विधायक को एक कार्यकाल के लिए 75,000 रुपये की पेंशन मिलती है. इसके बाद आगे के प्रत्येक कार्यकाल के लिए अतिरिक्त 66 प्रतिशत पेंशन राशि मिलती है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि राज्य में पूर्व विधायक भले ही पांच बार या 10 बार चुनाव जीते हों, उन्हें अब सिर्फ़ एक कार्यकाल के लिए पेंशन मिलेगी. हज़ारों करोड़ रुपये जो विधायक पेंशन पर ख़र्च किए जा रहे थे, उसका इस्तेमाल पंजाब के लोगों के कल्याण के लिए किया जाएगा.
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व विधायकों को अब सिर्फ एक कार्यकाल के लिए ही पेंशन मिलेगी. इस तरह से विधायकों को प्रत्येक कार्यकाल के लिए पेंशन मिलने की प्रथा समाप्त हो जाएगी.
विधायक को एक कार्यकाल के लिए 75,000 रुपये की पेंशन मिलती है. इसके बाद आगे के प्रत्येक कार्यकाल के लिए अतिरिक्त 66 प्रतिशत पेंशन राशि मिलती है. वर्तमान समय में 250 से अधिक पूर्व विधायकों को पेंशन मिल रही है.
मान ने एक वीडियो संदेश में अधिकारियों को ‘एक विधायक, एक पेंशन’ योजना को लागू करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि कई बार चुने गए विधायकों को पेंशन के रूप में लाखों रुपये मिल रहे हैं. उनमें से कुछ जो सांसद भी रहे हैं, उन्हें केंद्र और राज्य दोनों तरफ की पेंशन मिल रही थी. इसी तरह विधायकों की पारिवारिक पेंशन को भी युक्तिसंगत बनाया जाएगा.
मान ने कहा, ‘पंजाब में पूर्व विधायक भले ही पांच बार या 10 बार चुनाव जीते हों, उन्हें अब सिर्फ एक कार्यकाल के लिए पेंशन मिलेगी.’ उन्होंने कहा कि कई सांसदों को भी विधायक रहने के लिए पेंशन मिल रही है.
उन्होंने कहा कि नई योजना के साथ सरकार की योजना पांच साल में 80 करोड़ रुपये बचाने की है. इस प्रकार बचाए गए धन का उपयोग कल्याणकारी योजनाओं के लिए किया जाएगा.
मान ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘विधायक सहित हमारे नेता, आपसे हाथ जोड़कर यह कहते हुए वोट मांगते हैं कि अपनी सेवा का हमें बस एक मौका दीजिए.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘लेकिन आप यह जानकर आश्चर्यचकित रह जाएंगे कि तीन बार, चार बार या पांच बार जीतने वाले कई विधायकों को और फिर चुनाव हार जाने वाले या चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं मिलने के बाद उन्हें प्रति माह लाखों रुपये की पेंशन मिलती है.’
मान ने कहा, ‘किसी को 3.50 लाख रुपये, किसी को 4.50 लाख रुपये और किसी को 5.25 लाख रुपये की पेंशन मिलती है. इसका सरकारी खजाने पर करोड़ों रुपये का वित्तीय बोझ पड़ता है.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी (पूर्व विधायकों की) परिवार पेंशन में भी कटौती की जाएगी. मान ने कहा कि उन्होंने इस सिलसिले में संबद्ध अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने इससे पहले ट्वीट में कहा, ‘आज हमने एक और बड़ा फैसला लिया है. पंजाब के विधायकों के लिए पेंशन फॉर्मूला बदल दिया जाएगा. विधायक अब केवल एक पेंशन के पात्र होंगे. हजारों करोड़ रुपये जो विधायक पेंशन पर खर्च किए जा रहे थे, अब उसका इस्तेमाल पंजाब के लोगों के लाभ के लिए किया जाएगा.’
Today, we have taken another big decision. The pension formula for Punjab's MLAs will be changed. MLAs will now be eligible for only one pension.
