पिछले पांच दिन में चौथी बार पेट्रोल-डीज़ल की कीमत में बढ़ोतरी

पेट्रोल और डीज़ल की कीमत में शनिवार को 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई. तेल कंपनियां कच्चे माल की कीमत में बढ़ोतरी का भार उपभोक्ताओं पर डाल रही हैं. कुल चार बार में पेट्रोल और डीज़ल के दाम में कुल 3.20 प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है.

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Mumbai: A biker passes through a filling station in Mumbai, Wednesday, March 23, 2022. The prices of petrol and diesel have been hiked by 80 paise per litre, for the second consecutive day on Wednesday. (PTI Photo/Kunal Patil)(PTI03 23 2022 000166B)

पेट्रोल और डीज़ल की कीमत में शनिवार को 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई. तेल कंपनियां कच्चे माल की कीमत में बढ़ोतरी का भार उपभोक्ताओं पर डाल रही हैं. कुल चार बार में पेट्रोल और डीज़ल के दाम में कुल 3.20 प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है.

(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल की कीमत में शनिवार को फिर 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई. तेल कंपनियां कच्चे माल की कीमत में बढ़ोतरी का भार उपभोक्ताओं पर डाल रही हैं, जिसके चलते पिछले पांच दिन में चौथी बार कीमत में बढ़ोतरी की गई है.

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों की तरफ से जारी मूल्य संबंधी अधिसूचना के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 97.81 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर अब 98.61 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.07 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 89.87 रुपये प्रति लीटर हो गई है.

बिजनेस स्टैंडर्स के मुताबिक, मुंबई में शनिवार को पेट्रोल का भाव 84 पैसे बढ़कर 113.35 रुपये प्रति लीटर हो गया, जबकि डीजल की कीमत 85 पैसे बढ़कर 97.55 रुपये प्रति लीटर हो गई.

पेट्रोल तथा डीजल की कीमत साढ़े चार महीने तक स्थिर रहने के बाद 22 मार्च को 80 पैसे बढ़ाई गई थी. इसके बाद से इनकी कीमतों में प्रति लीटर 80-80 पैसे की तीन बार बढ़ोतरी की गई. इन कुल चार बार में पेट्रोल और डीजल के दाम में कुल 3.20 प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है.

उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले चार नवंबर, 2021 से ही पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें स्थिर बनी हुई थीं. हालांकि, इस अवधि में कच्चे तेल की कीमत 30 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गई थी.

विधानसभा चुनाव के 10 मार्च को नतीजे आने के साथ ही पेट्रोल एवं डीजल के दाम में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही थी. ऐसा कहा जा रहा है कि अब पेट्रालियम विपणन कंपनियां अपने घाटे की भरपाई कर रही हैं. भारत अपनी तेल की जरूरत पूरी करने के लिए आयात पर 85 फीसदी निर्भर है.

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज का कहना है कि पांच राज्यों में चुनावों के दौरान पेट्रोल और डीजल की कीमतों को बनाए रखने के लिए ईंधन खुदरा विक्रेताओं- आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल को कुल मिलाकर लगभग 2.25 बिलियन अमरीकी डॉलर (19,000 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)