पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की दोषी नलिनी श्रीहरन ने अपनी ज़मानत याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए एक अन्य दोषी एजी पेरारिवलन को ज़मानत दी कि वह 32 साल से भी अधिक समय तक जेल में रहे. नलिनी ने कहा कि वह भी तीन दशकों से अधिक समय से जेल में है और जमानत पाने की हक़दार है.
नई दिल्लीः राजीव गांधी हत्याकांड में दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन को जमानत मिलने के कुछ दिनों बाद एक अन्य दोषी नलिनी श्रीहरन ने जमानत के लिए मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया है.
द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीहरन ने जमानत के लिए 21 मार्च को उप-आवेदन दायर किया है.
उसने इससे पहले जमानत के लिए 2020 में रिट याचिका दायर कर अपील की थी कि मामले में सभी दोषियों को रिहा करने के लिए तमिलनाडु सरकार की 2018 की सिफारिश पर राज्यपाल की सहमति का इंतजार किए बिना उसे तत्काल प्रभाव से जमानत दी जाए.
श्रीहरन ने अपने आवेदन में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए पेरारिवलन को जमानत दी कि वह 32 साल से भी अधिक समय तक जेल में रहे.
उन्होंने कहा कि यही मामला उनके साथ भी है, वह भी तीन दशकों से अधिक समय से जेल में हैं और जमानत पाने की हकदार हैं.
मई 2021 में पद संभालने के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इस मामले में सात दोषियों की उम्रकैद की सजा माफ करने और उन्हें तत्काल रिहा करने का निर्देश देने का आग्रह किया था.
स्टालिन ने राष्ट्रपति को बताया था कि राज्य में अधिकतर राजनीतिक दल दोषियों की बाकी की सजा माफ करने और दोषियों को तत्काल रिहा करने का अनुरोध कर रहे हैं.
इस मामले में श्रीहरन, उसके पति मुरुगन, संथान और पेरारिवलन को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी, जबकि बाकी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
2014 में सुप्रीम कोर्ट ने दया याचिकाओं पर फैसला लेने में देरी का हवाला देते हुए पेरारिवलन सहित चार दोषियों की मृत्युदंड की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था.
जहां तक पेरारिवलन की जमानत का सवाल है, सुप्रीम कोर्ट ने नौ मार्च को कहा था, ‘इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि आवेदक ने जेल में 30 साल से अधिक समय बिताया है, हमारा विचार है कि वह जमानत पर रिहा किए जाने के हकदार हैं.’
राजीवी गांधी हत्याकांड के सात दोषी नलिनी श्रीहरन, मुरुगन, संथान, एजी पेरारिवलन, जयकुमार, रॉबर्ट पायस और पी. रविचंद्रन हैं.
बता दें कि राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनाव सभा के दौरान एक आत्मघाती महिला ने विस्फोट कर हत्या कर दी थी. बाद में इस महिला की पहचान धनु के रूप में हुई. इस विस्फोट में धनु सहित 14 अन्य लोग भी मारे गए थे.