतिक हत्याओं के खिलाफ राज्य में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की आयोजित जनरक्षा यात्रा को देश की समस्याओं से जनता का ध्यान भटकाने का हथकंडा बताया है.
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने रविवार को दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय के बाहर शाह की अगुवाई में किए गए प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा ने जनता की समस्याओं पर मोदी सरकार के खिलाफ उपजे आक्रोश से ध्यान भटकाने के लिए जनरक्षा यात्रा का हथकंडा अपनाया है.
भाजपा कार्यकर्ता केरल में राजनीतिक हत्याओं के विरोध में राज्य की माकपा सरकार के खिलाफ जनरक्षा यात्रा के समानांतर दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय के बाहर प्रतिदिन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
रविवार को शाह की अगुवाई में हुए प्रदर्शन के बाद येचुरी ने संवाददाता सम्मेलन में भाजपा के इस अभियान को फ्लॉप शो करार दिया. उन्होंने भाजपा के प्रदर्शन को अप्रत्याशित बताते हुए इसे भगवा पार्टी के फासीवादी चरित्र का परिचायक बताया.
केरल में वामपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा और आरएसएस के समर्थकों की कथित हत्या करने के शाह के आरोप के जवाब में उन्होंने उल्टा आरएसएस पर राज्य में राजनीतिक हिंसा का दौर शुरू करने का आरोप लगाया.
येचुरी ने कहा कि केरल में भाजपा की पदयात्रा को जनता का समर्थन नहीं मिलने पर शाह ने वहां से खुद को अलग कर अब दिल्ली में डेरा डाल दिया. उन्होंने कहा कि शाह दिल्ली में भी माकपा कार्यालय के बाहर धरना स्थल तक आने की हिम्मत नहीं जुटा सके बल्कि वह कनॉट प्लेस में प्रदर्शन को हरी झांडी दिखा कर चले गए.
इससे साफ है कि शाह को खुद इस बात का अहसास हो गया है कि भाजपा की पदयात्रा फ्लॉप शो साबित हुई है. येचुरी ने कहा कि मोदी सरकार चुनाव में किए गए एक भी वादे को पूरा करने में नाकाम रही है. जनता में इससे उपजे गुस्से से ध्यान भटकाने के लिए शाह ने पदयात्रा का हथकंडा अपनाया है.
येचुरी ने कहा कि माकपा कार्यालय के पास भाजपा का प्रदर्शन भारतीय लोकतंत्र में अभूतपूर्व है. केंद्र में भाजपा के सत्तारूढ़ होने के साथ ही यह भारतीय राजनीति में फासीवाद की प्रवृत्ति को प्रतिबिंबित करता है.
केरल में भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्याओं के संबंध में शाह के आरोप पर येचुरी ने पलटवार करने हुए आरोप लगाया कि केरल में राजनीतिक हिंसा की शुरुआत के लिए संघ जिम्मेदार है.
माकपा नेता ने कहा कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, अपने वादों को पूरा करने में मोदी सरकार की नाकामियां भाजपा के प्रदर्शन के कारण हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)