पश्चिम बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट का मामला. पुलिस ने बताया कि यह घटना सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के पंचायत स्तर के एक नेता की कथित हत्या के एक घंटे के भीतर हुई है. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि बंगाल हिंसा की संस्कृति की गिरफ़्त में है. गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है.
रामपुरहाट/कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में मंगलवार तड़के कुछ मकानों में लगी आग में आठ लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी.
राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज मालवीय ने कोलकाता में संवाददाताओं को बताया कि यह घटना सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के पंचायत स्तर के एक नेता की कथित हत्या के एक घंटे के भीतर हुई.
पुलिस ने कहा कि बरशाल गांव के पंचायत उप-प्रमुख एवं तृणमूल कांग्रेस के नेता भादु शेख का शव सोमवार को इलाके में मिला था.
डीजीपी मालवीय ने कहा कि एक जले हुए मकान से सात लोगों के शव बरामद किए गए, जबकि गंभीर रूप से झुलसे हुए एक घायल व्यक्ति की अस्पताल में मौत हो गई.
उन्होंने बताया कि इस संबंध में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
पुलिस महानिदेशक ने कहा, ‘स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है और कल (सोमवार) रात से गांव में एक पुलिस चौकी स्थापित की गई है. हम जांच कर रहे हैं कि गांव के मकानों में आग कैसे लगी और क्या यह घटना बरशाल गांव के पंचायत उप प्रमुख की मौत से संबंधित है.’
घटनास्थल से 10 लोगों के शव बरामद होने के कुछ दमकल अधिकारियों के दावों के बारे में पूछे जाने पर शीर्ष पुलिस अधिकारी ने स्पष्ट किया कि आग पर काबू पाने के बाद सात लोगों के शव बरामद किए गए थे, जबकि गंभीर रूप से झुलसे हुए तीन लोगों को निकाला गया, जिनमें से एक की अस्पताल में मौत हो गई थी.
West Bengal, India: More than 8 burnt alive after murder of panchayat leader in Rampurhat, Birbhum. Dozens of homes were set on fire which was difficult to control. Bodies couldn't be identified because they were completely charred, officials said. pic.twitter.com/mbTtlxSQpd
— Neha 네하 방카 (@nehabnk) March 22, 2022
डीजीपी ने कहा कि एसडीपीओ और रामपुरहाट थाने के प्रभारी को सक्रिय पुलिस ड्यूटी से हटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एडीजी (सीआईडी) ज्ञानवंत सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल का गठन किया है.
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भी स्थिति का जायजा लेने के लिए मंत्री फिरहाद हकीम के नेतृत्व में तीन सदस्यीय विधायक दल को मौके पर भेजा है.
पुलिस ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस के नेता भादु शेख का सोमवार को शव मिलने के बाद प्रदर्शन शुरू हो गए थे.
मामले की जांच के लिए अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) सीआईडी ज्ञानवंत सिंह, एडीजी पश्चिमी क्षेत्र संजय सिंह और उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) सीआईडी (ऑपरेशन्स) मीराज खालिद सहित एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया है.
रामपुरहाट की घटना भयावह, बंगाल हिंसा की संस्कृति की गिरफ्त में: राज्यपाल
रामपुरहाट में आठ लोगों की मौत की घटना को भयावह करार देते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि यह इस बात का संकेत है कि राज्य ‘हिंसा एवं अराजकता’ की संस्कृति की गिरफ्त में है. धनखड़ ने हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मानवाधिकारों का पतन हो गया है और कानून का पालन नहीं हो रहा.
उन्होने कहा कि वह बीरभूम के रामपुरहाट में भयावह बर्बरता से आहत हैं, जहां तृणमूल कांग्रेस के नेता की हत्या के बाद भीड़ द्वारा कथित तौर पर घरों को आग लगाने के बाद आठ लोगों को जिंदा जला दिया गया.
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उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर वीडियो संदेश में इस घटना को भयावह हिंसा और आगजनी का तांडव बताते हुए कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव से इस घटना पर जल्द से जल्द अपडेट मांगा है.
