आईबी के दिवंगत अधिकारी अंकित शर्मा के भाई को दिल्ली सरकार में नौकरी दिए जाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा पर निशाना साधा है. भाजपा ने पलटवार करते हुए केजरीवाल पर अंकित के परिवार को ‘मुआवज़ा पैकेज’ देकर राजनीति करने का आरोप लगाया है.
नई दिल्ली: इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के दिवंगत अधिकारी अंकित शर्मा के भाई को दिल्ली सरकार में नौकरी दिए जाने के बाद बृहस्पतिवार को आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह हिंदुओं के नाम पर राजनीति करती है, लेकिन उसने 2020 के दंगों के पीड़ित इस समुदाय के सदस्यों के लिए कुछ नहीं किया.
हालांकि भाजपा ने आप के इन आरोपों को खारिज कर दिया.
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा भाजपा की ‘एक सोची समझी योजना और एक साजिश’ थी, लेकिन वह दंगों के शिकार हुए हिंदुओं को ‘कोई मदद’ प्रदान करने के लिए आगे नहीं आई.
आप की राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य दुर्गेश पाठक ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमें लग रहा था कि भाजपा मुसलमानों की मदद तो नहीं करेगी, क्योंकि वह उनसे नफरत करती है, लेकिन हिंदू समाज की मदद करेगी, लेकिन यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंदुओं के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा दंगों का शिकार हुए समुदाय के सदस्यों की मदद के लिए आगे नहीं आई.’
उन्होंने कहा कि यह अरविंद केजरीवाल की सरकार है जिसने दंगों के पीड़ितों की हरसंभव मदद की.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दंगों के दौरान मारे गए इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा के भाई को नौकरी का पत्र सौंपा.
BJP’s dirty politics exposed by @ipathak25.
BJP used the death of Ankit Sharma to create communal hatred, but left the family stranded even though he was a Central Govt employee.
AAP gave his family Rs 1 crore compensation & a Govt job to his brother.pic.twitter.com/grrD233PjU
— Valmiki Naik 🇮🇳 (@ValmikiNaik) March 17, 2022
मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि केजरीवाल ने पिछले साल अंकित शर्मा के परिवार को एक करोड़ रुपये का चेक सौंपा था.
पाठक ने कहा, ‘केंद्र की भाजपा सरकार ने उनके परिवार के लिए कुछ क्यों नहीं किया, जबकि आईबी उसके अंतर्गत आती है? अंकित शर्मा हिंदू थे.’
उन्होंने कहा, ‘हर कोई जानता है कि दिल्ली दंगों के पीछे एक सोची-समझी योजना थी, पूरी साजिश भाजपा ने रची थी ताकि उसे राजनीतिक लाभ मिल सके.’
उन्होंने मांग की कि भाजपा और उसके नेता दिल्ली दंगा पीड़ित हिंदू परिवारों की मदद नहीं करने के लिए हिंदू समाज से माफी मांगें.
भाजपा ने पलटवार करते हुए केजरीवाल और पाठक पर अंकित के परिवार को ‘मुआवजा पैकेज’ देकर राजनीति करने का आरोप लगाया.
पार्टी ने कहा कि दिल्ली सरकार का संवैधानिक कर्तव्य था कि वह दंगा पीड़ितों के परिवारों को उनके धर्म या जाति का खुलासा किए बिना ‘राहत पैकेज’ प्रदान करे.
दिल्ली भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने एक बयान में कहा, ‘यह भी बहुत दुखद है कि दिल्ली सरकार और आप दो साल की देरी के बाद राहत पैकेज बढ़ाकर पीड़ित के धर्म की बात कर रहे हैं.’
उन्होंने केजरीवाल पर शर्मा की हत्या के आरोपी और आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को राजनीतिक संरक्षण देने का भी आरोप लगाया.
कपूर ने कहा, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री (केजरीवाल) और आप नेता दुर्गेश पाठक दिल्ली के लोगों को यह बताने के लिए जवाबदेह हैं कि अगर वे वास्तव में अंकित शर्मा के परिवार के प्रति संवेदनशील हैं, तो उन्होंने आज तक उनके हत्या के आरोपी ताहिर हुसैन को आम आदमी पार्टी से क्यों नहीं निकाला.’
पंजाब में अपनी शानदार चुनावी जीत के बाद आप ने इस साल के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा पर अपना हमला तेज कर दिया है.
आप की दिल्ली इकाई राष्ट्रीय राजधानी में नगर निकायों में भाजपा से सत्ता हथियाने के लिए चुनावी मोड में चली गई है.
दिल्ली में तीनों नगर निगमों पर भाजपा का शासन है, वहीं आप मुख्य विपक्षी दल है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)