अलवर जिले के बहरोड़ की घटना. आरोप है कि निजी बैंक कर्मचारी राजेश कुमार मेघवाल ने सोशल मीडिया पर फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की आलोचना संबंधी अपनी एक टिप्पणी के जवाब में हिंदू देवताओं पर कथित अपमानजनक टिप्पणी की, जिससे नाराज़ कुछ लोगों ने उनसे मारपीट की और मंदिर में नाक रगड़ने को मजबूर किया.
जयपुरः राजस्थान के अलवर जिले में एक दलित युवक को कुछ लोगों ने मंदिर में कथित रूप से नाक रगड़ने को मजबूर किया तथा उससे मारपीट भी की.
पुलिस के अनुसार, ‘आरोप है कि निजी बैंक में काम करने वाले राजेश कुमार मेघवाल ने सोशल मीडिया पर फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की आलोचना संबंधी अपनी एक टिप्पणी के जवाब में हिंदू देवताओं के लिए कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिससे नाराज कुछ लोगों ने उनसे मारपीट की और उन्हें मंदिर में नाक रगड़ने को मजबूर किया और साथ में माफी मांगने को भी कहा.’
यह घटना मंगलवार को बहरोड़ थाना क्षेत्र की है जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.
बहरोड़ के क्षेत्राधिकारी (सीओ) आनंद कुमार ने बताया, राजेश कुमार ने दो-तीन दिन पहले फेसबुक पर फिल्म की आलोचना की थी. उसने फिल्म के खिलाफ एक पोस्ट लिखी जिस पर कई लोगों ने आलोचनात्मक टिप्पणियां कीं.
अधिकारी ने बताया, ‘युवक ने अपने पोस्ट में सवाल किया था कि क्या अत्याचार सिर्फ पंडितों के साथ हुआ है, दलितों के साथ नहीं. उसने पोस्ट में कहा था कि गरीबों पर रोज अत्याचार हो रहे हैं और उनकी सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं है.’
बता दें कि मेघवाल के इस पोस्ट के जवाब में कुछ लोगों ने ‘जय श्री राम’ और ‘जय श्री कृष्ण’ लिखा. इन टिप्पणियों पर उसने कथित तौर देवताओं के लिए कुछ अपमानजनक टिप्पणियां कीं.
हालांकि, उसने बाद में राम और कृष्ण पर टिप्पणी करने के लिए सोशल मीडिया पर माफी भी मांगी लेकिन कुछ स्थानीय लोगों ने उसे एक मंदिर में माफी मांगने के लिए मजबूर किया. उसे मंगलवार को मंदिर ले जाया गया, जहां मेघवाल ने माफी मांगी.
अधिकारी ने कहा, ‘मौजूद कुछ लोगों ने उसे मंदिर में नाक रगड़ने के लिए मजबूर किया.’
उन्होंने बताया कि बहरोड़ थाने में बीती रात 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है और उनमें से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है. कुछ अन्य को दलित युवक को प्रताड़ित करने के लिए पकड़ा भी गया है.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को आरोप लगाया कि राजस्थान में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार दलितों और आदिवासियों की रक्षा करने में पूरी तरह से असफल रही है. इसके साथ हई उन्होंने राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.
2. इससे यह स्पष्ट है कि राजस्थान में खासकर दलितों व आदिवासियों की सुरक्षा करने में वहां की कांग्रेसी सरकार पूरी तरह से विफल रही है। अतः यह उचित होगा कि इस सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। बी.एस.पी की यह मांग।
— Mayawati (@Mayawati) March 23, 2022
बसपा प्रमुख ने अपने दावों की पुष्टि के लिए राजस्थान में दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार के कई मामलों का हवाला दिया.
मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘राजस्थान कांगेस सरकार में दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है. हाल ही में डीडवाना व धोलपुर में दलित युवतियों के साथ बलात्कार व अलवर में दलित युवक की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या व जोधपुर के पाली में दलित युवक की हत्या ने दलित समाज को झकझोर दिया है.’
उन्होंने ट्वीट कर कहा,’ इससे यह स्पष्ट है कि राजस्थान में खासकर दलितों व आदिवासियों की सुरक्षा करने में वहां की कांग्रेसी सरकार पूरी तरह से विफल रही है. यह उचित होगा कि इस सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)