केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा को बताया कि जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सूबे के बाहर के 34 लोगों ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से केंद्रशासित प्रदेश में ज़मीनें खरीदी हैं. ये संपत्तियां जम्मू, रियासी, उधमपुर और गांदेरबल ज़िलों में हैं.
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि जम्मू एवं कश्मीर के बाहर के 34 लोगों ने अगस्त 2019 के बाद से केंद्रशासित प्रदेश में जमीन खरीदी है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित सवाल के जवाब में लोकसभा को बताया, ‘जम्मू एवं कश्मीर सरकार द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर के बाहर के 34 लोगों ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से केंद्रशासित प्रदेश में जमीनें खरीदी हैं.’
ये संपत्तियां जम्मू, रियासी, उधमपुर और गांदेरबल जिलों में हैं.
बता दें कि रियासी और उधमपुर जम्मू में है जबकि गांदरबल कश्मीर में है.
जम्मू कश्मीर प्रशासन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ये सभी संपत्तियां पंजाब और दिल्ली के व्यापारियों और पेशेवरों सहित विभिन्न लोगों ने खरीदी हैं.
सूत्रों के मुताबिक, इन सभी मामलों में जमीन के भूखंड बहुत बड़े नहीं हैं और बड़े पैमाने पर घर या फार्महाउस बनाने के लिए सही हैं.
अधिकारी ने बताया, ‘अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में जमीन की कीमतें लगभग छह गुना बढ़ गई थी. तीन लाख रुपये प्रति कनाल में उपलब्ध प्लॉट अब 18 लाख रुपये प्रति कनाल में बिक रहे हैं. कई लोग भविष्य को ध्यान में रखकर निवेश कर रहे हैं. निवेशकों में विश्वास है कि घाटी में शांति बरकरार रहेगी और अभी किए गए निवेश से भविष्य में फायदेमंद व्यावसायिक लाभ होगा.’
केंद्रीय गृहराज्य मंत्री ने लिखित जवाब में संसद को बताया कि दिसंबर 2021 में जम्मू एवं कश्मीर के बाहर के लोगों द्वारा कुल सात जमीनें खरीदी गईं. ये सभी सात प्लॉट जम्मू में हैं.
बता दें कि जम्मू एवं कश्मीर में पूर्व में लागू अनुच्छेद 35ए जम्मू कश्मीर के बाहर से लोगों को यहां पर संपत्ति खरीदने पर रोक लगाता था.
अक्टूबर 2020 में केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के लिए नए जमीन कानून अधिसूचित किए थे. इसके अन्य प्रावधानों में बाहरी लोगों द्वारा गैर कृषि जमीन खरीदने की मंजूरी देना है. हालांकि, ये नए संशोधन लद्दाख में लागू नहीं होते.
बता दें कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया था और इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था.