यूपी: आज़म ख़ान द्वारा कथित तौर पर क़ब्ज़ाईं संपत्तियों को वक़्फ़ बोर्ड ने वापस लिया

शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि 2012 में उत्तर प्रदेश में सपा सरकार बनने के बाद वक़्फ़ की कई संपत्तियों पर आज़म ख़ान ने कथित तौर पर क़ब्ज़ा कर लिया था. वे तब वक़्फ़ मंत्री हुआ करते थे. वहीं, बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि सैकड़ों करोड़ क़ीमत वाली कम से कम सात ऐसी संपत्तियां रामपुर नवाब के परिवार को वापस कर दी गई हैं. 

आजम खान. (फोटो साभार: एएनआई)

शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि 2012 में उत्तर प्रदेश में सपा सरकार बनने के बाद वक़्फ़ की कई संपत्तियों पर आज़म ख़ान ने कथित तौर पर क़ब्ज़ा कर लिया था. वे तब वक़्फ़ मंत्री हुआ करते थे. वहीं, बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि सैकड़ों करोड़ क़ीमत वाली कम से कम सात ऐसी संपत्तियां रामपुर नवाब के परिवार को वापस कर दी गई हैं.

आजम खान. (फोटो साभार: एएनआई)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश शिया केंद्रीय वक़्फ़ बोर्ड ने समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आज़म ख़ान द्वारा रामपुर में कथित तौर पर क़ब्जाईं गईं कम से कम सात वक़्फ़ बोर्ड की संपत्तियों को अपने अधिकार में ले लिया है, और उन्हें रामपुर के तत्कालीन शाही परिवार को सौंप दिया है.

शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन अली ज़ैदी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘ऐसे आरोप थे कि आज़म ख़ान ने रामपुर में कई वक़्फ़ संपत्तियों पर कब्जा कर लिया है और उनका संरक्षक अपने लोगों को बना दिया है. रामपुर में कम से कम सात ऐसी संपत्तियां, जिनकी कीमत सैकड़ों करोड़ है, रामपुर नवाब के परिवार को वापस कर दी गई हैं.’

उन्होंने बताया, ‘ऐसे आरोप भी थे कि इन संपत्तियों पर काम करने वाले लोगों को पिछले 13 महीनों से वेतन नहीं मिला था.’

साथ ही, उन्होंने बताया कि शाही परिवार की बेगम नूरबानो के पोते हैदर अली खान उर्फ हमज़ा मियां को संपत्तियों का केयरटेकर बनाया गया है.

उन्होंने बताया कि फैसला वक़्फ़ बोर्ड की 31 मार्च की मीटिंग के दौरान लिया गया था.

बता दें कि आज़म ख़़ान हालिया संपन्न उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में रामपुर से विधायक चुने गए थे. वे फिलहाल जमीन क़ब्ज़ाने से जुड़े कई मामलों में सीतापुर जेल में बंद हैं. रामपुर पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक, 2017 में राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद से आज़म ख़ान के खिलाफ 81 मामले दर्ज किए गए हैं.

गौरतलब है कि रामपुर का पूर्व शाही परिवार आज़म ख़ान का पुराना प्रतिद्वंदी है और दोनों परिवार दशकों से आमने-सामने हैं.

हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में दोनों परिवारों के बीच चुनावी मुकाबला था. पूर्व शाही परिवार के वंशज काज़िम अली खान ने कांग्रेस के टिकट पर रामपुर में आज़म को टक्कर दी, जबकि उनके 30 वर्षीय बेटे हैदर अली ख़ान को भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस) द्वारा सुआर में आज़म के बेटे अब्दुल्ला के खिलाफ खड़ा किया गया था. आज़म और उनके बेटे अब्दुल्ला दोनों ने आराम से चुनाव जीत लिया.

वक़्फ़ बोर्ड के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि 2012 में सपा सरकार बनने के बाद से वक़्फ़ की कई संपत्तियों को आज़म ख़ान द्वारा कथित तौर पर क़ब्ज़ा लिया गया. आज़म तब वक़्फ़ मंत्री हुआ करते थे.

पिछले नवंबर में शिया वक़्फ़ बोर्ड के पुनर्गठन के बाद, वक़्फ़ संपत्तियों पर अवैध क़ब्ज़े की शिकायतों की जांच की गई थी. अधिकारी ने कहा कि आज़म ख़ान जांच के दौरान संतोषजनक जवाब नहीं दे सके.

उन्होंने आगे कहा, ‘सपा सरकार के दौरान, आज़म ख़ान द्वारा ऐसे कई अवैध काम किए गए थे. कार्रवाई वक़्फ़ संपत्ति अधिनियम के नियमानुसार की गई है.’