चे ग्वेरा की बेटी ने कहा, सत्ता में पागल व्यक्तियों के रहने से चीज़ें और जटिल हो जाती हैं

चे की बेटी एलीडा कहती हैं, ‘अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पागलपन से मानवता नष्ट हो सकती है.’

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चे की बेटी एलीडा कहती हैं, ‘अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पागलपन से मानवता नष्ट हो सकती है.’

Aleida Guevara with Che Guevara Portrait Twitter
चे ग्वेरा की बेटी एलीडा ग्वेरा मार्च. (फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: क्यूबा के कम्युनिस्ट क्रांतिकारी नेता चे ग्वेरा की बेटी को डर है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पागलपन से मानवता नष्ट हो सकती है. ग्वेरा की सबसे बड़ी बेटी डॉ. एलीडा ग्वेरा मार्च ने अमेरिका पर लोगों की ताकत को कुचलने के लिए युद्ध का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया.

ग्वेरा परिवार के लिए अक्सर प्रवक्ता के रूप में नज़र आने वाली 57 वर्षीय एलीडा ने क्यूबा की राजधानी हवाना में एक साक्षात्कार में द वीक मैगज़ीन से कहा, ‘इस व्यक्ति (ट्रंप) के पास मानवता को नष्ट करने की बहुत ताकत है और हम उस मानवता का हिस्सा हैं. समस्या यह है कि उनके पास ताकत है, स्वविवेक नहीं.’

जब उनसे पूछा गया कि वह दस साल बाद क्यूबा को कहां देखती हैं तो एलीडा ने कहा, ‘यह अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति के पागलपन पर काफी निर्भर करता है.’

उन्होंने ट्रंप की ओर संकेत करते हुए कहा, ‘हम एहसास नहीं करते या एहसास करना नहीं चाहते कि हम अपने ही ग्रह को नष्ट कर रहे हैं. हम जो विध्वंस करने जा रहे हैं वह इससे पहले की निष्क्रियता है और सत्ता में इस तरह के पागल व्यक्तियों के रहने से चीज़ें और जटिल हो जाती हैं.’

एलीडा के हवाले से कहा गया है, ‘यह जाग जाने का वक़्त है. हमें जागना होगा क्योंकि हमारे पास ज़्यादा वक़्त नहीं बचा है.’

अपने चुनाव अभियान के दौरान ट्रंप ने क्यूबा से फिर से संबंध स्थापित करने के लिए 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबाामा द्वारा किए गए क़रार की आलोचना की थी और इससे पीछे हटने का निश्चय किया था.

जून में ट्रंप ने क्यूबा पर नए यात्रा एवं कारोबार प्रतिबंधों की घोषणा की थी. एलीडा ने कहा कि प्रतिबंध से मेडिकल व्यवस्था और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र पर असर पड़ा है.

जिंदगी ने पापा को ज़्यादा वक़्त नहीं दिया

द वीक से बातचीत में उन्होंने अपने पिता चे ग्वेरा को याद करते हुए कहा, ‘पिता से जुड़ी मेरे पास बहुत कम यादें हैं. वास्तव में मैं थोड़ी डरी रहती थी क्योंकि मैं उन्हें लगातार नहीं देख पाती थी. ऐसा इसलिए क्योंकि वे घर पर नहीं रहा करते थे. जब मुझे मां के पास सोना होता था तो मैं पापा के घर पर न होने का बहाना बनाती थी.’

वे कहती हैं, ‘जब भी पापा घर आते थे तो मुझे अपनी बांहों में उठाकर मुझे मेरे कमरे में ले जाते थे और इतनी ज़ोर से किस करते थे कि मैं जाग जाती थी. आप कल्पना कर सकते हैं कि एक व्यक्ति जिसे आप मुश्किल से देख पाते हो, आप उसे रात के समय अचानक देखते हो.’

एलीडा आगे कहती हैं, ‘मुझे याद है कि एक तरह वह अनुशासन को लेकर बहुत गंभीर थे और दूसरी तरफ बहुत स्नेही भी थे. उन्होंने हमें ज़िंदगी के मूल्यों को सिखाया. जैसे कि किताबों से प्यार, पढ़ाई-लिखाई की ज़रूरत और जानवरों और इंसानों का आदर करना उन्होंने ही हमें सिखाया है. हालांकि जिंदगी ने उन्हें इतना वक़्त नहीं दिया कि वह ये सब काम कर सकें.’

वे कहती हैं, ‘मेरे पिता एक ऐसे व्यक्ति थे जो जानते थे कि प्रेम कैसे किया जाता है और इसलिए वह महान कम्युनिस्ट थे.’

टी शर्ट पर चे ग्वेरा

टी-शर्ट पर अपने पिता चे ग्वेरा की तस्वीरों को लेकर उन्होंने कहा, ‘यह पूंजीवादी समाज की मार्केटिंग रणनीति है. हम तब लड़ते हैं जब उनकी छवि का अनादर किया जाता है. उदाहरण के लिए हम उनकी तस्वीर को किसी बीयर की बॉटल या सिगरेट के डिब्बे पर उनकी तस्वीर को स्वीकार नहीं कर सकते. उनकी छवि का अनुचित शोषण हम स्वीकार नहीं करते.’

भारत को याद किया

एलीडा 1997 में की गई भारत यात्रा और यहां हुए स्वागत को भी याद करती हैं. वे कहती हैं, ‘मुझे कलकत्ता, हैदराबाद और कालीकट की यात्रा याद है. यहां के लोगों का व्यवहार बहुत ही दोस्ताना था.’

उन्होंने कहा, ‘जब हम हवाना से भारत आ रही थी तब मेरी बेटियों- एस्टेफ्निया और सेलिया ने मुझसे हाथियों की तस्वीर लाने को कहा था. और अगर मुझे ठीक से याद है तो ये कालीकट शहर था जहां मैंने वास्तव में एक हाथी की सवारी की थी. ये कसरत की तरह था. उन लोगों ने पहले एक टेबल रखा उसके ऊपर एक स्टूल रखा गया, जिस पर चढ़कर मैं हाथी की पीठ पर बैठ पाई.’

चे ग्वेरा के चार बच्चों में सबसे बड़ी अौर सबसे चर्चित एलीडा हवाना के विलियम सोलर चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल में डॉक्टर हैं. कभी कभी वह परिवार की प्रवक्ता के तौर पर भी काम करती हैं.

वह हवाना में चे ग्वेरा स्टडीज़ सेंटर भी चलाती हैं. इसके अलावा अलीडा क्यूबा और विदेशों में हो रहे सामाजिक और सामुदायिक कामों में भी भाग लेती हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)