गुरमीत राम रहीम ने कोर्ट से कहा, ज़ुर्माना भरने के लिए नहीं है पैसा

दो साध्वियों से बलात्कार के मामले में गुरमीत राम रहीम को विशेष सीबीआई अदालत ने 20 साल की सज़ा के साथ 30 लाख रुपये ज़ुर्माना भरने का आदेश दिया था.

गुरमीत राम रहीम. (फोटो: पीटीआई)

दो साध्वियों से बलात्कार के मामले में गुरमीत राम रहीम को विशेष सीबीआई अदालत ने 20 साल की सज़ा के साथ 30 लाख रुपये ज़ुर्माना भरने का आदेश दिया था.

(फोटो:पीटीआई)
(फोटो:पीटीआई)

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के वकील ने 9 अक्टूबर को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से कहा कि डेरा प्रमुख ने दुनिया को त्याग दिया है और अब वह उन पर दो साध्वियों के बलात्कार के मामले में लगे 30 लाख रुपये का जुर्माना भरने में असमर्थ हैं.

ज्ञात हो कि बीते 28 अगस्त को दो साध्वियों से बलात्कार के मामले में राम रहीम को विशेष सीबीआई अदालत ने 20 साल की सज़ा सुनाई थी. इसके अलावा अदालत ने उस पर 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. इसमें से दोनों पीड़िताओं को 14-14 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना था, वहीं दो लाख रुपये में कोर्ट में जमा आदेश दिया गया था.

कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि गुरमीत ने अपने प्रभाव का ग़लत इस्तेमाल किया.

द हिंदू की ख़बर के मुताबिक़ न्यायमूर्ति सूर्यकांत और सुधीर मित्तल ने 9 अक्टूबर को विशेष अदालत द्वारा अपनी सजा को चुनौती देने की याचिका को स्वीकार करते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया.

इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने उन दो पीड़िताओं की अपील भी स्वीकार की है, जिन्होंने उसी मामले में राम रहीम के लिए उम्रकैद की मांग की है.

गुरमीत राम रहीम के वकील एसके गर्ग नरवाना ने अदालत से कहा कि राम रहीम की सारी जायदाद ज़ब्त होने के बाद उनके मुवक्किल अब इस स्थिति में नहीं है कि वह दोनों पीड़िताओं को जुर्माने का पैसा दे पाएं. साथ ही नरवाना ने यह भी  बताया कि डेरा प्रमुख ने दुनिया को त्याग दिया है.

गौरतलब है कि अदालत ने गुरमीत राम रहीम को मुआवजे की राशि एक बैंक में दो माह के भीतर जमा करने का निर्देश दिया था. इसे कोर्ट के निर्देश तक वहीं रखा जाना था और अदालत के निर्देश के बाद के बाद ही इसका भुगतान होना था.

नरवाना ने इस बारे में बताया, ‘गुरमीत राम रहीम की सज़ा को चुनौती देने वाली हमारी अपील स्वीकार कर ली गयी है. अदालत ने हमें दो महीनों के भीतर एक बैंक में जुर्माना जमा करने को कहा है. इसके अलावा अगर बाद में फ़ैसला हमारे पक्ष में आया तो वो पैसा हमें ब्याज के साथ वापस मिल जाएगा.’