पंजाब मंत्रिमंडल के 11 में से सात मंत्रियों पर आपराधिक मामले, नौ करोड़पति: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और पंजाब इलेक्शन वॉच मुख्यमंत्री सहित सभी 11 मंत्रियों के चुनावी हलफ़नामों का विश्लेषण किया. एडीआर ने कहा कि सात मंत्रियों ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. उनमें से चार ने अपने ख़िलाफ़ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. मुख्यमंभी भगवंत मान गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे चार मंत्रियों में शामिल हैं.

भगवंत मान और उनके कैबिनेट मंत्री. (फोटो साभार: ट्विटर)

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और पंजाब इलेक्शन वॉच मुख्यमंत्री सहित सभी 11 मंत्रियों के चुनावी हलफ़नामों का विश्लेषण किया. एडीआर ने कहा कि सात मंत्रियों ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. उनमें से चार ने अपने ख़िलाफ़ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. मुख्यमंभी भगवंत मान गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे चार मंत्रियों में शामिल हैं.

भगवंत मान और उनके कैबिनेट मंत्री. (फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली/चंडीगढ़: पंजाब में शपथ लेने वाले 11 में से सात मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें से एक हत्या के मामले का भी सामना कर रहे हैं. चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

इन 11 मंत्रियों में मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल हैं. ‘पंजाब इलेक्शन वॉच’ और एडीआर ने मुख्यमंत्री सहित सभी 11 मंत्रियों के हलफनामों का विश्लेषण किया.

एडीआर ने कहा कि सात मंत्रियों (64 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. उनमें से चार (36 फीसदी) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, गंभीर आपराधिक मामलों का मतलब उन अपराधों से है, जिनमें पांच साल या उससे अधिक की सजा होती है. मान गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे चार मंत्रियों में शामिल हैं. अन्य तीन गुरमीत सिंह मीत हेयर, कुलदीप सिंह धालीवाल और हरपाल सिंह चीमा हैं.

कुलदीप सिंह धालीवाल हत्या के एक मामले का सामना कर रहे हैं, अन्य तीन पर पूर्व में एक लोक सेवक को अपना कर्तव्य करने से रोकने के लिए कथित तौर पर जान-बूझकर चोट पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया.

इन 11 मंत्रियों में नौ करोड़पति हैं और उनकी संपत्ति का औसत 2.87 करोड़ रुपये है. सबसे ज्यादा घोषित कुल संपत्ति वाले मंत्री होशियारपुर के ब्रह्म शंकर (जिम्पा) हैं. उनके पास 8.56 करोड़ रुपये की संपत्ति है.

भोआ (एससी) निर्वाचन क्षेत्र के लाल चंद के पास सबसे कम घोषित कुल संपत्ति 6.19 लाख रुपये है. नौ मंत्रियों ने देनदारियों की भी घोषणा की है. सबसे ज्यादा देनदारी वाले मंत्री ब्रह्म शंकर हैं, उन पर 1.08 करोड़ रुपये की देनदारी है.

एडीआर ने कहा कि पांच मंत्रियों (45 फीसदी) ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 10वीं और 12वीं कक्षा के बीच घोषित की है, जबकि बाकी स्नातक या उससे ऊपर हैं.

छह मंत्रियों (55 फीसदी) ने अपनी उम्र 31 से 50 साल के बीच घोषित की है, जबकि पांच (45 फीसदी) की उम्र 51 से 60 साल है.

आम आदमी पार्टी (आप) के 10 विधायकों ने बीते 19 मार्च को पंजाब के मंत्री के रूप में शपथ ली. इनमें हरपाल सिंह चीमा, हरभजन सिंह, डॉ. विजय सिंगला, लाल चंद, गुरमीत सिंह मीत हेयर, कुलदीप सिंह धालीवाल, लालजीत सिंह भुल्लर, ब्रह्म शंकर, हरजोत सिंह बैंस और डॉ. बलजीत कौर शामिल हैं.

इससे पहले बीते 16 मार्च को भगवंत मान ने राज्य के एसबीएस (शहीद भगत सिंह) नगर जिले में स्थित स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

समारोह के बाद 48 वर्षीय मान ने कहा था कि उनकी सरकार बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और किसानों की तकलीफों को दूर करेगी. उन्होंने कहा था, ‘सारा काम आज से ही शुरू हो जाएगा.’

इसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बीते 19 मार्च को ही अपने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में किए गए पहले फैसले के तहत पुलिस विभाग में 10,000 सहित राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में 25,000 रिक्तियों को भरने को मंजूरी दे दी थी.

आम आदमी पार्टी ने हाल में ही संपन्न हुए पंजाब विधानसभा चुनावों में 117 में से 92 सीटें जीतकर कांग्रेस, शिअद-बसपा और भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को पछाड़ते हुए सत्ता हासिल की थी.

भगवंत मान ने मंत्रियों को किया विभागों का बंटवारा, गृह विभाग अपने पास रखा

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों को विभागों का आवंटन कर दिया. उन्होंने गृह विभाग अपने पास ही रखा है, जबकि हरपाल सिंह चीमा को वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है.

मान के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शनिवार को 10 मंत्रियों को शामिल किया गया. सूत्रों के मुताबिक, मान ने गृह, सतर्कता और कार्मिक विभागों को अपने पास रखा है.

इन 10 मंत्रियों में से आठ पहली बार विधायक बने हैं. कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 18 पद हैं.

दिड़बा से दो बार के विधायक हरपाल सिंह चीमा को वित्त और राजस्व विभाग दिया गया है, जबकि बरनाला के विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर को शिक्षा विभाग आवंटित किया गया है.

मान के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में एकमात्र महिला मंत्री डॉ. बलजीत कौर को महिला कल्याण, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग दिया गया है, जबकि डॉ. विजय सिंगला को स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.

हरभजन सिंह को बिजली विभाग दिया गया है, जबकि लाल चंद को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का कार्यभार दिया गया है.

कुलदीप सिंह धालीवाल राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग की जिम्मेदारी दी गई है और लालजीत सिंह भुल्लर को परिवहन विभाग आवंटित किया गया है.

हरजोत बैंस को कानून एवं पर्यटन विभाग दिया गया है, जबकि ब्रह्म शंकर जिम्पा को जल एवं आपदा प्रबंधन विभाग का प्रभार दिया गया है.

कैबिनेट में पार्टी ने मालवा से पांच, माझा से चार और दोआबा क्षेत्र से एक विधायक को प्रतिनिधित्व दिया. कैबिनेट में चार उन विधायकों को जगह दी गई है जो सुरक्षित सीटों दिर्बा, जंडियाला, मलौत और भोआ का प्रतिनिधित्व करते हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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