बृहनमुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) चुनाव में शिवसेना 84 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. वहीं भाजपा ने तगड़ी बढ़त हासिल करते हुए 82 सीटें हासिल की.
बीएमसी का ये चुनाव कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की करारी हार का गवाह बना. कांग्रेस ने 31 सीटों पर जीत दर्ज़ की तो वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी 9 सीटों पर सिमट गई. राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) सात सीट पर सिमट गई है. समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम और निर्दलीय उम्मीदवारों को 14 सीटों पर जीत मिली.
अलग-अलग चुनाव लड़ना जहां सत्तारूढ़ भाजपा और शिवसेना के लिए फायदे का सौदा रहा है वहीं विरोधी दल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अलग लड़ना दोनों के लिए नुकसानदायक साबित हुआ है.
बीएमसी में कुल 227 सीटें हैं. बहुमत के लिए कुल 114 सीटों की ज़रूरत होती है.
बहरहाल इस बार नतीजे आने के बाद मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने हार की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है. मनसे को सात सीटें मिलना राज ठाकरे और उनकी मराठी राजनीति के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. पिछले चुनाव में मनसे ने 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
पिछले चुनाव के आंकड़ें देखें तो शिवसेना के पास 75 सीटें थीं और भाजपा के पास 31 सीट. कांग्रेस 54 सीट पर थी तो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 13 सीटों से काम चलाना पड़ा था.
चुनाव नतीजों के बाद शिवसेना और भाजपा ने गठबंधन की संभावनाओं पर कोई बयान जारी नहीं किया है. राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने इसे ऐतिहासिक जीत बताई है. राज्य के दूसरे निकायों में भी भाजपा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है. फिलहाल वहां के परिणाम अभी सामने नहीं आए हैं.