यूपी चुनाव: भाजपा की प्रचंड जीत के बावजूद उसके तीन उम्मीदवार अपनी ज़मानत नहीं बचा सके

निर्वाचन अयोग के आंकड़ों के मुताबिक कुंडा, मल्हनी और रसड़ा सीट के भाजपा उम्मीदवारों की ज़मानत ज़ब्त हो गई. ज़मानत बचाने के लिए एक उम्मीदवार को अपनी सीट पर हुए कुल मतदान के 16.66 प्रतिशत या 1/6 हिस्से के बराबर मत प्राप्त करना जरूरी है.

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(फोटो साभार: फेसबुक/@MYogiAdityanath)

निर्वाचन अयोग के आंकड़ों के मुताबिक कुंडा, मल्हनी और रसड़ा सीट के भाजपा उम्मीदवारों की ज़मानत ज़ब्त हो गई. ज़मानत बचाने के लिए एक उम्मीदवार को अपनी सीट पर हुए कुल मतदान के 16.66 प्रतिशत या 1/6 हिस्से के बराबर मत प्राप्त करना जरूरी है.

(फोटो साभार: फेसबुक/@MYogiAdityanath)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रचंड जीत के बावजूद तीन ऐसी सीट हैं, जहां उसके प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा सके. निर्वाचन अयोग की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, प्रतापगढ़ की कुंडा, जौनपुर की मल्हनी और बलिया की रसड़ा सीट पर भाजपा उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा सके.

जमानत बचाने के लिए किसी उम्मीदवार को कुल मतदान के 16.66 प्रतिशत या 1/6 हिस्से के बराबर मत प्राप्त करना आवश्यक है.

आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कुंडा सीट पर भाजपा प्रत्याशी सिंधुजा मिश्रा को कुल पड़े 1,95,992 मतों में से सिर्फ 16,455 (8.36 प्रतिशत) वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई.

इस सीट पर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रत्याशी रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने जीत हासिल की. उन्हें कुल 99,612 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) के गुलशन यादव को 69,297 मत प्राप्त हुए.

आंकड़ों के अनुसार, मल्हनी सीट से भाजपा उम्मीदवार कृष्ण प्रताप सिंह अपनी जमानत नहीं बचा पाए. उन्हें कुल 2,26,321 मतों में से केवल 18,319 वोट (8.01 प्रतिशत) ही प्राप्त हुए. सिंह वर्ष 2014 में जौनपुर से सांसद भी रह चुके हैं.

इस सीट पर सपा उम्मीदवार लकी यादव ने जीत हासिल की. उन्हें 97,357 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी जनता दल यूनाइटेड के धनंजय सिंह को 79,830 मत प्राप्त हुए.

रसड़ा सीट को लेकर जो आंकड़ा उपलब्ध कराया गया है उसके मुताबिक भाजपा उम्मीदवार बब्बन को कुल पड़े 1,99,047 मतों में से 24,235 (12.08 प्रतिशत) वोट मिले जो 1/6 से कम हैं, लिहाजा वह अपनी जमानत नहीं बचा पाए.

रसड़ा सीट पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उमाशंकर सिंह ने जीत हासिल की, जिन्हें 87,887 मत प्राप्त हुए. सिंह के निकटतम प्रतिद्वंदी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के महेंद्र को 81,304 मत मिले. पूरे चुनाव में रसड़ा ही एकमात्र सीट है जहां बसपा ने जीत दर्ज की है.

आंकड़ों की तुलना करने से पता चलता है कि जमानत बचाने के मामले में भाजपा का रिकॉर्ड वर्ष 2017 के मुकाबले वर्ष 2022 में बेहतर रहा. वर्ष 2017 में पांच सीट पर भाजपा की जमानत जब्त हुई थी. इनमें सहसवान, गौरीगंज, रायबरेली, सादाबाद और सोरांव शामिल थीं.

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को कुल 255 सीट पर जीत हासिल हुई, जबकि उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) को 12 और निषाद पार्टी को छह सीट पर विजय प्राप्त हुई. इसके अलावा सपा को 111 तथा उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) को आठ तथा सुभासपा को छह सीट पर जीत मिली.

इनके अलावा कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को दो-दो एवं बसपा को महज एक सीट से संतोष करना पड़ा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)