देवेंद्र फडणवीस के ख़िलाफ़ याचिकाएं दायर करने वाले वकील को ईडी ने गिरफ़्तार किया

प्रवर्तन निदेशालय ने नागपुर के वकील सतीश उके और उनके भाई प्रदीप को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ़्तार किया. उके 2014 के चुनावी हलफनामे में अपने ख़िलाफ़ दो आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं करने के लिए भाजपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ख़िलाफ़ आपराधिक कार्यवाही की मांग की थी.

(इलस्ट्रेशनः द वायर)

प्रवर्तन निदेशालय ने नागपुर के वकील सतीश उके और उनके भाई प्रदीप को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ़्तार किया. उके 2014 के चुनावी हलफनामे में अपने ख़िलाफ़ दो आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं करने के लिए भाजपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ख़िलाफ़ आपराधिक कार्यवाही की मांग की थी.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणनवीस. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/नागपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को नागपुर के वकील सतीश उके और उनके भाई प्रदीप को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि दोनों को मनी लॉन्ड्रिंग निवारण कानून (पीएमएलए) के तहत हिरासत में लिया गया और शुक्रवार को अदालत में पेश किए जाने की उम्मीद है.

पिछले कुछ वर्षों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ याचिकाएं दायर करने वाले वकील के परिसर पर केंद्रीय जांच एजेंसी ने सुबह में छापेमारी की थी.

अधिकारियों ने दावा किया कि दोनों भाइयों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला कुछ समय पहले नागपुर में लगभग 1.5 एकड़ जमीन की खरीद से संबंधित है और जमीन की खरीद के लिए इस्तेमाल किए गए दस्तावेज कथित तौर पर जाली थे. उन्होंने कहा कि खरीदी गई जमीन भाइयों के नाम पर थी.

नागपुर के पार्वती नगर इलाके में स्थित सतीश उके के घर में तलाश ली गई और बाद में उन्हें और उनके भाई को पूछताछ के लिए शहर में प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय ले जाया गया.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उके ने चुनावी हलफनामे में जानकारी का खुलासा न करने के लिए भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस सहित राजनेताओं के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की थीं.

उके ने 2014 के चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ दो आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं करने के लिए फडणवीस के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की मांग की थी.

उके कथित फोन टैपिंग मामले में आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ दायर 500 करोड़ रुपये के मानहानि के मुकदमे में कांग्रेस नेता नाना पटोले का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील भी हैं.

इसके अलावा उन्होंने उन्होंने सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बीएच लोया की मौत की पुलिस जांच की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ के समक्ष एक याचिका भी दायर की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)