Thousands of crores of rupees which were being spent on MLA pensions will now be used to benefit the people of Punjab. pic.twitter.com/AdeAmAnR7E
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) March 25, 2022
कुछ दिन पहले शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल ने कहा था कि वह पूर्व विधायक के तौर पर पेंशन नहीं लेंगे. वह 11 बार विधायक निर्वाचित हुए हैं.
उन्होंने पंजाब सरकार और विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया था कि उनकी पेंशन की राशि समाज कल्याण में लगा दी जाए और इसके जरिये कुछ जरूरतमंद छात्राओं को उनकी शिक्षा में मदद को प्राथमिकता दी जाए.
यदि बादल ने पेंशन नहीं छोड़ने का फैसला किया होता, तो उन्हें पेंशन के रूप में प्रति माह 5 लाख रुपये से अधिक मिलते.
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजिंदर कौर भट्टल, लाल सिंह और पूर्व शिअद नेता सरवन सिंह फिल्लौर को 3.25-3.25 लाख रुपये, जबकि रवि इंदर सिंह और बलविंदर सिंह भिंडर को हर महीने 2.75 लाख रुपये (प्रत्येक) मिलते हैं.
हरियाणा ने कुछ साल पहले पूर्व विधायकों के लिए कई पेंशन खत्म कर दी थी. पंजाब में अमरिंदर सिंह की सरकार ने तब पड़ोसी राज्य से संकेत लेते हुए पेंशन नीति को बदलने पर चर्चा की थी. हालांकि, कभी कोई निर्णय नहीं लिया गया. मान ने अपने पहले फैसलों में से एक में पेंशन नीति में बदलाव किया है.
इस बीच, कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने भगवंत मान सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है.
खैरा ने एक ट्वीट में कहा, ‘मैं पूर्व विधायकों को एक पेंशन के भगवंत मान द्वारा लिए गए निर्णय का स्वागत करता हूं, विशेष रूप से 3 लाख करोड़ रुपये के भारी कर्ज को देखते हुए. एक पेंशन उचित है, क्योंकि बहुत सारे विधायक हैं वस्तुत: राजनीति में अपने जीवन का योगदान दिया है.’
I welcome the decision of one pension to Ex Mla’s taken by @BhagwantMann particularly in view of the colossal debt of Rs 3 Lac Cr on which we’re paying an annual interest of Rs 30 K. One pension is justified as lots of Mla’s have virtually contributed their lifetime in politics.
— Sukhpal Singh Khaira (@SukhpalKhaira) March 25, 2022
कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री परगट सिंह ने भी इस कदम की सराहना की.
जालंधर कैंट विधायक ने कहा, ‘मैं भगवंत मान सरकार के ‘एक विधायक-एक पेंशन’ फैसले का स्वागत करता हूं. इससे पंजाब के वित्त पर बोझ कम होगा. मुख्य विपक्ष के रूप में, हम एक रचनात्मक और जिम्मेदार भूमिका निभाते रहेंगे. पंजाब हमारे लिए सबसे पहले आता है.’
कांग्रेस के पूर्व विधायक कुलदीप वैद ने आप पर गलत तथ्य पेश करने का आरोप लगाया.
लुधियाना में गिल सीट के पूर्व विधायक ने कहा, ‘आप ने गलत प्रचार किया है कि अगर कोई पांच बार विधायक बनता है तो उसे पांच पेंशन मिलेगी. यह गलत है. केवल एक वृद्धि दी जाती है. इसलिए, मैं भगवंत मान के वृद्धि रोकने के फैसले से सहमत नहीं हूं. हां, प्रतिशत कम किया जा सकता है.’
उन्होंने पूछा, ‘जिस विधायक के पास कोई व्यवसाय या संसाधन नहीं है, वह अपना घर कैसे चलाएगा.’
शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने भी आप सरकार के इस फैसले का स्वागत किया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)