राज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘बीरभूम के रामरपुरहाट में भयावह हिंसा एवं आगजनी इस बात का संकेत है कि राज्य हिंसा की संस्कृति एवं अराजकता की गिरफ्त में है.’
उन्होंने कहा, ‘यह घटना राज्य में कानून एवं व्यवस्था चरमराने का संकेत है.’ उन्होंने कहा कि राज्य को हिंसा और अराजकता की संस्कृति का पर्याय बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
उन्होंने कहा कि प्रशासन को पक्षपातपूर्ण हितों से ऊपर उठने की जरूरत है.
उन्होंने इस ट्वीट के साथ टीवी पर प्रसारित संदेश में कहा, ‘प्रशासन को दलीय हित से ऊपर उठने की जरूरत है जो आगाह किए जाने के बाद भी हकीकत में नजर नहीं आ रही है.’
पुलिस से इस मामले की जांच पेशेवर ढंग से करने का आह्वान करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव को इस घटना के बारे में तत्काल उन्हें जानकारियां भेजने को कहा है.
धनखड़ ने कहा, ‘इस मामले के बाद अपने आप को इस निष्कर्ष पर पहुंचने से रोक पाना बड़ा मुश्किल है कि पश्चिम बंगाल में मानवाधिकार धूल चाट रहा है एवं कानून के शासन की नैया पलट गई है.’
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ममता बनर्जी ने इसके जवाब में कहा, ‘आपके बयानों में बंगाल सरकार को धमकाने के लिए अन्य राजनीतिक दलों का समर्थन करने वाले राजनीतिक रंग हैं.’
इस बीच पश्चिम बंगाल के नौ भाजपा सांसदों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.
गृह मंत्रालय ने बीरभूम की घटना पर पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है. इसने राज्य से आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को भी कहा है.
भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर केंद्र सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की और क्षेत्र में तनाव और आतंक का आरोप लगाया.
बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और नंदीग्राम से भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में कानून एवं व्यवस्था तेजी से चरमरा रही है. बीती शाम बम हमले में कथित तौर पर पंचायत उपप्रधान (उप प्रमुख) भादू शेख की मौत के बाद बीरभूम जिले के रामपुरहाट में तनाव और आतंक पसरा हुआ है. बाद में गुस्साई भीड़ ने तोड़फोड़ की और कई घरों में आग लगा दी.’
The nightlong barbarity has lead to the death of at least 12 people till now; mostly women. Charred bodies are being recovered as of now.
Administrative cover-up has already begun with attempts being made to lower the body count.IMMEDIATE CENTRAL INTERVENTION REQUIRED 🙏
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) March 22, 2022
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने दावा किया, ‘रात भर की बर्बरता से अब तक कम से कम 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं. फिलहाल जले हुए शवों को बरामद किया जा रहा है. शवों की गिनती को कम करने के प्रयासों के साथ प्रशासनिक कवर-अप पहले ही शुरू हो चुका है. यहां तत्काल केंद्रीय हस्तक्षेप की आवश्यकता है.’
भाजपा विधायकों ने ममता के बयान की मांग की, बहिर्गमन किया
इस मामले को लेकर भाजपा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा विधानसभा में बयान देने की मांग की और फिर सदन से बहिर्गमन भी किया.
भाजपा विधायक शंकर घोष ने इस मुद्दे को शून्यकाल में उठाने की मांग की लेकिन विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने यह कहते हुए अनुमति नहीं दी कि इसे प्रश्नों में सूचीबद्ध नहीं किया गया है.
‘वंदे मातरम’ और ‘धिक्कार, धिक्कार’ के नारों के साथ ही घोष और 40 अन्य भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया.
बाद में घोष ने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि पिछले साल विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद राज्य में राजनीतिक हत्याएं की जा रही हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि यहां तक कि सत्तारूढ़ दल के जनप्रतिनिधियों की भी हत्या की जा रही है और कानून-व्यवस्था विभाग का प्रभार संभाल रहीं मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं.
भाजपा के मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा ने कहा कि पार्टी इस बात का फैसला करेगी कि मंगलवार को सत्र की बाकी कार्यवाही के दौरान उपस्थित रहना है या नहीं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)